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20/11/2025

अनेक बिमारियों की एक दवा हींग।
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* हींग अपच, पेट दर्द, जी मिचलाना, दांत दर्द, जुकाम, खांसी, सर्दी के कारण सिरदर्द, बिच्छू, बर्र आदि के जहरीले प्रभाव और जलन को कम करने में काम आती है। ये ऎसे गुण है जो शायद ही कुछ ही लोगों को पता होंगे।
* यदि कभी आपको अचानक से पेट दर्द होने लगे तब थोड़ी सी हींग को पानी में घोलकर हल्का सा गर्म करके नाभि तथा इसके आसपास लेप लगायें, ऐसा करने से पेट दर्द में तुरंत ही आराम मिल जायेगा। नाभि के आसपास गोलाई में इस पानी का लेप करने से पेट दर्द, पेट फूलना व पेट का भारीपन दूर हो जाता है।
* दांत दर्द की समस्या होने पर हींग में थोड़ा सा कपूर मिलाकर दर्द वाली जगह पर लगाने से दांत में दर्द होना बंद हो जाता है।
* कान में दर्द होने पर तिल के तेल में हींग को पकाकर उस तेल की बूंदों को कान में डालने से कान का दर्द समाप्त हो जाता है।
* पीलिया होने पर हींग को गूलर के सूखे फलों के साथ खाना चाहिए। पीलिया होने पर हींग को पानी में घिसकर आंखों पर लगाने से फायदा होता है।
* अपने रोज के खाने में दाल, कढ़ी और सब्जियों में हींग का प्रयोग करने से खाने को पचने में सहायता मिलती है।
* हींग की मदद से शरीर में ज्यादा इन्सुलिन बनता है और ब्लड शुगर का स्तर नीचे गिरता है। ब्लड शुगर के स्तर को घटाने के लिए हींग में पका कड़वा कद्दू खाना चाहिए।
* हींग में कोउमारिन होता है जो खून को पतला करने में मदद करता है और इसे जमने से रोकता है। हींग बढ़े हुए ट्राइग्लीसेराइड और कोलेस्ट्रोल को कम करता है और उच्च रक्तचाप को भी घटाता है।
* छाछ में या भोजन के साथ हींग का सेवन करने से अजीर्ण वायु, हैजा, पेट दर्द, आफरा में आराम मिलता है।
* हींग में वह शक्ति होती है जो कर्क (कैंसर) रोग को बढ़ावा देने वाले सेल को पनपने से रोकता है।
* अगर किसी खुले जख्म पर कीडे पड़ गए हों तो, उस जगह पर हींग का चूर्ण लगाने से कीड़े समाप्त हो जाते हैं।
* हींग के चूर्ण में थोडा सा नमक मिलाकर पानी के साथ लेने से लो ब्लड प्रेशर में आराम मिलता है।
* बच्चों के पेट में कीडे होने पर जरा सी हींग एक चम्मच पानी में घोलकर रूई के फाहे को उसमें डुबोकर बच्चे के पॉटी होल में रख दें इसके बाद जब बच्चा पॉटी करेगा तो सारे कीड़े मर कर पॉटी के साथ निकल जाएंगे। यदी बड़ो के पेट में भी कीड़े हो जाए तो ये उपाय वो भी अपना सकते हैं।
* यदि आपके शरीर के किसी जगह पर कांटा चुभ गया हो तो उस जगह पर हींग का घोल लगा दें , ऐसा करने से काँटा चुभने का दर्द भी कम होगा और कांटा अपने आप ही निकल जायेगा।
* भुनी हुई हींग को रूई के फाहे में लपेटकर दाढ़ पर रखने से राहत मिलती है। दांत में कीडा लगने पर भी इससे आराम मिलता है।
* हींग का धुआं सूंघने से हिचकियां बंद हो जाती हैं।
* एसिडिटी की समस्या होने पर थोड़ी सी हींग को गुड़ में मिलाकर गरम पानी के साथ खा लें, इससे गैस से होने वाले दर्द में आराम मिल जायेगा।
* पसलियों में दर्द होने पर हींग रामबाण की तरह से काम करता है। ऎसे में हींग को गरम पानी में घोलकर लेप लगाएं, सूखने पर प्रक्रिया दोहराएं। आराम मिलेगा।
* पेट में दर्द व ऐंठन होने पर अजवाइन और काले नमक नमक के साथ हींग का सेवन करने से दर्द में काफी फायदा मिल जाता है।
* प्रसव के उपरांत हींग का सेवन करने से गर्भाशय की शुद्धि होती है और उस महिला को पेट संबंधी कोई परेशानी नहीं होती है।

