Hbot Lucknow

Hbot Lucknow Hbot Lucknow

15/12/2025

सेरिब्रल पाल्सी वाले बच्चों के माता-पिता के लिए: हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (𝐇𝐁𝐎𝐓) और फिजियोथेरेपी का शक्तिशाली कॉम्बिनेशन⁣

प्रिय माता-पिता! यदि आपका बच्चा सेरिब्रल पाल्सी (सीपी) से ग्रस्त है, तो आप जानते हैं कि यह कितनी चुनौतीपूर्ण स्थिति हो सकती है। सीपी मस्तिष्क की क्षति के कारण होने वाली एक न्यूरोलॉजिकल विकलांगता है, जो बच्चों में मोटर स्किल्स, मसल टोन, बैलेंस और कभी-कभी कॉग्निटिव फंक्शन्स को प्रभावित करती है। लेकिन अच्छी खबर यह है कि समय पर सही रिहैबिलिटेशन से बच्चों की जिंदगी में काफी सुधार लाया जा सकता है। आज हम बात करेंगे हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) और फिजियोथेरेपी के कॉम्बिनेशन की, जो कई मामलों में बच्चों के विकास के लिए एक आशाजनक विकल्प साबित हो रहा है। यह लेख आपको वैज्ञानिक आधार पर जानकारी देगा, ताकि आप सूचित निर्णय ले सकें। याद रखें, हर बच्चा अलग होता है, इसलिए डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है।

सेरिब्रल पाल्सी में रिहैबिलिटेशन क्यों महत्वपूर्ण है?

सीपी का कोई पूर्ण इलाज नहीं है, लेकिन रिहैबिलिटेशन थेरेपी से बच्चों की स्वतंत्रता, मूवमेंट और क्वालिटी ऑफ लाइफ में सुधार होता है। फिजियोथेरेपी मसल स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलिटी और कोऑर्डिनेशन बढ़ाती है, जबकि HBOT जैसे एडवांस्ड ट्रीटमेंट्स मस्तिष्क को अतिरिक्त ऑक्सीजन पहुंचाकर हीलिंग को सपोर्ट करते हैं। यदि इन थेरेपीज को नजरअंदाज किया जाए, तो बच्चों में स्पैस्टिसिटी (मसल्स का कड़ापन), मोटर डिले (चलने-फिरने में देरी) और कॉग्निटिव चैलेंजेस बढ़ सकते हैं, जो लंबे समय में उनकी डिपेंडेंसी और फ्रस्ट्रेशन को बढ़ा सकते हैं। इसलिए, जल्दी शुरू करना जरूरी है – जितनी जल्दी, उतना बेहतर!
हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) क्या है?

HBOT एक नॉन-इनवेसिव थेरेपी है, जिसमें बच्चे को एक प्रेशराइज्ड चैंबर में रखा जाता है, जहां 100% ऑक्सीजन को हाई प्रेशर पर सांस लिया जाता है। यह प्लाज्मा में घुलित ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाकर मस्तिष्क के क्षतिग्रस्त टिश्यूज को पोषण देता है। सीपी में, जहां अक्सर जन्म के समय ऑक्सीजन की कमी (बर्थ एस्फिक्सिया) कारण होता है, HBOT उन 'डॉर्मेंट' ब्रेन सेल्स को रिवाइव करने में मदद कर सकता है। स्टडीज दिखाती हैं कि यह स्पैस्टिसिटी कम करने, मोटर फंक्शन सुधारने और यहां तक कि कॉग्निटिव स्किल्स (जैसे मेमोरी और अटेंशन) में फायदा पहुंचा सकता है। हालांकि, कुछ रिसर्च में मिश्रित रिजल्ट्स हैं – कुछ स्टडीज में HBOT से कोई स्पष्ट फायदा नहीं दिखा, जबकि अन्य में कंट्रोल ग्रुप की तुलना में सुधार नजर आया। कुल मिलाकर, यह एक सुरक्षित ऑप्शन है, खासकर अन्य थेरेपीज के साथ।

