Mystic Zodiac

Mystic Zodiac Healthy body requires a disease free living.

We impart the fundamentals of healthy living directly connecting with the cause of illness, disease by way of providing ray of relief through Astro healing, Yoga healing

 यदि  #केतु  #अशुभ स्थान पर न होकर केंद्र या त्रिकोण से शुभ दृष्ट युक्त है तो व्यक्ति विदेश में सम्मान और ऐश्वर्य पाता ह...
05/09/2025


यदि #केतु #अशुभ स्थान पर न होकर केंद्र या त्रिकोण से शुभ दृष्ट युक्त है तो व्यक्ति विदेश में सम्मान और ऐश्वर्य पाता है। जातक एक लेखक/कवि बन सकता है और शत्रुओं का विनाश कारी होता है। यदि यह अशुभ स्थान पर स्थित हो, तो यह पीड़ा, असफलता, हानि, हृदय या फेफड़ों के रोग, तंत्रिका रोग कराता है। जातक का व्यवहार मूर्ख जैसा हो जाता है और वह अधिकारियों को चुनौती देता है। कानुन से पंगा लेने पर यदि शनि युक्त या दृष्ट हो, तो इसकी दशा-अंतर्दशा में #गिरफ्तारी का भय भी रहता है।

18/08/2025



यदि किसी स्त्री जातक में सूर्य स्वनवंश (स्वयं के नक्षत्र) में स्थित हो, तो पति प्रेम के मामले में थोड़ा दीलचस्प और मनोरंजनप्रिय होते हैं। चंद्रमा की स्थिति में कन्या सुखी होती है। मंगल की स्थिति में पत्नी प्रेम के साथ-साथ व्यभिचारी प्रवृत्ति की हो सकती है। बुध की स्थिति में विद्वान, बृहस्पति की स्थिति में जितेंद्रिय (इंद्रियों पर नियंत्रण रखने वाला), शुक्र की स्थिति में पति सुंदर, सुखी और शनि की स्थिति में वृद्ध और मूर्ख करने वाला होता है।
(जातक पारिजात)

08/08/2025


वैदिक ज्योतिष में, तीसरा भाव सामान्यतः दाहिने कान से और एकादश भाव बाएँ कान से संबंधित होता है। यदि तीसरा और एकादश भाव तथा बृहस्पति मंगल या शनि से युक्त या दृष्ट हों, तो जातक व्यक्ति कानों कि बीमारियों से पीड़ित होगा। यदि पंचम भाव में स्थित मंगल छठे भाव या स्वामी से संबंधित हो, तो जातक को यकृत, तिल्ली, आंत या आमाशय सहित पेट के रोगों से पीड़ित होना पड़ेगा।
(फल दीपिका)

06/08/2025



वैदिक ज्योतिष में धन प्राप्ति और दूसरों के साथ संपर्क व्यवस्था के लिए ग्रह का निर्धारण लग्न या चंद्रमा से दशम भाव (10th house) के आधार पर किया जाता है, जिसमें से जो अधिक डिग्री में हो, उसे चुना जाता है। इस भाव का स्वामी ग्रह धन के स्रोत को दर्शाता है:
सूर्य: पिता के माध्यम से धन।
चंद्रमा: माता के माध्यम से धन।
मंगल: शत्रु या प्रतिस्पर्धा के माध्यम से धन।
बुध: मित्रों के माध्यम से धन।
गुरु: भाइयों या भाई-बहनों के माध्यम से धन।
शुक्र: पत्नी या महिलाओं के माध्यम से धन।
शनि: नौकरों या अधीनस्थों के माध्यम से धन।
विशिष्ट ग्रह का पता लगाने के लिए, जन्म कुंडली में लग्न और चंद्रमा से दशम भाव की जांच करें, देखें कि किसका डिग्री अधिक है, और उसका स्वामी ग्रह पहचानें। यह ग्रह धन के स्रोत और संपर्क के माध्यम से धन सृजन में शामिल प्रमुख व्यक्तियों को नियंत्रित करता है।
If you provide specific birth chart details (e.g., Lagna, Moon sign, or planet placements), I can help narrow down the answer further. Would you like me to assist with that?

