Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi

Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi RIMS Ranchi is the premier medical institute of Jharkhand.

03/12/2025

रिम्स डेंटल इंस्टीट्यूट के छात्र अनिमेष सौरव कुल्लू की शिकायत पर दिनांक 2 और 3 दिसंबर को डीन की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में डेंटल इंस्टीट्यूट के प्रभारी प्राचार्य, उप-डीन, अपर प्राध्यापक डॉ. ओम प्रकाश व PSM विभाग के सह प्राध्यापक डॉ. अनित कुजूर उपस्थित थें

बैठक में लिए गए प्रमुख निर्णय:
1. छात्र की शिकायत पर आगे की कार्यवाही कुलपति, रांची विश्वविद्यालय से परामर्श उपरांत ही की जाएगी, जिसके लिए डीन, RIMS सह Dean Faculty of Medical Sciences, Ranchi University द्वारा औपचारिक वार्ता की जाएगी।
2. छात्र को अवगत कराया गया कि परीक्षा से संबंधित शिकायत डीन (एकेडमिक) को प्रस्तुत करना अनिवार्य है।
3. Ranchi University के नियमों के अनुसार RTI एवं Grievance आवेदन सीधे विश्वविद्यालय में निर्धारित समय के अंदर प्रस्तुत किए जाने का प्रावधान है, जिसकी प्रक्रिया विश्वविद्यालय स्तर से संचालित होती है।
4. शिकायत की गंभीरता को देखते हुए समिति ने छात्र के अभिभावक के साथ भी बैठक किया एवं डीन, RIMS की उपस्थिति में छात्र एवं उसके अभिभावक को समिति द्वारा सम्पूर्ण स्थिति से अवगत कराया गया एवं उचित मार्गदर्शन प्रदान किया गया।

Ranchi University द्वारा प्रदत्त TR Copy के अनुसार छात्र को -
* Theory Examination (70 Marks) में प्राप्तांक 25 Marks
*Internal: 08/10, Viva: 14/20
* Practical Examination: 65/100 (Internal Examiner द्वारा)

प्राप्तांक दर्शाते हैं कि Theory examination में छात्र का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा। छात्र को P*P विषय में Pass घोषित किया गया है। समिति द्वारा छात्र को सूचित किया गया कि DCI नियमों के अनुरूप उसे 3rd Year के लिए Eligible घोषित किया गया है तथा उसे आगामी माह में आयोजित होने वाली 2nd Year की परीक्षा में सम्मिलित होने की सलाह दी गई है।

बैठक में सभी निर्णय नियम एवं शैक्षणिक प्रक्रियाओं के अनुरूप लिए गए हैं एवं आगे की कार्यवाही विश्वविद्यालय स्तर पर परामर्श प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत की जाएगी।

राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS), रांची द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर आज...
03/12/2025

राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS), रांची द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के अवसर पर आज भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर रिम्स के राजेंद्र पार्क स्थित उनकी प्रतिमा पर निदेशक प्रो. (डॉ.) राजकुमार, अपर निदेशक (प्रशासन) डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्णा, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. (डॉ.) हिरेंद्र बिरुआ, संकाय सदस्य, चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, कर्मचारी तथा छात्र-छात्राओं ने माल्यार्पण किया।

निदेशक प्रो. (डॉ.) राजकुमार ने कहा कि, "डॉ. राजेंद्र प्रसाद सादगी, सत्यनिष्ठा और समर्पित राष्ट्रभक्ति के प्रतीक थे। भारतीय संविधान निर्माण और राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान अविस्मरणीय है। स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके विचार आज भी मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।”

माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड द्वारा आज WP (PIL) 4736/201(ज्योति शर्मा बनाम राज्य सरकार, झारखंड एवं अन्य) के वाद में रिम्...
03/12/2025

माननीय उच्च न्यायालय, झारखंड द्वारा आज WP (PIL) 4736/201(ज्योति शर्मा बनाम राज्य सरकार, झारखंड एवं अन्य) के वाद में रिम्स परिसर से सभी प्रकार के अतिक्रमणों को हटाने संबंधी आदेश पारित किया गया है।

माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश में निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं:

1. रिम्स परिसर में स्थित सभी अतिक्रमणों एवं अवैध कब्जाधारियों को हटाया जाए।

2. तत्काल व्यापक प्रचार-प्रसार कर सभी अतिक्रमणकारियों को 72 घंटे के भीतर स्थल खाली करने की सूचना दी जाए।

3. यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर स्थान खाली नहीं किया जाता है, तो जिला प्रशासन एवं पुलिस बल द्वारा आवश्यक बल प्रयोग कर अतिक्रमण हटाया जाए।

इस मामले में अगली सुनवाई दिनांक 11 दिसंबर 2025 को निर्धारित है, जिसके पूर्व अनुपालन प्रतिवेदन न्यायालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।

रिम्स प्रबंधन द्वारा तत्काल प्रभाव से निम्न निर्देश जारी किए गए हैं:
- सुरक्षा पदाधिकारी को निर्देशित किया गया है कि संपूर्ण रिम्स परिसर में पी.ए. सिस्टम/लाउडस्पीकर के माध्यम से सार्वजनिक घोषणा कर अतिक्रमणकारियों को 72 घंटे के भीतर परिसर खाली करने की चेतावनी दी जाए।

- संपदा पदाधिकारी को संबंधित स्थानों पर तत्काल नोटिस चस्पा/प्रदर्शित कराने के निर्देश दिए गए हैं।

इसके अलावा रिम्स प्रबंधन द्वारा वरीय पुलिस अधीक्षक को भी माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश की सूचना दी गई है।

मानव सेवा तथा चिकित्सा शिक्षा के उत्थान की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए भालुबासा, जमशेदपुर निवासी स्...
02/12/2025

मानव सेवा तथा चिकित्सा शिक्षा के उत्थान की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत करते हुए भालुबासा, जमशेदपुर निवासी स्वर्गीय श्रीमती काबेरी दास के परिवार ने उनका पार्थिव शरीर राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS), रांची के एनाटॉमी विभाग को दान किया है। श्रीमती काबेरी दास ने अपने जीवनकाल में ही परिवार के समक्ष यह इच्छा व्यक्त की थी कि उनके निधन के पश्चात उनका शरीर मेडिकल छात्रों की शिक्षा और शोध कार्यों के लिए दान कर दिया जाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के डॉक्टर बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें और समाज को उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाएँ प्रदान कर सकें।

उनकी इस इच्छा का सम्मान करते हुए, उनके पुत्र और पुत्री ने रिम्स के एनाटॉमी विभाग में औपचारिक रूप से पार्थिव शरीर विभागाध्यक्ष (HOD), एनाटॉमी प्रो (डॉ) धर्मेंद्र कुमार को सुपुर्द किया। श्रीमती दास के इस महान योगदान के लिए विभाग द्वारा उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई और परिवार के इस परोपकारी निर्णय की सराहना की।

एनाटॉमी विभागाध्यक्ष डॉ कुमार ने कहा कि, "शरीर दान चिकित्सा शिक्षा का अत्यंत महत्वपूर्ण आधार है, और ऐसे दान चिकित्सा क्षेत्र में ज्ञान-वर्धन के साथ-साथ समाज में जागरूकता बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। अब तक 76 लोगों ने मृत्यु उपरांत अपना देहदान करने की प्रतिज्ञा ली है और इनमे से 10 लोगों का देह संस्थान को प्राप्त हो चुका है|"

विदित हो कि देहदान प्रतिज्ञा का फॉर्म रिम्स की वेबसाइट एवं एनाटॉमी विभाग में उपलब्ध है|

02/12/2025

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS) में MBBS प्रथम वर्ष (सत्र 2025-26) में अध्ययनरत छात्रा सुश्री काजल द्वारा फर्जी अनुसूचित जाति (SC) प्रमाणपत्र प्रस्तुत कर प्रवेश प्राप्त किए जाने का मामला जांच में सही पाया गया है। दस्तावेज़ों में अनियमितताएँ पाए जाने के बाद रिम्स प्रबंधन ने छात्रा को 20-11-2025 को निलंबित कर दिया था तथा 01-12-2025 को नामांकन आधिकारिक रूप से रद्द कर दिया है।

