Murali points smriti chart

Murali points smriti chart reminder of the times

17/11/2022
03/07/2022
21/12/2021

संगम का हर सैकेण्ड प्राप्तियो से भरपुर हो ,एक second भी विस्मृत ना हो ।हर सुबह स्वयं को याद दिलाए कितना महान समय मिला है ....

11/09/2021

Primitive animals form linear, fairly predictable behavior because they lack emotions. The evolution of the cortex gives rise to c...

24/06/2021
24/12/2019

Om Shanti
04.12.2019
【आज की अव्यक्त मुरली】

‘‘मेहनत से छूटने का सहज साधन - निराकारी स्वरूप की स्थिति’’
(15.03.1985)

बापदादा बच्चों की मेहनत देख नहीं सकते हैं।
मास्टर सर्वशक्तिवान और मेहनत...!
मास्टर सर्वशक्तिवान सर्व शक्तियों के मालिक हो। जिस शक्ति को जिस भी समय शुभ संकल्प से आह्वान करो, वह शक्ति आप मालिक के आगे हाज़िर है। ऐसे मालिक, जिसकी सर्व शक्तियाँ सेवाधारी हैं, वह मेहनत करेगा वा शुभ संकल्प का आॅर्डर करेगा, क्या करेगा...?

राजे हो ना कि प्रजा हो...?
वैसे भी जो योग्य बच्चा होता है, उसको क्या कहते हैं?
राजा बच्चे कहते हैं ना।
तो आप कौन हो? राजा बच्चे हो कि अधीन बच्चे हो...?
अधिकारी आत्मायें हो ना। तो यह शक्तियाँ, यह गुण यह सब आपके सेवाधारी हैं, आह्वान करो और हाज़िर...। जो कमज़ोर होता है वह शक्तिशाली शस्त्र होते हुए भी कमज़ोरी के कारण हार जाते हैं। आप कमज़ोर हो क्या?
बहादुर बच्चे हो ना...!

सर्वशक्तिवान् के बच्चे कमज़ोर हों, तो सब लोग क्या कहेंगे? अच्छा लगेगा...?
तो आह्वान करना, आॅर्डर करना सीखो। लेकिन सेवाधारी आॅर्डर किसका मानेगा...? जो मालिक होगा।
मालिक स्वयं सेवाधारी बन गये ... मेहनत करने वाले, तो सेवाधारी हो गये ना...!
मन की मेहनत से अब छूट गये। शरीर के मेहनत की यज्ञ सेवा अलग बात है। वह भी यज्ञ सेवा के महत्व को जानने से मेहनत नहीं लगती है। महत्व के कारण, बाप से मोहब्बत होने के कारण, मेहनत का रूप बदल जाता है। ऐसे मन की मेहनत से अब छूटने का समय आ गया है।

द्वापर से ढूँढ़ने की, तड़पने की, पुकारने की, मन की मेहनत करते आये हो। मन की मेहनत के कारण धन कमाने की भी मेहनत बढ़ती गई।
आज किसे भी पूछो तो क्या कहते हैं? धन कमाना मासी का घर नहीं है। मन की मेहनत से धन के कमाई की भी मेहनत बढ़ा दी और तन तो बन ही गया रोगी...!

इसलिए तन के कार्य में भी मेहनत, मन की भी मेहनत, धन की भी मेहनत। सिर्फ इतना ही नहीं, लेकिन आज परिवार में प्यार निभाने में भी मेहनत है। कभी एक रूसता है, कब दूसरा ... फिर उसको मनाने की मेहनत में लगे रहते...!

बापदादा पहले मन की मेहनत समाप्त कर देते, क्योंकि बीज है मन। मन की कमज़ोरी, वायुमण्डल की कमज़ोरी में लाती है। बापदादा बच्चों के मन की मेहनत नहीं देख सकते। तो अब मेहनत को मोहब्बत में परिवर्तन करो। महत्व से खत्म करो।

अच्छा। ओम् शान्ति।

🔥🔥शुभ अमृतवेला योग 🔥🔥आज नववर्ष की पावन अमृतवेला  में , मैं  निश्चय बुद्धि  आत्मा स्वयं से प्रतिज्ञा करती हूँ  कि -------...
27/10/2019

