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24/10/2025

“लाइफ पार्टनर चुनते वक्त लोग सबसे बड़ी गलती यहीं करते हैं! | Don’t Miss This Before Marriage”

https://youtu.be/2cg2rV_VqIQ
24/10/2025

https://youtu.be/2cg2rV_VqIQ

“लाइफ पार्टनर चुनते वक्त लोग सबसे बड़ी गलती यहीं करते हैं! | Don’t Miss This Before Marriage”क्या आपने कभी सोचा है कि कुछ रिश्ते शुरुआ.....

04/08/2025
*"जब सराहना की आदत नहीं होती, तो आलोचना स्वभाव बन जाती है"*बहुत से लोग दूसरों की अच्छाइयों को स्वीकार करना या तारीफ करना...
11/04/2025

*"जब सराहना की आदत नहीं होती, तो आलोचना स्वभाव बन जाती है"*

बहुत से लोग दूसरों की अच्छाइयों को स्वीकार करना या तारीफ करना नहीं जानते। इसकी वजह ये नहीं कि सामने वाला अच्छा नहीं है, बल्कि इसलिए कि उन्होंने कभी खुद की अच्छाइयों को भी खुले दिल से नहीं देखा।

जब किसी के भीतर प्रशंसा की भावना विकसित नहीं होती, तो वह अक्सर दूसरों की खामियों को ही खोजता है। ऐसे लोग तारीफ देने से पहले 10 बार सोचते हैं, लेकिन कमी निकालने में देर नहीं लगाते।

*याद रखें:*
*"तारीफ करना आत्मा की उदारता है, और आलोचना करना मन की कुंठा का परिणाम।"*

अगर आप किसी में अच्छाई देख सकते हैं, तो उसे कहें। हो सकता है आपकी एक बात किसी का दिन बना दे।
और अगर कमी नजर आए, तो उसे प्यार से सुधारने का तरीका अपनाएं, न कि नीचा दिखाने का।

सकारात्मक सोच का अभ्यास करें – दुनिया को बदलने से पहले, अपनी नज़रों का नजरिया बदलें।

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Arvindsinh Rana
Holistic Psychologist

संपूर्ण स्वास्थ्य का असली आधार – स्वस्थ रिश्ते और भावनाएंआजकल जब भी स्वास्थ्य की बात होती है, तो हम शारीरिक फिटनेस, सही ...
25/03/2025

संपूर्ण स्वास्थ्य का असली आधार – स्वस्थ रिश्ते और भावनाएं

आजकल जब भी स्वास्थ्य की बात होती है, तो हम शारीरिक फिटनेस, सही खान-पान और व्यायाम पर ज्यादा ध्यान देते हैं। लेकिन क्या सिर्फ एक स्वस्थ शरीर ही असली स्वास्थ्य की गारंटी देता है?

जब तक हमारे रिश्ते और भावनाएं संतुलित और स्वस्थ नहीं होंगी, तब तक संपूर्ण स्वास्थ्य का अनुभव अधूरा रहेगा।

कैसे रिश्ते और भावनाएं हमारे स्वास्थ्य को प्रभावित करते हैं?

1. तनाव और चिंता:

खराब रिश्ते और भावनात्मक असंतुलन क्रॉनिक स्ट्रेस को जन्म देते हैं, जिससे ब्लड प्रेशर, हृदय रोग और इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।

2. मानसिक शांति:

अगर रिश्ते में सम्मान, प्रेम और समझ हो, तो मन शांत रहता है, और हम अधिक प्रोडक्टिव और खुश रहते हैं।

3. एकाकीपन बनाम सहयोग:

अकेलापन सिर्फ मानसिक नहीं, बल्कि शारीरिक बीमारियों को भी जन्म दे सकता है, जैसे डिप्रेशन, हृदय रोग और जल्दी उम्र बढ़ने की समस्या।

4. भावनाओं का असर:

नकारात्मक भावनाएं जैसे गुस्सा, जलन, या निराशा शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ा सकती हैं, जिससे पाचन तंत्र, नींद और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है।

संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए क्या करें?

रिश्तों में पारदर्शिता और संवाद बढ़ाएं।

माफ करना सीखें – गुस्सा और द्वेष सबसे बड़ा ज़हर है।

स्वस्थ आत्म-संवाद रखें, खुद से प्यार करें और अपनी भावनाओं को समझें।

योग, ध्यान और आत्म-जागरूकता से मानसिक संतुलन बनाए रखें।

निष्कर्ष

अगर शरीर स्वस्थ हो लेकिन मन अशांत, तो हम कभी भी असली सुख और स्वास्थ्य का अनुभव नहीं कर सकते। इसलिए, रिश्तों की गुणवत्ता सुधारें, भावनात्मक रूप से परिपक्व बनें और संपूर्ण स्वास्थ्य का आनंद लें।

> "एक स्वस्थ हृदय केवल रक्त पंप करने वाला अंग नहीं, बल्कि प्रेम, दया और शांति का स्रोत भी होना चाहिए।"

Lifeline Wellness | Arvindsinh Rana

"क्या आप जानती हैं कि आपकी रोज़ाना की आलोचना आपके पति के आत्मविश्वास को कम कर सकती है? कई पुरुष इस वजह से भावनात्मक रूप ...
01/03/2025

"क्या आप जानती हैं कि आपकी रोज़ाना की आलोचना आपके पति के आत्मविश्वास को कम कर सकती है? कई पुरुष इस वजह से भावनात्मक रूप से टूट जाते हैं, यहां तक कि कुछ नशे की ओर भी बढ़ जाते हैं। एक खुशहाल शादीशुदा जीवन के लिए सम्मान और प्रोत्साहन कितना ज़रूरी है, यही इस वीडियो में बताया गया है। अगर आप अपने रिश्ते को मजबूत बनाना चाहती हैं, तो इस वीडियो को ज़रूर देखें!"

