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23/05/2021

"लो ब्लड प्रेशर का इलाज"
अगर ब्लड प्रेशर लो होने पर लक्षण कम या नहीं होते तो इलाज की आमतौर पर जरुरत नहीं होती है।
यदि आपको लक्षण होते हैं, तो आपका उपचार उसके होने के कारणों पर निर्भर करेगा। उदाहरण के लिए, जब लो बीपी दवाओं के कारण होता है, तो आमतौर पर दवा बदलने या रोकने या खुराक कम करने से उसका उपचार किया जाता है।
यदि यह स्पष्ट नहीं होता है कि लो बीपी किस कारण हो रहा है या इसका कोई इलाज नहीं है, तो आपके रक्तचाप को बढ़ाने और लक्षणों को बेहतर करने के लिए इलाज किया जाता है।
आपकी उम्र, स्वास्थ्य और आपके लो बीपी के प्रकार के आधार पर आप निम्नलिखित तरीकों से इलाज कर सकते हैं -
1. अधिक नमक का प्रयोग करें
आमतौर पर आहार में नमक को सीमित रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि सोडियम रक्तचाप बढ़ा सकता है। कम रक्तचाप से ग्रस्त लोगों के लिए, नमक अच्छा हो सकता है लेकिन अधिक सोडियम हृदय की विफलता का कारण बन सकता है, इसीलिए अपने आहार में नमक बढ़ाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

2. अधिक पानी पिएं
द्रव, रक्त की मात्रा में वृद्धि करते हैं और निर्जलीकरण को रोकने में मदद करते हैं जो दोनों ही लो बीपी के इलाज में महत्वपूर्ण होते हैं।

3. दबाव वाले मोज़े पहनें
दबाव वाले मोज़े जो पैरों में दर्द और सूजन को दूर करते हैं, वह आपके पैरों में रक्त के थक्कों को कम करने में मदद करते हैं।

08/05/2021

LOW BLOOD PRESSURE

लो ब्लड प्रेशर का इलाज - Low Blood Pressure Treatment in Hindi
अगर ब्लड प्रेशर लो होने पर लक्षण कम या नहीं होते तो इलाज की आमतौर पर जरुरत नहीं होती है।
यदि आपको लक्षण होते हैं, तो आपका उपचार उसके होने के कारणों पर निर्भर करेगा। उदाहरण के लिए, जब लो बीपी दवाओं के कारण होता है, तो आमतौर पर दवा बदलने या रोकने या खुराक कम करने से उसका उपचार किया जाता है।
यदि यह स्पष्ट नहीं होता है कि लो बीपी किस कारण हो रहा है या इसका कोई इलाज नहीं है, तो आपके रक्तचाप को बढ़ाने और लक्षणों को बेहतर करने के लिए इलाज किया जाता है।
आपकी उम्र, स्वास्थ्य और आपके लो बीपी के प्रकार के आधार पर आप निम्नलिखित तरीकों से इलाज कर सकते हैं -
1. अधिक नमक का प्रयोग करें
आमतौर पर आहार में नमक को सीमित रखने की सलाह दी जाती है क्योंकि सोडियम रक्तचाप बढ़ा सकता है। कम रक्तचाप से ग्रस्त लोगों के लिए, नमक अच्छा हो सकता है लेकिन अधिक सोडियम हृदय की विफलता का कारण बन सकता है, इसीलिए अपने आहार में नमक बढ़ाने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।

2. अधिक पानी पिएं
द्रव, रक्त की मात्रा में वृद्धि करते हैं और निर्जलीकरण को रोकने में मदद करते हैं जो दोनों ही लो बीपी के इलाज में महत्वपूर्ण होते हैं।

3. दबाव वाले मोज़े पहनें
दबाव वाले मोज़े जो पैरों में दर्द और सूजन को दूर करते हैं, वह आपके पैरों में रक्त के थक्कों को कम करने में मदद करते हैं।

