05/09/2025
यदि #केतु #अशुभ स्थान पर न होकर केंद्र या त्रिकोण से शुभ दृष्ट युक्त है तो व्यक्ति विदेश में सम्मान और ऐश्वर्य पाता है। जातक एक लेखक/कवि बन सकता है और शत्रुओं का विनाश कारी होता है। यदि यह अशुभ स्थान पर स्थित हो, तो यह पीड़ा, असफलता, हानि, हृदय या फेफड़ों के रोग, तंत्रिका रोग कराता है। जातक का व्यवहार मूर्ख जैसा हो जाता है और वह अधिकारियों को चुनौती देता है। कानुन से पंगा लेने पर यदि शनि युक्त या दृष्ट हो, तो इसकी दशा-अंतर्दशा में #गिरफ्तारी का भय भी रहता है।