फिजियोथेरेपी: बेसिक बिल्डिंग ब्लॉक

फिजियोथेरेपी सीपी के बच्चों के लिए कोर थेरेपी है। इसमें स्ट्रेचिंग, स्ट्रेंथ ट्रेनिंग, बैलेंस एक्सरसाइज और मोटर स्किल डेवलपमेंट शामिल होता है। यह मसल्स को मजबूत बनाती है, जॉइंट्स को फ्लेक्सिबल रखती है और दर्द कम करती है। बच्चों को रोजाना या वीकली सेशन्स से चलना, पकड़ना और दैनिक काम करने में आसानी होती है।

HBOT और फिजियोथेरेपी का कॉम्बिनेशन: क्यों है यह बेस्ट ऑप्शन?

दोनों थेरेपीज अलग-अलग शक्तिशाली हैं, लेकिन साथ में वे 'सिनर्जिस्टिक इफेक्ट' पैदा करती हैं। HBOT मस्तिष्क को ऑक्सीजन देकर हीलिंग को बूस्ट करता है, जिससे फिजियोथेरेपी के दौरान बच्चों की मसल रिस्पॉन्स बेहतर हो जाती है। उदाहरण के लिए:

1. मोटर स्किल्स में सुधार: HBOT से ब्रेन टिश्यू रिजनरेशन होता है, जो फिजियो के एक्सरसाइज को ज्यादा इफेक्टिव बनाता है। कई केस स्टडीज में बच्चों ने स्मूद मूवमेंट्स और बेहतर कोऑर्डिनेशन दिखाया।

2. स्पैस्टिसिटी रिडक्शन: कॉम्बो से मसल टेंशन कम होता है, जिससे फिजियो सेशन्स आसान हो जाते हैं।

3. ओवरऑल डेवलपमेंट: कुछ रिपोर्ट्स में कॉग्निटिव फंक्शन और अटेंशन में भी फायदा देखा गया।

एक क्लिनिकल ट्रायल में HBOT को फिजिकल थेरेपी के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने पर बच्चों में टिश्यू रिजनरेशन और मोटर इम्प्रूवमेंट नजर आया। हालांकि, सभी स्टडीज एकमत नहीं हैं – कुछ में HBOT अकेले ineffective साबित हुआ, लेकिन कॉम्बिनेशन में पॉजिटिव रिजल्ट्स ज्यादा हैं। साइड इफेक्ट्स ज्यादातर माइल्ड होते हैं, जैसे कान में दबाव (बारोट्रॉमा), जो 50% बच्चों में हो सकता है, लेकिन गंभीर नहीं। इसलिए, यह कॉम्बो न करने से आप एक संभावित अवसर खो सकते हैं – बच्चों का प्रोग्रेस धीमा हो सकता है, और लंबे समय में ज्यादा सपोर्ट की जरूरत पड़ सकती है।लखनऊ में HBOT और फिजियोथेरेपी कहां उपलब्ध?लखनऊ में बच्चों के लिए स्पेशलाइज्ड HBOT सेंटर उपलब्ध हैं, जो सीपी केसेज पर फोकस करते हैं। एक प्रमुख सेंटर है लखनऊ हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी क्लिनिक, जो HBOT को फिजियोथेरेपी के साथ कॉम्बाइन करके ऑफर करता है। यहां के टेस्टिमोनियल्स में कई माता-पिता ने अपने बच्चों में मोटर स्किल्स और स्पैस्टिसिटी में सुधार की बात कही है।

एड्रेस डिटेल्स:नाम:

लखनऊ हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी सेंटर (HBOT Lucknow)
पता: S-69/70, माउंट कार्मेल स्क्वायर, महानगर, लखनऊ - 226006 (महानगर पोस्ट ऑफिस के सामने)
फोन: +91-9935015221 या +91-9792100134
ईमेल: lko.hbot@gmail.com
फेसबुक: HBOT Lucknow
वेबसाइट: hbotlucknow.com