07/05/2021

LOW BLOOD PRESSURE
लो ब्लड प्रेशर से बचाव - Prevention of Low Blood Pressure in Hindi
लो बीपी से बचने के निम्नलिखित उपाय हैं -
1. शराब पीना बंद या कम करें - शराब शरीर में पानी की कमी करती है और ब्लड प्रेशर कम कर सकती है।
2. स्वस्थ खाएं - अनाज, फल, सब्ज़ियां और मछली सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाएं जिनसे आपको अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक सभी पोषक तत्व मिलें।
3. अपने शरीर की मुद्रा का ध्यान रखें - बैठने की स्थिति के बाद धीरे से खड़े हों। एक पैर को दूसरे पैर पर चढ़ाकर न बैठें।
4. कम कार्ब-युक्त भोजन खाएं - भोजन के बाद रक्तचाप के तेज़ी से कम होने को रोकने के लिए, दिन में कई बार छोटे हिस्से में भोजन खाएं और आलू, चावल, पास्ता और रोटी जैसे उच्च कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें।
आपके डॉक्टर आपको भोजन के साथ कैफीन-युक्त कॉफी या चाय पीने की सलाह दे सकते हैं ताकि अस्थायी रूप से आपका ब्लड प्रेशर बढ़ जाए लेकिन कैफीन अन्य समस्याएं पैदा कर सकता है इसीलिए अधिक कैफीनयुक्त पेय पदार्थ पीने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें।


06/05/2021

LOW BLOOD PRESSURE
बीपी कम होने का क्या कारण है?
लौ ब्लड प्रेशर के कारणों में शामिल हैं कुछ बीमारियां (जैसे डायबिटीज या थायराइड), गर्भावस्था और कुछ दवाइयां। कभी-कभी ब्लड प्रेशर कम होने का कारण पता नहीं चल पाता है।
कुछ परिस्थितियों या बिमारियों में ब्लड प्रेशर लंबे समय तक कम रह सकता है, और इसका इलाज न होने पर खतरनाक हो सकता है। इनमें शामिल हैं -
गर्भावस्था - माँ और बढ़ते भ्रूण दोनों को अधिक रक्त की जरुरत के कारण
चोट - चोट लगने पर बड़ी मात्रा में रक्त की हानि
हार्ट अटैक - दिल के दौरे या हृदय वाल्व में गड़बड़ी के कारण रक्त परिसंचरण में समस्या
निर्जलीकरण - कमजोरी और शॉक की स्थिति जो कभी-कभी निर्जलीकरण के साथ होती है
एनाफिलेक्टिक शॉक (जो कि एलर्जी की प्रतिक्रिया का एक गंभीर रूप है)
रक्त सम्बंधित संक्रमण
एंडोक्राइन रोग जैसे कि डायबिटीज और थायरॉयड रोग

05/05/2021

LOW BLOOD PRESSURE
बीपी लो या कम होने के क्या लक्षण है?
लो ब्लड प्रेशर के सबसे आम लक्षण हैं चक्कर आना और बेहोशी।
कुछ मामलों में ब्लड प्रेशर कम होना एक अंतर्निहित समस्या का संकेत होता है, खासकर जब यह अचानक गिरता है या बीपी गिरने पर यह लक्षण होते हैं -
चक्कर आना
बेहोशी
धुंधला दिखना या लुप्त होती दृष्टि
जी मिचलाना
थकान
एकाग्रता में कमी
अगर ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा गिर जाए तो इंसान "शॉक" में जा सकता है जो कि घातक हो सकता है। यह एक इमरजेंसी स्थिति है और तुरंत इलाज की आवश्यकता होती है।

04/05/2021

LOW BLOOD PRESSURE
लो ब्लड प्रेशर या निम्न रक्तचाप क्या है?
लो ब्लड प्रेशर (निम्न रक्तचाप) तब होता है जब रक्तचाप सामान्य से काफी कम हो जाता है। ऐसा होने पर हृदय, मस्तिष्क और शरीर के अन्य भागों में पर्याप्त रक्त नहीं पहुंच पाता है।
आदर्श रूप से ब्लड प्रेशर 120/80 (सिस्टोलिक/डायस्टोलिक) से कम और 90/60 से ज्यादा होना चाहिए। 90/60 से कम होने पर इसे लौ ब्लड प्रेशर या मेडिकल भाषा में "हाइपोटेंशन" कहा जाता है।
कभीकभी ब्लड प्रेशर कम होने पर कोई लक्षण नहीं होते हैं। ऐसे में आमतौर पर इसे हानिकारक नहीं माना जाता है।
चक्कर आना और बेहोशी दोनों लो बीपी के मुख्य लक्षण हैं। ये लक्षण सबसे ज्यादा तब महसूस होते हैं जब व्यक्ति लेटने या बैठने के बाद खड़ा होता है। लो बीपी के सामान्य कारण हैं रक्त की मात्रा में कमी, हृदय रोग और कुछ दवाएं।
दोनों लो और हाई ब्लड प्रेशर का जोखिम आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ बढ़ता है। लो बीपी का इलाज इसके होने के कारण पर निर्भर करता है।