31/07/2025


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यदि अष्टम भाव का स्वामी स्वगृही, मूल त्रिकोण या उच्च स्थान में हो, तो मृत्यु अत्यधिक कष्टदायक नहीं होती। अन्यथा, मृत्यु कष्टदायक होती है।

30/07/2025

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गोचर फल
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जब बुध अपनी कक्षा में वक्री (रेट्रोग्रेड) होता है, तो यह जातक को लेखन गतिविधियों के लिए प्रोत्साहित करता है। जातक की रचनाएँ विरोधाभासों और परिवर्तनों पर अधिक जोर देती हैं।जब जन्म कुंडली में बुध वक्री होता है, तो क्या होता है?चूंकि बुध मन का स्वामी है, यदि आपकी जन्म कुंडली में बुध वक्री है, तो आपका सोचने का तरीका धीमा हो सकता है।कमजोर बुध के लक्षण क्या हैं?छिपी हुई बीमारियों के कारण यौन शक्ति और पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।

23/07/2025


यदि सूर्य मेष राशि में उच्च का हो और चंद्रमा वृषभ राशि में उच्च का हो, तो चंद्रमा पक्ष्यबल के अभाव के कारण अच्छे परिणाम नहीं देगा, बल्कि माता की सेहत की चिंता बढ़ सकती है।

21/07/2025


यदि राहु या केतु द्विस्वभाव राशि में रहकर उस राशि के स्वामी के साथ केंद्र या त्रिकोणाधिपति के साथ युति या दृष्टि संबंध बनाते हैं, तो दशा फल में धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। यदि इस स्थिति में छठे, आठवें या बारहवें राशि के स्वामी के साथ युति या दृष्टि संबंध होता है, तो प्राप्ति की मात्रा कम हो सकती है और माता या सहोदरों (भाई-बहनों) को हानि हो सकती है।

18/07/2025

@**बुध ग्रह का वक्री प्रभाव**

सूर्य के निकटतम ग्रह बुध 18 जुलाई 2025 को वक्री होना शुरू होगा और 11 अगस्त 2025 तक इस स्थिति में रहेगा। कालपुरुष चार्ट के अनुसार, बुध तीसरे और छठे घर का स्वामी है। 16 जुलाई से सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करेंगे, इसलिए सूर्य और बुध दोनों कर्क राशि में होंगे। वर्तमान में, बुध अश्लैषा नक्षत्र में स्थित है, जिसका स्वामी खुद है। चूँकि बुध, चंद्रमा कि प्रति शत्रुतापूर्ण है, यह समय कई मायनों में अशुभ प्रभाव डाल सकता है। हालाँकि सूर्य और बुध के बीच मित्रता का संबंध है, फिर भी बुध वक्री अवस्था में अस्त हो सकता है। कई ज्योतिषियों का मानना है कि अस्तगत बुध का प्रभाव शून्य होता है, लेकिन इसे पूरी तरह से प्रभावहीन नहीं कहा जा सकता। यदि जन्म कुंडली में यह केंद्र में स्थित हो, तो इसका प्रभाव बुध की स्थिति पर निर्भर करता है।

15/07/2025

सूर्य ग्रहराज हैं। अन्य ग्रह जब सूर्य के निकट होते हैं तो अस्त होते दिखाई देते हैं। ये फलरहित हो जाते हैं या कुफल भी दे सकते हैं। नीचे एक तालिका दी गई है जिसमें बताया गया है कि कौन सा ग्रह कितने अंश में अस्त होता है। ज्योतिषी मित्रों से अनुरोध है कि वे इस पर और अधिक प्रकाश डालें, क्योंकि शुक्र और बुध बक्री होने के बाद अलग-अलग अंशों में अस्त होते हैं।

चंद्रमा - 12 अंश
मंगल - 17 अंश
बुध - 13 अंश
गुरु - 11 अंश
शुक्र - 6 अंश
शनि - 15 अंश
बक्री बुध - 12 अंश
बक्री शुक्र - 9 अंश

(स्रोत: कालामृत)

14/07/2025



जब 5वें भाव का स्वामी 6वें भाव में हो और लग्न (असेंडेंट) मंगल के साथ युति में हो, तो संतान की संभावना कम होती है। साथ ही, अगर 5वें भाव का स्वामी दुःस्थान यानी 6वें, 8वें या 12वें भाव में हो और बुध या केतु 5वें भाव में हों, तो एक संतान होने की संभावना होती है।

13/07/2025



लग्नाधिपति चतुर्थ भाव में मित्र स्थान पर हो या चतुर्थाधिपति चतुर्थ भाव में स्थित हो अथवा शुभ ग्रहों की दृष्टि हो, तो जातक व्यक्ति अपने ही घर में निवास करता है। यदि दशम भाव का स्वामी और चतुर्थ भाव का स्वामी एक साथ हों, कोणस्थ या द्रेष्काण स्थान में हों, तो जातक व्यक्ति अपना घर स्वयं बनाकर रहता है।

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