यह सेंटर बच्चों के लिए स्पेशल प्रोटोकॉल फॉलो करता है, और कंसल्टेशन फ्री हो सकती है। अपॉइंटमेंट बुक करने से पहले डॉक्टर से चर्चा करें।अंतिम सलाहप्रिय माता-पिता, HBOT और फिजियोथेरेपी का कॉम्बो आपके बच्चे के लिए एक मजबूत सपोर्ट सिस्टम हो सकता है, लेकिन यह कोई मैजिक पिल नहीं है। रेगुलर फॉलो-अप, न्यूट्रिशन और फैमिली सपोर्ट के साथ मिलाकर इस्तेमाल करें। यदि आपका बच्चा 2-12 साल का है, तो जल्दी शुरू करना बेस्ट है। किसी भी थेरेपी से पहले न्यूरोलॉजिस्ट या पीडियाट्रिशियन से सलाह लें। आप अकेले नहीं हैं – कई परिवारों ने इस रास्ते पर सफलता पाई है। यदि और जानकारी चाहिए, तो कमेंट करें। आपके बच्चे के उज्ज्वल भविष्य की कामना!

15/12/2025

डायबिटिक फुट अल्सर: अम्पुटेशन से बचाव का एक प्रभावी विकल्प - हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (𝐇𝐁𝐎𝐓)

डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो लाखों लोगों को प्रभावित करती है, और इसका सबसे गंभीर जटिलताओं में से एक है डायबिटिक फुट अल्सर (पैर में घाव)। ये घाव अक्सर ठीक नहीं होते क्योंकि डायबिटीज में ब्लड सर्कुलेशन खराब हो जाता है और ऑक्सीजन घाव तक 제대로 नहीं पहुंच पाती। परिणामस्वरूप, इंफेक्शन बढ़ता है और कई मरीजों को उंगली, पैर या पूरा अंग काटना (अम्पुटेशन) पड़ता है।

दुर्भाग्य से, भारत में हर साल हजारों डायबिटीज मरीजों के साथ ऐसा होता है। कई मामलों में अम्पुटेशन इसलिए किया जाता है क्योंकि घाव ठीक करने के आधुनिक विकल्पों के बारे में जागरूकता की कमी है या ये सुविधाएं कम उपलब्ध हैं। लेकिन अच्छी खबर यह है कि हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT) नामक एक प्रभावी उपचार से कई मामलों में अंग को बचाया जा सकता है।

HBOT क्या है और यह कैसे काम करती है?

HBOT में मरीज को एक विशेष चैंबर में रखा जाता है जहां शुद्ध ऑक्सीजन उच्च दबाव में दी जाती है। इससे ब्लड में ऑक्सीजन की मात्रा कई गुना बढ़ जाती है, जो घाव वाली जगह तक पहुंचकर:

इंफेक्शन को कम करती है,
नई ब्लड वेसल्स बनाती है,
टिश्यू को तेजी से ठीक करती है।

अनेक वैज्ञानिक अध्ययनों (जैसे मेटा-एनालिसिस और रैंडमाइज्ड ट्रायल्स) से साबित हुआ है कि स्टैंडर्ड ट्रीटमेंट (ड्रेसिंग, एंटीबायोटिक्स, ऑफलोडिंग) के साथ HBOT जोड़ने से:

घाव ठीक होने की दर बढ़ जाती है,
मेजर अम्पुटेशन (बड़ा अंग काटना) का खतरा 50-75% तक कम हो जाता है।

खासकर वेगनर ग्रेड 3 या उससे ऊपर के गंभीर घावों में यह बहुत फायदेमंद है। हालांकि, सभी मरीजों के लिए यह जरूरी नहीं – डॉक्टर की सलाह से ही चुनना चाहिए।

अज्ञानता या कम प्रचार क्यों समस्या है?

