Rajyog

Rajyog God Says: “The world cycle is at its end. Now I have come to take you all children back to our sweet home. Just yourself. You are only responsible for yourself.

For that become pure.Remove the 5 vices (lust, anger, greed, ego, attachment).Now awaken your original virtues of purity, love, bliss and knowledge. Imagine yourself as a capable, empowered, successful and happy soul. Imagine being aware of each thought and reaction that comes to mind - and then ruling it. Within a nanosecond, you claim the power to act on the idea or ditch it. Consider the negative traits in your personality that you wish would not play out: the thoughts of self-doubt, sabotage, low self-regard, guilt, worry etc. At your will, they will never again be spoken by you or affect your relationships at home, at work or on the sports field. Some might baulk at being so ‘in control' of themselves. But if you really ‘get' soul, you can ‘get in control' of yourself. Other people's lives and games are their own. Our mums and dads did what they did - sometimes well, sometimes not - but that time has passed, and you are now the independent soul, who can choose how to live. With Raja Yoga meditation you can throw off the old patterns of influence and recreate yourself to be how you want to be. That is the power of Raja Yoga. This ancient meditation practice harnesses your natural powers and trains your mind to be your friend. You are not your mind; you are not your body. You have a mind and you have a body. These ‘tools' sometimes work well and at other times may need calm and exercise to get back to a healthy path. We all make mistakes. We all waste resources. We waste our words, our energy and our time until we pause and think deeply about what matters in our life. When we hold on tight to our views, the mind shrinks and smothers any power to love. In that state, the soul can't breathe new energy into a situation - and everyone loses. But when we sit quietly, cancelling all mindsets, and allow ourselves to know the deep peace of the soul, miraculous changes can happen for the better. People will understand you clearly, new doors will open, friends will call and that stiff neck will relax! Raja Yoga teaches us to step back and observe life, take a calm breath, cool our reactions, and step forward in the way we choose - independent of others urging us to think or act as they wish. Raja Yoga sets you free. Raja Yoga releases the power to respond with love.

Om Shanti 💐🙏
02/12/2025

Om Shanti 💐🙏

29/11/2025
26/11/2025

Om Shanti 💐

The thoughts of the Brahma Kumaris have such an impact on everyone's subconscious, that is, comrades... The principle of world peace is the main thought, foundation and part of India.

Every sister here, first of all, creates herself through severe penance and sadhana/effort.

The world and the universe know you as those who strive for peace.

I have a personal attachment to this movement. Especially, the love of Janaki Dadi, the guidance of Rajayogini Dadi Hridaya Mohiniji, are part of the special memories of my life. I am very blessed.

Wherever I went in the world after I became the Prime Minister, be it an airport or a place where a program was being held, there was not a single occasion when the Brahma Kumaris did not meet me and convey their greetings.

It makes me feel that they are mine, and I can definitely feel your power.

I am a worshipper of power.

In the future, Shanti Shikar Academy for a Peaceful World - this organization will be an important center for effective efforts for world peace.

I congratulate all of you, all those associated with the Brahma Kumaris family in India and abroad, for this noble work.

I consider it a privilege to be with you as an audience. I am not here as a guest. I am yours.

I have seen this movement spread like a banyan tree.

I have always experienced that where words are few, services are many.

This is the clear manifestation of the spiritual form of the country of India.

You have given me the opportunity to be among you on this auspicious occasion, for which I am very grateful.

I have always felt that the dream you have come with is not just a dream, it is your Sankalpa. I have full faith that your pure Sankalpa will be fulfilled.

With this feeling, once again I congratulate you all for this Shanti shikar academy for a peaceful world, best wishes to you, thank you very much.
PM Modi 💐

Om Shanti.

