Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi

Rajendra Institute of Medical Sciences, Ranchi RIMS Ranchi is the premier medical institute of Jharkhand.

रिम्स रांची में आज स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रिम्स के कर्मचारियों, चिकित्सकों एवं अधिकारियों...
07/11/2025

रिम्स रांची में आज स्वैच्छिक रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रिम्स के कर्मचारियों, चिकित्सकों एवं अधिकारियों ने उत्साहपूर्वक रक्तदान कर समाज में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का संदेश दिया।

रक्तदान शिविर में रिम्स के चिकित्सा अधीक्षक सहित कई वरिष्ठ चिकित्सकों एवं कर्मचारियों ने रक्तदान किया। चिकित्सा अधीक्षक प्रो (डॉ) हिरेंद्र बिरुआ ने स्वयं रक्तदान करते हुए लोगों से अपील किया कि वे स्वेच्छा से रक्तदान के लिए आगे आएं। उन्होंने कहा कि “रक्तदान एक महान कार्य है, इससे किसी जरूरतमंद की जान बचाई जा सकती है। समाज के सभी वर्गों — सरकारी संस्थानों, NGOs, विद्यालयों, कॉलेजों, PSUs को इस दिशा में लोगों को प्रेरित करना चाहिए ताकि रक्त की कमी से किसी भी मरीज को परेशान न होना पड़े।”

रिम्स द्वारा नियमित रूप से इस प्रकार के शिविर आयोजित करता है ताकि रक्त की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके और अधिक से अधिक लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक किया जा सके। रक्तदान शिविर का संचालन रिम्स ब्लड बैंक के सहयोग से किया गया।

06/11/2025

सूचना

NextGen eHospital, NIC Delhi technical team द्वारा सूचित किया गया है कि आज दिनांक-06.11.2025 को समय अपराह्न 03:00 बजे से NextGen e-Hospital system upgrade करने हेतु अगले 12 घंटे तक NextGen e-Hospital system की सेवा अवरुद्ध रहेगी। NextGen e-Hospital system upgrade हो जाने के पश्चात् NextGen eHospital सेवा पूनः शुरू कर दी जाएगी।

05/11/2025

रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार ने ओपीडी के समय न्यूरोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ सुरेंद्र कुमार की अनुपस्थिति पर कड़ा रुख अपनाते हुए कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

ज्ञात हो कि डॉ राजकुमार न्यूरोसर्जरी ओपीडी में चिकित्सकीय परामर्श के लिए जा रहे थे, तब उन्हें न्यूरोलॉजी ओपीडी के बाहर बड़ी संख्या में मरीज इंतजार करते दिखे। जांच करने पर पाया गया कि डॉ. सुरेन्द्र समय पर ओपीडी में उपस्थित नहीं हुए थे। बाद में डॉ. सुरेन्द्र लगभग 12:30 बजे पहुंचे और निदेशक से बातचीत के दौरान असंवेदनशील एवं अनुचित व्यवहार प्रदर्शित करते हुए कहा कि “हम लोग मेहनत करते हैं और आप केवल परेशान कर रहे हैं, मैं बर्दाश्त नहीं करूंगा।”

निदेशक ने इस घटना को अत्यंत गंभीर माना है। उन्होंने इस अनियमितता को गंभीरता से लेते हुए डॉ. सुरेन्द्र को कारण बताओ नोटिस जारी करने एवं ड्यूटी समय में अनुपस्थित रहने पर कड़ी चेतावनी देने के निर्देश दिए हैं।

विदित हो कि पूर्व में भी डॉ. सुरेन्द्र के ओपीडी समय में अनुपस्थित रहने की शिकायतें प्राप्त हुई हैं। निदेशक ने कहा, "यह मामला मरीजहित से जुड़ा है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अतः प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि यदि संतोषजनक स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं होता है, तो विधिवत कार्यवाही की जाएगी।"

मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए निदेशक ने स्वयं न्यूरोलॉजी ओपीडी के मरीजों को परामर्श सेवा प्रदान किया। निदेशक ने इस से पूर्व भी डॉ सुरेंद्र की अनुपस्थिति में न्यूरोलॉजी ओपीडी में मरीजों को परामर्श दिया है।

रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार ने कैंपस में स्वच्छता की स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया है। सफाई एजेंसी के कर्मचारी को ...
05/11/2025

रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार ने कैंपस में स्वच्छता की स्थिति पर असंतोष व्यक्त किया है। सफाई एजेंसी के कर्मचारी को बार-बार निर्देश देने के बावजूद ठीक प्रकार से सफाई नहीं की जा रही है तथा उनके आवास में कई स्थानों पर पेड़ों की पत्तियाँ और कचरा इकट्ठा कर छोड़ दिया जा रहा है।

निदेशक ने स्वयं सुपरवाइज़र की सहायता से पेड़ों की पत्तियों का कचरा उठाया और स्वच्छता का संदेश दिया।
इसके अलावा कुछ कर्मचारी सुपरवाइज़र के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं और कार्य के प्रति उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। निदेशक ने ऐसी लापरवाही पर कड़ी नाराज़गी जताई और संबंधित कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के आदेश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि “रिम्स में समय पर उपस्थित होना, अपनी ड्यूटी का ईमानदारी से निर्वहन करना और परिसर को स्वच्छ रखना प्रत्येक कर्मचारी की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस दिशा में ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

उन्होंने कहा कि जब तक सभी कर्मचारी अपनी जिम्मेदारी ईमानदारी से नहीं निभाएँगे, तब तक स्वच्छ और स्वस्थ परिसर का लक्ष्य अधूरा रहेगा।

The Medical Education Unit (MEU) of Rajendra Institute of Medical Sciences (RIMS), Ranchi, successfully organized the 5t...
03/11/2025

The Medical Education Unit (MEU) of Rajendra Institute of Medical Sciences (RIMS), Ranchi, successfully organized the 5th Basic Course in Medical Education Workshop under the aegis of the National Medical Commission (NMC).

The three-day workshop aims to strengthen medical teaching by promoting learner-centered education in line with the principles of Competency-Based Medical Education (CBME).

The inaugural session was graced by Prof. (Dr.) Raj Kumar, Director & CEO, RIMS Ranchi; Prof. (Dr.) Shashi Bala Singh, Dean Academics; Prof. (Dr.) Sudhir Kumar, NMC Regional Centre, IGIMS Patna; Prof. (Dr.) Uma Shanker Prasad Kesri, MEU Coordinator; and Prof. (Dr.) Archana Kumari, Co-convener, MEU RIMS Ranchi.

Faculty members from RIMS Ranchi, Shaheed Nirmal Mahto Medical College, Dhanbad, and Phulo Jhano Medical College, Dumka actively participated in the workshop. The sessions emphasized innovative teaching-learning methods, assessment techniques, and strategies to improve the overall quality of medical education.

The program concluded with a vote of thanks, extending heartfelt appreciation to all dignitaries, faculty, and participants for their enthusiastic involvement and valuable contributions toward the success of the event.

आज प्रकाशित समाचार में रिम्स, रांची के ऑन्कोलॉजी विभाग से जुड़ी कुछ जानकारियाँ भ्रामक रूप में प्रस्तुत की गई हैं। वास्तव...
29/10/2025

आज प्रकाशित समाचार में रिम्स, रांची के ऑन्कोलॉजी विभाग से जुड़ी कुछ जानकारियाँ भ्रामक रूप में प्रस्तुत की गई हैं। वास्तविक स्थिति निम्नलिखित है –

# विभाग की सुविधाएँ एवं संरचना
• विभाग में सर्जिकल, रेडिएशन एवं कीमोथेरेपी – तीनों प्रकार की सेवाएँ दी जा रही हैं।
• रिम्स ऑन्कोलॉजी विभाग में वर्तमान में 54 इनडोर बेड तथा 8 डे-केयर बेड उपलब्ध हैं।
• इसके अतिरिक्त, आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत मरीजों को पेइंग वार्ड में बिस्तर उपलब्ध कराए जाते हैं।
• मरीजों की औसत प्रतीक्षा सूची लगभग 10-15 होती है, जिसके लिए प्रतीक्षा सूची बनाई जाती है और आमतौर पर उन्हें 3 से 4 दिनों के भीतर जगह मिल जाती है।