भारत में HBOT की सुविधाएं सीमित हैं, और कई डॉक्टर या मरीज इसे पहली लाइन ट्रीटमेंट के रूप में नहीं जानते। नतीजा यह कि मरीज सीधे अम्पुटेशन की ओर बढ़ जाते हैं, जबकि समय पर HBOT से उंगली या पैर बचाया जा सकता है।
खर्च कितना है?
HBOT का कोर्स (आमतौर पर 40-80 सेशन्स) भारत में लगभग 1.5 लाख रुपये तक का हो सकता है (सेंटर और सेशन्स की संख्या पर निर्भर)। हां, यह राशि बड़ी लगती है, लेकिन अगर इससे पूरा पैर बच जाता है तो:

आगे की सर्जरी, प्रोस्थेटिक लिंब, लंबे अस्पताल रहने और विकलांगता का खर्च बच जाता है।
मरीज की जिंदगी की क्वालिटी बनी रहती है – चलना-फिरना, काम करना संभव होता है।

पैर बचाने के लिए यह निवेश जोखिम उठाने लायक है!

लखनऊ में सुविधा उपलब्ध है
लखनऊ में HBOT की अच्छी सुविधा है, जहां डायबिटिक फुट के मरीजों का सफल इलाज हो रहा है। अधिक जानकारी या अपॉइंटमेंट के लिए संपर्क करें:
लखनऊ हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी सेंटर (HBOT)

स्थान: महानगर, लखनऊ (महानगर पोस्ट ऑफिस के सामने)
डॉक्टर: डॉ. पंकज श्रीवास्तव (ENT सर्जन और HBOT स्पेशलिस्ट)
वेबसाइट: hbotlucknow.com
फेसबुक: Lucknow Hyperbaric Oxygen Therapy Clinic
M- 9935015221
संपर्क: केंद्र की वेबसाइट या फेसबुक पेज से नवीनतम फोन नंबर और अपॉइंटमेंट डिटेल्स चेक करें।

याद रखें: डायबिटीज में पैरों की देखभाल सबसे जरूरी है – रोज चेक करें, अच्छे जूते पहनें, ब्लड शुगर कंट्रोल रखें। अगर घाव हो जाए तो देर न करें, स्पेशलिस्ट से मिलें। HBOT जैसी एडवांस थेरेपी से कई जिंदगियां बदल सकती हैं। जागरूक रहें, स्वस्थ रहें!

💡 HBOT क्या है?🌟 HBOT (Hyperbaric Oxygen Therapy) एक एडवांस्ड मेडिकल थेरेपी है, जिसमें आपको एक विशेष चेंबर में 𝟏𝟎𝟎% शुद्...
15/12/2025

💡 HBOT क्या है?

🌟 HBOT (Hyperbaric Oxygen Therapy) एक एडवांस्ड मेडिकल थेरेपी है, जिसमें आपको एक विशेष चेंबर में 𝟏𝟎𝟎% शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती है।
यह ऑक्सीजन सीधे आपकी कोशिकाओं को रिपेयर, हील और रीजेनेरेट करने में मदद करती है।

🎥 Watch This Video: https://www.youtube.com/watch?v=7lUs_yar7D8

🌟 एक नॉन-इनवेसिव, सुरक्षित और पेनलेस थेरेपी जिसमें आपको एक हाई-प्रेशर चेंबर में लेटाकर शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती है।
यह ऑक्सीजन सीधे सेल्स तक पहुँचकर आपकी HeaIing, Immunity और ऊर्जा को तेजी से बढ़ाती है।

🌿 की जरूरत किन लोगों को होती है?