20/11/2025

प्रकृति ने हमें अनमोल औषधीय पौधों का खजाना दिया है, और उनमें से एक है #भूमी #आंवला — जिसे संस्कृत में भूम्यामलकी कहा जाता है। यह पौधा छोटा जरूर होता है, लेकिन इसके औषधीय गुण बहुत बड़े हैं। आयुर्वेद में भूमी आंवला को “लीवर टॉनिक” और “पथरी नाशक पौधा” कहा गया है। इसका उपयोग सदियों से लीवर की बीमारियों, किडनी स्टोन, पाचन विकार और मधुमेह जैसी समस्याओं के उपचार में किया जाता रहा है।

🌿 भूमी आंवला पौधे की पहचान :--

भूमी आंवला एक छोटा हरा-भरा पौधा है जो जमीन के पास फैलकर बढ़ता है। इसके पत्ते आंवला के पत्तों जैसे होते हैं और इसकी डंठल के नीचे छोटे-छोटे हरे फल लगते हैं, जो दानों के समान दिखते हैं। यही फल इसके औषधीय गुणों का प्रमुख स्रोत हैं। यह भारत के अधिकांश हिस्सों में, विशेष रूप से बरसात के मौसम में खेतों, बागानों और रास्तों के किनारे स्वाभाविक रूप से उग आता है।

🌱 भूमी आंवला के औषधीय फायदे :--

🔹 1. किडनी स्टोन में लाभकारी :
भूमी आंवला का सबसे बड़ा गुण यह है कि यह गुर्दे की पथरी को गलाने और मूत्रमार्ग से बाहर निकालने में मदद करता है। यह पेशाब की रुकावट, जलन और मूत्र संबंधी संक्रमणों को भी दूर करता है।

🔹 2. लीवर को मजबूत बनाए :
यह लीवर की कार्यक्षमता को बढ़ाता है और हेपेटाइटिस, फैटी लिवर व जॉन्डिस जैसी बीमारियों में अत्यंत लाभकारी है। यह लीवर को विषैले पदार्थों से मुक्त करके शरीर को डिटॉक्स करता है।

🔹 3. पाचन तंत्र को सुधारता है :
भूमी आंवला गैस, अपच, पेट दर्द और कब्ज जैसी समस्याओं में बहुत उपयोगी है। इसका नियमित सेवन पाचन शक्ति को मजबूत करता है और भोजन का सही अवशोषण सुनिश्चित करता है।

🔹 4. शरीर की गर्मी और त्वचा की समस्या में राहत :
यह शरीर की आंतरिक गर्मी को कम करता है, जिससे त्वचा पर निकलने वाले दाने, खुजली या एलर्जी जैसी समस्याएँ कम होती हैं।

🔹 5. ब्लड शुगर नियंत्रित रखता है :
इस पौधे में एंटी-डायबिटिक तत्व होते हैं जो रक्त शर्करा को नियंत्रित रखते हैं और इंसुलिन के स्तर को संतुलित करते हैं।

🔹 6. संक्रमण से बचाव :
भूमी आंवला में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं, जो शरीर को इंफेक्शन से बचाते हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं।

🔹 7. खून को साफ करने वाला :
यह रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालकर त्वचा को स्वस्थ बनाए रखता है।

🍵 भूमी आंवला का काढ़ा बनाने का तरीका :--

1️⃣ ताज़े पौधे से :
5–6 टहनियाँ (पत्ते और फल सहित) लें। उन्हें साफ पानी से धो लें, फिर 1 कप पानी उबालें और उसमें टहनियाँ डालें।लगभग 5–7 मिनट धीमी आँच पर पकाएँ। इसे छानकर गुनगुना पीएँ। स्वाद के लिए थोड़ा शहद या नींबू मिला सकते हैं।