विदित हो कि रिम्स प्रबंधन द्वारा दस्तावेज़ों की जांच के दौरान यह पाया गया कि छात्रा के NEET-UG 2025 के एडमिट कार्ड एवं स्कोर कार्ड में उनकी श्रेणी OBC-NCL (Central List) अंकित है, जबकि जेसीईसीई बोर्ड के माध्यम से उन्होंने SC श्रेणी में रैंक 01 के आधार पर रिम्स में प्रवेश प्राप्त किया था। एडमिट कार्ड प्रस्तुत करने के आग्रह पर छात्रा द्वारा उसे “खो जाने” का बहाना किया और उसकी प्रति उपलब्ध नहीं कराई| संदेह और प्रबल होने पर जाति प्रमाणपत्र की सत्यता की जांच हेतु रिम्स द्वारा 13-10-2025 को जेसीईसीई बोर्ड एवं अंचल अधिकारी, गिरिडीह को औपचारिक रूप से तथ्य-परक जांच का अनुरोध किया गया।

जांच रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष (अंचल अधिकारी, गिरिडीह)
1. छात्रा द्वारा प्रस्तुत SC प्रमाणपत्र “भैरो चमार” नामक खतियानी धारक के आधार पर जारी किया गया था।
2. वास्तविक वंशजों से पूछताछ में यह पुष्टि हुई कि काजल (पिता–विनोद कुमार) का उक्त परिवार से कोई संबंध नहीं है।
3. छात्रा द्वारा प्रस्तुत की गई वंशावली वास्तविक वंशावली से पूरी तरह अलग पाई गई।
4. जांच रिपोर्ट में स्पष्ट उल्लेख है कि छात्रा ने प्रमाणपत्र तथ्यों को छिपाकर और झूठी वंशावली प्रस्तुत करके प्राप्त किया था।

इन निष्कर्षों को उपायुक्त, गिरिडीह द्वारा भी प्रमाणित किया गया है। इसके पश्चात जेसीईसीई बोर्ड ने 19-11-2025 को रिम्स को विस्तृत जांच रिपोर्ट भेजी। रिम्स ने 21-11-2025 को छात्रा को शो कॉज नोटिस जारी किया तथा एक समिति गठित की, जिसने पूरे मामले का परीक्षण किया।

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार—
1. फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर प्राप्त कोई भी प्रवेश शुरू से ही अवैध (void ab initio) माना जाता है।
2. भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा विभिन्न निर्णयों में यह सिद्धांत स्थापित किया गया है कि धोखे से किया गया कोई भी कार्य स्वतः अवैध हो जाता है। अंचल अधिकारी की जांच रिपोर्ट में स्पष्ट है कि प्रमाणपत्र छलपूर्वक, गलत तथ्यों के साथ प्राप्त किया गया था| अतः न्यायालय के “Fraud vitiates all solemn acts” सिद्धांत के अनुसार इस प्रमाणपत्र के आधार पर प्राप्त प्रवेश की वैधता स्वतः समाप्त हो जाती है।
3. OBC-NCL श्रेणी में NEET देने के बावजूद SC आरक्षित सीट पर प्रवेश लेकर छात्रा ने एक वास्तविक SC अभ्यर्थी के संवैधानिक अधिकार का हनन किया है, जो एक गंभीर उल्लंघन है।

रिम्स समिति द्वारा सभी साक्ष्यों का परीक्षण करने के उपरांत छात्रा का नामांकन औपचारिक रूप से रद्द कर दिया गया है। इसके साथ ही जेसीईसीई बोर्ड को सूचित कर अगली पात्र SC अभ्यर्थी को अवसर प्रदान करने की कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया जाएगा एवं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) को भी छात्रा का नाम अभिलेखों से हटाने हेतु सूचित किया जाएगा।

विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) के अवसर पर रिम्स कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग द्वारा आज रिम्स के सभी ओपीडी एवं ट्रॉमा सेंटर परिसर ...
01/12/2025

विश्व एड्स दिवस (World AIDS Day) के अवसर पर रिम्स कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग द्वारा आज रिम्स के सभी ओपीडी एवं ट्रॉमा सेंटर परिसर में नुक्कड़ नाटक का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में पोस्ट बेसिक नर्सिंग (द्वितीय वर्ष) तथा बी.एससी. नर्सिंग (पाँचवें सेमेस्टर) के विद्यार्थियों ने भाग लिया और नुक्कड़ नाटक एवं मास एजुकेशन के माध्यम से आमजन को एचआईवी/एड्स के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया।

कार्यक्रम के अंतर्गत उपस्थित लोगों से संवाद स्थापित कर उनकी शंकाओं का समाधान किया गया तथा एड्स से जुड़े भ्रांतियों और सामाजिक कलंक को समाप्त करने की अपील की गई।