03/05/2021

HIGH BLOOD PRESSURE...
हाई ब्लड प्रेशर के नुकसान - High blood pressure complications in Hindi
हाई बीपी से हमारी धमनियों की दीवारों पर बहुत ज़्यादा तनाव पड़ता है। जिससे हमारी रक्त कोशिकाओं और हमारे शरीर में मौजूद अंगो को नुक्सान पहुँचता है। जितना ज़्यादा रक्त चाप होगा, उतना ज़्यादा वह अनियंत्रित रहेगा और उतना ज़्यादा नुक्सान होगा।
हाई बीपी होने से निम्नलिखित चीज़ें हो सकती हैं :
दिल का दौरा - हाई बीपी से कोशिकाएं मोटी और सख्त हो जाती हैं, जिसकी वजह से दिल का दौरा या दूसरी जटिलताएं हो जाती हैं।
धमनीविस्फार (एन्यूरिज्म) - हाई बीपी से हमारी कोशिकाएं कमज़ोर और बाहर की तरफ उभर जातीं हैं, जिससे धमनीविस्फार (धमनी की दीवार में अत्यधिक सूजन) बन जाता है। धमनीविस्फार टूटने से यह जान लेवा भी हो सकता है।
हार्ट फेल होना - कोशिकाओं में अधिक दबाव के खिलाफ रक्त पंप करने से, हृदय की मांसपेशियां मोटी हो जाती हैं। अंत में, मोटी मांसपेशियों की जरूरत पूरी करने में हृदय को दिक्कत होगी और वह पर्याप्त खून को पंप नहीं कर पायेगा, जिसकी वजह से हार्ट फेल हो सकता है।
गुर्दे में कमज़ोर और संकुचित रक्त कोशिकाओं का होना - इससे आपके गुर्दे ठीक से काम नहीं कर पाते हैं।
आंखों की रक्त कोशिकाओं का कमजोर या संकुचित होना - इससे आंखों की रौशनी जा सकती है।
मेटाबोलिक सिंड्रोम - मेटाबोलिक सिंड्रोम शरीर के चयापचय से समन्धित विकारों का समूह होता है। इससे आपको मधुमेह, हृदय रोग और दिल का दौरा जैसी बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
मस्तिष्क सम्बंधित समस्याएं - अनियंत्रित हाई बीपी आपके सोचने, याद रखने और सीखने की क्षमता पर असर दाल सकता है। याददाश्त सम्बन्धी समस्याएं हाई बीपी वाले लोगों में आम हैं।


02/05/2021

HIGH BLOOD PRESSURE...
हाई बीपी से बचाव
बीपी बढ़ने से कैसे रोक सकते हैं?
स्वस्थ आहार, पर्याप्त नींद, एक्सरसाइज और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के साथ सिगरेट-शराब छोड़कर आप अपने रक्तचाप को कंट्रोल में रख सकते हैं। ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रख कर आपको हृदय रोग और स्ट्रोक होने का जोखिम कम हो जायेगा।
निम्नलिखित स्वस्थ रहने की आदतों डालें -
स्वस्थ आहार खाएं - हाई ब्लड प्रेशर और इसकी जटिलताओं से बचने के लिए स्वस्थ भोजन चुनें। ताजे फल और सब्जियां खूब खाएं। डैश डाइट प्लान रक्तचाप को कम करने के लिए सिद्ध है।
वजन कंट्रोल में रखें - अधिक वजन या मोटापा होने के कारण ब्लड प्रेशर बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर आपका बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) कैलकुलेट करेंगे। उसके अनुसार वह आपको वजन कम करने के लिए स्वस्थ भोजन और एक्सरसाइज की सलाह देंगे।
शारीरिक रूप से सक्रिय रहें - शारीरिक गतिविधि आपको स्वस्थ वजन रखने और रक्तचाप को कम करने में मदद कर सकती है। सप्ताह में 5 दिन 30 मिनट एक्सरसाइज करने की कोशिश करें।
धूम्रपान न करें - धूम्रपान आपके रक्तचाप को बढ़ाता है और आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक होने का जोखिम बहुत बढ़ा देता है। सिगरेट / बीड़ी पीना तुरंत छोड़ दें। (और पढ़ें - सिगरेट पीना कैसे छोड़ें)
शराब पीना कम करें - शराब ब्लड प्रेशर बढ़ाती है। अमेरिका के सीडीसी के अनुसार, पुरुषों को प्रति दिन 2 ड्रिंक से अधिक और महिलाओं को प्रति दिन 1 से अधिक ड्रिंक नहीं पीनी चाहिए।
पर्याप्त नींद लें - पर्याप्त नींद लेना आपके समग्र स्वास्थ्य के साथ-साथ आपके दिल और रक्त वाहिकाओं को स्वस्थ रखने के लिए महत्वपूर्ण है। नियमित रूप से पर्याप्त नींद नहीं लेना हृदय रोग, हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक के अधिक जोखिम से जुड़ा हुआ है।