2️⃣ सूखे पत्तों या पाउडर से :
1 कप पानी में 1 चम्मच सूखा भूमी आंवला पाउडर डालें,5 मिनट तक उबालें। इसे सुबह खाली पेट पीना सबसे ज्यादा लाभदायक होता है।

🌿 पत्तियों और फलों का उपयोग :--

■ पत्तियाँ :
रोज सुबह 4–5 ताज़ी पत्तियाँ चबाना लीवर और पाचन के लिए बहुत लाभदायक है।

■ फल :
छोटे हरे फलों का रस या पेस्ट बनाकर पीने से पेशाब की जलन, पथरी और मूत्र संक्रमण में राहत मिलती है।

■ सूखा पाउडर :
1 चम्मच सूखा पाउडर गुनगुने पानी के साथ रोज लेना शरीर को डिटॉक्स करता है और लीवर को मजबूत बनाता है।

⚠️ सावधानियाँ :--

● लगातार 15–20 दिन सेवन के बाद 5–7 दिन का ब्रेक लेना चाहिए।

● अधिक मात्रा में सेवन करने से शरीर में ठंडक अधिक बढ़ सकती है।

● गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएँ इसका सेवन डॉक्टर की सलाह से ही करें।

भूमी आंवला का नियमित सेवन न केवल शरीर को स्वस्थ रखता है बल्कि लीवर, किडनी और पाचन तंत्र को भी दुरुस्त करता है। यह पौधा वाकई प्रकृति की एक अनमोल देन है, जो बिना किसी साइड इफेक्ट के कई गंभीर बीमारियों से बचाव करता है। अगर जानकारी उपयोगी लगी हो तो पोस्ट को लाइक करें, शेयर करें और हमारे पेज को फॉलो जरूर करें
Dr. Virendra
Ashadhy rogi ke ilaj ke liye milye
9879235537

09/11/2025

राई एक बहुत ही उपयोगी बीज है, जिसे खाने और अन्य कामों में इस्तेमाल किया जाता है। यहाँ इसके कुछ मुख्य गुण दिए गए हैं:

🌱 स्वास्थ्य और पोषण संबंधी गुण
पोषक तत्वों से भरपूर: राई के बीज प्रोटीन, फाइबर, विटामिन (जैसे विटामिन K, A, C, और B कॉम्प्लेक्स) और मिनरल्स (जैसे सेलेनियम, मैग्नीशियम, कैल्शियम और फॉस्फोरस) का अच्छा स्रोत होते हैं।

पाचन में सहायक: इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाने और कब्ज से राहत दिलाने में मदद करता है।

एंटी-ऑक्सीडेंट: राई में कई एंटी-ऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर को फ्री रेडिकल्स (free radicals) से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद कर सकते हैं।

एंटी-इंफ्लेमेटरी (सूजन कम करने वाला): कुछ अध्ययनों के अनुसार, राई में ऐसे यौगिक होते हैं जो शरीर में सूजन (inflammation) को कम करने में सहायक हो सकते हैं।

हृदय स्वास्थ्य: इसमें मौजूद स्वस्थ वसा और फाइबर हृदय के लिए भी फायदेमंद हो सकते हैं।

औषधीय उपयोग: पारंपरिक रूप से, राई का लेप या सरसों के तेल की मालिश मांसपेशियों के दर्द और सर्दी-खांसी में आराम के लिए की जाती है।

21/09/2025

हल्दी के कई फायदे और उपयोग हैं, जो इसे रसोई और आयुर्वेदिक चिकित्सा दोनों में एक महत्वपूर्ण स्थान देते हैं। इसका मुख्य घटक करक्यूमिन है, जिसमें शक्तिशाली औषधीय गुण होते हैं।
Haldi ke Fayde | हल्दी के लाभ, नुकसान व ...
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Turmeric (Haldi): Benefits, Uses, Nutrition facts and Side ...