# मरीजों की जाँच व उपचार व्यवस्था
- सभी कैंसर रोगियों को सामान्य कीमोथेरेपी दवाएँ निःशुल्क प्रदान की जाती हैं।
- कैंसर सर्जरी के लिए सामान्य दवाएँ और उपभोग्य वस्तुएँ रिम्स में उपलब्ध हैं और सभी रोगियों को निःशुल्क प्रदान की जा रही हैं।
- मोनोक्लोनल एंटीबॉडी और इम्यूनोथेरेपी जैसी कुछ नई दवाएँ, जो आयुष्मान भारत के अंतर्गत नहीं आतीं, चुनिंदा मरीज़ों case to case के आधार पर मुफ़्त में दी जा रही हैं।
- पश्चिम बंगाल, बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे अन्य राज्यों से भी मरीज़ रिम्स आते हैं। बंगाल जैसे राज्यों के मरीज़ों को आयुष्मान भारत की सुविधा नहीं मिलती।
- कीमोथेरेपी से पहले होने वाली आवश्यक जाँचें रिम्स में की जाती हैं।
- PET Scan एवं Higher Molecular Antibodies / Immunohistochemistry की सुविधा रिम्स में वर्तमान में उपलब्ध नहीं है, परंतु शासी परिषद में PET Scan की सुविधा रिम्स में PPP मॉडल में शीघ्र प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है और इसकी प्रक्रिया प्रगतिशील है।

# मानव संसाधन व सेवाएँ
• विभाग में वर्तमान में 4 फैकल्टी सदस्य कार्यरत हैं, जिनमें 2 रेडिएशन ऑन्कोलॉजी एवं 2 सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विशेषज्ञ शामिल हैं। मेडिकल ऑन्कोलॉजी में नियुक्तियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया है।
• वार्षिक आंकड़े (2025 अब तक):
OPD मरीज: 10,959
IPD मरीज: 3900
मेजर ऑपरेशन: 627
माइनर ऑपरेशन: 1451
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत सर्जरी: 118

# भविष्य की पहलें
• इमरजेंसी ऑन्कोलॉजी सेवाएँ प्रारंभ करने की प्रक्रिया जारी है।
• अतिरिक्त पद सृजन एवं बिस्तरों की संख्या बढ़ाने हेतु कार्रवाई प्रगति पर है।
• पैथोलॉजिकल परीक्षण जैसे आईएचसी, म्यूटेशन विश्लेषण (पैथोलॉजी और जेनेटिक्स एवं जीनोमिक्स विभाग) प्रक्रियाधीन।

गौरतलब है कि समाचार प्रकाशन से पूर्व रिम्स का पक्ष इस संदर्भ में नहीं लिया गया है। रिम्स, रांची निरंतर यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है कि कैंसर मरीजों को उच्चस्तरीय, सुलभ और निःशुल्क उपचार उपलब्ध हो।

29/10/2025

दिनांक 29-10-2025 को रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार द्वारा प्रशासनिक ब्लॉक का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान दोपहर भोजनावकाश (post-lunch) के उपरांत कई कर्मी अपने कार्यस्थल पर अनुपस्थित पाए गए। निदेशक ने इस पर गंभीर असंतोष व्यक्त किया एवं उन सभी कर्मियों से लिखित स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। स्पष्टीकरण प्राप्त न होने अथवा असंतोषजनक पाए जाने की स्थिति में, उनके विरुद्ध आवश्यक प्रशासनिक कार्यवाही की जाएगी।

निदेशक ने कहा, "संस्थान में कार्य की निरंतरता एवं अनुशासन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।"

21/10/2025

रिम्स के बर्न यूनिट में सोमवार को पटाखों व आग से झुलसे मरीजों का उपचार किया गया। त्योहारी रात को मरीज जलने की चोटों के साथ आपातकालीन विभाग में पहुंचे जिन्हें प्रथम उपचार पश्चात बर्न वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया।

सोमवार को कुल 234 मरीज आपातकालीन विभाग पहुंचे थे जिनमें से 6 गंभीर रूप से झुलसे मरीजों को बर्न वार्ड में भर्ती कर उपचार दिया गया वहीं अन्य 6 को मामूली चोटों का उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।

