Yoga With Prashant

Yoga With Prashant सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामया,
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिद् दुख भागभवेत।

02/12/2025

*सर्दी में ही बाल क्यों झड़ते है.?*
*जानें 10 कारण और 5 कारगर उपाय...*
सर्दी के दिनों में सिर्फ त्वचा ही नहीं, बाल भी रूखे और बेजान हो जाते हैं, और बालों को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है।
सर्द मौसम में बालों का झड़ना एक बड़ी समस्या होती है, जिससे निजात पाना जरूरी है।

*बाल क्यों झड़ते हैं.?*
*जानिये इनके कारण और 5 कारगर निवारण...*
*■ कारण ■*
पोषण की कमी बालों के झड़ने की एक प्रमुख वजह है, लेकिन इसके अलावा भी कुछ कारण हैं जो बालों के झड़ने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

*बाल झड़ने के कारण-*
1. तनाव
2. एनीमिया
3. बालों के साथ एक्सपेरिमेंट
4. विटामिन बी की कमी
5. प्रोटीन की कमी
6. हाइपो थॉयरॉडिज्म
7. डैंड्रफ
8. बोरिंग के पानी से बाल धोना
9. अनुवांशिक
10 बालों की जड़ों में इंफेक्शन

बालों को झड़ने से बचाने के लिए उनके कारणों को पहचानना और सही उपचार अपनाना बेहद जरूरी है।

*अब जानिए ऐसे 5 कारगर उपाय, जो बालों को झड़ने से रोकने के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे..*
*(1). नारियल तेल -*
बालों को पोषण देने के लिए नारियल हर रूप में बेहद उपयोगी है।
नारियल तेल को हल्का गर्म कर बालों की जड़ों में मसाज करने से जड़ों को पोषण मिलता है और बाल मजबूत होते हैं।
इसे कम से कम 1 घंटा बालों में लगाए रखें।
इसके अलावा नारियल का दूध बालों में लगाकर मसाज करने के 1 घंटे बाद बाल धोने से भी लाभ होता है।

*(2). गुड़हल -*
गुड़हल के लाल फूल बालों के लिए वरदान से कम नहीं है। गुड़हल के फूल को पीसकर नारियल तेल के साथ बालों में लगाएं और आधे से 1 घंटे तक बालों में रखें।
इसके बाद बालों को धो लें।
यह प्रयोग बालों को डैंड्रफ से बचाने के साथ ही मजबूत और चमकदार बनाता है।

*(3). अंडा -*
अंडा प्रोटीन से भरपूर होता है, साथ ही इसमें जिंक, मिनरल और सल्फर भी होता है। ये सभी पोषक तत्व मिलकर बालों को मजबूती प्रदान करते हैं और बालों का झड़ना रोकते हैं। अंडे के सफेद भाग को जैतून के तेल के साथ अच्छी तरह मिक्स करके बालों में मसाज करें। आधे घंटे के बाद बाल धो लें।

*4.प्याज का रस -*
प्याज का रस लगाने से न केवल बालों का झड़ना कम होता है, बल्कि बालों का फिर से उगना और लंबाई बढ़ना भी शुरू हो जाता है। सप्ताह में दो बार प्याज के रस का बालों में लगाकर आधे घंटे बाद शैंपू कर लीजिए। यह बेहद कारगर उपाय है।

*(5). लहसुन -*
सल्फर की अधिकता के कारण लहसुन भी बालों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे नारियल तेल में पकाकर या फिर इसके जूस को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से काफी फायदा होता है।

* योगाचार्य प्रशांत शर्मा *
9467717877, 9992956340

https://youtube.com/?si=nBtxJysYRFHaR33f

02/12/2025

*गले और छाती में जमा कफ...*

*सर्दी जुखाम, वायरल बुखार, इन्फेक्शन और ठंड लगने के कारण अक्सर गले में अथवा छाती में कफ का जमने की शिकायत होने लगती है। उसको दूर करने के लिए अपनायें ये देसी घरेलू नुस्खे...*
1. गले की बलगम का देसी इलाज करने के लिए दो कप पानी में 30 काली मिर्च पीस कर उबालें,
जब पानी एक चौथाई रह जाये
तब इसे छान कर इसमें 1 चम्मच शहद मिलाये और सुबह शाम इसका सेवन करे।
इस होम रेमेडीज से कफ वाली खांसी और कफ दोनों से छुटकारा मिलता है।

2. लहसुन खाने से गले में जमा कफ बाहर निकलता है, इस देसी घरेलू नुस्खे से टी. बी. के रोग में भी राहत मिलती है।

3. अदरक छील कर इसका छोटा टुकड़ा मुंह में रख कर चूसने से कफ आसानी से बाहर निकल जाती है।

4. छोटे बच्चे की छाती में जमा कफ (baby cough) निकालने के लिए गाय के घी बच्चे की छाती पर मले। इस उपाय से जमा हुआ बलगम बाहर निकल जाता है।

5. एक चम्मच शहद और 2 चम्मच निम्बू का रस गर्म पानी में मिला कर पिए।
इस उपाय से गला साफ़ होगा क्यूंकि नींबू बलगम को काटने का काम करेगा और शहद से गले को आराम मिलेगा।

* योगाचार्य प्रशांत शर्मा *
9467717877, 9992956340

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02/12/2025

*जो लोग आयुर्वेदिक और नेचुरोपैथिक चिकित्सकों को लालची, अनपढ़ और यूजलेस कहते हैं, वे इस संदेश को ध्यान से पढ़ें और जानें कि आखिर कौन है ये बेकार लोग मतलब झोलाछाप डॉक्टर.?*

