21/06/2025
"कौन है ऐसा?"
"कौन है ऐसा,
जो बचपन में
अपने पापा की थकी हुई कमर पर
छोटे-छोटे हाथों से तेल मलता था...
और कहता था —
'पापा, आप थक गए ना? मैं दबा दूं?'
फिर कब हुआ ये सब दूर?
कब वो छोटे हाथ मोबाइल में उलझ गए,
और पापा... अकेले थकते रहे?
कब वो हिम्मत देने वाला स्पर्श
'बिजी हूँ' कहकर टल गया?
वो जो कभी पिता की कमर सहलाता था,
आज उनकी बातें तक सुनने का वक्त नहीं निकाल पाता...
अगर तुम भी वही हो —
तो एक बार फिर उन थकी कमरों को
अपना कंधा दे दो...
वो अब भी तुम्हारा इंतज़ार करते हैं।
क्योंकि बचपन में तुमने उन्हें महसूस किया था,
अब बुढ़ापे में वो तुम्हें याद कर रहे हैं।"**
#बापपेज #पिता_का_प्यार