01/05/2021

HIGH BLOOD PRESSURE
हाई ब्लड प्रेशर के कारण

बीपी बढ़ने के कारण क्या हैं?
हाई ब्लड प्रेशर को उसके कारणों के आधार पर दो श्रेणियों में बांटा जाता है - प्राइमरी और सेकेंडरी।
प्राइमरी हाइपरटेंशन का कारण अज्ञात है जबकि सेकेंडरी हाइपरटेंशन थाइराइड, स्लीप एपनिया जैसे अन्य बिमारियों की वजह से होता है। खराब जीवनशैली ब्लड प्रेशर बढ़ने का एक महत्वपूर्ण करक है।
1. प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर के कारण:
ज्यादातर मामलों में ब्लड प्रेशर बढ़ने का कारण पता नहीं चल पाता है। इसे प्राइमरी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है। यह समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है।
2. सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर के कारण:
कुछ लोगों को हाई बीपी किसी अन्य बीमारी की वजह से हो जाता है। इसे सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर कहा जाता है।
कुछ बीमारियां जिनके कारण सेकेंडरी हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है, इस प्रकार हैं:
ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया
गुर्दे की बीमारियां
एड्रेनल ग्लैंड में ट्यूमर
थायरॉयड समस्याएं
कुछ दवाएं, जैसे गर्भनिरोधक गोलियां, जुकाम की दवा, और ओवर-द-काउंटर पेन किलर
अवैध दवाएं या ड्रग्स, जैसे कोकीन
ज्यादा शराब पीना या शराब की लत
ब्लड प्रेशर बढ़ने का जोखिम बढ़ाने वाले कारक
ऐसे कई कारक हैं जो ब्लड प्रेशर बढ़ने के जोखिम को बढ़ा देते हैं।

इनमें से कुछ हैं -
बढ़ती उम्र - उम्र बढ़ने के साथ-साथ हाई बीपी होने का जोखिम अधिक होता है
अनुवांशिकता - अगर आपके परिवार में किसी करीबी सदस्य (माता या पिता) को हाई ब्लड प्रेशर है, तो आपको यह रोग होने की संभावना काफी अधिक हो सकती है
मोटापा - सामान्य वजन वाले लोगों की तुलना में अधिक वजन वाले और मोटापे से ग्रस्त लोगों में बीपी बढ़ने होने की संभावना अधिक होती है
शारीरिक गतिविधियों की कमी - व्यायाम की कमी के साथ-साथ एक गतिहीन जीवनशैली से भी बीपी बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है
धूम्रपान करना - धूम्रपान करने के कारण रक्त वाहिकाएं संकीर्ण हो जाती हैं, जिसके परिणामस्वरूप हाई ब्लड प्रेशर होता है (और पढ़ें – सिगरेट पीने के नुकसान)
शराब पीना - जो लोग नियमित रूप से शराब पीते हैं उनको अन्य लोगों की तुलना में सिसटोलिक रक्तचाप अधिक होता है (और पढ़ें – शराब छोड़ने के तरीके)
ज्यादा नमक खाना - ज़्यादा नमक खाने वालो की तुलना में जहां लोग कम नमक खाते हैं वहाँ रक्तचाप कम होता है
वसा-युक्त आहार का ज्यादा सेवन - सॅचुरेटेड फैट और ट्रांस फैट आपके लिए खराब होती है
मानसिक तनाव - विभिन्न अध्ययनों के अनुसार मानसिक तनाव का रक्तचाप पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है
डायबिटीज - डायबिटीज के रोगियों को हाई बीपी होने का जोखिम अधिक होता है, चाहे उन्हें टाइप 1 मधुमेह या टाइप 2 मधुमेह
गर्भावस्था - प्रेगनेंसी में हाई बीपी होने का भी जोखिम रहता है

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