30/09/2025
क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (आर.ए.आर.आई.) जम्मू, केंद्रीय आयुर्वेदिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (सी.सी.आर.ए.एस.), आयुष मंत्रालय, भारत सरकार में आज त्रैमासिक हिन्दी कार्यशाला तथा 14 सितम्बर से 30 सितम्बर 2025 तक आयोजित हिन्दी पखवाड़े का समापन समारोह बड़े उत्साह एवं गरिमामय वातावरण में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ पारंपरिक दीप प्रज्वलन एवं भगवान धन्वंतरि वंदना के साथ किया गया, जिसने पूरे समारोह को आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक आभा से आलोकित कर दिया। इसके पश्चात् संस्थान प्रभारी एवं अनुसंधान अधिकारी (आयुर्वेद) डॉ. हरबंस सिंह ने अध्यक्षीय उद्बोधन प्रस्तुत करते हुए हिन्दी भाषा की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हिन्दी केवल हमारी राजभाषा ही नहीं, बल्कि यह हमारी संस्कृति और पहचान की वाहक भी है।
इस अवसर पर विशेष अतिथि के रूप में वरिष्ठ स्वतंत्र निर्देशक एवं निर्माता श्री मनोज गुप्ता उपस्थित रहे। श्री गुप्ता ने दूरदर्शन जम्मू-कश्मीर हेतु अनेक वृत्तचित्र एवं सार्थक फिल्में बनाई हैं और हिन्दी भाषा को जन-जन तक पहुँचाने में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। संस्थान प्रभारी डॉ. हरबंस सिंह ने उन्हें पुष्पगुच्छ एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
हिन्दी पखवाड़े के दौरान संस्थान में विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया जिनमें श्रुतलेख, वाद-विवाद, निबंध लेखन, अन्ताक्षरी आदि शामिल थे। कर्मचारियों एवं अधिकारियों ने पूरे उत्साह से इन प्रतियोगिताओं में भाग लिया। समापन दिवस पर विजेताओं की घोषणा की गई और उन्हें अतिथियों द्वारा मंच पर सम्मानित किया गया। श्रुतलेख प्रतियोगिता में श्री महेश कुमार सैनी ने प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि वाद-विवाद प्रतियोगिता में डॉ. सुमित रैना ने प्रथम पुरस्कार प्राप्त कर अपनी वक्तृत्व कला से सबको प्रभावित किया।
कार्यक्रम में मंचासीन गणमान्य अधिकारियों में डॉ. आदित्य शाह, अनुसंधान अधिकारी (आयुर्वेद), डॉ. पूनम शरद मोहोड़, अनुसंधान अधिकारी (आयुर्वेद) एवं हिन्दी अधिकारी तथा श्रीमती तलत अंजुम, अनुसंधान अधिकारी (वनस्पति विज्ञान) शामिल रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. प्रतिक्षा शर्मा ने प्रभावी रूप से किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन श्रीमती तलत अंजुम द्वारा प्रस्तुत किया गया।
इस अवसर पर डॉ. पूनम शरद मोहोड़ ने बताया कि हिन्दी पखवाड़े जैसे आयोजन न केवल कर्मचारियों में हिन्दी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देते हैं, बल्कि राजभाषा के प्रति आत्मीयता एवं गर्व की भावना को भी पुष्ट करते हैं।
कार्यक्रम का समापन विशेष अतिथि को पुस्तक भेंट कर एवं राष्ट्रगान के सामूहिक गायन के साथ किया गया। पूरे समारोह में सहभागिता और सांस्कृतिक उल्लास का अद्भुत संगम देखने को मिला।
क्षेत्रीय आयुर्वेद अनुसंधान संस्थान (RARI) जम्मू समग्र स्वास्थ्य देखभाल का एक प्रमुख केंद्र है, जहाँ पारंपरिक आयुर्वेदिक पद्धतियों को आधुनिक निदान और उपचार सेवाओं के साथ जोड़ा जाता है। यह संस्थान समुदाय की स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यापक सुविधाएँ प्रदान करता है।
आउट पेशेंट विभाग (OPD) सेवाएँ विभिन्न रोगों के लिए सुलभ परामर्श और उपचार उपलब्ध कराती हैं, जबकि इन पेशेंट विभाग (IPD) उन रोगियों की देखभाल करता है जिन्हें लंबे समय तक निगरानी और उपचार की आवश्यकता होती है। यह संस्थान विशेष रूप से पंचकर्म चिकित्सा में विशेषज्ञता रखता है — जो शुद्धिकरण एवं पुनर्जीवन की ऐसी प्रक्रियाएँ हैं जिन्हें आयुर्वेद की आधारशिला माना जाता है — और रोगियों को व्यक्तिगत उपचार योजनाओं के माध्यम से स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।
संस्थान में क्षारसूत्र ओपीडी भी संचालित है, जहाँ भगंदर (फिस्टुला), बवासीर आदि रोगों का आयुर्वेदिक औषध-सूत्र पद्धति से उपचार किया जाता है। वहीं जेरियाट्रिक ओपीडी वृद्धजनों की विशेष स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए उनके जीवन की गुणवत्ता सुधारने हेतु उपचार उपलब्ध कराती है। निदान की दृष्टि से संस्थान में सुसज्जित पैथोलॉजी प्रयोगशाला, अल्ट्रासाउंड (USG) तथा एक्स-रे सेवाएँ हैं, जो रोगों की सही पहचान और निरंतर निगरानी में सहायक हैं।
विशेष रूप से, यह संस्थान परिधीय औषधि-निगरानी केंद्र (Peripheral Pharmacovigilance Centre) के रूप में भी कार्य करता है, जहाँ रोगियों में प्रयुक्त आयुर्वेदिक औषधियों की सुरक्षा और प्रभावशीलता की निगरानी की जाती है, ताकि गुणवत्तापूर्ण और सुरक्षित उपचार सुनिश्चित किया जा सके।
RARI जम्मू सक्रिय रूप से विभिन्न जनजागरण और पहुँच कार्यक्रमों के माध्यम से अपनी सेवाएँ संस्थान परिसर से बाहर भी पहुँचाता है। जनजातीय स्वास्थ्य अनुसंधान परियोजना (THCRP) विशेष रूप से जनजातीय समुदायों की स्वास्थ्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर अनुसंधान और हस्तक्षेप करती है, ताकि उनकी स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुँच और स्वास्थ्य परिणाम बेहतर हो सकें। अनुसूचित जाति उपयोजना (SCSP) का उद्देश्य अनुसूचित जाति समुदायों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ एवं पोषण उपलब्ध कराना है, जिससे स्वास्थ्य सेवा वितरण में सामाजिक समानता को बढ़ावा मिले। इसके अतिरिक्त, एकलव्य मॉडल रेज़िडेंशियल स्कूल (EMRS) परियोजनMinistry of Ayush, Government of Indiaे स्वास्PMO India Official को सुधारने के लिए लक्षित स्वास्थ्य सेवाएँ और जागरूकता कार्यक्रम प्रदान करती है।
Ministry of Ayush, Government of India
pmoindia_official