यह कार्यक्रम रिम्स कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग की प्रिंसिपल डॉ. सुधा देवी एम की अध्यक्षता में आयोजित किया गया।
आयोजन समिति में मिस बीना बारला, मिस ज्योति कुमारी, मिस नेहा दत्ता एवं मिस नीलम कुमारी सक्रिय रूप से सम्मिलित रहीं।

30/11/2025

आज दिनांक 30-11-2025 को दैनिक भास्कर में प्रकाशित समाचार “कोविड के समय हुई थी खरीदारी, कई कार्टन नेबुलाइजर मास्क, एचआईवी यूनिवर्सल प्रोटेक्शन किट हो गए बेकार... करोड़ों की एक्सेसरीज 5 साल तक कमरे में पड़ी हुई एक्सपायर” के संदर्भ में रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राज कुमार ने प्रकाशित समाचार का संज्ञान लेते हुए एक त्रि-सदस्यीय जांच समिति गठित किया है, जिसमें चिकित्सा अधीक्षक, अपर चिकित्सा अधीक्षक व चिकित्सा पदाधिकारी (सर्जिकल भण्डार) शामिल हैं।

जांच में पाया गया कि संबंधित समान कोविड-19 महामारी के दौरान मरीजों की जान बचाने के उद्देश्य से आपातकालीन स्थिति में क्रय किया गया था, जब देशभर में स्वास्थ्य सामग्री की भारी कमी थी तथा सभी संस्थान आवश्यक lifesaving equipment की खरीद कर रहे थे। इन सामग्रियों की औसत expiry अवधि 2 से 3 वर्ष होती है। इनमें से कुछ सामग्री जैसे HIV Universal Protection Kit की expiry हो चुकी है, जबकि Nebulizer Mask (Adult), T-Piece Connector और Guedel Airway जैसी वस्तुएं ऑक्सीजन थेरेपी हेतु उपयोगी हैं तथा इन्हें Sterilize कर पुनः उपयोग किया जाएगा।

खरीदारी से अब तक की अवधि में रिम्स में 4 निदेशक बदल चुके हैं तथा दवा एवं भंडार शाखा की जिम्मेदारी होती है कि expiry से 6 माह पूर्व संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएं, जो संभवतः अपेक्षित रूप से नहीं किया गया, परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है। निदेशक डॉ राज कुमार द्वारा जिम्मेदार पदाधिकारियों/कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई करने के निर्देश चिकित्सा अधीक्षक को दिए हैं।

निदेशक ने लगभग एक माह पूर्व देश के एक प्रमुख संस्थान में कोविड कालीन सामग्री की expiry होने संबंधी समाचार पढ़कर सभी भंडारों को निर्देशित किया था कि कोविड की अवधि की सामग्री की समीक्षा कर expiry stock को चिन्हित कर पृथक रखा जाए। इसी क्रम में उक्त स्थल पर CCTV Control Room निर्माण हेतु सामान को स्थानांतरित करने के दौरान लिफ्ट के समीप पत्रकार द्वारा बिना अनुमति जबरन फोटो लेकर इसे भ्रामक रूप में प्रस्तुत किया गया है। उक्त समाचार पत्र द्वारा पूर्व में भी रिम्स की छवि धूमिल करने हेतु भ्रामक खबर “ठंड में ठिठुर रहे मरीज…” प्रकाशित की गई थी, जबकि रिम्स में पर्याप्त चादर एवं कंबल उपलब्ध है।

रिम्स प्रबंधन आमजन को आश्वस्त करना चाहता है कि—सभी स्वास्थ्य सामग्री की उचित जांच, नियमन और उपयोग सुनिश्चित किया जा रहा है। भ्रामक और एकतरफा रिपोर्टिंग संस्थान की छवि को क्षति पहुँचाती है एवं जनहित में उचित नहीं है। रिम्स स्वच्छ एवं पारदर्शी चिकित्सा व्यवस्था के प्रति प्रतिबद्ध है।

राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS), रांची के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान (Regional Institute of Ophthalmology – ROI) के न...
26/11/2025

राजेन्द्र आयुर्विज्ञान संस्थान (RIMS), रांची के क्षेत्रीय नेत्र संस्थान (Regional Institute of Ophthalmology – ROI) के नए भवन में स्थापित नवीनतम 3 Tesla MRI मशीन का आज सफलतापूर्वक परीक्षण (Trial Run) सम्पन्न हुआ। परीक्षण के दौरान रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार ने स्वयं पूर्ण-शरीर (Full-Body) स्कैन कराया, जिससे मशीन की कार्यक्षमता, सटीकता एवं विश्वसनीयता का प्रत्यक्ष सत्यापन हुआ।

