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दुर्लभं त्रयमेवैतद् देवानुग्रहहेतुकम्।मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरुषसंश्रयः॥
19/07/2022

दुर्लभं त्रयमेवैतद् देवानुग्रहहेतुकम्।
मनुष्यत्वं मुमुक्षुत्वं महापुरुषसंश्रयः॥

*आयुर्वेद (Ayurveda)* ~ Chapter 0आयुर्वेद शब्द दो शब्दों आयुष्+वेद से मिलकर बना वहै जिसका अर्थ है ”जीवन विज्ञान’ – “Scie...
25/05/2021

*आयुर्वेद (Ayurveda)* ~ Chapter 0

आयुर्वेद शब्द दो शब्दों आयुष्+वेद से मिलकर बना वहै जिसका अर्थ है ”जीवन विज्ञान’ – “Science of Life”‘। आयुर्वेद (Ayurveda) केवल रोगों की चिकित्सा तक ही सिमित नहीं है अपितु यह जीवन मूल्यों, स्वास्थ्य एंव जीवन जीने का सम्पूर्ण ज्ञान प्रदान करता है|

आयुर्वेद का इतिहास –

पुरातत्ववेत्ताओं के अनुसार संसार की प्राचीनतम पुस्तक ऋग्वेद है । विभिन्न विद्वानों ने इसका निर्माण काल ईसा के 3 हजार से 50 हजार वर्ष पूर्व तक का माना है । इस संहिता में आयुर्वेद के अति महत्त्वपूर्ण सिद्धान्तों का वर्णन है । अनेक ऐसे विषयों का उल्लेख है जिसके संबंध में आज के वैज्ञानिक भी सफल नहीं हो पाये है ।
इससे आयुर्वेद की प्राचीनता सिद्ध होती है । अतः हम कह सकते हैं कि आयुर्वेद की रचना सृष्टि की उत्पत्ति के आस पास हुई है।

क्यों सर्वश्रेष्ठ है आयुर्वेद?

आयुर्वेद हमारे ऋषि मुनियों की हजारों वर्षो की मेहनत एंव अनुभव का नतीजा है|
आयुर्वेद के अनुसार शरीर में मूल तीन- तत्त्व वात, पित्त, कफ (त्रिधातु) हैं। अगर इनमें संतुलन रहे, तो कोई बीमारी आप तक नहीं आ सकती। जब इनका संतुलन बिगड़ता है, तो ही कोई बीमारी शरीर पर हावी होती है।
एलोपैथिक चिकित्सा में तुरन्त आराम तो मिलता है, परन्तु यह निश्चित नहीं कि रोग जड़ से खत्म हो जायेगा लेकिन आयुर्वेद चिकित्सा रोग के मूल कारण पर केन्द्रित है इसलिए रोग जड़ से समाप्त हो जाता है और उसकी पुन: उत्पति नहीं होती|
आयुर्वेद में चिकित्सा करते हुए केवल रोग के लक्षणों को ही नहीं देखा जाता बल्कि इसके साथ साथ रोगी के मन, शारीरिक प्रकृति एंव अन्य दोषों की प्रकृति को भी ध्यान में रखा जाता है| यही कारण है कि एक ही रोग होने पर भी अलग अलग रोगियों की चिकित्सा एंव औषधियों में भिन्नता पाई जाती है|
Eg, सिर दर्द की कई वजह हो सकती है - भूख से, ठंड लगने से, नजर कमजोर होने से, जुकाम से, चोट लगने से - हम इलाज वजह की करते हैं, तो रोग जड़ से खत्म हो जाता है ll

आयुर्वेद के अनुसार शारीरिक रोगों का प्रभाव मन पर पड़ता है एंव मानसिक रोगों का प्रभाव शरीर पर पड़ता है| इसीलिए सभी रोगों को मनो-दैहिक मानते हुए चिकित्सा की जाती है|
इसमें किसी भी प्रकार के रासायनिक पदार्थों का प्रयोग नहीं किया जाता इसलिए इन औषधियों का हमारे शरीर पर किसी भी प्रकार का कुप्रभाव नहीं पड़ता|
आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने पर बल दिया जाता है ताकि किसी भी प्रकार का रोग न हो|
आयुर्वेद एंव योग से असाध्य रोगों का सफल उपचार किया जाता है एंव वे रोग भी ठीक होते हैं, जिनका अन्य चिकित्सा पद्धतियों में कोई उपचार संभव नहीं है l
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*Dr. Avinash Pandey*
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आज ये बीमारी ही नहीं हर बीमारी आपकी जान ले लेगी क्यो की आपकी इम्यूनिटी पॉवर के लिए आप ये सब कर रहे है*Immunity* आप सोचिए...
23/04/2021

आज ये बीमारी ही नहीं हर बीमारी आपकी जान ले लेगी क्यो की आपकी इम्यूनिटी पॉवर के लिए आप ये सब कर रहे है

*Immunity* आप सोचिए संभव कैसे है?