20/11/2025

*कान्हा का ऐश्वर्ये दर्शन*

🪴🪴🪴

भगवान प्रतिदिन गोपियों के यहाँ माखन चुराने पधारते है। लेकिन आज भगवान का मन खेलने में नहीं है।

भगवान बोले की माखन तो बहुत खायो है और अंदर से पेट भी चिकनो हो गयो है।

जैसी सफाई मिट्टी से हो सकती है और किसी चीज से नहीं हो सकती। भगवान ने मिट्टी उठा कर मुँह में रख ली।

भगवान को मिट्टी खाते हुए श्रीदामा ने देख लिए और बोले की क्यों रे कनवा तूने मिट्टी खाई ? भगवान ने ना में गर्दन हिला दी...

श्रीदामा ने फिर पूछा तो भगवान ने फिर से ना में गर्दन हिला कर जवाब दिया।

श्रीदामा ने कहा की इसे आज मैया के पास ले चलो। पहले ये माखन चुरा के खाता था और अब मिट्टी भी खाने लगा है।

तो दो सखाओ ने भगवान के हस्त कमल पकडे और दो सखाओ ने चरण कमल पकडे। और डंडा डोली (झूला झुलाते हुए) करते हुए ले के माँ के पास गए। और मैया के पास जाकर बोले-

तेरे लाला ने माटी खाई.... यशोदा सुन माई ....

सुनत ही माटी को नाम ब्रजरानी दौड़ आई और पकड़ हरी को हाथ,

कैसे तूने माटी खाई ?

तो तुनक तुनक तुतलाय के... हूँ बोले श्याम... मैंने नाही माटी खाई नाहक लगायो नाम।

भगवान कहते है मैया मैंने माटी नहीं खाई ? ये सब सखा झूठ बोल रहे है।

माँ बोली, लाला एक संसार में तू ही सचधारी पैदा हुआ है बाकि सब झूठे है ? आज मैं तेरे को सीधो कर दूंगी।

तो माँ हाथ में एक लकड़ी लेकर आई और भगवान को डराने लगी।

जब भगवान ने माँ के हाथो में लकड़ी देखि तो झर-झर भगवान की आँखों से आंसू टपकने लगे।

राजा परीक्षित ने शुकदेव जी से पूछा- गुरुदेव, जिनकी एक भृकुटि टेढ़ी हो जाये तो काल भी डर जाता है।

लेकिन आज माँ के हाथ में लकड़ी देख कर भगवान की आँखों से आंसू आ रहे है। क्यों ?

ये नन्द और यशोदा कोन है ? जिनको भगवान ने इतना बड़ा अधिकार दे दिया ?

शुकदेव जी कहते है कि हे.. परीक्षित, पूर्व जन्म में ये द्रोण नाम के वसु थे और इनकी पत्नी का नाम था धरा । ये निःसंतान थे।

और इन्होने भगवान की तपस्या की। भगवान प्रकट हो गए और बोले की आप वर मांगिये।

तो इन्होने कहा भगवान, आप हमे ये वरदान दीजिये की हमे आपकी बाल लीला का दर्शन हो।

हमे इस जन्म में सब कुछ मिला लेकिन हमारे संतान नही हुई। तो हम आपकी बाल लीला देखना चाहते है।

भगवान बोले की, कृष्णावतार में आप मेरी बाल लीला का दर्शन करोगे।

ये द्रोण ही नन्द बाबा बने और उनकी पत्नी धरा ही यशोदा है। दोनों को भगवान अपनी बाल लीला का दर्शन करवा रहे है।

माँ पूछ रही है तेने माटी खाई ?

भगवान कहते है नही खाई मैया, मैंने माटी नाही खाई।

हाथ में लकड़ी ले के माँ डरा रही है। भगवान ने कहा यदि मैया तेरे को मो पर विश्वास नही है तो मेरा मुख देख ले।

साँच को आंच कहाँ तो छोटो सो मुखारविंद कृष्ण हूँ ने फाड़ दियो। भगवान ने अपना छोटा सा मुँह खोला।

और माँ मुँह में झांक-कर देखती है तो आज सारे ब्रह्माण्ड का दर्शन माँ को हो रहा है। केवल ब्रह्माण्ड ही नही गोकुल और नन्द भवन का दर्शन कर रही है।

