Child and Adolascent Mental Health

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बच्चों की स्क्रीन टाइम को कैसे करे नियंत्रित ✓ किताबें पढ़ने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करें ✓ खाना खाते समय स्क्रीन क...
22/12/2023

बच्चों की स्क्रीन टाइम को कैसे करे नियंत्रित
✓ किताबें पढ़ने के लिए बच्चों को प्रोत्साहित करें
✓ खाना खाते समय स्क्रीन का इस्तेमाल न करने दे
✓ सोने से पहले स्क्रीन का इस्तेमाल न करने दे
✓ फोन इस्तेमाल करने की है स्पष्ट समय सीमा निर्धारित करें
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अगर आपको काफी समय से सिरदर्द है या माइग्रेन से परेशान है तो इस सहने की आवश्यकता नहीं है इसका इलाज संभव हैं।अधिक जानकारी ...
20/12/2023

अगर आपको काफी समय से सिरदर्द है या माइग्रेन से परेशान है तो इस सहने की आवश्यकता नहीं है इसका इलाज संभव हैं।
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03/12/2022

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस उन लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गँवा दी थी। उ...
02/12/2022

राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस उन लोगों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने भोपाल गैस त्रासदी में अपनी जान गँवा दी थी। उन मृतकों को सम्मान देने और याद करने के लिये भारत में हर वर्ष 2 दिसंबर को मनाया जाता है। भोपाल गैस त्रासदी वर्ष 1984 में 2 और 3 दिसंबर की रात में शहर में स्थित यूनियन कार्बाइड के रासायनिक संयंत्र से जहरीला रसायन जिसे मिथाइल आइसोसाइनेट (एमआईसी) के रूप में जाना जाता है के साथ-साथ अन्य रसायनों के रिसाव के कारण हुई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, 500,000 से अधिक लोगों की (जो 2259 के आसपास तुरंत मर गये) एमआईसी की जहरीली गैस के रिसाव के कारण मृत्यु हो गयी। बाद में, मध्य प्रदेश सरकार द्वारा ये घोषित किया गया कि गैस त्रासदी से संबंधित लगभग 3,787 लोगों की मृत्यु हुई थी। अगले 72 घंटों में लगभग 8,000-10,000 के आसपास लोगों की मौत हुई, वहीं बाद में गैस त्रासदी से संबंधित बीमारियों के कारण लगभग 25000 लोगों की मौत हो गयी। ये पूरे विश्व में इतिहास की सबसे बड़ी औद्योगिक प्रदूषण आपदा के रुप में जाना गया जिसके लिये भविष्य में इस प्रकार की आपदा से दूर रहने के लिए गंभीर निवारक उपायों की आवश्यकता है। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस 2022 में 2 दिसंबर, शुक्रवार को मनाया जायेगा।राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस क्यों मनाया जाता है
हर साल राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस मनाने के प्रमुख कारकों में से एक औद्योगिक आपदा के प्रबंधन और नियंत्रण के साथ ही पानी, हवा और मिट्टी के प्रदूषण (औद्योगिक प्रक्रियाओं या मैनुअल लापरवाही के कारण उत्पन्न) की रोकथाम है। सरकार द्वारा पूरी दुनिया में प्रदूषण को गंभीरता से नियंत्रित करने और रोकने के लिए बहुत से कानूनों की घोषणा की गयी। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण दिवस हर साल 2 दिसंबर को प्रदूषण नियंत्रण अधिनियमों की आवश्यकता की ओर बहुत अधिक ध्यान देने के लिये लोगों को और सबसे अधिक उद्योगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है।