अगर रोजाना 30 दिन तक खाएंगे हल्दी ...
स्वास्थ्य लाभ
सूजन-रोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुण: हल्दी शरीर में सूजन को कम करने में मदद करती है और कोशिकाओं को नुकसान पहुँचाने वाले फ्री-रेडिकल्स से बचाती है।
रोग-प्रतिरोधक क्षमता: यह रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती है और संक्रमणों से लड़ने में मदद करती है।
पाचन में सुधार: हल्दी पाचन संबंधी समस्याओं को दूर करने और आंतों के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में सहायक है।
जोड़ों का दर्द: इसके सूजन-रोधी गुण गठिया और जोड़ों के दर्द में राहत दिलाते हैं।
हृदय स्वास्थ्य: हल्दी कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके हृदय रोगों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।
त्वचा के लिए: हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-सेप्टिक गुण होते हैं, जो घावों को ठीक करने और त्वचा को चमकदार बनाने में मदद करते हैं।
मस्तिष्क स्वास्थ्य: करक्यूमिन में न्यूरोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो मस्तिष्क के स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
हल्दी का उपयोग
खाना पकाने में: हल्दी का इस्तेमाल करी, सब्जी, दाल और अन्य व्यंजनों में रंग और स्वाद के लिए किया जाता है।
हल्दी वाला दूध: सर्दी-जुकाम, खांसी और शरीर के दर्द में राहत के लिए इसे गर्म दूध में मिलाकर पिया जाता है।
चाय के रूप में: हल्दी की चाय प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ाने और पाचन को बेहतर बनाने में सहायक होती है।
घावों पर: हल्के कट या चोट पर हल्दी का पेस्ट लगाने से संक्रमण से बचाव होता है।
सौंदर्य उपचार में: त्वचा में निखार लाने के लिए हल्दी का उपयोग फेस पैक और उबटन में किया जाता है।
धार्मिक कार्य: हिंदू धर्म में इसे बहुत शुभ माना जाता है और शादी-विवाह जैसे शुभ कार्यों में इसका इस्तेमाल होता है।
सावधानियां
खुराक: हल्दी का सेवन सीमित मात्रा में ही करना चाहिए, क्योंकि अत्यधिक मात्रा से पेट में जलन या एसिडिटी हो सकती है।
रक्त पतला करने वाली दवाएं: जो लोग रक्त पतला करने वाली दवाएं लेते हैं, उन्हें हल्दी का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए।
एलर्जी: कुछ लोगों को हल्दी से एलर्जी हो सकती है, जिससे त्वचा पर खुजली या लालिमा हो सकती है।

20/02/2025

(જેઠી મધ)નો ઉપયોગ ઔષધી તરીકે કરવામાં આવે છે. ખાસ કરીને શરદી-ખાંસી માટે તેનો વધુ ઉપયોગ થાય છે અને હાલની પરિસ્થિતિ પ્રમાણે શરદી-ખાંસી કફમાં ધ્યાન આપવું ખૂબ જ જરૂરી છે. જો રેગ્યુલર સવારે એક કપ નવશેકા પાણીમાં એક ચપટી મુલેઠીનો પાઉડર મિક્ષ કરીને પીવામાં આવે તો સ્વાસ્થ્યને બહુ જ ફાયદા મળી શકે છે. મુલેઠીમાં એન્ટીઓક્સીડેન્ટ્સ, એન્ટીબેક્ટેરિયલ, એન્ટીફંગલ અને એન્ટીવાયરલ ગુણ હોય છે. જે ઘણી હેલ્થ પ્રોબ્લેમ્સને દૂર કરવામાં મદદ કરે છે.

-મોંમા છાલા પડ્યાં હોય ત્યારે જેઠીમધમાં મધ લગાવીને ચુસવાથી રાહત મળે છે.
મુલેઠીમાં એન્ટીવાયરલ ગુણ હોય છે. જેથી તેને ખાસી અને ગળાની તકલીફમાં જેઠીમધ ચુસવાથી ફાયદો થાય છે.
આમાં એન્ટીઓક્સીડેન્ટ ગુણ હોય છે. જેથી તેનો ઉકાળો પીવાથી બોડીમાં રહેલાં ખરાબ બેક્ટેરિયા દૂર થાય છે.
-મુલેઠીને રોજ એક કપ પાણીમાં ઉકાળીને પીવાથી અથવા કટકો ચુસવાથી ડાઈજેશન સુધરે છે અને ભૂખ ન લાગવાની સમસ્યા પણ દૂર થાય છે.
-જો તમે ગળામાં ઈન્ફેક્શન હોય અથવા વારંવાર ગાળું ખરાબ થઈ જતું હોય તો મુલેઠીનું સેવન કરવાથી લાભ થાય છે. તેમાં રહેલી -એન્ટીબેક્ટેરિયલ પ્રોપર્ટી આસમસ્યાને દૂર કરવામાં મદદ કરે છે.
-મુલેઠીમાં રહેલાં તત્વ હાઈપર એસિડિટીને દૂર કરે છે. સાથે જ તે પેટના અલ્સરની સમસ્યાને પણ ઠીક કરવામાં મદદ કરે છે.