एलोपैथी हमेशा से आयुर्वेदिक और प्राकृतिक चिकित्सको का यह कहकर अपमान करती रही है कि विज्ञान, आयुर्वेद निराधार है और किसी काम का नहीं है, लेकिन सभी रोगों की प्रकृति ही स्वयं प्रकृति है।
क्योंकि आज अगर आयुर्वेद या प्राकृतिक सुविधाएं नहीं होती तो आज एलोपैथी नहीं होती।

एलोपैथी में प्रयुक्त होने वाली महत्वपूर्ण औषधियों का वर्णन है जिसमें इसे "आयुर्वेदिक पौधे" से बनाया गया है और कैसे हम भारतीयों को अभी भी अंग्रेजी नाम से मूर्ख बनाया जा रहा है।

हमें जानने का अधिकार है कि ये एलोपैथिक दवाएं कैसे आयुर्वेदिक दवाओं को लैटिन या अंग्रेजी नाम पर उनके चिकित्सा पथ को सील करने के लिए रखती हैं।

*(1) टीनाकार्डिन-*
यह दवा गिलोय के पदार्थ से बनाई जाती है।

*(2) करक्यूमिन-*
यह दवा हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाली हल्दी के अर्क या सत्व से बनाई जाती है।

*(3) मूंगा -*
यह औषधि प्रवाल भित्तियों से बनी औषधि है।

*(4) हाइपोब्रोमाइड-*
यह दवा खुरासनी अजवाइन का एक अर्क है।

*(5) क्विनोन -*
यह दवा कुनैन की जड़ से तैयार की जाती है।

*(6) पेंटाप्राजोल-*
यह दवा खाने के सोडा से बनती है।

*(7) प्रमहेक्सिन-*
यह एलोपैथी दवा वासा एसेंस से बनाई गई है।

*(8) रेवोसीन -*
यह दवा सर्प के अर्क से बनाई गई है।

*(9) जिनसेंग -*
इसे चाइनीज जिनसेंग नाम की जड़ी-बूटी से बनाया जाता है।

*(10) डिक्लपफेनाक-*
यह दवा आफिने (Afine) से बनाई गई है।

*(11) कोल्सीसिन-*
यह दवा सुरंजन नामक जड़ी बूटी से बनाई जाती है।

*(12) टैक्सोल -*
इसे द्रोणपुष्पी के अर्क से बनाया गया है।

*(13) एट्रोपिन-*
यह धतूरे के पत्ते से बनी एलोपैथी दवा है।

*(14) ईनो -*
ये 100% खाने वाले सोडा से बने हैं।

ऊपर बताई गई एलोपैथी दवाएं, शत प्रतिशत जड़ी बूटी या आयुर्वेदिक दवाएं लेकर, इसका अर्क या पदार्थ निकालकर लैटिन नाम देकर अंग्रेजी दवाओं का नाम बनाकर बाजार में धड़ल्ले से बिक रही हैं और लोग इसे खूब खा रहे हैं.

यह जानकारी अब आपको एहसास कराएगी कि हम प्राकृतिक हो सकते हैं, सजाने में आसान हो सकते हैं, सौदेबाजी भी कर सकते हैं, लेकिन अनपढ़ और अनपढ़ नहीं हैं और वे 5000 साल पुरानी चिकित्सा पद्धति पर आधारित हैं।

कृपया इस आर्टिकल को साझा करें ताकि लोग आयुर्वेद और प्राकृतिक उपचारों में विश्वास कर सकें।

और कभी भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

* योगाचार्य प्रशांत शर्मा *
9467717877, 9992956340

https://youtube.com/?si=66o-TEjnYFY6BYr_

02/12/2025

*मौसमी स्वास्थ्य समस्याएं...*
*मौसम बदल रहा है.?*
*सूखी ठंड भी पड़ रही है.?*
*धूप भी नहीं निकल रही है.?*
*टेम्परेचर भी ऊपर नीचे हो रहा है.?*
*ऐसे में सावधान हो जायें...*
*(1). खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़ -*
गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खायें। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

*(2). दमे के लिये तुलसी और वासा -*
दमे के रोगियों को तुलसी की 10 पत्तियों के साथ वासा (अडूसा या वासक) का 250 मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। लगभग 21 दिनों तक सुबह यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता है।

*(3). अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी -*
भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

*(4). मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक -*
सेंधे नमक की लगभग एक सौ ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

देशी नुस्खों में थोड़ी मेहनत तो करनी ही पड़ेगी लेकिन फिट हो जाओगे।

* योगाचार्य प्रशांत शर्मा *
9467717877, 9992956340

https://youtube.com/?si=nBtxJysYRFHaR33f

02/12/2025

*कुछ नुस्खे अलग-अलग रोगों के लिए-*

हमारे जीवन में रोगों का जीवन में प्रभाव पड़ता ही रहता है -हम छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज स्वयं कर सकते है "उपचार स्वास्थ्य और प्रयोग " लाया है आपके लिए साधारण छोटे-छोटे प्रयोग जिनको आप अवस्य अपनाए -

*कुछ प्रयोग नीचे दिए जा रहे है जो आपको घर में ही उपलब्ध है - करे और लाभ ले -*

*दमे के लिये तुलसी और वासा:-*
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-दमे के रोगियों को तुलसी की १० पत्तियों के साथ वासा (अडूसा या वासक) का २५० मिलीलीटर पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर दें। लगभग २१ दिनों तक सुबह यह काढ़ा पीने से आराम आ जाता है।

