26/09/2025
"पाद-दाह (Pad Daha)" आयुर्वेद में पैरों में जलन (burning sensation in feet) को कहा जाता है।
कारण (Causes in Ayurveda)
पित्त दोष की वृद्धि – विशेषकर रक्त व त्वचा में पित्त का अधिक होना
रक्तदूष्टी (impurity of blood)
अग्निमांद्य (weak digestion, ama formation)
मधुमेह (Diabetes) जैसे रोगों में भी पाद-दाह लक्षण मिलता है
अधिक मिर्च-मसाले, तैलीय, उष्ण आहार का सेवन
लक्षण (Symptoms)
पैरों के तलवों में जलन
कभी-कभी लालिमा व गर्माहट
रात में जलन की तीव्रता अधिक होना
कमजोरी व थकान
आयुर्वेदिक उपचार और प्रबंधन (Management)
🔹 आहार (Diet)
ठंडे, शीतल व पित्तशामक आहार: दूध, घी, नारियल पानी, खीरा, तरबूज, अनार
तीखे, खट्टे, तले-भुने और अधिक गर्म पदार्थ वर्जित
🔹 औषध (Herbs & Remedies)
शतावरी, गुडूची (गिलोय), आमलकी पित्तशामक
त्रिफला का सेवन रक्त शुद्धि के लिए
पैरों पर चंदन, कपूर व घृत मिश्रित लेप से शीतलता
🔹 उपचार (Therapies)
पादाभ्यंग (Foot massage with coconut oil, ghee, or castor oil)
शीतल जल में पैरों को डुबोना
शिरोधारा (गंभीर पित्त विकार में)
रक्तमोक्षण (अगर रक्तदूष्टी अधिक हो)