27/11/2024
26/11/2024

अमरूद से होने वाले फायदे
=-=-०=-=--=-=-
इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है अमरूद
इसमें संतरे के मुकाबले विटामिन-सी 4 गुना अधिक पाया जाता है। जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। जिससे आप कई तरह के संक्रमण और बीमारियों से बच सकते हैं। इसके अलावा, अमरूद आपकी आंखों को भी स्वस्थ रखता है।

डायबिटीज से बचाता है
इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है।

वजन कम करने में मददगार
अमरूद मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है। अमरूद खाने के बाद पेट भी भर जाता है और कैलोरी भी कम लेनी पड़ती है।

बवासीर में असरदार
सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है।
अमरूद से होने वाले फायदे
=-=-०=-=--=-=-
इम्यूनिटी बूस्टर के रूप में काम करता है अमरूद
इसमें संतरे के मुकाबले विटामिन-सी 4 गुना अधिक पाया जाता है। जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है। जिससे आप कई तरह के संक्रमण और बीमारियों से बच सकते हैं। इसके अलावा, अमरूद आपकी आंखों को भी स्वस्थ रखता है।

डायबिटीज से बचाता है
इसमें रिच फाइबर कंटेंट और लो ग्लायसेमिक इंडेक्स पाया जाता है। लो ग्लायसेमिक इंडेक्स अचानक शुगर लेवल बढ़ने से रोकता है।

वजन कम करने में मददगार
अमरूद मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है। अमरूद खाने के बाद पेट भी भर जाता है और कैलोरी भी कम लेनी पड़ती है।

बवासीर में असरदार
सुबह खाली पेट 200-300 ग्राम अमरूद का नियमित रूप से सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। पके अमरुद खाने से पेट का कब्ज खत्म होता है। इससे बवासीर में काफी फायदा पहुंचता है।
असाध्य रोगों के ईलाज के लिए , किसीभी ओप्रेशन करवाने के पहले जरूर मिलिये खुशी मिलेगी ।
फोन नं,,,,,, 9879235537

17/09/2024

नागर मोथा नाम की घास है। ज्यादातर खेतो के आसपास यू ही उग जाती है। यह खेतों में छोटी प्रजाति का होता हैं.....
नदी नालों में बड़ी प्रजाति का होता हैं.....
छोटी प्रजाति में ख़ुशबू ज़ायदा होती हैं और दवाओं में काम आता हैं..... इसका प्रयोग यज्ञ हवन में भी होता है।
इस घास के बीज खाने के लिए सुअर पूरा खेत खोद देते है.....जहां सूअर होते हैं हलांकि हर गांव में हैं नहीं ये...

आपने नागरमोथा का पौधा (nagarmotha plant) जरूर देखा होगा, लेकिन नागरमोथा के फायदे के बारे में नहीं जानते होंगे। यह एक प्रकार का खर-पतवार है जो धान की फसल के साथ होता है। आप नागरमोथा का उपयोग एक औषधि के रूप में कर सकते हैं और भूख बढ़ाने, पाचन विकार को ठीक करने के साथ-साथ अन्य कई रोगों में नागरमोथा के फायदे ले सकते हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, अधिक प्यास लगने की समस्या, बुखार और पेट में कीड़े होने पर नागरमोथा (nagarmotha) से लाभ मिलता है। इसका लेप लगाने से सूजन ठीक होती है। इतना ही नहीं यह स्तनपान कराने वाली महिलाओं के दूध को बढ़ाता है....