मौसमी खाँसी के लिये सेंधा नमक:-
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-सेंधा नमक की लगभग एक सौ ग्राम डली को चिमटे से पकड़कर आग पर, गैस पर या तवे पर अच्छी तरह गर्म कर लें। जब लाल होने लगे तब गर्म डली को तुरंत आधा कप पानी में डुबोकर निकाल लें और नमकीन गर्म पानी को एक ही बार में पी जाएँ। ऐसा नमकीन पानी सोते समय लगातार दो-तीन दिन पीने से खाँसी, विशेषकर बलगमी खाँसी से आराम मिलता है। नमक की डली को सुखाकर रख लें एक ही डली का बार बार प्रयोग किया जा सकता है।

बैठे हुए गले के लिये मुलेठी का चूर्ण:-
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-मुलेठी के चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर खाने से बैठा हुआ गला ठीक हो जाता है। या सोते समय एक ग्राम मुलेठी के चूर्ण को मुख में रखकर कुछ देर चबाते रहे। फिर वैसे ही मुँह में रखकर जाएँ। प्रातः काल तक गला साफ हो जायेगा। गले के दर्द और सूजन में भी आराम आ जाता है।

मुँह और गले के कष्टों के लिये सौंफ और मिश्री:-
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-भोजन के बाद दोनों समय आधा चम्मच सौंफ चबाने से मुख की अनेक बीमारियाँ और सूखी खाँसी दूर होती है, बैठी हुई आवाज़ खुल जाती है, गले की खुश्की ठीक होती है और आवाज मधुर हो जाती है।

खराश या सूखी खाँसी के लिये अदरक और गुड़:-
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-गले में खराश या सूखी खाँसी होने पर पिसी हुई अदरक में गुड़ और घी मिलाकर खाएँ। गुड़ और घी के स्थान पर शहद का प्रयोग भी किया जा सकता है। आराम मिलेगा।

पेट में कीड़ों के लिये अजवायन और नमक:-
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-आधा ग्राम अजवायन चूर्ण में स्वादानुसार काला नमक मिलाकर रात्रि के समय रोजाना गर्म जल से देने से बच्चों के पेट के कीडे नष्ट होते हैं। बडों के लिये- चार भाग अजवायन के चूर्ण में एक भाग काला नमक मिलाना चाहिये और दो ग्राम की मात्रा में सोने से पहले गर्म पानी के साथ लेना चाहिये।

अरुचि के लिये मुनक्का हरड़ और चीनी:-
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-भूख न लगती हो तो बराबर मात्रा में मुनक्का (बीज निकाल दें), हरड़ और चीनी को पीसकर चटनी बना लें। इसे पाँच छह ग्राम की मात्रा में (एक छोटा चम्मच), थोड़ा शहद मिला कर खाने से पहले दिन में दो बार चाटें।

बदन के दर्द में कपूर और सरसों का तेल:-
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-10 ग्राम कपूर, 200 ग्राम सरसों का तेल - दोनों को शीशी में भरकर मजबूत ठक्कन लगा दें तथा शीशी धूप में रख दें। जब दोनों वस्तुएँ मिलकर एक रस होकर घुल जाए तब इस तेल की मालिश से नसों का दर्द, पीठ और कमर का दर्द और, माँसपेशियों के दर्द शीघ्र ही ठीक हो जाते हैं।

जोड़ों के दर्द के लिये बथुए का रस:-
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-बथुआ के ताजा पत्तों का रस पन्द्रह ग्राम प्रतिदिन पीने से गठिया दूर होता है। इस रस में नमक-चीनी आदि कुछ न मिलाएँ। नित्य प्रातः खाली पेट लें या फिर शाम चार बजे। इसके लेने के आगे पीछे दो-दो घंटे कुछ न लें। दो तीन माह तक लें।

पेट में वायु-गैस के लिये मट्ठा और अजवायन:-
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-पेट में वायु बनने की अवस्था में भोजन के बाद 125 ग्राम दही के मट्ठे में दो ग्राम अजवायन और आधा ग्राम काला नमक मिलाकर खाने से वायु-गैस मिटती है। एक से दो सप्ताह तक आवश्यकतानुसार दिन के भोजन के पश्चात लें।

फटे हाथ पैरों के लिये सरसों या जैतून का तेल:-
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-नाभि में प्रतिदिन सरसों का तेल लगाने से होंठ नहीं फटते और फटे हुए होंठ मुलायम और सुन्दर हो जाते है। साथ ही नेत्रों की खुजली और खुश्की दूर हो जाती है।

सर्दी बुखार और साँस के पुराने रोगों के लिये तुलसी:-
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-तुलसी की 21 पत्तियाँ स्वच्छ खरल या सिलबट्टे (जिस पर मसाला न पीसा गया हो) पर चटनी की भाँति पीस लें और 10 से 30 ग्राम मीठे दही में मिलाकर नित्य प्रातः खाली पेट तीन मास तक खाएँ। दही खट्टा न हो। यदि दही माफिक न आये तो एक-दो चम्मच शहद मिलाकर लें। छोटे बच्चों को आधा ग्राम तुलसी की चटनी शहद में मिलाकर दें। दूध के साथ भूलकर भी न दें। औषधि प्रातः खाली पेट लें। आधा एक घंटे पश्चात नाश्ता ले सकते हैं।

अधिक क्रोध के लिये आँवले का मुरब्बा और गुलकंद:-
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-बहुत क्रोध आता हो तो सुबह आँवले का मुरब्बा एक नग प्रतिदिन खाएँ और शाम को गुलकंद एक चम्मच खाकर ऊपर से दूध पी लें। क्रोध आना शांत हो जाएगा।

घुटनों में दर्द के लिये अखरोट:-
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-सवेरे खाली पेट तीन या चार अखरोट की गिरियाँ खाने से घुटनों का दर्द मैं आराम हो जाता है।

काले धब्बों के लिये नीबू और नारियल का तेल:-
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-चेहरे व कोहनी पर काले धब्बे दूर करने के लिये आधा चम्मच नारियल के तेल में आधे नीबू का रस निचोड़ें और त्वचा पर रगड़ें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।

