Sunil Kumar Sharma

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03/08/2025

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बाहरी बाधा से बचावकई बार आपने ऐसा देखा होगा कि निवास अथवा व्यवसाय में अचानक कुछ विचित्र प्रकार को घटनायें होने लगती हैं।...
24/07/2021

बाहरी बाधा से बचाव

कई बार आपने ऐसा देखा होगा कि निवास अथवा व्यवसाय में अचानक कुछ विचित्र प्रकार को घटनायें होने लगती हैं।उस स्थान पर प्रवेश करते ही मन में घुटन का अनुभव होने लगते है। अप्रतयास्ति रूप से हानि होने लगती है ।तो समझ जायें की आप किसी बाहरी बाधा से परेसान है। जब तक आप उससे मुक्ति प्राप्त नही करेगें तब तक समस्या से परेसान रहेंगे । यदि आपको लगता है कि आपको घर में ये घटनाये होती है अथवा आपको ऐसा लगता है कि घर पर कोई ऊपरी बाधा है। अथवा किसी ने कोई वंदिश करवा दी है तो आप इस उपाय के माध्यम से उपरोक्त सभी समस्या के लिए ये उपाये करे
(1) शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को अँधेरा होने पर अपने उस स्थान के सबसे निकट जो भी वृक्ष हो वहां जायें । अपने साथ दूध में थोड़ी सी शक्कर तीन मावे के लड्डू,थोड़ी सी साबूदाने की खीर,11बताशे व् थोड़ी दूध से बनी कोई भी अन्य मिठाई लेकर जायें।खीर बताशे तथा लड्डू को वृक्ष की जड़ पर अर्पित करें शक्कर मिले दूध को भी जड़ में अर्पित करें 11अगरवती भी लगाये ।यही क्रिया किसी मंदिर में लगे पीपल के वृक्ष पर भी करें।प्रथम बार से ही परिवर्तन अनुभव करेगे । यदि समस्या ज्यादा हे तो ये क्रिया 3-5-7 अथवा 11 सोमवार तक करे आप निश्चित वाधा से मुक्त होंगे
(2) होली की रात्रि में गाय के गोबर से दीपक बनायें। उसमें सरसों का तेल डालकर थोड़ा सा गुड़ व् काले तिल डालें फिर दीपक को मुख्य द्वार के मध्य रख दें और द्वार के मध्य 800ग्राम काली साबुत उड़द को फैला दें और द्वार के अंदर आकर दीपक को जला दे और द्वार बंद कर दें अगले दिन आप दीपक उठाकर द्वार के बाहर ही रखें और झाड़ू की मदद से उड़द समेट लें।और सारी सामग्री बहते जलमे बहा दें या किसी पीपल की जड़ में रख दें।और घर बापिश आकर हाथ मुँह धो लें शनिवार को ये क्रिया दोवारा करें तीन शनिवार लगातार करें।यदि आपको लगे वाधा बड़ी हे तो ये किरिया दोहरा दें । कार्य पूर्ण होने पर किसी पीपल के पेड़ पर मीठा जल चढ़ाएं और धुप दीप अर्पित करें इस उपाय से वाधा मुक्ति प्राप्त करेंगे
डा.अशोक. भाई गुरू जी
काल भैरों सिद्ध सिद्ध पीठ
सिरसा हरियाणा