बढ़ता प्रदूषण हम सबको कई तरीके से बीमार बना रहा है। इसका असर न केवल हमारे शारीरिक, बल्कि *मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य पर भी पड़ रहा है।* ऐसे में ओन्‍लीमाय हेल्‍थ के माय राइट टू ब्रीद कैंपेन में आज हम आपको वायु प्रदूषण का हमारी मेंटल हेल्‍थ पर असर के बारे में विस्‍तार से बताएंगे। जी हां, वायु प्रदूषण न केवल आपको शारीरिक रूप से बीमार बना रहा है, बल्कि यह आपको मानसिक रूप से भी कमजोर बना रहा है। खासकर यदि आप दिल्‍ली या मुम्‍बई जैसी जगहों पर रह रहे हैं, तो यहां की जहरीली हवा आपके फेफड़ों पर बुरा असर डालने के साथ आपके स्‍ट्रेस और डिप्रेशन लेवल को भी बढ़ा सकती है!
*मेंटल हेल्‍थ को कैसे प्रभावित करता है वायु प्रदूषण?*
*डॉ. अजय वशिष्ठ बताते हैं,* वायु प्रदूषण आपकी फिजिकल हेल्‍थ के साथ आपकी मेंटल हेल्‍थ को भी प्रभावित करता है। ऐसा इसलिए क्‍योंकि प्रदूषण के कारण हवा में बहुत सारी गैसें होती हैं, जिसमें एक होता है पार्टिकुलेट मैटर (PM), जो कि सीधे हमारी मेंटल हेल्‍थ को प्रभावित करता है। यह पर्टिकुलर मेटर आपके फेफड़ों को प्रभावित करता है, जिससे कि आपकी फिजिकल हेल्‍थ प्रभावित होती है। आपकी फिजिकल हेल्‍थ सीधे-सीधें आपकी मेंटल हेल्‍थ से जुड़ी होती हैं।
डॉ अजय आगे कहते हैं, इसके अलावा वायु प्रदूषण या पार्टिकुलेट मैटर सीधे आपकी मेंटल हेल्‍थ को एक और तरीके से प्रभावित कर सकता है। जिसमें कि यह आपके सेंट्रल नर्वस सिस्‍टम में सूजन का कारण बनता है। जिसकी वजह से आपको *एंग्‍जायटी, स्‍ट्रेस, डिप्रेशन और बाइपोलर डिसऑर्डर* जैसी समस्‍याएं होने लगती हैं। इसके अलावा, जब आप लगातार वायु प्रदूषण या दूषित हवा में रह रहे हैं, तो यह क्रॉनिक स्‍ट्रेस का कारण बन जाता है। इससे आप ज्‍यादातर उदास रहने लगते हैं या आपका मूड लो रहता है।
तनाव के साथ-साथ सोचने की क्षमता भी होती है प्रभावित
आगे डॉ. अजय वशिष्ठ आगे बताते हैं कि वायु प्रदूषण स्‍ट्रेस के साथ-साथ आपकी सोचने-समझने या निर्णय लेने की क्षमता को भी प्रभावित करता है। इससे आपको ध्‍यान केंद्रित करने में भी कठिनाई पैदा होने लगती है। इतना ही नहीं कुछ रिसर्च भी बताती हैं कि वायु प्रदूषण का बढ़ता स्‍तर डिप्रेशन और स्‍ट्रेस लेवल को बढ़ाने के लिए जिम्‍मेदार हो सकता है। जिसकी वजह से व्‍यक्ति के न्यूरो-डेवलपमेंट और संज्ञानात्मक बुद्धि को भी नुकसान पहुंच सकता है।

बढ़ते प्रदूषण में कैसे रखें खुद को सुरक्षित?
यहां *डॉ. अजय वशिष्ठ* ने बढ़ते वायु प्रदूषण के बीच खुद को सुरक्षित व स्‍वस्‍थ रहने के लिए कुछ टिप्‍स दिए हैं:

ऐसे समय, जब कि पॉल्‍यूशन लेवल कम होता है, आप उस दौरान मेडिटेशन कर सकते हैं। इसके लिए सुबह का समय एकदम सही है। आप योगासन करें और प्रकृति से जुड़ाव वाली एक्टिविटीज करें।
इम्‍युनिटी बूस्‍टर ड्रिंक्‍स पिएं और हेल्दी खाना खाएं। कोशिश करें कि ऑर्गेनिक फूड्स खाएं।
अपनी नींद पर विशेष ध्‍यान दें। आपकी नींद आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। जिसमें आप कम से कम 7 घंटे की नींद लें।
इसके अलावा, घर से बाहर निकलने पर आप फेस मास्‍क पहनें।

इस तरह आप कुछ स्‍वस्‍थ आदतों और खानपान के साथ खुद को वायु प्रदूषण से सुर‍क्षित रख सकते हैं। डॉ. कोमलप्रीत कहती हैं, अगर आप मेंटली स्‍ट्रांग होंगे, तो आपको फिजिकली हेल्‍दी रह सकते हैं। क्‍योंकि जब आप मानसिक रूप से मजबूत होते हैं, तो आपको शारीरिक बीमारी से लड़ने के लिए मजबूत बनाता है।

30/11/2022

05/10/2022

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Sikar

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