कोलेस्ट्राल पर नियंत्रण सुपारी से:-
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-भोजन के बाद कच्ची सुपारी 20 से 40 मिनट तक चबाएँ फिर मुँह साफ़ कर लें। सुपारी का रस लार के साथ मिलकर रक्त को पतला करने जैसा काम करता है। जिससे कोलेस्ट्राल में गिरावट आती है और रक्तचाप भी कम हो जाता है।

मसूढ़ों की सूजन के लिये अजवायन:-
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-मसूढ़ों में सूजन होने पर अजवाइन के तेल की कुछ बूँदें पानी में मिलाकर कुल्ला करने से सूजन में आराम आ जाता है।

हृदय रोग में आँवले का मुरब्बा:-
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-आँवले का मुरब्बा दिन में तीन बार सेवन करने से यह दिल की कमजोरी, धड़कन का असामान्य होना तथा दिल के रोग में अत्यंत लाभ होता है, साथ ही पित्त, ज्वर, उल्टी, जलन आदि में भी आराम मिलता है।

शारीरिक दुर्बलता के लिये दूध और दालचीनी:-
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-दो ग्राम दालचीनी का चूर्ण सुबह शाम दूध के साथ लेने से शारीरिक दुर्बलता दूर होती है और शरीर स्वस्थ हो जाता है। दो ग्राम दालचीनी के स्थान पर एक ग्राम जायफल का चूर्ण भी लिया जा सकता है।

हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये दूध और काली मिर्च:-
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-हकलाना या तुतलाना दूर करने के लिये 10 ग्राम दूध में 250 ग्राम कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर रख लें। 2-2 ग्राम चूर्ण दिन में दो बार मक्खन के साथ मिलाकर खाएँ।

श्वास रोगों के लिये दूध और पीपल:-
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-एक पाव दूध में 5 पीपल डालकर गर्म करें, इसमें चीनी डालकर सुबह और ‘शाम पीने से साँस की नली के रोग जैसे खाँसी, जुकाम, दमा, फेफड़े की कमजोरी तथा वीर्य की कमी आदि रोग दूर होते हैं।

अच्छी नींद के लिये मलाई और गुड़:-
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-रात में नींद न आती हो तो मलाई में गुड़ मिलाकर खाएँ और पानी पी लें। थोड़ी देर में नींद आ जाएगी।

कमजोरी को दूर करने का सरल उपाय:-
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-एक-एक चम्मच अदरक व आंवले के रस को दो कप पानी में उबाल कर छान लें। इसे दिन में तीन बार पियें। स्वाद के लिये काला नमक या शहद मिलाएँ।

घमौरियों के लिये मुल्तानी मिट्टी:-
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-घमौरियों पर मुल्तानी मिट्टी में पानी मिलाकर लगाने से रात भर में आराम आ जाता है।

पेट के रोग दूर करने के लिये मट्ठा:-
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-मट्ठे में काला नमक और भुना जीरा मिलाएँ और हींग का तड़का लगा दें। ऐसा मट्ठा पीने से हर प्रकार के पेट के रोग में लाभ मिलता है। यह बासी या खट्टा नहीं होना चाहिये।

खुजली की घरेलू दवा:-
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-फटकरी के पानी से खुजली की जगह धोकर साफ करें, उस पर कपूर को नारियल के तेल मिलाकर लगाएँ लाभ होगा।

मुहाँसों के लिये संतरे के छिलके:-
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-संतरे के छिलके को पीसकर मुहाँसों पर लगाने से वे जल्दी ठीक हो जाते हैं। नियमित रूप से ५ मिनट तक रोज संतरों के छिलके का पिसा हुआ मिश्रण चेहरे पर लगाने से मुहाँसों के धब्बे दूर होकर रंग में निखार आ जाता है।

बंद नाक खोलने के लिये अजवायन की भाप:-
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-एक चम्मच अजवायन पीस कर गरम पानी के साथ उबालें और उसकी भाप में साँस लें। कुछ ही मिनटों में आराम मालूम होगा।

चर्मरोग के लिये टेसू और नीबू:-
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-टेसू के फूल को सुखाकर चूर्ण बना लें। इसे नीबू के रस में मिलाकर लगाने से हर प्रकार के चर्मरोग में लाभ होता है।

माइग्रेन के लिये काली मिर्च, हल्दी और दूध:-
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-एक बड़ा चम्मच काली मिर्च का चूर्ण एक चुटकी हल्दी के साथ एक प्याले दूध में उबालें। दो तीन दिन तक लगातार रहें। माइग्रेन के दर्द में आराम मिलेगा।

गले में खराश के लिये जीरा:-
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-एक गिलास उबलते पानी में एक चम्मच जीरा और एक टुकड़ा अदरक डालें ५ मिनट तक उबलने दें। इसे ठंडा होने दें। हल्का गुनगुना दिन में दो बार पियें। गले की खराश और सर्दी दोनों में लाभ होगा।

सर्दी जुकाम के लिये दालचीनी और शहद:-
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-एक ग्राम पिसी दालचीनी में एक चाय का चम्मच शहद मिलाकर खाने से सर्दी जुकाम में आराम मिलता है।

टांसिल्स के लिये हल्दी और दूध:-
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-एक प्याला (200 मिलीली.) दूध में आधा छोटा चम्मच (2 ग्राम) पिसी हल्दी मिलाकर उबालें। छानकर चीनी मिलाकर पीने को दें। विशेषरूप से सोते समय पीने पर तीन चार दिन में आराम मिल जाता है। रात में इसे पीने के बात मुँह साफ करना चाहिये लेकिन कुछ खाना पीना नहीं चाहिये।