कई बार आपने ऐसा देखा होगा कि निवास अथवा व्यवसाय में अचानक कुछ विचित्र प्रकार को घटनायें होने लगती हैं।उस स्थान पर प्रवेश करते ही मन में घुटन का अनुभव होने लगते है। अप्रतयास्ति रूप से हानि होने लगती है ।तो समझ जायें की आप किसी बाहरी बाधा से परेसान है। जब तक आप उससे मुक्ति प्राप्त नही करेगें तब तक समस्या से परेसान रहेंगे । यदि आपको लगता है कि आपको घर में ये घटनाये होती है अथवा आपको ऐसा लगता है कि घर पर कोई ऊपरी बाधा है। अथवा किसी ने कोई वंदिश करवा दी है तो आप इस उपाय के माध्यम से उपरोक्त सभी समस्या के लिए ये उपाये करे
(1) शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार को अँधेरा होने पर अपने उस स्थान के सबसे निकट जो भी वृक्ष हो वहां जायें । अपने साथ दूध में थोड़ी सी शक्कर तीन मावे के लड्डू,थोड़ी सी साबूदाने की खीर,11बताशे व् थोड़ी दूध से बनी कोई भी अन्य मिठाई लेकर जायें।खीर बताशे तथा लड्डू को वृक्ष की जड़ पर अर्पित करें शक्कर मिले दूध को भी जड़ में अर्पित करें 11अगरवती भी लगाये ।यही क्रिया किसी मंदिर में लगे पीपल के वृक्ष पर भी करें।प्रथम बार से ही परिवर्तन अनुभव करेगे । यदि समस्या ज्यादा हे तो ये क्रिया 3-5-7 अथवा 11 सोमवार तक करे आप निश्चित वाधा से मुक्त होंगे
(2) होली की रात्रि में गाय के गोबर से दीपक बनायें। उसमें सरसों का तेल डालकर थोड़ा सा गुड़ व् काले तिल डालें फिर दीपक को मुख्य द्वार के मध्य रख दें और द्वार के मध्य 800ग्राम काली साबुत उड़द को फैला दें और द्वार के अंदर आकर दीपक को जला दे और द्वार बंद कर दें अगले दिन आप दीपक उठाकर द्वार के बाहर ही रखें और झाड़ू की मदद से उड़द समेट लें।और सारी सामग्री बहते जलमे बहा दें या किसी पीपल की जड़ में रख दें।और घर बापिश आकर हाथ मुँह धो लें शनिवार को ये क्रिया दोवारा करें तीन शनिवार लगातार करें।यदि आपको लगे वाधा बड़ी हे तो ये किरिया दोहरा दें । कार्य पूर्ण होने पर किसी पीपल के पेड़ पर मीठा जल चढ़ाएं और धुप दीप अर्पित करें इस उपाय से वाधा मुक्ति प्राप्त करेंगे

Jai mata diजन्मकुंडली द्वारा जाने अपने जीवन में आने वाली परेशानियों के कारण और समाधानहमारे यहां आपको 200+पेज की कुण्डली ...
19/05/2021

Jai mata di
जन्मकुंडली द्वारा जाने अपने जीवन में आने वाली परेशानियों के कारण और समाधान
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प्रेम - विवाह योगकुंडली में प्रेम का घर पांचवा भाव होता है इस भाव के अनुसार ही व्यक्ति का विवाह अरेंज या प्रेम विवाह होत...
15/05/2021

प्रेम - विवाह योग
कुंडली में प्रेम का घर पांचवा भाव होता है इस भाव के अनुसार ही व्यक्ति का विवाह अरेंज या प्रेम विवाह होता है
व्यक्ति की जन्मकुंडली में कुछ योग बनते हैं जिसके अनुसार प्रेम विवाह होता है

1. अगर कुंडली में पंचम भाव मे बैठी राशि के स्वामी, सप्तम भाव मे हो तो प्रेम योग बनता है

2. अगर कुंडली में सप्तम भाव मे बैठी राशि के स्वामी, पंचम भाव मे हो तो प्रेम योग बनता है

3. अगर पंचम भाव मे बैठी राशि के स्वामी, और सप्तम भाव में बैठी राशि के स्वामी, एक दूसरे के राशि में स्थित हो तो प्रेम योग बनता है

4. अगर पंचम भाव में स्थित राशि के स्वामी, और सप्तम भाव में स्थित राशि के स्वामी एक दूसरे को पूर्ण दृष्टि से देखते हो तो प्रेम योग बनता है

5. अगर पंचम भाव मे बैठी हुई राशि के स्वामी, और सप्तम भाव में स्थित राशि के स्वामी, कुंडली में कहीं भी एक दूसरे के साथ बैठे हो तो प्रेम योग बनता है

प्रेम विवाह
उपर दिए हुए सूत्रों से हमे यह पता चलता है कि प्रेम प्रसंग होगा लेकिन क्या यह प्रेम प्रसंग, प्रेम विवाह मे तब्दील होगा,यह हमे नीचे दिए हुए सूत्रों से पता चलता है

1. अगर कुंडली मे प्रेम योग शुभता में हो या शुभ परभाव में स्थित हो (केंद्र में या त्रिकोण में) हो तो प्रेम विवाह होता है

2. लेकिन अगर कुंडली मे प्रेम योग अशुभता में हो,6,8,12 वे भाव मे हो तो प्रेम विवाह नहीं होता है

3. अगर प्रेम योग 6,8,12 वे भाव में होने के बावजूद शुभ ग्रह से दृष्ट हो तो मुश्किल से विवाह होता है

अपनी कुंडली प्रेम योग जानने के लिए संपर्क करे
पंडित पवन कुमार शास्त्री
7717447647

फीस मात्र
99/-

विवाह योगबहुत बार हमारे मन में ये प्रश्न आता है की हमारा विवाह कब होगाहर आदमी की कुंडली विवाह योग बनते हैलेकिन इसकी जानक...
13/05/2021