💠 पैरालिसिस / स्ट्रोक के मरीज – ब्रेन में ऑक्सीजन बढ़ाकर रिकवरी तेज
💠 Diabetic Foot / Non-healing Wounds – जल्दी घाव भरने में मदद
💠 ऑक्सीजन की कमी / Brain Hypoxia – दिमाग की फंक्शनिंग में सुधार
💠 माइग्रेन / लगातार सिर दर्द – दर्द और सूजन में राहत
💠 Sports Injury / Muscle Pain – एथलेटिक रिकवरी 2×
💠 Post-Surgery Healing – सूजन कम, रिकवरी फास्ट
💠 Autism / Developmental Delay – ब्रेन ऑक्सीजन बढ़ाकर सुधार की संभावना
💠 Arthritis / Joint Pain – सूजन व दर्द कम

🔥 क्यों लोग HBOT के रिजल्ट्स से खुश हैं?

✔ शरीर की Healing Power कई गुना बढ़ती है
✔ सूजन, दर्द और इंफ्लेमेशन तेजी से कम
✔ शरीर में नई Blood Vessels बनने में मदद
✔ एनर्जी लेवल और इम्युनिटी बेहतर
✔ कोई साइड इफेक्ट नहीं – पूरी तरह सुरक्षित

📞 बिना देरी अपनी थेरेपी बुक करें

👉 9935015221 / 9792100134
आपके स्वास्थ्य की healing journey यहीं से शुरू होती है।

04/12/2025
Research Studies and Reviews on HBOT in AutismRossignol et al. (2009): Multicenter, Randomized, Controlled TrialLink: Hy...
29/11/2025

Research Studies and Reviews on HBOT in Autism
Rossignol et al. (2009): Multicenter, Randomized, Controlled Trial
Link: Hyperbaric treatment for children with autism
Outcomes: A controlled study found that children who received 40 sessions of HBOT showed greater improvements in various measures, including overall functioning, language, social interaction, and awareness, compared to a control group.

Background Several uncontrolled studies of hyperbaric treatment in children with autism have reported clinical improvements; however, this treatment has not been evaluated to date with a controlled study. We performed a multicenter, randomized, double-blind, controlled trial to assess the efficacy o...

29/11/2025

हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी (𝐇𝐁𝐎𝐓): मेनोपॉज और महिलाओं के स्वास्थ्य में नई उम्मीद

मेनोपॉज (रजोनिवृत्ति) हर महिला के जीवन का एक स्वाभाविक चरण है, लेकिन इसके लक्षण जैसे हॉट फ्लैशेस, रात में पसीना आना, मूड स्विंग्स, नींद की समस्या, योनि का सूखापन, हड्डियों का कमजोर होना (ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा), थकान और ब्रेन फॉग कई महिलाओं के लिए बहुत परेशान करने वाले होते हैं।पारंपरिक रूप से हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (HRT) और जीवनशैली में बदलाव ही मुख्य उपचार रहे हैं, लेकिन अब एक नई और आशाजनक थेरेपी चर्चा में है
– हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी (HBOT)।हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी क्या है?
HBOT में मरीज को एक विशेष दबावयुक्त चैंबर (hyperbaric chamber) में 100% शुद्ध ऑक्सीजन दी जाती है, जो सामान्य वायुमंडलीय दबाव से 2-3 गुना ज्यादा होता है। इससे शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन की मात्रा 10-15 गुना तक बढ़ जाती है।मेनोपॉज में HBOT कैसे मदद कर सकती है?हाल के कई शोध और क्लिनिकल अध्ययन (खासकर इजराइल, अमेरिका और यूरोप में) ने निम्नलिखित फायदे दिखाए हैं:हॉट फ्लैशेस और नाइट स्वेट्स में कमी
2021-2024 के बीच इजराइल की शेमीर मेडिकल सेंटर और तेल अवीव यूनिवर्सिटी के अध्ययनों में पाया गया कि 40-60 सत्र HBOT लेने वाली मेनोपॉज वाली महिलाओं में हॉट फ्लैशेस की तीव्रता और संख्या में 50-80% तक की कमी आई।