ल्यूकोरिया से मुक्ति:-
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-ल्यूकोरिया नामक रोग कमजोरी, चिडचिडापन, के साथ चेहरे की चमक उड़ा ले जाता हैं। इससे बचने का एक आसान सा उपाय- एक-एक पका केला सुबह और शाम को पूरे एक छोटे चम्मच देशी घी के साथ खा जाएँ 11-12 दिनों में आराम दिखाई देगा। इस प्रयोग को 21 दिनों तक जारी रखना चाहिए।

मधुमेह के लिये आँवला और करेला:-
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-एक प्याला करेले के रस में एक बड़ा चम्मच आँवले का रस मिलाकर रोज पीने से दो महीने में मधुमेह के कष्टों से आराम मिल जाता है।

मधुमेह के लिये कालीचाय:-
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-मधुमेह में सुबह खाली पेट एक प्याला काली चाय स्वास्थ्यवर्धक होती है। चाय में चीनी दूध या नीबू नहीं मिलाना चाहिये। यह गुर्दे की कार्यप्रणाली को लाभ पहुँचाती है जिससे मधुमेह में भी लाभ पहुँचता है।

उच्च रक्तचाप के लिये मेथी:-
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-सुबह उठकर खाली पेट आठ-दस मेथी के दाने निगल लेने से उच्चरक्त चाप को नियंत्रित करने में सफलता मिलती है।

माइग्रेन और सिरदर्द के लिये सेब:-
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-सिरदर्द और माइग्रेन से परेशान हों तो सुबह खाली पेट एक सेब नमक लगाकर खाएँ इससे आराम आ जाएगा।

अपच के लिये चटनी:-
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-खट्टी डकारें, गैस बनना, पेट फूलना, भूक न लगना इनमें से किसी चीज से परेशान हैं तो सिरके में प्याज और अदरक पीस कर चटनी बनाएँ इस चटनी में काला नमक डालें। एक सप्ताह तक प्रतिदिन भोजन के साथ लें, आराम आ जाएगा।

मुहाँसों से मुक्ति:-
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-जायफल, काली मिर्च और लाल चन्दन तीनो का पावडर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। रोज सोने से पहले २-३ चुटकी भर के पावडर हथेली पर लेकर उसमें इतना पानी मिलाए कि उबटन जैसा बन जाए खूब मिलाएँ और फिर उसे चेहरे पर लगा लें और सो जाएँ, सुबह उठकर सादे पानी से चेहरा धो लें। १५ दिन तक यह काम करें। इसी के साथ प्रतिदिन २५० ग्राम मूली खाएँ ताकि रक्त शुद्ध हो जाए और अन्दर से त्वचा को स्वस्थ पोषण मिले। १५- २० दिन में मुहाँसों से मुक्त होकर त्वचा निखर जाएगी।

जलन की चिकित्सा चावल से:-
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-कच्चे चावल के ८-१० दाने सुबह खाली पेट पानी से निगल लें। २१ दिन तक नियमित ऐसा करने से पेट और सीन की जलन में आराम आएगा। तीन माह में यह पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

दाँतों के कष्ट में तिल का उपयोग:-
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-तिल को पानी में ४ घंटे भिगो दें फिर छान कर उसी पानी से मुँह को भरें और १० मिनट बाद उगल दें। चार पाँच बार इसी तरह कुल्ला करे, मुँह के घाव, दाँत में सड़न के कारण होने वाले संक्रमण और पायरिया से मुक्ति मिलती है।

विष से मुक्ति:-
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-10-10 ग्राम हल्दी, सेंधा नमक और शहद तथा 5 ग्राम देसी घी अच्छी तरह मिला लें। इसे खाने से कुत्ते, साँप, बिच्छु, मेढक, गिरगिट, आदि जहरीले जानवरों का विष उतर जाता है।

खाँसी में प्याज:-
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-अगर बच्चों या बुजुर्गों को खांसी के साथ कफ ज्यादा गिर रहा हो तो एक चम्मच प्याज के रस को चीनी या गुड मिलाकर चटा दें, दिन में तीन चार बार ऐसा करने पर खाँसी से तुरंत आराम मिलता है।

स्वस्थ त्वचा का घरेलू नुस्खा :-
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- नमक, हल्दी और मेथी तीनों को बराबर मात्रा में लेकर पीस लें, नहाने से पाँच मिनट पहले पानी मिलाकर इनका उबटन बना लें। इसे साबुन की तरह पूरे शरीर में लगाएँ और ५ मिनट बाद नहा लें। सप्ताह में एक बार प्रयोग करने से घमौरियों, फुंसियों तथा त्वचा की सभी बीमारियों से मुक्ति मिलती है। साथ ही त्वचा मुलायम और चमकदार भी हो जाती है।

पेट साफ रखे अमरूद:-
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-कब्ज से परेशान हों तो शाम को चार बजे कम से कम 200 ग्राम अमरुद नमक लगाकर खा जाएँ, फायदा अगली सुबह से ही नज़र आने लगेगा। 10 दिन लगातार खाने से पुराने कब्ज में लाभ होगा। बाद में जब आवश्यकता महसूस हो तब खाएँ।

बीज पपीते के स्वास्थ्य हमारा:-
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-पके पपीते के बीजों को खूब चबा-चबा कर खाने से आँखों की रोशनी बढ़ती है। इन बीजों को सुखा कर पावडर बना कर भी रखा जा सकता है। सप्ताह में एक बार एक चम्मच पावडर पानी से फाँक लेन पर अनेक प्रकार के रोगाणुओं से रक्षा होती है।

