22/11/2019
करीब 3 जाँच चल रही है ऐसे में कॉलेज के वे सभी सदस्य जो शक के दायरे में है अभी तक कॉलेज में अपनी सेवा दे रहै है । जबकि सभी को जांच होने तक अपनो पदों से दूर रखने की मांग प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास लंबित है।
ऐसे में आशंका है कि कॉलेज प्रबंधन बाकी छात्रों पर दबाब बना चुका होगा ताकि सच को दबाया जा सके और फिर ऐसे माहौल में क्या निष्पक्ष जाँच होना संभव है।
बेहतर होता जिला प्रशासन पहले सभी शिक्षकों को अवकाश पर भेजता और फिर जाँच की जाती । क्या वर्तमान में हो रही जांच में 16 अगस्त की घटना का एक ट्रायल हुआ जिसमें ये साबित हो अभिनव एग्जाम हाल में कहा बैठा था और आखिर के 45 मिनट का विस्तृत उल्लेख हो कि कब क्या और कैसा घटा ।
क्या एग्जाम टीम के द्वारा की गई कार्यवाही में विश्वविद्यालय के नियमो का उल्लघंन तो नही हुआ ।
जब बाकी नए कॉलेज में एग्जाम हाल में CCTV थे तो फिर विदिशा कॉलेज के एग्जाम हाल तो एग्जाम हाल बल्कि पूरे कैंपस में 1 CCTV क्यो नही था ।
जब बाकी कॉलेज में एग्जाम में एंट्री से पहले चेकिंग हो रही थी तो फिर विदिशा कॉलेज में क्या चेकिंग नही हुई ।
क्या विश्वविद्यालय के नियमो में ऐसा उल्लेख है कि प्रकरण बनने के बाद छात्र को एग्जाम हाल में इतनी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जाए कि छात्र अपना सब कुछ खत्म कर ले।
डीन कॉलेज के मुखिया होते है जिनके नए कॉलेज में यह पहला प्रकरण बना वो भी एक होनहार छात्र जो कि नकल नही कर रहा था बाबजूद इसके डीन ने कोई संज्ञान नही लिया जबकि उनको इस बात की सूचना मिल गयी थी। उल्टा डीन साब ने मीडिया के सामने ताबड़ तोड़ उल्टे सीधे बयान देकर अभिनव की एक भूमिका बना दी की सारा दोष अभिनव का था।
डीन का ऑन रिकॉर्ड बयान है कि अभिनव अपनी डेस्क से एक लड़की की डेस्क पर कॉपी लेने गया और उसकी जेब से पर्चियां गिरी । जबकि ये साफ सफेद झूठ है क्लास में ऐसा कुछ नही हुआ था उस दिन।
इस तरह के ओछे बयान देना उनकी संकीर्ण मानसिकता को दर्शाता है।
डीन सर से अभिनव का परिवार जाके मिला था फिर भी मीडिया में ये कहना कि मुझसे उनकी कोई मुलाकात नही हुई एक और झूठ था।
जब पत्रकारों ने पूछा कि अभिनव के परिजनों ने उनके बेटे को एग्जाम हाल मानसिक प्रताड़ित करने की बात कही है तब डीन साब ने कहा मुझे इसकी कोई जानकारी नही है । जबकि अभिभावक ने पहली ही मुलाकात में उनके आफिस में उनको इस बारे में अवगत कराया था जिस पर डीन उसी समय अभिभावक पर भड़क गये थे और पूछने लगे कि मेरे सामने लाइये किसने ऐसा कहा में बताता हूँ उसको।
एक जिम्मेदार व्यक्ति ने अपनी जिम्मेदारी ना पहले निभाई ना बाद में ।
अगर प्रशासन निष्पक्ष जाँच करेगा तो सब सामने आएगा कि अभिनव के साथ उस दिन क्या हुआ था यह भी सामने आएगा कि क्या बाकी छात्रों (जो 16 अगस्त को अपने दोस्त रोल नंबर 1 अभिनव को खो चुके है ) पर बयान बदलने के लिए भी कोई दबाब बनाया गया है।
यदि तथ्यों को छिपाया जाएगा तो परिजन इस केस की CBI से निष्पक्ष जाँच की मांग करेंगे ताकि भविष्य में किसी और के बच्चे के साथ ऐसी दुखद घटना न हो । अभिनव अपने सयुंक्त परिवार का सबसे बड़ा बेटा था और उसके अचानक चले जाने से पूरा परिवार बिखर गया है । परिजनों ने राज्यपाल महोदय से भी इसकी निष्पक्ष जाँच की मांग की है और उन्होंने आश्वासन दिया कि इस मामले की जाँच कराई जाएगी ।