02/10/2025
विजयदशमी का पावन पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत, असत्य पर सत्य की विजय और अधर्म पर धर्म के उत्सव का प्रतीक है।
यह पर्व हमें यह प्रेरणा देता है कि चाहे रास्ते कितने भी कठिन क्यों न हों, सदैव सत्य और धर्म की राह पर चलना चाहिए।
मेरे बाल्यकाल की एक अनुपम स्मृति इस पर्व से जुड़ी हुई है जिसे में आप सभी के साथ साझा कर रहा हूँ। उस समय मैंने रामलीला में भगवान श्रीराम का किरदार निभाने का सौभाग्य पाया था। मंच पर खड़े होकर श्रीराम के रूप में जब आदर्श, मर्यादा और धर्म का संदेश प्रस्तुत किया, तो वह अनुभूति आज भी हृदय में उतनी ही जीवंत और प्रेरणादायी है। यह अनुभव मेरे जीवन में सदा अच्छाई के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
रावण के दहन के साथ ही हमें अपने भीतर की बुराइयों—अहंकार, क्रोध, लोभ और ईर्ष्या—को भी त्याग कर सद्गुणों को अपनाना चाहिए।
आइए इस दशहरे पर हम सब संकल्प लें कि हम समाज में प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश फैलाएँगे और जीवन में सदैव अच्छाई की राह पर चलेंगे।
आप सभी को विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।