मुलेठी पेप्टिक अलसर के लिये:-
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- मुलेठी के बारे में तो सभी जानते हैं। यह आसानी से बाजार में भी मिल जाती है। पेप्टिक अल्सर में मुलेठी का चूर्ण अमृत की तरह काम करता है। बस सुबह शाम आधा चाय का चम्मच पानी से निगल जाएँ। यह मुलेठी का चूर्ण आँखों की शक्ति भी बढ़ाता है। आँखों के लिये इसे सुबह आधे चम्मच से थोड़ा सा अधिक पानी के साथ लेना चाहिये।

सरसों का तेल केवल पाँच दिन:-
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- रात में सोते समय दोनों नाक में दो दो बूँद सरसों का तेल पाँच दिनों तक लगातार डालें तो खाँसी-सर्दी और साँस की बीमारियाँ दूर हो जाएँगी। सर्दियों में नाक बंद हो जाने के दुख से मुक्ति मिलेगी और शरीर में हल्कापन मालूम होगा।

भोजन से पहले अदरक:-
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- भोजन करने से दस मिनट पहले अदरक के छोटे से टुकडे को सेंधा नमक में लपेट कर [थोड़ा ज्यादा मात्रा में ] अच्छी तरह से चबा लें। दिन में दो बार इसे अपने भोजन का आवश्यक अंग बना लें, इससे हृदय मजबूत और स्वस्थ बना रहेगा, दिल से सम्बंधित कोई बीमारी नहीं होगी और निराशा व अवसाद से भी मुक्ति मिल जाएगी।

अजवायन का साप्ताहिक प्रयोग:-
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- सुबह खाली पेट सप्ताह में एक बार एक चाय का चम्मच अजवायन मुँह में रखें और पानी से निगल लें। चबाएँ नहीं। यह सर्दी, खाँसी, जुकाम, बदनदर्द, कमर-दर्द, पेटदर्द, कब्जियत और घुटनों के दर्द से दूर रखेगा। 10 साल से नीचे के बच्चों को आधा चम्मच 2 ग्राम और 10 से ऊपर सभी को एक चम्मच यानी 5 ग्राम लेना चाहिए।
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योगाचार्य प्रशांत शर्मा 094677 17877
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*कुछ अच्छी जानकारियाँ* 1.  *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , इसलिए शरीर में जाने के बाद नुकसा...
02/12/2025

*कुछ अच्छी जानकारियाँ*

1. *चीनी* के अन्दर सल्फर होता जो कि पटाखों में प्रयोग होता है , इसलिए शरीर में जाने के बाद नुकसान करता है
2. *शुक्रोज* हजम नहीं होता है *फ्रेक्टोज* हजम होता है और भगवान् की हर मीठी चीज में फ्रेक्टोज है ।
3. *आँखों के रोग* - कैट्रेक्टस, मोतियाविन्द, ग्लूकोमा , आँखों का लाल होना आदि ज्यादातर रोग कफ के कारण होता है ।
4. *सोते समय* रक्त दवाव कम होता है ।
5. *दुनियां के महान* वैज्ञानिक का स्कूली शिक्षा का सफ़र अच्छा नहीं रहा, चाहे वह 8 वीं फेल न्यूटन हों या 9 वीं फेल आइस्टीन हों ,
6. *छिलके वाली दाल-सब्जियों से कोलेस्ट्रोल हमेशा घटता है ।*
7. *कोलेस्ट्रोल की बढ़ी* हुई स्थिति में इन्सुलिन खून में नहीं जा पाता है । ब्लड शुगर का सम्बन्ध ग्लूकोस के साथ ही नहीं अपितु कोलेस्ट्रोल के साथ भी है ।
8. *सिरदर्द* में एक चुटकी नौसादर व अदरक का रस रोगी को सुंघायें ।
9. *भोजन* के आधे घंटे पहले सलाद खाएं उसके बाद भोजन करें ।
10. *अवसाद* में आयरन , कैल्शियम , फास्फोरस की कमी हो जाती है । फास्फोरस गुड और अमरुद में अधिक है
11. *पीले केले* में आयरन कम और कैल्शियम अधिक होता है । हरे केले में कैल्शियम थोडा कम लेकिन फास्फोरस ज्यादा होता है तथा लाल केले में कैल्शियम कम आयरन ज्यादा होता है । हर हरी चीज में भरपूर फास्फोरस होती है, वही हरी चीज पकने के बाद पीली हो जाती है जिसमे कैल्शियम अधिक होता है ।
12. *छोटे केले* में बड़े केले से ज्यादा कैल्शियम होता है ।
13. *चूना* बालों को मजबूत करता है तथा आँखों की रोशनी बढाता है ।
14. *गौ-मूत्र अर्क आँखों में ना डालें ।*
15. *गाय के दूध* में घी मिलाकर देने से कफ की संभावना कम होती है लेकिन चीनी मिलाकर देने से कफ बढ़ता है ।
16. *रात* में आलू खाने से वजन बढ़ता
17. *भोजन* के बाद कंघी करें कंघी करते समय आपके बालों में कंघी के दांत चुभने चाहिए । बाल जल्द सफ़ेद नहीं होगा ।
18. *अजवाईन* अपान वायु को बढ़ा देता है जिससे पेट की समस्यायें कम होती है
19. *बिना कैल्शियम* की उपस्थिति के कोई भी विटामिन व पोषक तत्व पूर्ण कार्य नहीं करते है ।
20. *स्वस्थ्य व्यक्ति* सिर्फ 5 मिनट शौच में लगाता है ।
21. *भोजन* करते समय डकार आपके भोजन को पूर्ण और हाजमे को संतुष्टि का संकेत है ।
22. *सुबह के नाश्ते* में फल , *दोपहर को दही* व *रात्रि को दूध* का सेवन करना चाहिए ।
23. *रात्रि* को कभी भी अधिक प्रोटीन वाली वस्तुयें नहीं खानी चाहिए । जैसे - दाल , पनीर , राजमा , लोबिया आदि ।
24. *शौच और भोजन* के समय मुंह बंद रखें , भोजन के समय टी वी ना देखें ।
25. *चिंता , क्रोध , ईर्ष्या करने से गलत हार्मोन्स का निर्माण होता है जिससे कब्ज , बबासीर , अजीर्ण , अपच , रक्तचाप , थायरायड की समस्या उतपन्न होती है ।*
26. *गर्मियों में बेल , गुलकंद , तरबूजा , खरबूजा व सर्दियों में सफ़ेद मूसली , सोंठ का प्रयोग करें ।*
27. *प्रसव* के बाद माँ का पीला दूध बच्चे की प्रतिरोधक क्षमता को 10 गुना बढ़ा देता है । बच्चो को टीके लगाने की आवश्यकता नहीं होती है ।
28. *सोने से* आधे घंटे पूर्व जल का सेवन करने से वायु नियंत्रित होती है , लकवा , हार्ट-अटैक का खतरा कम होता है ।
29. *स्नान से पूर्व और भोजन के बाद पेशाब जाने से रक्तचाप नियंत्रित होता है*।
30. *त्रिफला अमृत है* जिससे *वात, पित्त, कफ* तीनो शांत होते हैं
31. इस विश्व की सबसे मँहगी दवा। लार है, जो प्रकृति ने तुम्हें अनमोल दी है, इसे ना थूके ।

*लेख सभी के फायदे के लिए*
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योगाचार्य प्रशांत शर्मा 094677 17877

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02/12/2025

*कांच के बर्तन में 400 ग्राम किशमिश भर दें*
*इसके बाद उस बर्तन में शहद डाल दें शहद की इतनी मात्रा हो कि किशमिश पूरी तरह डूब जाएं कुछ वक्त के लिए किशमिश को शहद में डूबा रहने दें इस तरह यह किशमिश शहद का पेस्ट तैयार हो जाएगा।*

*किशमिश और शहद स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है.*
खासकर शादीशुदा पुरुषों के लिए यह फायदेमंद होता है.
किशमिश और शहद (Raisins And Honey) अपने अलग-अलग गुणों के लिए जाने जाते हैं, लेकिन इन दोनों का एक साथ सेवन करने से स्वास्थ्य में कई जबरदस्त फायदे हो सकते हैं.

*यौन शक्ति हेतु किशमिश और शहद ।*
किशमिश में आयरन अधिक मात्रा में पाया जाता है. इसलिए यह एनीमिया से बचाव करता है. इसके अलावा इसमें कॉपर भी होता है, जिससे रेड ब्लड सेल्स बनते हैं और खून की कमी नहीं होती. किशमिश में विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स और सेलीनियम होता है, जो कमजोर लीवर, गुप्त रोगों और कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता को दूर करता है. वहीं शहद में कार्बोहाइड्रेट, राइबोफ्लेविन, नायसिन, विटामिन बी-6, विटामिन सी और एमिनो एसिड भी पाए जाते हैं. जो शरीर के लिए बेहद फायदेमंद माने जाते हैं.

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*किशमिश: मीठी चीज़ जो शरीर की 14 बड़ी समस्याओं को खत्म कर सकती है!”* 🍇*हर घर में मिल जाती है**लेकिन कोई नहीं जानता कि ये...
02/12/2025

*किशमिश: मीठी चीज़ जो शरीर की 14 बड़ी समस्याओं को खत्म कर सकती है!”* 🍇

*हर घर में मिल जाती है*
*लेकिन कोई नहीं जानता कि ये इतनी ताकतवर औषधि है।*
*सिर्फ 10-12 किशमिश रोज़ खाने से शरीर अंदर से बदलने लगता है! आइए जानते हैं इसके 14 जबरदस्त फायदे*
1.

एनीमिया का दुश्मन 🩸
किशमिश में मौजूद Iron + Vitamin B Complex
रक्त में हीमोग्लोबिन बढ़ाते हैं।
नतीजा — थकान, कमजोरी, चक्कर जैसी दिक्कतें गायब।
2.

डाइजेशन Doctor 🍽️
किशमिश = High Fiber Food
जो आंतों की सफाई, कब्ज और गैस जैसी समस्याओं को दूर करता है।
सुबह खाली पेट भीगी किशमिश खाने से पेट बिल्कुल हल्का रहता है।
3.

हड्डियाँ बनें स्टील जैसी 🦴
किशमिश में Calcium + Boron होता है,
जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और गठिया को दूर रखता है।
4.

कैंसर से सुरक्षा 🧬
इसमें मौजूद Catechin Antioxidant
Free Radicals को रोकता है जो कैंसर सेल्स का कारण बनते हैं।
यानी किशमिश = प्राकृतिक Anti-Cancer Shield
5.

एसिडिटी से छुटकारा 💧
पोटैशियम और मैग्नीशियम
शरीर का pH Balance बनाए रखते हैं।
किशमिश = नेचुरल Antacid 😌
6.

Instant Energy Booster ⚡
किशमिश में नैचुरल फ्रुक्टोज और ग्लूकोज़ होता है,
जो शरीर को तुरंत एनर्जी देता है।
Gym जाने वालों और बच्चों के लिए परफेक्ट स्नैक!
7.

आंखों की रोशनी बढ़ाए 👀
इसमें पाए जाने वाले Polyphenolic Nutrients
आंखों को Free Radicals से बचाते हैं और मोतियाबिंद का खतरा घटाते हैं।
8.

दांतों की सुरक्षा 😁
किशमिश में Oleanolic Acid होता है,
जो कैविटीज़ और बैक्टीरिया से दांतों की रक्षा करता है।
9.