🔥🔥शुभ अमृतवेला योग 🔥🔥

आज नववर्ष की पावन अमृतवेला में , मैं निश्चय बुद्धि आत्मा स्वयं से प्रतिज्ञा करती हूँ कि --------

1 .मैं अंत मति सो गति के लिए सदा एकाग्र बुद्धि बन ,एक रस स्थिति के आसन पर , सदा अचल अडोल स्थिति में स्थित रहूँगी ।
2. नये वर्ष में अपने तन, मन , धन , समय , संकल्प तथा श्वास द्वारा एक शिवबाबा की ही सेवा में तत्पर रहूंगी ।
3. एक बाप दूसरा न कोई का पाठ पक्का करुंगी।

परमात्मा के महावाक्य हैं----"हलचल में अचल रहने वाली आत्मा ही महावीर कहलाती है"। "जितना हंगामा हो , उतना स्वयं की स्थिति अति शान्त हो , ऐसी कन्ट्रोलिंग पॉवर वाले ही विश्व को कन्ट्रोल कर सकते हैं"।

स्वयं को श्रेष्ठ स्वमान दीजिए ---" मै अचल अडोल आत्मा हूं ----मैं सेकण्ड के अभ्यास द्वारा अति हलचल में अचल रहने वाली कल्प-कल्प की विजयी तख्तनशीन आत्मा हूं ।"
स्वयं से बातें करें -----
"हे आत्मा .... स्वयं को जानो , तुम्हारा जन्म सिर्फ परिवार व रिश्ते-नातों के साथ सुख दुःख का खेल खेलने के लिये नही हुआ है अपितु इस हीरे तुल्य अमूल्य जीवन में अपने अविनाशी परमपिता परमात्मा को यथार्थ रीति पहचान उनकी श्री मत पर चल कर ,अपना जीवन श्रेष्ठ बनाने के लिए हुआ है ---अतीन्द्रिय सुख का अनुभव करने के लिए हुआ है।

आप ही वह सच्ची आत्माएँ हो जो शिवपिता की मुरली की धुन सुनने के लिए , अपने सब रिश्ते नातों को छोड़ दौड़ी चली आती थी-----अब तुम्हारे दुःख के दिन पूरे हुये.... देखो अब शिवपिता तुम्हें लेने आए हैं।

जिस परमात्मा को तुम अज्ञानता में भी पुकार रहीं थी , वही परमात्मा तुम्हारी पुकार पर समयानुसार तुम्हें वापस अपने घर ----तुम्हारे अपने घर ले जाने के लिए आएं हैं -----तो आओ , अब अपने सब कर्मों के खातों को शिवपिता की निरंतर याद के बल से चुक्तू कर घर चलने की तैयारी करो।

इस विनाश के कगार पर खड़ी मनुष्य सृष्टि पर भारी आपदाएं आने वाली हैं ----- परिक्षा के इस कठिन समय पर स्वयं को सर्व शक्तियों से भरपूर करना है।

सभी आत्माओं को अपना अपना हिसाब किताब चुक्तु कर , परमधाम घर मे वापिस जाना है --- सृष्टि रंगमंच पर चल रहे इस नाटक का अब अंत आ चुका है----अंतिम समय की इन अमूल्य घड़ियों को व्यर्थ न गंवाओ ----जो भी होगा अचानक ही होगा ---अतः सदा एवर रेडी रहना है ---- हलचल में भी अचल रहने का पार्ट पक्का करना है।

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Play the flute, dance, face the music, become an artist, practice, exercise your mental powers, explore, move, to a diff...
19/10/2019

Play the flute, dance, face the music, become an artist, practice, exercise your mental powers, explore, move, to a different state of mind, to a different state or country, write or read a book, take notes, start a new business, begin or end a relationship, make new friends, help someone, donate blood, earn more wealth of blessings, get a house, have a pet, go to college, go to center, learn to paint a new picture, learn to plant and nurture it, clean your closet, bake a cake, make new friends, grow, change, become… One small step at a time turns thoughts, ideas and dreams into realities.
Rise in the first light, begin with yes, fix a morning walk before six, breathe deep.
Just use it or lose it.
The AIM OBJECT is to inject fresh blood with Oxygen to regenerate the HORMONAL❤HARMONY in the MIND & BODY

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Shantivan, Abu Road
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