पत्नी का ये रवैया पति को अंदर से तोड़ सकता है! यह वीडियो ज़रूर देखें!क्या आप जानती हैं कि पति की आलोचना और सम्मान की क...

*जब खुद के पास ही सुख नहीं, तो दूसरे को कैसे देंगे?*रिश्तों में समस्याएँ तब बढ़ने लगती हैं जब दो लोग एक-दूसरे से वह मांग...
26/02/2025

*जब खुद के पास ही सुख नहीं, तो दूसरे को कैसे देंगे?*

रिश्तों में समस्याएँ तब बढ़ने लगती हैं जब दो लोग एक-दूसरे से वह मांगने लगते हैं, जो उनके पास खुद ही नहीं होता—सुख, शांति और भावनात्मक संतुलन।

अगर कोई व्यक्ति खुद ही दुखी है, तनावग्रस्त है, असंतुष्ट है, तो वह अपने साथी को भी वही भावनाएँ देगा। वह प्रेम, धैर्य और समझ देने की कोशिश करेगा, लेकिन भीतर से खाली होने के कारण वह कोशिश असफल हो जाती है।

रिश्ते को मजबूत बनाने के लिए सबसे पहले खुद के अंदर शांति और संतोष लाना जरूरी है। "पहले खुद को पूरा करें, फिर रिश्ता अपने आप संपूर्ण हो जाएगा।"

*समझने योग्य बातें:*

खुद को खुश रखना सीखें, तभी आप अपने साथी को खुशी दे पाएंगे।

भावनात्मक रूप से संतुलित होने पर ही हम रिश्ते में स्वस्थ संवाद कर सकते हैं।

अपनी खुशियों और संतोष का जिम्मा खुद लें, किसी और पर निर्भर न रहें।

*"जो खुद से खुश नहीं, वो दूसरों को खुशी नहीं दे सकता। पहले खुद को संवारें, तभी रिश्ता संवर पाएगा।"*



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Arvindsinh Rana
Holistic Psychologist

*सफलता का अंतिम उद्देश्य: शांति*हम में से हर कोई किसी न किसी लक्ष्य की ओर भाग रहा है—धन, प्रतिष्ठा, उपलब्धियाँ, और मान-स...
17/02/2025

*सफलता का अंतिम उद्देश्य: शांति*

हम में से हर कोई किसी न किसी लक्ष्य की ओर भाग रहा है—धन, प्रतिष्ठा, उपलब्धियाँ, और मान-सम्मान की चाह में। लेकिन क्या इन सबके बाद हमें वह अंतिम सुख मिलता है, जिसकी हम कल्पना करते हैं?

अगर सफलता के बाद भी मन अशांत है, तो हमें खुद से पूछना होगा—क्या हम सही दिशा में दौड़ रहे हैं?

शांति वह स्थिति है जहां मन में किसी चीज़ की कमी या पछतावा न हो। अगर हम सफलता की दौड़ में अपनी मानसिक शांति खो रहे हैं, तो इसका मतलब है कि हमने भौतिक उपलब्धियों को प्राथमिकता दी, लेकिन आत्मिक संतुलन को नजरअंदाज कर दिया।

*क्या करें?*

✅ सफलता की परिभाषा बदलें – सिर्फ बाहरी उपलब्धियाँ ही नहीं, बल्कि आंतरिक संतोष भी मायने रखता है।
✅ दौड़ में भागने से पहले दिशा तय करें – कहीं ऐसा न हो कि मंज़िल पर पहुँचकर भी अधूरापन महसूस हो।
✅ संतुलन बनाएं – भौतिक और मानसिक शांति दोनों को महत्व दें।

याद रखें, असली सफलता वही है जो आपको खुशी के साथ-साथ शांति भी दे।

*गहराई से सोचने योग्य कुछ विचार:*

1. "सफलता की सबसे ऊँची सीढ़ी भी बेकार है, अगर वह शांति की ओर नहीं जाती।"

2. "भागना जरूरी नहीं, सही दिशा में चलना जरूरी है।"

3. "अगर मंज़िल पाने के बाद भी दिल खाली लगे, तो शायद आपने गलत रास्ता चुना था।"

4. "सच्ची सफलता वह है, जो मन को शांति और आत्मा को सुकून दे।"

5. "जहाँ शांति नहीं, वहाँ सफलता भी अधूरी लगती है।"

*तो सोचिए, क्या आप सही दिशा में दौड़ रहे हैं?*

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Arvindsinh Rana
Holistic Psychologist

08/02/2025

04/02/2025

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Nadiad

Opening Hours

Monday 9am - 8pm
Tuesday 9am - 8pm
Wednesday 9am - 8pm
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Friday 9am - 8pm
Saturday 9am - 8pm
Sunday 10am - 2pm

Website

https://arvindsinhrana.in/

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