17/09/2024

अजीनोमोटो
सभी पेकेट में लगभग होता ही है
को हम इसके रासायनिक नाम मोनो सोडियम ग्लूटामेट के नाम से भी जानते है !
इसको संक्षिप्त में हम एमएसजी नाम से भी जानते है. ..
अजीनोमोटो की कंपनी का मुख्य कार्यालय चोओ,
टोक्यो में स्थित है !
• यह 26 देशों में काम करता है.
इसका इस्तेमाल ज्यादातर चीन की खाद्य पदार्थो में
खाने के स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जाता है. ..

👉 पहले हम अधिकांशतः घर पर बने खाने को खाते थे,
लेकिन अब लोग चिप्स, पिज्ज़ा और मैगी जैसे खाने को ज्यादा पसंद करने लगे हैं !
जिनमे अजीनोमोटो का इस्तेमाल होता है.
इसका इस्तेमाल कई डिब्बाबंद फ़ास्ट फ़ूड सोया सॉस, टोमेटो सॉस, संरक्षित मछली जैसे सभी संरक्षित खाद्य उत्पादों में किया जाता है.

👉अजीनोमोटो
को पहली बार 1909 में जापानी जैव रसायनज्ञ किकुनाए इकेडा के द्वारा खोजा गया था.
उन्होने इसके स्वाद को मामी के रूप में पहचाना जिसका अर्थ होता है

👉 सुखद स्वाद.
कई जापानी सूप में इसका इस्तेमाल होता है.
इसका स्वाद थोडा नमक के जैसा होता है. देखने में यह चमकीले छोटे क्रिस्टल के जैसा होता है.
इसमें प्राकृतिक रूप से एमिनो एसिड पाया जाता है. ..

• किन्तु
आज दुनिया के हर कुक खाने में स्वाद को बढ़ाने के लिए इसका इस्तेमाल करते है.
एमएसजी का इस्तेमाल सुरक्षित माना गया है,
इसका
इस्तेमाल पहले चीन की रसोई में होता था,
लेकिन अब ये धीरे धीरे हमारे भी घरों की रसोई में अपना पैठ बना चुका है.
अपने
समय को बचाने के लिए जो हम 2 मिनट में नुडल्स को तैयार कर ग्रहण करते है इस तरह के अधिकांशतः खाद्य पदार्थो में यह पाया जाता है जो धीरे धीरे हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते है. ..

👉 यह एक प्रकार से
नशे की लत जैसा होता है अगर आप एक बार अजीनोमोटो युक्त भोजन को ग्रहण कर लेते है,
तो आप उस भोजन को नियमित खाने की इच्छा रखने लगेंगे. ..
• इसके सेवन से शरीर में इन्सुलिन की मात्रा बढ़ जाती है. ..

• जब आप एमएसजी मिले पदार्थो का सेवन करते है, तो रक्त में ग्लूटामेट का स्तर बढ़ जाता है.

• जिस की वजह से इसका शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ता है.

👉 एमएसजी
को एक धीमा हत्यारा🔥 भी कहा जा सकता है !!

• यह
आँखों की रेटिना को नुकसान पहुंचाता है साथ ही यह थायराईड और कैंसर जैसे रोगों के लक्षण पैदा कर सकता है.

👉 अजीनोमोटो
से युक्त खाद्य पदार्थो का अगर नियमित सेवन किया जाये तो यह माइग्रेन पैदा कर सकता हे।

11/09/2024

चिरायता के लाभ –
चिरायता में स्वास्थ्यवर्धक और पोषक गुणों का खजाना है. यह स्वाद में जितना कड़वा होता है, गंभीर बीमारियों से उतना ज्यादा ही बचाव करता है. आइए चिरायता के इस्तेमाल से मिलने वाले फायदे जानते हैं.

मोटापा में लाभकारी –
तेजी से मोटापा घटाने के लिए चिरायता के सूखे पत्ते काफी फायदेमंद होते हैं. इनमें मौजूद फाइबर और जरूरी पोषण आपके अस्वस्थ खानपान की आशंका को कम करने में मदद करते हैं. वहीं, चिरायता का सेवन शरीर में बुरे कोलेस्ट्रॉल का स्तर भी घटाता है. इसके सेवन से मेटाबॉलिज्म तेज होता है, जिस कारण शरीर में फैट बर्निंग की प्रक्रिया तेज होती है. आप इसके लिए चिरायता के सूखे पौधे से तैयार काढ़ा पी सकते हैं.