विवाह योग
बहुत बार हमारे मन में ये प्रश्न आता है की हमारा विवाह कब होगा
हर आदमी की कुंडली विवाह योग बनते है
लेकिन इसकी जानकारी नहीं होने के कारण बहुत से लोगअपने विवाह का सही समय व्यर्थ कर देते है
जिसकी वजह से असमय हुआ विवाह हमारे जीवन मे समस्याएं खड़ी कर देता है जैसे घर मे क्लेश, पति पत्नी मे अनबन, तलाक, तक नौबत आ जाती है

आज हम आपको बताते हैं कि व्यक्ति की कुंडली में विवाह योग कब कब बनते है

1. जन्मकुंडली मेजब सप्तमेश की महादशा मे शुक्र की अंतर्दशा चल रही हो तब विवाह योग बनते हैं

2. जन्मकुंडली मे सप्तम स्थान पर बैठे ग्रह, सप्तम स्थान पर पड़ने वाले शुभ ग्रह की दृष्टि, उसकी महादशा मे विवाह योग बनते हैं

3. यदि जन्मकुंडली में गुरु ग्रह गोचर से भ्रमण करते हुए, उनका संबध लग्न, तृतीय, पंचम , सप्तम, एकादश,भाव से हो तो विवाह योग बनते हैं
अधिक जानकारी हेतु आज ही कॉल या whatsup करे
पंडित पवन कुमार शास्त्री
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 #पवन कुमार शास्त्री    अक्सर लोगो को पता नहीं होता कि उन्हें किस व्यापार मै फायदा होगा या कोन सा व्यापार करने से उनकी आ...
13/05/2021

#पवन कुमार शास्त्री




अक्सर लोगो को पता नहीं होता कि उन्हें किस व्यापार मै फायदा होगा या कोन सा व्यापार करने से उनकी आजीविका चलेगी
या उन्हें व्यापार करना चाहिए या नौकरी
और इस का ज्ञान नहीं होने के कारण अक्सर व्यापार नुकसान झेलना पड़ता है
अब आपको चिंतित होने की जरूरत नहीं है
आज ही अपनी बर्थ डिटेल्स whatsup करे और जाने आपको नौकरी करनी चाहिए या व्यापार और कोन सी चीज का व्यापार करना चाहिए

पंडित पवन कुमार शास्त्री
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व्यापार का चुनाव कैसे करें

व्यापार का चुनाव करने के लिए आपको कर्मेश कुंडली में किस अवस्था में है और उस पर किन ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हैं, यह देखना जरूरी होता है #7717447647

यदि कर्मेश अच्छी अवस्था में ना हो तो आपको सप्तमेश के अनुसार व्यापार करना चाहिए

ग्रहों के अनुरूप कार्य
1. सूर्य ग्रह- सूर्य ग्रह से संबंधित कार्य, राज्य से संबंधित,सरकार, नेता, पिता का कार्य, लाल रंगो का व्यापार, औषधि, प्लाईवुड, लकड़ी, शहद का व्यापार होता है

2. चंद्र ग्रह- चंद्र ग्रह से संबंधित, तरल पदार्थ, जल तत्व से संबंधित, मिनरल वॉटर, चावल, दूध का व्यापार कर सकते है

3. मंगल ग्रह- मंगल ग्रह से संबंधित कार्य, लाल पदार्थ, इलेक्ट्रिक कार्य, सर्जरी से संबंधित, दलाली, प्रॉपर्टी डीलर, इट भट्ठा, विवाह में कैटरिंग का कार्य कर सकते है

4. बुध ग्रह- वाणी का व्यापार , ज्ञान देने का, हरा पदार्थ, शेयर बाजार का कार्य कर सकते हैं

5. गुरु ग्रह- शिक्षा का व्यापार, वकालत, ज्योतिष, किताब स्टेशनरी का व्यापार, पांडित्य, कोचिंग सेंटर का कार्य कर सकते हैं

6. शुक्र ग्रह- ऐश्वर्य से संबंधित चीजों का व्यापार, रेस्टुरेंट, सैलॉन, सित्रियो के प्रसाधन से संबंधित, चांदी, चावल, पेट एनिमल, फैंसी ज्वेलरी का व्यापार कर सकते हैं

7. शनि ग्रह- कोयला उन, चमड़े का व्यापार,नौकरी, रबर का व्यापार, कर सकते हैं

अगर बुध ग्रह पंचम भाव में या कुंडली में पंचमेश पीड़ित ना हो तो शेयर बाजार में खूब फायदा होता है
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पंडित पवन कुमार शास्त्री
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10/05/2021



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