1. बड़े शहर में रहने वाले 2से 3दिन पुराना ब्रेड पर 3से 6 महीने पुराना जैम लगाकर और दो से तीन दिन पुराना थैली वाला दूध पीकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

2. कई महीने पुराना केमिकल युक्त mineral water जिसमें कोई मिनरल्स नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

3. पिंजरे… जिनको अंग्रेजी में flat फ्लैट कहते हैं जिनमें ना ताज़ी हवा नसीब होती है ना धूप ,में बिना सूरज की रोशनी में और बिना ताजी हवा के उसमें रहकर अगर आप सोचतें कि बीमारी आपका पीछा छोड़ देगी तो मैं क्या कहूँ ।

4. 85% पानी मिला पैकेटबन्द फ्रूट जूस जिसमे तरह तरह के केमिकल और प्रिजर्वेटिव मिला हुआ है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

5. ऐसी अनेक चीजे है जो आपके आस है उनको देखिए समझिए और अपने बच्चो को समझाए की चीज़/ बटर /पीजा/ पास्ता / बेकरी / मयोनेज/ पैकेट में बंद नाइट्रोजन युक्त प्रिजर्वेटिव मिला पाम ऑयल और कई तरह के कोड वर्ड में लिखे हुए इंग्रेडियंट जिनको बिना समझे आप खाकर खुद को शाकाहारी समझ कर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

6. योग और प्राणायाम और बिना खुली हवा के दिनभर में एसी और सिर्फ एसी में रहने वाले आपके फेफड़े करोना का झटका शायद ही झेल पाएं ।

7.ज्वार बाजरा रागी और भी कई सारे धान छोड़ कर सिर्फ और सिर्फ केमिकल युक्त गेंहू के भरोसे आप अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

8. नन्हे नन्हे बच्चों और दादी और नानी के नुस्खे छोड़ कर आप डब्बा बंद प्रोटीन देकर सोचते है की ये स्ट्रॉन्ग बन रहा है और स्ट्रॉन्ग immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

9.नहाने से लेकर संवारने तक खुद को भी और बच्चो को भी आप कितने केमिकल शरीर पर लगा लेते हो ओर सोचते हो की पोने तीन करोड़ रोम छिद्रों का कोई महत्व नहीं है अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

11. ताजा फल और उनका रस भारतीय भोजन और तुलसी जी कड़ी पत्ता ताजा नींबू और तरह तरह के घर में बने मुरब्बे और नाश्ते की जगह पैकेट वाला नाश्ता और भोजन खाकर अगर immunity की इच्छा रखतें हैं तो आप सोचिए संभव कैसे है?

निवेदन है की सनातन भारत की और लौटें । जो पेड़ अपनी जड़ से कट जातें है वह अधिक समय तक जीवित नहीं रह सकते ।

आओ चलें प्रकृति की ओर,
आओ चलें योग और
प्राकृतिक चिकित्सा की ओर पाएं इम्युनिटी।

🙏🙏भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को *श्रीमद्भगवतगीता* में उपदेश देते हुए यह श्लोक कहा है कि- *यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्...
05/04/2021

🙏🙏
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को *श्रीमद्भगवतगीता* में उपदेश देते हुए यह श्लोक कहा है कि-
*यत्र योगेश्वरः कृष्णो यत्र पार्थो धनुर्धरः ।
तत्र श्री र्विजयो भूतिर्ध्रुवा नीतिर्मतिर्मम।।*

अर्थात् जहां भी अर्जुन की भांति शिष्य एवं श्रीकृष्ण की तरह योगेश्वर गुरु होंगे, वहां हर हाल में विजय विभूति अवश्य मिलेगी क्योंकि वहां पर प्रत्येक क्षण विजय क्रियमाण साधना सम्पन्न हो रही है।विजय क्रियमाण साधना मनुष्य जीवन में उस पारस पत्थर के समान है जो मनुष्य की प्रत्येक हार को जीत में बदलने की क्षमता रखती है।यह आपको उन लोगों की श्रेणी में ले जा सकती है जिन्हें सफलता ढूंढ ही लेती है।इस संसार में अधिकांश लोग बहुत जल्दी संघर्ष से हार जाते हैं क्योंकि वे जुझारु प्रवृत्ति के नहीं होते हैं उनके अंदर अपने विजय भाव को क्रियान्वित करने की क्षमता का अभाव होता है।जबकि हमारे समग्र शास्त्रों में वेद, पुराण, रामायण किसी में भी आप देख लें हमारे देवताओं एवं अवतारों का जीवन संघर्ष से परिपूर्ण रहा है।इस जीवन की कठोर सच्चाई है कि संघर्ष अति पीड़ादायक कार्य होता है।उस समय बार-बार मनोबल टूटता है, ऊर्जा का क्षय होता है एवं आत्मविश्वास टूटता है। परन्तु इस जीवन संग्राम में विजय क्रियान्वित करने के लिए संघर्ष आवश्यक है, उसके पार जाकर ही आपको सफलता मिल सकती है।
🙏🙏

04/04/2021
04/04/2021
Yogic mudra
04/04/2021

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