रिम्स प्रबंधन ने त्योहार से पहले ही बर्न यूनिट में अतिरिक्त स्टाफ और आवश्यक दवाओं की व्यवस्था की थी, जिससे मरीजों का समय पर इलाज सुनिश्चित किया जा सका।

रिम्स रांची के सर्जरी विभाग ने एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, झारखंड चैप्टर के सहयोग से आज “मिनिमली इनवेसिव थायरॉइड सर्ज...
16/10/2025

रिम्स रांची के सर्जरी विभाग ने एसोसिएशन ऑफ सर्जन्स ऑफ इंडिया, झारखंड चैप्टर के सहयोग से आज “मिनिमली इनवेसिव थायरॉइड सर्जरी” और “सेंटिनल लिम्फ नोड बायोप्सी” पर केंद्रित एक उच्च स्तरीय सर्जिकल कार्यशाला का सफल आयोजन किया।

कार्यक्रम में राज्यभर से 150 से अधिक सर्जनों और स्नातकोत्तर छात्रों ने भाग लिया। इस अवसर पर प्रतिभागियों को नवीनतम सर्जिकल तकनीकों और उन्नत प्रथाओं से परिचित कराया गया।

इस कार्यशाला का मुख्य आकर्षण रहा जबलपुर के प्रसिद्ध मिनिमली इनवेसिव एवं एंडोक्राइन सर्जन
डॉ. संजय कुमार यादव द्वारा किया गया Live Surgical Demonstration। उन्होंने थायरॉइड सर्जरी में अत्याधुनिक तकनीकों के माध्यम से रोगी परिणामों में सुधार लाने के तरीकों पर विस्तृत चर्चा की।

रिम्स सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ. डी. के. सिन्हा ने कहा, “इस कार्यशाला का उद्देश्य हमारे युवा सर्जनों को अत्याधुनिक सर्जिकल तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव दिलाना था। डॉ. यादव द्वारा साझा की गई विशेषज्ञता और प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी ने इसे एक शानदार सफलता बनाया है। यह पहल झारखंड में सर्जिकल शिक्षा और रोगी देखभाल को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगी।”

कार्यक्रम में चिकित्सा जगत के कई विशिष्ट अतिथि उपस्थि थे। झारखंड एएसआई के पूर्व अध्यक्ष डॉ. आर. पी. श्रीवास्तव, झारखंड एएसआई अध्यक्ष डॉ. संदीप कुमार अग्रवाल, सचिव डॉ. राजेश कुमार सिंह तथा कार्यकारी समिति के सदस्य डॉ. विजय कुमार और डॉ. आजाद शामिल थे। इसके अलावा डॉ. वी के जैन, डॉ. जे प्रसाद, डॉ. एन के झा, डॉ. आर जी. बाखला, डॉ. शीतल मलुआ, डॉ. गीता,डॉ. एस एन मुखर्जी सहित कई वरिष्ठ सर्जन उपस्थित रहे।

16/10/2025

रिम्स निदेशक प्रो. (डॉ.) राज कुमार को यह जानकारी प्राप्त हुई है कि संस्थान में कार्यरत अनुबंध/दैनिक मजदूरी पर नियुक्त कर्मियों की अवधि विस्तार ससमय नहीं हो पा रही है, जिसके कारण उनका मानदेय/ पारिश्रमिक लंबित हो जा रहा है। साथ ही यह भी देखा गया है कि अवधि विस्तार नहीं होने के बावजूद संबंधित कर्मियों से संस्थान में कार्य लिया जा रहा है जो Natural Justice के सिद्धांतों के प्रतिकूल है।

अतः निदेशक ने सभी नियंत्री एवं प्रशासनिक पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि सभी अपने स्तर से ऐसी सभी संचिकाओं का निष्पादन निर्धारित समय सीमा के भीतर सुनिश्चित करें, ताकि किसी भी कार्यरत कर्मचारी का वेतन लंबित न रहे।

उन्होंने कहा है, "यदि भविष्य में किसी कर्मचारी का मानदेय/ वेतन केवल समय पर अवधि विस्तार नहीं होने के कारण लंबित पाया जाता है, तो उत्तरदायी पदाधिकारी के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।"

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रांची के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग द्वारा 16 अक्टूबर 2025 को विश्व एनेस्थीसिया दिवस बड़े उत्स...
16/10/2025

राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान, रांची के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग द्वारा 16 अक्टूबर 2025 को विश्व एनेस्थीसिया दिवस बड़े उत्साह और जागरूकता के साथ मनाया गया। इस अवसर पर विभाग ने आम नागरिकों के लिए कार्डियो पल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) प्रशिक्षण का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य लोगों को जीवन रक्षक तकनीकों के प्रति जागरूक करना और उन्हें आपातकालीन परिस्थितियों में तुरंत प्रतिक्रिया देने के लिए सशक्त बनाना है।

यह पहल विभाग द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य एवं आपातकालीन तैयारियों के प्रति अपनी निरंतर प्रतिबद्धता के तहत हर वर्ष आयोजित की जाती है। इस वर्ष का समारोह राष्ट्रीय सीपीआर सप्ताह (13 से 20 अक्टूबर 2025) के अंतर्गत आयोजित किया गया, जिसे भारत सरकार, झारखंड सरकार एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा पूरे देश में मनाया जा रहा है।

इस अवसर पर एनेस्थिसियोलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) शिव प्रिये ने कहा, “सीपीआर एक जीवन रक्षक प्रक्रिया है जिसे सभी को सीखना चाहिए और दूसरों को भी सिखाना चाहिए। समय पर छाती को दबाना और श्वास देना, चिकित्सा सहायता आने तक रक्त संचार बनाए रखने में मदद करता है, जिससे व्यक्ति के बचने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।”

कार्यक्रम के अंतर्गत एक सीएमई (CME) का भी आयोजन किया गया, जिसमें एनेस्थिसियोलॉजिस्ट, स्नातकोत्तर छात्र एवं अन्य चिकित्सकों ने भाग लिया। यह कार्यक्रम प्रतिभागियों के लिए अत्यंत उपयोगी एवं ज्ञानवर्धक सिद्ध हुआ।कार्यक्रम का संचालन एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के शिक्षकों, रेजिडेंट डॉक्टरों एवं नर्सिंग स्टाफ द्वारा किया गया।

08/10/2025

आज के एक दैनिक समाचार पत्र में “रिम्स में लगे 890 फायर एक्सटिंग्विशर में 563 किसी काम के नहीं, 327 ही दुरुस्त” शीर्षक से प्रकाशित समाचार भ्रामक एवं आंशिक रूप से असत्य है।

संस्थान में लगाए गए फायर एक्सटिंग्विशर का संचालन कर रही वाह्यश्रोतीय एजेंसी मेसर्स Valuespaces Pvt. Ltd. के अनुसार, उनके द्वारा कुल 866 फायर एक्सटिंग्विशर लगाए गए हैं, जिनमें से 501 फायर एक्सटिंग्विशर का रिफिल कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा शेष फायर एक्सटिंग्विशरों का रिफिल कार्य प्रक्रिया में है।

इस संबंध में मेसर्स Valuespaces Pvt. Ltd. को संस्थान द्वारा पूर्व में कई बार पत्राचार किया गया है। एजेंसी को लीगल नोटिस भी भेजा गया है तथा बचे हुए कार्य को अतिशीघ्र पूर्ण करने एवं सभी उपकरणों का समय-समय पर रखरखाव सुनिश्चित करने हेतु निर्देशित किया गया है। साथ ही, एजेंसी को अपने कार्य में लापरवाही एवं निविदा शर्तों का अनुपालन नहीं करने के कारण ब्लैकलिस्ट करने की चेतावनी भी दी गई है।

इसके अतिरिक्त, संस्थान में अग्निशमन सुरक्षा कार्यों को सुदृढ़ करने हेतु नई निविदा (Tender) अपलोड की जा चुकी है एवं संस्थान में फायर सेफ्टी ऑफिसर एवं फायर सुरक्षा से संबंधित तकनीकी कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी प्रगति पर है।

संस्थान अपने सभी कर्मचारियों, मरीजों एवं आगंतुकों की सुरक्षा के प्रति पूर्णतः प्रतिबद्ध है तथा किसी भी प्रकार की लापरवाही को स्वीकार नहीं किया जाएगा।

Address

Bajra-Bariatu Road
Ranchi
834009

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