ब्लड प्रेशर कंट्रोल ❤️
किशमिश में पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होती है,
जो High BP को कंट्रोल करता है।
DASH Diet (Heart-Friendly Diet) में भी किशमिश शामिल है!
10.

बुखार में राहत 🤒
भीगी हुई किशमिश एंटीऑक्सीडेंट और एंटीबैक्टीरियल होती है।
वायरल या बुखार में दिन में दो बार इसका सेवन करें —
शरीर जल्दी रिकवर करता है।
11.

डायबिटीज़ में भी फायदेमंद 🍬
शुगर पेशेंट्स के लिए Safe Snack —
किशमिश ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद करती है
और Insulin Sensitivity सुधारती है।
12.

कब्ज का परमानेंट इलाज 🚽
High Fiber + Natural Laxative
किशमिश रोज़ खाने से पेट क्लीन और एनर्जी अप!
13.

यौन शक्ति में सुधार 💪🔥
किशमिश में Arginine होता है —
जो काम-शक्ति और stamina दोनों बढ़ाता है।
दूध के साथ किशमिश = आयुर्वेदिक एनर्जी ड्रिंक 🌙
🌿 Bonus Tip:
👉 10–12 किशमिश रात को पानी में भिगो दें
👉 सुबह खाली पेट खाएँ
यह Simple Habit आपके अंदर की सफाई और glow दोनों करती है l
योगाचार्य प्रशांत शर्मा 094677 17877

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02/12/2025

*कीचड़ में उगने वाली ये जड़ आपके खून को बना देगी शुद्ध और ताकतवर*

*मै आज बात कर रहा हूं कमल ककड़ी (कमल की जड़ की)।*

*कमल ककड़ी असल में कमल के पौधे (Nelumbo nucifera) की जड़ होती है।*
*जो तालाब, झील या फिर दलदली इलाक़ों में। प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।*

*यह Iron, Vitamin C, और Potassium से भरपूर होती है। ये nutrients शरीर में Red Blood Cells (RBCs) के निर्माण को बढ़ाते हैं, जिससे Blood* *Circulation बेहतर होता है और शरीर को पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है इसमें मौजूद dietary fiber Digestion को दुरुस्त रखता है, जबकि antioxidants शरीर को free radicals से बचाते हैं यानी skin, brain और heart तीनों का संतुलन बनाए रखते हैं।*

वैज्ञानिक रूप से कहा जाए तो, कमल ककड़ी Hemoglobin लेवल बढ़ाने, Heart Health सुधारने और Immune system मजबूत करने में मदद करती है।

वैसे अगली बार जब बाज़ार में यह दिखे, तो याद रखना ये सिर्फ एक सब्ज़ी नहीं, बल्कि Natural Blood Purifier है।
अब आप सभी बताइए आपने इसकी सब्जी कभी खाई है और इसको आपके इधर किस नाम से जाना जाता है?
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*Fatty Liverअब नया स्टेटस सिंबल बन चुका है**लोग गर्व से कहते हैं मेरा Liver Fatty हो गया है जैसे कोई उपलब्धि हो…**पर सच ...
02/12/2025

*Fatty Liverअब नया स्टेटस सिंबल बन चुका है*
*लोग गर्व से कहते हैं मेरा Liver Fatty हो गया है जैसे कोई उपलब्धि हो…*
*पर सच ये है ये आपकी सफलता नहीं आपकी गलती का नतीजा है*
चलिए जानते हैं क्यों आज 30% भारतीयों का लिवर "Fatty" हो चुका है
*बहुत ही ज्ञानवर्धक लेख 2 मिनट का समय निकालकर अवश्य पढ़ें*
1.

Fatty Liver – एक Warning Signal, न कि Disease का नाम मात्र
Liver में fat का जमा होना, Metabolic Dysfunction का शुरुआती संकेत है।
अगर इसे नजरअंदाज किया, तो यही आगे चलकर
👉 Insulin Resistance
👉 Type-2 Diabetes
👉 Heart Disease
👉 PCOS और
👉 Liver Failure तक ले जाता है।
2.

डराने वाली सच्चाई — 18 से 35 की उम्र में भी Fatty Liver तेज़ी से बढ़ रहा है!
कारण?
❌ Junk food
❌ Cold drinks और bakery items
❌ Stress + Sleepless nights
❌ Inactive lifestyle
❌ Overeating + Snacking

यानी शराब नहीं, आपकी प्लेट और आपकी दिनचर्या जिम्मेदार है।
3.

Science क्या कहता है:
🔹 Non-Alcoholic Fatty Liver Disease (NAFLD) अब महामारी बन चुकी है।
🔹 Research बताती है —
अगर समय पर सुधारा न जाए तो ये NASH → Fibrosis → Cirrhosis → Liver Failure तक जाता है।
🔹 लेकिन — अगर सही कदम उठाए जाएं तो 3 से 6 महीने में 25–80% तक Liver Fat कम किया जा सकता है!
4.

Recovery Possible है – पर वक्त रहते!
आपका Liver Self-Healing Organ है।
बस आपको उसे मौका देना होगा:

✅ 150–300 मिनट/सप्ताह physical activity
✅ Sugar, Maida, Refined Oils की कटौती
✅ Controlled Calorie + Balanced Macros
✅ 7–8 घंटे की नींद
✅ Stress management
✅ Zero Alcohol
5.

Temporary Taste vs Long-Term Health
हर बार जब आप cold drink, pastry या फ्राइड फूड चुनते हैं —
आप स्वाद नहीं, अपनी सेहत को गिरवी रख रहे होते हैं।
Liver heal करेगा…
पर पहले उसे नुकसान पहुँचाना बंद करें।
आयुर्वेद से फैटी लिवर का इलाज करवाने के लिए संपर्क करें-
योगाचार्य प्रशांत शर्मा 094677 17877

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