3 टेस्ला क्षमता वाली यह अत्याधुनिक MRI मशीन पारंपरिक MRI की तुलना में लगभग दोगुनी चुंबकीय तीव्रता प्रदान करती है, जिससे सिग्नल-टू-नॉइज़ अनुपात (SNR) में उल्लेखनीय सुधार होता है। इस उपकरण द्वारा 2D एवं 3D दोनों प्रकार के स्कैन उच्च इमेज गुणवत्ता और तेज़ गति के साथ किए जा सकते हैं।

यह 3T MRI प्रणाली अंगों, ऊतकों, स्नायु-तंत्र (neuro), जोड़ों (joints), मस्कुलो-स्केलेटल (musculoskeletal), हृदय (cardiac), abdominal/ pelvic, कैंसर तथा ट्यूमर इमेजिंग में विशेष रूप से उत्कृष्ट परिणाम प्रदान करती है।

मशीन में 3D स्कैनिंग, स्पेक्ट्रोस्कोपी, diffusion / functional imaging (fMRI), अंग-विश्लेषण, कैंसर स्टेजिंग जैसी उन्नत क्लिनिकल और रिसर्च सुविधाएँ उपलब्ध हैं। उच्च गति एवं उच्च रिज़ॉल्यूशन वाली इमेजिंग से न्यूरोलॉजिकल, मस्कुलो-स्केलेटल, हृदय, पेट एवं कैंसर संबंधी रोगों का त्वरित एवं सटीक निदान संभव होगा। छोटे घावों, सूक्ष्म संरचनाओं, ट्यूमर, लिगामेंट या मांसपेशियों में परिवर्तन की पहचान भी पहले से अधिक स्पष्ट होगी, जिससे चिकित्सकीय निर्णय एवं उपचार योजना और बेहतर हो सकेगी।

निदेशक ने आशा व्यक्त की है कि मशीन के सफल परीक्षण के पश्चात इसे लगभग एक सप्ताह के भीतर मरीजों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा, जिससे चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी।

26/11/2025

रिम्स अपर निदेशक (प्रशासन) डॉ वाघमारे प्रसाद कृष्णा ने निदेशक प्रो (डॉ) राजकुमार की उपस्थिति में अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।

जय हिंद।

झारखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री शशि प्रकाश झा एवं रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राज कुमार के कर कमलों द्वार...
20/11/2025

झारखंड राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक श्री शशि प्रकाश झा एवं रिम्स निदेशक प्रो (डॉ) राज कुमार के कर कमलों द्वारा आज परिसर में State Newborn Resource Centre का उद्घाटन किया गया। इस अवसर पर राज्य बाल स्वास्थ्य नोडल अधिकारी डॉ. एल.आर. पाठक, रिम्स नवजात एवं शिशु रोग विभागाध्यक्ष प्रो (डॉ) राजीव मिश्रा, UNICEF से डॉ. विनेश माथुस, शिशु रोग विभाग से डॉ पी के चौधरी, डॉ सुनंदा झा, डॉ परमानन्द कांशी, डॉ किरण व विभाग के अन्य सीनियर-जूनियर चिकित्सक व कर्मी उपस्थित थे।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए निदेशक ने कहा "उच्च नवजात शिशु और प्रारंभिक नवजात शिशु मृत्यु दर के मुद्दों को हल करने के लिए, नवजात देखभाल सेवाओं पर ज़ोर दिया जाना महत्वपूर्ण है। रिम्स स्थित यह केंद्र पूरे राज्य के लिए लाभकारी होगा।"

साथ ही निदेशक ने अपने संबोधन में निम्न महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला:

- उन्होंने कहा कि, "यह देखा गया है कि जब भी कोई रिम्स से संबंधित जनहित याचिका (PIL) दायर होती है, तो उस के संबंध में नकारात्मक एवं भ्रामक समाचार प्रकाशित किए जाते हैं। ऐसे समाचार जनता को भ्रमित करते हैं तथा संस्थान की छवि को अनावश्यक रूप से प्रभावित करते हैं।" इसके अलावा माननीय न्यायालय द्वारा ऐसे भ्रामक समाचारों का संज्ञान लिए जाने पर, संस्थान की ऊर्जा इन गलत जानकारियों के निराकरण में व्यय हो जाती है। इससे रिम्स अपने प्राथमिक दायित्व "जनता को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने" पर पूर्ण रूप से ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता।

निदेशक ने कहा, "रिम्स एक जटिल एवं बड़ी संस्था है। यहां सभी आवश्यक सावधानियाँ बरतने के बावजूद, कभी-कभी ऐसी परिस्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं जो संस्थान की उन्नति के प्रयासों को प्रभावित करती हैं। भ्रामक समाचार इस स्थिति को और चुनौतीपूर्ण बनाते हैं।"

गौरतलब है कि संस्थान सीमित संसाधनों के साथ निरंतर कार्य कर रहा है, और इन संसाधनों का एक महत्वपूर्ण भाग निराधार एवं नकारात्मक खबरों के संबंध में स्पष्टीकरण देने में व्यय होता है। इससे अधिकारियों की उत्पादकता, कार्यक्षमता तथा मनोबल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

डॉ राजकुमार ने बताया कि, रिम्स अब ऐसे कुछ समाचार माध्यमों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई प्रारम्भ करने की प्रक्रिया में है, जो लगातार गलत, भ्रामक एवं गैर-जिम्मेदाराना समाचार प्रकाशित कर रहे हैं।

"आज प्रकाशित एक समाचार में रिम्स में कंबलों की उपलब्धता को लेकर गलत दावा किया गया है, जो पूर्णतः असत्य एवं भ्रामक है। रिम्स में पर्याप्त कंबल उपलब्ध हैं। साथ ही परिसर में ब्लैंकेट बैंक संचालित है, जहाँ से मरीजों के परिजन ₹100 जमा कर कंबल प्राप्त कर सकते हैं, एवं कंबल लौटाने पर राशि वापस कर दी जाती है," निदेशक।

निदेशक रिम्स ने कहा कि संस्थान के प्रयासों को कमजोर करने वाली मनगढ़ंत रिपोर्टिंग न केवल संस्थान बल्कि स्वास्थ्य विभाग की प्रतिष्ठा पर प्रभाव भी डालती है और साथ ही जनस्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू संचालन में भी बाधा उत्पन्न करती है।

रिम्स प्रबंधन की ओर से मीडिया व संपादकों से निरंतर आग्रह किया गया है कि किसी भी समाचार के प्रकाशन से पूर्व तथ्यों का सत्यापन अवश्य करें।

भारतीय जीवन बीमा निगम की शाखा संख्या–2 में आज IEAJD (इंश्योरेंस इम्प्लॉइज़ एसोसिएशन), जमशेदपुर मंडल के रांची बेस एवं रिम...
14/11/2025

भारतीय जीवन बीमा निगम की शाखा संख्या–2 में आज
IEAJD (इंश्योरेंस इम्प्लॉइज़ एसोसिएशन), जमशेदपुर मंडल के रांची बेस एवं रिम्स ब्लड बैंक द्वारा रक्तदान शिविर का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंडल की ओर से श्रीमती क्षमा गांधी और वरिष्ठ शाखा प्रबंधक श्रीमती सुषमा तिर्की ने दीप प्रज्वलन कर किया।

उद्घाटन समारोह में उपस्थित प्रबंधकों ने अपने संबोधन में कहा कि रक्तदान सर्वोच्च मानव सेवा है। रक्तदान से न केवल जरूरतमंदों की जान बचती है, बल्कि यह दाता को भी शारीरिक एवं मानसिक रूप से लाभ देता है। उन्होंने बताया कि रक्त का कोई विकल्प उपलब्ध नहीं है और इसे कृत्रिम रूप से तैयार नहीं किया जा सकता, इसलिए स्वैच्छिक रक्तदान ही जीवन बचाने का एकमात्र माध्यम है। प्रबंधकों ने यह भी कहा कि समाज में सकारात्मक सोच रखने वाले और मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण लोग ही ऐसे सामाजिक एवं जनहितकारी कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।

शिविर में उत्साहपूर्वक भागीदारी करते हुए कुल 63 यूनिट रक्त संग्रहित किया गया, जो समाज की सेवा के प्रति सभी कर्मचारियों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

14/11/2025

झारखंड राज्य के 25वें स्थापना दिवस पर सभी झारखंडवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।

आइए, हम सभी मिलकर स्वस्थ झारखंड, समृद्ध झारखंड बनाने का संकल्प लें।

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Bajra-Bariatu Road
Ranchi
834009

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