ब्रेन फॉग और संज्ञानात्मक क्षमता में सुधार

मेनोपॉज में एस्ट्रोजन की कमी से दिमाग में सूजन और ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। HBOT दिमाग की कोशिकाओं में ऑक्सीजन बढ़ाकर मेमोरी, एकाग्रता और मूड को बेहतर करती है। एक अध्ययन में 60 दिनों के HBOT कोर्स के बाद महिलाओं ने संज्ञानात्मक टेस्ट में 20-30% बेहतर परफॉर्मेंस दिखाई।
योनि स्वास्थ्य और सेक्सुअल फंक्शन में सुधार
मेनोपॉज में योनि की दीवारें पतली और सूखी हो जाती हैं। HBOT नए रक्त वाहिकाओं (angiogenesis) के निर्माण को बढ़ावा देती है और कोलेजन उत्पादन बढ़ाती है। इससे योनि का सूखापन, दर्दनाक संभोग और यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस में राहत मिलती है। कई महिलाओं ने बिना किसी हार्मोन क्रीम के ही सुधार महसूस किया।

हड्डियों की सेहत (ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम)

HBOT स्टेम सेल्स को सक्रिय करती है और हड्डियों में मिनरल डेंसिटी बढ़ाने में मदद करती है। मेनोपॉज के बाद तेजी से होने वाली हड्डियों की कमजोरी को धीमा करने में सहायक।
नींद की गुणवत्ता और ऊर्जा स्तर में वृद्धि
ऑक्सीजन की अधिक उपलब्धता से माइटोकॉन्ड्रिया (कोशिकाओं की ऊर्जा फैक्ट्री) बेहतर काम करते हैं, जिससे दिनभर थकान कम होती है और गहरी नींद आती है।

त्वचा और बालों की सेहत

बढ़ता हुआ कोलेजन और बेहतर ब्लड सर्कुलेशन त्वचा को जवां बनाता है और बालों का झड़ना कम करता है – जो मेनोपॉज में आम समस्या है।

क्या यह पूरी तरह सुरक्षित है?HBOT को FDA ने कई बीमारियों (जैसे घाव जो भरते नहीं, डीकंप्रेशन सिकनेस आदि) के लिए मंजूरी दे रखी है। मेनोपॉज के लिए अभी यह “ऑफ-लेबल” इस्तेमाल है, लेकिन अब तक के अध्ययनों में कोई गंभीर साइड इफेक्ट नहीं पाया गया। हल्के कान दर्द या साइनस का दबाव आम है जो कुछ ही देर में ठीक हो जाता है।भारत में उपलब्धताभारत में मुंबई, दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद जैसे शहरों में कई हाइपरबैरिक सेंटर हैं। एक सत्र की कीमत 3,000 से 8,000 रुपये तक हो सकती है। मेनोपॉज प्रोटोकॉल के लिए आमतौर पर 40-60 सत्र (5-6 दिन प्रति सप्ताह) सुझाए जाते हैं।अंतिम बातहाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने का एक गैर-हार्मोनल, नॉन-इनवेसिव और प्राकृतिक तरीका साबित हो रही है। अगर आप हार्मोन थेरेपी नहीं लेना चाहतीं या उससे राहत नहीं मिल रही है, तो HBOT आपके लिए एक नया और प्रभावी विकल्प हो सकती है।किसी अच्छे हाइपरबैरिक सेंटर से परामर्श जरूर लें और अपने गायनेकोलॉजिस्ट से भी चर्चा करें।मेनोपॉज जीवन का अंत नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत है – और अब इसके लक्षणों को कम करने के लिए हमारे पास पहले से कहीं ज्यादा विकल्प हैं!(संदर्भ: Shamir Medical Center Israel 2021-2024 studies, Tel Aviv University, American Journal of Physiology 2023, Journal of Women’s Health 2024)

pTau217 refers to phosphorylated tau protein at the 217 position, a key biomarker for detecting Alzheimer's disease (AD)...
29/11/2025

pTau217 refers to phosphorylated tau protein at the 217 position, a key biomarker for detecting Alzheimer's disease (AD) pathology

I reduced a cognitive decline marker by 36% using HBOT and sauna.

Serum pTAU217 is a marker for Alzheimer's disease.