ना ही गोकुल और नन्द भवन का दर्शन कर रही है। और नन्द भवन में कृष्णा और स्वयं का दर्शन भी माँ को हो रहा है।

अब माँ बोली की मेरे लाला के मुँह में अलाय-बलाय कहाँ से आ गई ? थर थर डर के माँ कांपने लगी।

भगवान समझ गए आज माँ ने मेरे ऐश्वर्ये का दर्शन कर लिया है कहीं ऐसा ना हो की माँ के अंदर से मेरे लिए प्रेम समाप्त ना हो जाये।

और मैं तो ब्रजवासियों के बीच प्रेम लीला करने आया हूँ। क्योंकि जहाँ ऐश्वर्ये है वहां प्रेम नही है।

ऐसा सोच कर भगवान मंद मंद मुस्कराने लगे। भागवत में भगवान की हंसी को माया कहा है।

भगवान ने माया का माँ पर प्रभाव डाला और जब थोड़ी देर में माँ ने आँखे खोली। तो भगवान अपनी माँ से पूछने लगे मैया तेने हमारे मुख में माटी देखि ?

माँ बोली की सब जग झूठो केवल मेरो लाला सांचो।

भगवान की मुस्कराहट से *माँ सब कुछ भूल गई। इस प्रकार से प्रभु ने ढमृतिका भक्षण लीला की है।*

*ओम शांति*

🪴🪴🪴

12/11/2025

*🇲🇰Selected Murli Points 🇲🇰*
12-11-2025 प्रात:मुरली

👉👉
*तुम ड्रामा के खेल को जानते हो इसलिए शुक्रिया मानने की भी बात नहीं है''*

👉👉
*सर्विसएबुल बच्चों में आदत बिल्कुल नहीं होनी चाहिए.....मांगने की।*
*2*.... *तुम्हें बाप से आशीर्वाद या कृपा आदि मांगने की जरूरत नहीं है।*
*3*..... *तुम किसी से पैसा भी नहीं मांग सकते। मांगने से मरना भला*।
*4*.... तुम जानते हो ड्रामा अनुसार कल्प पहले जिन्होंने बीज बोया होगा वह बोयेंगे, जिनको अपना भविष्य पद ऊंच बनाना होगा वह जरूर सहयोगी बनेंगे।
*5*..... *तुम्हारा काम है सर्विस करना। तुम किसी से कुछ मांग नहीं सकते। भक्ति में मांगना होता, ज्ञान में नहीं।*

👉🧘‍♂️ ....... *सबसे बड़ी बात है कि तुम आस्तिक बन जाते हो, नहीं तो निधनके थे। यह ज्ञान तुम बच्चों को मिल रहा है। स्टूडेण्ट की बुद्धि में सदैव नॉलेज मंथन होती है। यह भी नॉलेज है ना*

👉🧘‍♂️🪷. *औरों को भी यथार्थ रीति समझायें, इस ईश्वरीय धन्धे में लग जाएं। हर एक के सरकमस्टांश अपने-अपने होते हैं। समझा भी वह सकेंगे जो याद की यात्रा में होंगे। याद से बल मिलता है ना। बाप है ही - जौहरदार तलवार*

👉🪷🧘‍♂️. *योगबल से विश्व की बादशाही पाते हो। योग से बल मिलता है, ज्ञान से नहीं। बच्चों को समझाया है - नॉलेज सोर्स ऑफ इनकम है। योग को बल कहा जाता है। रात-दिन का फ़र्क है। अब योग अच्छा या ज्ञान अच्छा? योग ही नामीग्रामी है। योग अर्थात् बाप की याद।*

👉🧘‍♂️🪷. *याद की यात्रा में रहने से शरीर की जैसे विस्मृति होती जाती। घण्टा भर भी ऐसे अशरीरी होकर बैठो तो कितने पावन हो जाएं। मनुष्य रात को कोई 6, कोई 8 घण्टा नींद करते हैं तो अशरीरी हो जाते हैं ना। उस समय में कोई विकर्म नहीं होता है। आत्मा थक कर सो जाती है। ऐसे भी नहीं कोई पाप विनाश होते हैं। नहीं, वह है नींद*
........ *ऐसे भी नहीं सारा दिन नींद करनी है। नहीं, तुमको तो याद में रह पापों का विनाश करना है। जितना हो सके बाप को याद करना है। ऐसे भी नहीं बाप हमारे ऊपर रहम वा कृपा करते हैं। नहीं, यह उनका गायन है - रहमदिल बादशाह*

👉🪷🧘‍♂️ *बाप समझाते रहते हैं - मुरलियां मिलती रहती हैं। वह रेग्युलर पढ़नी है। मुरली पढ़ो तो तुम्हारी प्रेजेन्ट मार्क पड़े। नहीं तो अबसेन्ट पड़ जायेगी क्योंकि बाप कहते हैं तुमको गुह्य-गुह्य बातें सुनाता हूँ। तुम अगर मुरली मिस करेंगे तो वह प्वाइंट्स मिस हो जायेंगी।*

👉🧘‍♂️🪷🧘‍♂️. *बाप है गरीब निवाज़। गरीबों की ही बच्चियां मिलेंगी। साहूकारों को तो अपना नशा रहता है। कल्प पहले जो आये होंगे वही आयेंगे। फिकरात की कोई बात नहीं। शिवबाबा को कभी कोई फिकरात नहीं होती, दादा को होगी। इनको अपना भी फिकर है, हमको नम्बरवन पावन बनना है*

👉👉🧘‍♂️🪷. *चार्ट रखने से समझ में आता है, इनका पुरुषार्थ जास्ती है। बाप हमेशा समझाते रहते हैं डायरी रखो। बहुत बच्चे लिखते भी हैं, चार्ट लिखने से सुधार बहुत हुआ है। यह युक्ति बहुत अच्छी है, तो सबको करना चाहिए।*

👉👌🧘‍♂️🪷. *जिन्होंने कल्प पहले बीज बोया है, वर्सा पाया है वह आपेही करेंगे। तुम कोई काम के लिए मांगो नहीं। नहीं करेगा तो नहीं पायेगा।* ....... *मनुष्य दान-पुण्य करते हैं तो रिटर्न में मिलता है ना। राजा के घर वा साहूकार के पास जन्म होता है। जिनको करना होगा वह आपेही करेंगे, तुमको मांगना नहीं है।*

👉🧘‍♂️🪷. *बाबा कहते बच्चे चन्दाचीरा तुम इकट्ठा नहीं कर सकते।* यह तो संन्यासी लोग करते हैं*
....... *तुम पुरुषार्थ करो तो विजय माला में पिरोये जा सकते हो, भण्डारा भरपूर काल कंटक दूर है।* वहाँ कभी अकाले मृत्यु नहीं होती

👉🧘‍♂️🪷👌. *ऐसे मत समझना हम तो बाम्बे में रहने वाले हैं। बाम्बे भी स्वर्ग के आगे क्या है! कुछ भी नहीं। एक पत्थर भी नहीं। हम गांव के छोरे निधणके बन गये हैं अब फिर हम स्वर्ग के मालिक बन रहे हैं तो खुशी रहनी चाहिए*

💥💥. *रूहानी शक्ति को हर कर्म में यूज़ करने वाले युक्तियुक्त जीवनमुक्त भव*

💥💥. *सत्यता की विशेषता द्वारा खुशी और शक्ति की अनुभूति करते चलो।*🌹🇲🇰💖

11/11/2025

Today's Deep Learning
*Did you know our mind is very adept at creating false and imaginary stories?*
"Your mind is not a 'fact' machine, but a 'fictional and false story' machine—and this machine never stops."

This learning can be life-changing because it exposes us to the truth within our own minds. Let's understand its depth in a simple, clear, and inspiring way:

🧠 **The Depth of This Learning: 5 Key Points**
1. **The Mind's Basic Function: Creating Stories**
Our mind doesn't see reality as it is. It combines every event, experience, or thought with past memories, future fears, and incomplete facts to create a "story." This story is often imaginary, but it feels so real to us that we believe it.

2. **This Machine Never Stops**
This factory of the mind runs 24/7—not stopping for even a second.

- Right now it might be thinking: "This learning is useful" or "This is boring."
- Right now it might be making plans for tomorrow.
- Right now it might be reliving a past event.

Change the question: "Is my mind making up a story?" to "What story is it making up right now?"

3. **90% of worries: Just a figment of imagination**
Most of our worries are scary stories that begin with "What if..."—like horror movies, which never become reality. The mind specializes in these, and they contain no trace of truth, yet they still engulf us.

4. **Feelings are real, but the story is false**
This is the biggest deception: when the mind creates a negative story, the resulting emotions (fear, sadness, anger) are 100% real. The body also responds. We think, "If the feeling is real, then the story must be true too"—but no! The feelings are real, the story can be completely imaginary.

5. **You are not the story, you are the witness**
You are not the story your mind is telling you. You are simply the "listener" or "observer." The next time you hear a negative story, step back and say: "Oh, my mind is replaying its fantasy world!" This distance will give you freedom.

💎 **Today's Powerful Practice**
Whenever anxiety, sadness, or anger arise:

1. **Acknowledge the feeling:** "Yes, I am afraid."

2. **Catch the story:** Recognize the fantasy behind it.

3. **Ask this question:**
**"Do I have 100% concrete proof right now, this very moment, that this story is true?"**

99% of the time, the answer will be: "No, it's just thoughts!"

Repeat this practice, and see how your life becomes calmer and clearer.

11/11/2025

आज की गहरी सीख
*क्या आप जानते हो हमारा मन झूठी और काल्पनिक कहानी क्रिएट करने मे बहुत माहिर है*
"आपका मन एक 'तथ्य' बताने वाली मशीन नहीं, बल्कि एक 'काल्पनिक और झूठी कहानी' बनाने वाली मशीन है — और यह मशीन कभी बंद नहीं होती।"

यह सीख जीवन को बदल सकती है, क्योंकि यह हमें अपने मन की सच्चाई से रूबरू कराती है। आइए इसकी गहराई को सरल, स्पष्ट और प्रेरणादायक तरीके से समझें:

🧠 **इस सीख की गहराई: 5 महत्वपूर्ण बिंदु**
1. **मन का मूल काम: कहानियाँ गढ़ना**
हमारा मन वास्तविकता को ज्यों का त्यों नहीं देखता। यह हर घटना, अनुभव या विचार को अतीत की यादों, भविष्य के डर और अधूरे तथ्यों से जोड़कर एक "कहानी" बना लेता है। यह कहानी ज्यादातर काल्पनिक होती है, लेकिन हमें इतनी सच्ची लगती है कि हम उस पर विश्वास कर लेते हैं।

2. **यह मशीन कभी रुकती नहीं**
मन की यह फैक्ट्री 24/7 चलती रहती है — एक सेकंड भी बंद नहीं होती।
- अभी यह सोच रहा होगा: "यह सीख उपयोगी है" या "यह उबाऊ है"।
- अभी यह कल की योजनाएँ बुन रहा होगा।
- अभी यह अतीत की किसी घटना को दोहरा रहा होगा।
सवाल बदलें: "क्या मेरा मन कहानी बना रहा है?" से "अभी कौन सी कहानी बना रहा है?"

3. **90% चिंताएँ: महज कल्पना की उपज**
हमारी ज्यादातर चिंताएँ "क्या होगा अगर..." से शुरू होने वाली डरावनी कहानियाँ हैं — जैसे हॉरर फिल्में, जो कभी हकीकत नहीं बनतीं। मन इनमें विशेषज्ञ है, और इनमें सच्चाई का नामोनिशान नहीं होता, फिर भी वे हमें घेर लेती हैं।

4. **भावनाएँ सच्ची, लेकिन कहानी झूठी**
सबसे बड़ा धोखा यही है: जब मन कोई नकारात्मक कहानी रचता है, तो पैदा होने वाली भावनाएँ (डर, उदासी, गुस्सा) 100% वास्तविक होती हैं। शरीर भी प्रतिक्रिया देता है। हम सोचते हैं, "भावना सच्ची है, तो कहानी भी सच्ची होगी" — लेकिन नहीं! भावनाएँ असली हैं, कहानी पूरी तरह काल्पनिक हो सकती है।

5. **आप कहानी नहीं, साक्षी हैं**
आप वह कहानी नहीं हैं जो मन सुना रहा है। आप तो बस "सुनने वाले" या "देखने वाले" हैं। अगली बार नकारात्मक कहानी सुनें तो पीछे हटें और कहें: "ओह, मेरा मन अपनी काल्पनिक दुनिया फिर से चला रहा है!" यह दूरी आपको आजादी देगी।

💎 **आज का शक्तिशाली अभ्यास**
जब भी चिंता, उदासी या गुस्सा आए:
1. **भावना को स्वीकार करें:** "हाँ, मुझे डर लग रहा है।"
2. **कहानी को पकड़ें:** उसके पीछे छिपी कल्पना को पहचानें।
3. **यह सवाल पूछें:**
**"इस कहानी के सच होने का मेरे पास अभी, इसी पल, क्या 100% ठोस सबूत है?"**

99% बार जवाब होगा: "नहीं, सिर्फ विचार हैं!"
यह अभ्यास दोहराएँ, और देखें कैसे आपकी जिंदगी शांत और स्पष्ट हो जाती है।

Be the Driver not the Passenger in life :
05/11/2025

Be the Driver not the Passenger in life :

Are you truly in control of your life — or just going alo...

05/11/2025

८🗽🗼🗽🗼🗽🗼🗽🗼🗼

*आज का ➺ पुरुषार्थ*
*मुरली-भगवान से पाया सत्य ज्ञान*

🗓️ *05 नवंबर 2025* 🗓️

कितनी खुशी और नशे की बात है कि स्वयं भगवान परमधाम छोड़कर रोज हमे पढ़ाने आते हैं। हम सभी को जन्म जन्म से सत्य ज्ञान की तलाश थी। हम यहाँ वहाँ भटकते थे, शास्त्र ग्रंथ पढ़ते थे परंतु हमारी सत्य की पिपासा कभी तृप्त नहीं होती थी। बाबा ने आकर, सत्य ज्ञान देकर हमारी खोज़ समाप्त कर दी और वह रोज आकर हमे पढ़ाते हैं, कितना सुख देते हैं..! सामने बैठकर हमे स्मृत्तियाँ दिलाते हैं, हमारी बंद बुद्धि को खोलते हैं, हमे दिव्य बुद्धि प्रदान करते हैं, हमे स्वदर्शन चक्रधारी बनाते हैं और उसी मुरली में अनेक समस्याओं का हमे समाधान भी दे देते हैं। अगर मुरली को हम बहुत आनंद पूर्वक सुने तो यह मुरली का रस, मुरली का सुख जीवन को अनेक कष्टो से मुक्त कर देता है।

ध्यान दे, हम गोडली स्टुडंट हैं क्यों न हम इस स्टुडंट लाईफ़ को एंजोय करें..! पढें. लिखें, मनन-चिंतन करें, अपनी स्मृत्तियों में वो सब चीजे भरें तो बाबा यह मुरली हम सभी के लिए वरदान ले कर आया है।

सचमुच, मुरली रोज़ हम सभी के लिए वरदान है। जो लोग मुरली नहीं सुनते, जो लोग क्लास में नहीं जाते, जो अपने काम-धंधो में इतने व्यस्त हैं कि उन्हें भगवान के महावाक्य सुनने का भी समय नहीं मिलता, वो तो सोच लें... हम उनको क्या कहे..! यह अपने भाग्य को कम करने वाली बात है।

रोज़ भाग्य मिलता है हमे ईश्वरीय महावाक्यो से। यही वो मुरली है जिसकी तान पर सभी गोप-गोपियाँ सुधबुध भूल जाते थे और आज भी लाखों गोप गोपीयाँ हैं जो मुरली के बिना रह नहीं सकते..! तो हम क्लास में पहुँचें, मुरली सुने। जो किसी भी कारण से नहीं पहुँच सकते, बहुत ज्यादा परिस्थिति है वही केवल नेट पर या टीवी पर देखे सुने बाक़ी सभी को ध्यान देना चाहिए कि मुरली का आनंद क्लास में बैठकर ही आता है जब हम अपनी सुंदर स्थिति में बैठे और इस फीलिंग में बैठें कि बाबा हमे बहुत कुछ याद दिला रहा है क्योंकि हमे फुल पास होना है।

तो चारो ही सब्जेक्ट्स में हम फ़ुल बने। ज्ञान मनन से ज्ञान का बल प्राप्त करें। ज्ञान का चिंतन हमारे अंदर चलता रहे, ज्ञान की गंगा हमारी बुद्धि में बहती रहे। योग का बल, उससे सब परिचित हैं। धारणायें हम कुछ ऐसी चुन लें जिनके द्वारा हमे धारणा के सब्जेक्ट में संपूर्ण मार्क्स मिले और वह हैं संतुष्टता, सरलता, सहनशीलता, निरहंकारिता। यह सब बहुत सुंदर धारणायें हैं। प्युरिटी, शुभ भावनायें इन पर अगर हम ध्यान देंगे तो बाकी सब धारणायें स्वतः ही हमारे जीवन में आती रहेंगी। सेवा का फील्ड भी हमारे लिए बहुत ही सुंदर है। लेकिन जो निमित्त भाव से सेवा करते हैं, जो निरहंकारी होकर सेवा करते हैं, जो सेवाओ में मैं पन का अभाव रखते हैं, जो सेवा के फील्ड को टकराव का फील्ड नहीं बनने देते, सेवा उनके लिए वरदान बन जाती है।

तो इस तरह हम चारो सब्जेक्ट में फुल होने का लक्ष्य रख लें। लेकिन सभी का बीज है ज्ञान, ज्ञान की मुरली। इस पर हम विशेष ध्यान दें। तो आओ हम मुरली का रस स्वयं में भरते हुए ज्ञान के बल से स्वयं को संपन्न करे और आज सारा दिन याद रखें, "मैं गोडली स्टुडंट हूँ... वाह, क्या मेरी तकदीर... स्वयं भगवान मुझें पढ़ाने आते हैं. अपना धाम छोडकर मुझे दिव्य विवेक प्रदान करने आते हैं.....मुझे वरदानो से सजाने आते हैं" और फिर परमधाम में बाबा को देखे... "हे प्यारे बाबा.....आ जाओ..." और अनुभव करें बाबा नीचे उतर रहे हैं... सूक्ष्मलोक में ब्रह्मा तन में प्रवेश किया... फिर दोनो नीचे आ रहे हैं... और आ गये हमारे सम्मुख... सिर पर अपना वरदानी हाथ रख दिया..! इस तरह बार-बार बाबा का आह्वान करेंगे। हर घंटे में कम से कम एक बार अवश्य करेंगे और गोडली स्टुडंट लाईफ़ का नशा अवश्य रखेंगे।

*ओम शांति..*

*ɾҽցαɾժs*
🏛️ ᏴᎡᎪᎻᎷᎪ ᏦႮᎷᎪᎡᏆ 🏛️
⊰᯽⊱┈──╌❊╌──┈⊰᯽⊱

30/10/2025

Mera Bharath Mahan 💐🙏

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