शुगर के लिए अम्रत –
हाइपोग्लाइसेमिक होने के कारण चिरायता में ब्लड शुगर का स्तर घटाने वाले असाधारण गुण होते हैं. इसका सेवन करने से शरीर में इंसुलिन का उत्पादन करने वाली सेल्स की सक्रियता बढ़ जाती है. इस कारण शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम होने लगता है और मधुमेह से राहत मिल जाती है. मधुमेह रोगी चिरायता के सूखे पत्तों का काढ़ा पीकर डायबिटीज से राहत प्राप्त कर सकते हैं.

इम्युनिटी बूस्ट होती है
संक्रमण से लड़ने व बचाव के लिए चिरायता का सेवन काफी पुराने समय से किया जाता रहा है. इसमें मौजूद एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण काफी मजबूत होते हैं. यह सामान्य सर्दी-जुकाम से राहत देने में काफी कारगर साबित होता है. अगर आपके शरीर पर कोई जख्म हो गया है, तो चिरायता के इस्तेमाल से उसे भी जल्दी ठीक किया जा सकता है.

स्किन डिसऑर्डर का इलाज
जैसा कि हमने अभी जाना कि चिरायता में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीमाइक्रोबियल और एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, इसलिए यह हमारे खून को साफ करने में मदद करता है. यह खून से टॉक्सिन निकालकर विभिन्न स्किन डिसऑर्डर से राहत देता है. क्योंकि, अधिकतर स्किन डिसऑर्डर का कारण आपके खून में टॉक्सिन्स का होना होता है. जिस कारण आपको खुजली, रैशेज, सूजन, जलन आदि समस्याएं हो सकती हैं.

02/09/2024

आइए जानें
मानव शरीर के लिए कितना फायदेमंद है गुड़
-----------------------हो सकता है, कुछ लोगों को गुड़ खाना अच्छा नही लगता होगा, लेकिन गुड मानव शरीर के लिए बहुत फायदेमंद है,आज कल लोग चीनी का सेवन बहुत तेजी से कर रहे हैं
गुड में बड़ी मात्रा में पौष्टिक व पोषक तत्व पाए जाते हैं, इसमें लौह तत्व भरपूर मात्रा में होता है तथा विटामिन ' ए ' 'बी ' काम्प्लेक्स विटामिन ' सी ' फास्फोरस, केल्शियम, ग्लूकोज,, आयोडीन, पोरोटीन एवं थोड़ी मात्रा में वसा भी पाई जाती है इस लिए गुड़ चीनी का एक बेहतर विकल्प है ‌!
गुड़ में अनेक औषधीय गुण छिपे हैं यह पौष्टिक होने के साथ साथ अनेक रोगों में लाभदायक भी है!
9879235537
Asadhy Rog ki sarvar

26/02/2024

*🍔જન્ક ફૂડ ના 10 ગેરલાભ જેના વિષે તમે જાણતા નથી*

તો જન્કફૂડ શું છે? ' *જન્ક* ' શબ્દ નો અર્થ *નકામું* થાઈ છે. અને તે વાત તો ભાડા જ લોકો ને ખબર છે કે જન્ક ફૂડ ની અંદર ન્યુટ્રિશનલ લાભો કોઈ જ પ્રકાર ના હોતા નથી જેના કારણે તે આપણા સ્વાસ્થ્ય માટે અનહેલ્ધી છે.

1.મેમરી પ્રોબ્લેમ થઇ શકે છે

2.ભૂખ નિયંત્રિત કરવા ની ક્ષમતા ને ઘટાડે છે

3.ડિમેંટીયા નું જોખમ વધે છે

4.ડિપ્રેશન તરફ લઇ જય શકે છે

5.ઉત્સુક અને બેકાબૂ કાર્વિંગ્સ

6.ઇમ્પાયર્ડ પાચન

7.હૃદય રોગનું જોખમ વધે છે

8.કિડની ના રોગનું કારણ બની શકે છે

9.લીવર ડેમેજ પણ થઇ શકે છે

10.કેન્સર નું રિસ્ક વધારે છે
━──────

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