A year ago, my pTAU217 level was in the upper normal range at 0.14 pg/mL (with 0.18 pg/mL being a commonly used cut-off value). This was mildly concerning, even in the absence of any signs of plaque in my routine brain MRI.

Following 60 HBOT sessions, my pTAU-levels dropped by 29% to the mid-normal range at 0.10 pg/mL. This improvement lasted over 7 months with continued HBOT and the addition of sauna to my morning routine.

A few months ago, I observed a further small improvement, a 10% decrease to 0.09 pg/mL, totaling a 36% reduction in just over a year.

This likely indicates that HBOT has been the primary driver of this reduction. However, it's difficult to ascertain whether sauna alone would have produced a similar reduction had the two interventions been started in the opposite order.

डॉ. डितुरी ने खुद कहा कि उनके अनुभव को HBOT से दोहराया जा सकता है—बिना समुद्र में उतरे! समुद्र के अंदर सांस लेना HBOT जै...
21/11/2025

डॉ. डितुरी ने खुद कहा कि उनके अनुभव को HBOT से दोहराया जा सकता है—बिना समुद्र में उतरे! समुद्र के अंदर सांस लेना HBOT जैसा ही फायदा देता है, लेकिन HBOT सुरक्षित और दोहराने लायक है। अध्ययनों से साबित है कि HBOT भी वही रिवर्स एजिंग इफेक्ट देती है—टेलोमीयर्स लंबे, सेल्स नई।

Human Limit Broken? This Man Achieved the Impossible! | Explained by Ankit Awasthi SirIn a shocking turn of events, one man has achieved something that moder...

10/08/2025
13/07/2025

𝐁𝐢𝐨𝐡𝐚𝐜𝐤𝐢𝐧𝐠 & 𝐇𝐲𝐩𝐞𝐫𝐛𝐚𝐫𝐢𝐜 𝐎𝐱𝐲𝐠𝐞𝐧 𝐓𝐡𝐞𝐫𝐚𝐩𝐲 ( 𝐇𝐁𝐎𝐓 )
| 𝐃𝐫.𝐒𝐚𝐦𝐚𝐭𝐡𝐚 𝐓𝐮𝐥𝐥𝐚 |
Dr. Samatha Tulla, MD is an Internal Medicine physician with a focus on longevity and personalized medicine. As the co-founder and clinical head of PMX Health,
Dr. Samatha’s certifications and Accolades:
Certification in Precision and Anti-Aging Medicine from the
✅ American Academy of Anti-Aging
✅ Certification in Pro Genetic Testing & Sequencing from Harvard Medical School
✅ 𝐂𝐞𝐫𝐭𝐢𝐟𝐢𝐞𝐝 𝐇𝐲𝐩𝐞𝐫𝐛𝐚𝐫𝐢𝐜 𝐌𝐞𝐝𝐢𝐜𝐢𝐧𝐞 𝐩𝐫𝐚𝐜𝐭𝐢𝐭𝐢𝐨𝐧𝐞𝐫 , 𝐈.𝐁.𝐔.𝐌., 𝐔𝐒𝐀
✅ Member of Longevity Docs, a Leading Network of MD Longevity Physicians
✅ Member of Healthy Longevity Medicine Society, an International Medical Society of
✅ Longevity Medicine, promoting the highest standards of clinical practice.
✅ Fellowship in Diabetes mellitus and endocrinology from Royal Liverpool Academy, UK
हाइपर बेरिक ऑक्सीजन थेरेपी,पूरे उत्तर प्रदेश में यह थेरेपी सिर्फ लखनऊ में दी जाती है
Contact at Lucknow Hyperbaric Oxygen Therapy Center, In front of Mahanagar post office Carmel crossing, Lucknow
M -9792100134 / 9935015221

Address

Shop No. 69, 70 Gol Market

226006

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Hbot Lucknow posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to Hbot Lucknow:

  • Want your practice to be the top-listed Clinic?

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram