01/08/2025
पारस हेल्थ कानपुर ने आयुष्मान भारत के तहत एडवांस्ड लेप्रोस्कोपी से कॉम्प्लेक्स किडनी ट्यूमर सर्जरी सफलतापूर्वक की
कानपुर , 1 August 2025 : कानपुर के पारस हेल्थ ने एडवांस्ड सर्जरी का एक शानदार उदाहरण पेश किया है। दरअसल यहां 35 साल के एक युवा मरीज का दुर्लभ किडनी ट्यूमर लेप्रोस्कोपिक पार्शियल नेफरेक्टोमी तकनीक से सफल तरीके से निकाला गया। पूरा इलाज आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) के तहत किया गया। यह जटिल केस दिखाता है कि हॉस्पिटल जरूरतमंद लोगों को आधुनिक और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए समर्पित है।
मरीज श्री राहुल (बदला हुआ नाम), हमीरपुर जिले के राठ कस्बा के रहने वाले हैं। उन्हें पिछले एक साल से पेट के दाईं ओर लगातार दर्द हो रहा था। पारस हेल्थ के एसोसिएट डायरेक्टर (यूरोलॉजी) डॉ. सत्यम श्रीवास्तव ने उनकी जांच की। अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन से पता चला कि उनकी दाईं किडनी में 4x4 सेमी का ट्यूमर है। कैंसर होने की आशंका ज्यादा थी, इसलिए तुरंत सर्जरी की सलाह दी गई।
इस केस को खासतौर पर मुश्किल बनाने वाला कारण किडनी में असामान्य रक्त वाहिकाएं थी। आमतौर पर एक किडनी में एक धमनी (आर्टरी) और एक शिरा (vein) होती है, लेकिन इस मरीज की किडनी में तीन धमनियां और चार शिराएं थीं। इस दुर्लभ स्थिति के बावजूद डॉ. सत्यम ने सफलतापूर्वक लेप्रोस्कोपिक पार्शियल नेफरेक्टोमी की। इस प्रक्रिया से सिर्फ ट्यूमर हटाया गया और बाकी किडनी को बचा लिया गया। यह मिनिमली इनवेसिव सर्जरी थी, जिससे मरीज जल्दी ठीक हुआ और शरीर पर बहुत कम निशान पड़े। जहां ओपन सर्जरी में आमतौर पर 7 से 8 दिन हॉस्पिटल में रहना पड़ता है, वहीं इस मरीज को सिर्फ तीन दिन में छुट्टी मिल गई।
डॉ. सत्यम ने बताया, “असामान्य वैस्कुलर (रक्त वाहिका संरचना) के कारण सर्जरी की बहुत सावधानी से प्लानिंग करनी पड़ी। सभी नसों को सुरक्षित रखते हुए बिना किसी जटिलता के ट्यूमर निकालना एक चुनौती थी, लेकिन नतीजा अच्छा रहा हम पूरे ट्यूमर को निकालने में सफल रहे, और किडनी को सुरक्षित रखा।”
बायोप्सी में पता चला कि ट्यूमर कैंसर था, लेकिन समय पर जांच और इलाज की वजह से इसे शुरुआती स्टेज में ही पहचानकर हटा दिया गया। अब मरीज अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में लौट चुका है। आगे भी समय-समय पर उसकी जांच होती रहेगी ताकि कोई दोबारा समस्या न हो। हालांकि सर्जरी में ट्यूमर पूरी तरह साफ हटाया गया है, इसलिए दोबारा होने की संभावना बहुत कम है।
श्री राहुल (बदला हुआ नाम) ने अपना आभार व्यक्त करते हुए कहा, “मैं अब पूरी तरह स्वस्थ हूं और इलाज से बहुत खुश हूं। डॉ. सत्यम और पारस हेल्थ की पूरी टीम ने मेरा बहुत अच्छे से ख्याल रखा और उनका व्यवहार बहुत प्रोफेशनल था। मैं आयुष्मान भारत योजना का भी आभारी हूं, क्योंकि उसकी वजह से इतना एडवांस इलाज मुझे मिल सका।”
यह केस दिखाता है कि पारस हेल्थ कानपुर का मकसद सभी लोगों तक खासकर छोटे शहरों में एडवांस मेडिकल केयर पहुंचाना है। एक्सपर्ट डॉक्टरों और आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल से हॉस्पिटल जरूरतमंद लोगों को जीवन बचाने वाले इलाज आसान और बेहतर तरीके से उपलब्ध करा रहा है।