Braj Darpan Guruvani

Braj Darpan Guruvani आचार्य बृजराज पीयूष गौड़
श्रीमद्भागवत कथा, श्री राम कथा, श्रीशिव महापुराण कथा, ज्योतिषाचार्य

ज्योतिष, वास्तुशास्त्र, अंक ज्योतिष, जन्मकुण्डली, धार्मिक प्रवचन, श्रीमद्भागवत कथा, श्रीराम कथा, एवं ज्योतिषीय समाधान के लिए संपर्क करें

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞 🌤️  *दिनांक - 22 सितम्बर 2025*🌤️ *दिन -  सोमवार*🌤️ *विक्रम संवत 2082*🌤️ *शक संवत -1947*🌤️ *अयन - ...
22/09/2025

🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🌤️ *दिनांक - 22 सितम्बर 2025*
🌤️ *दिन - सोमवार*
🌤️ *विक्रम संवत 2082*
🌤️ *शक संवत -1947*
🌤️ *अयन - दक्षिणायन*
🌤️ *ऋतु - शरद ॠतु*
🌤️ *मास - आश्विन*
🌤️ *पक्ष - शुक्ल*
🌤️ *तिथि - प्रतिपदा 23 सितम्बर रात्रि 02:57 तक तत्पश्चात द्वितीया*
🌤️ *नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी सुबह 11:24 तक तत्पश्चात हस्त*
🌤️ *योग - शुक्ल शाम 07:59 तक तत्पश्चात ब्रह्म*
🌤️ *राहुकाल - सुबह 07:58 से सुबह 09:29 तक*
🌤️ *सूर्योदय - 06:09*
🌤️ *सूर्यास्त - 06:18*
👉 *दिशाशूल - पूर्व दिशा मे*
🚩 *व्रत पर्व विवरण - आश्विन- शारदीय नवरात्र प्रारंभ,घट- स्थापन*

💥 *विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

🌞~*वैदिक पंचांग* ~🌞

🌷 *नवरात्रि पूजन विधि* 🌷

➡ *22 सितम्बर 2025 सोमवार से नवरात्रि प्रारंभ ।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रत्येक दिन माँ भगवती के एक स्वरुप श्री शैलपुत्री, श्री ब्रह्मचारिणी, श्री चंद्रघंटा, श्री कुष्मांडा, श्री स्कंदमाता, श्री कात्यायनी, श्री कालरात्रि, श्री महागौरी, श्री सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। यह क्रम शारदीय शुक्ल प्रतिपदा को प्रातःकाल शुरू होता है। प्रतिदिन जल्दी स्नान करके माँ भगवती का ध्यान तथा पूजन करना चाहिए। सर्वप्रथम कलश स्थापना की जाती है।*

➡ *कलश / घट स्थापना विधि*

🌷 *घट स्थापना शुभ मुहूर्त :*
*22 सितम्बर 2025 सोमवार को सुबह 06:09 से सुबह 07:40 तक*

➡ *घट स्थापना अभिजित मुहूर्त - दोपहर 11:49 से दोपहर 12:38 तक*

🙏🏻 *देवी पुराण के अनुसार मां भगवती की पूजा-अर्चना करते समय सर्वप्रथम कलश / घट की स्थापना की जाती है। घट स्थापना करना अर्थात नवरात्रि की कालावधि में ब्रह्मांड में कार्यरत शक्ति तत्त्व का घट में आवाहन कर उसे कार्यरत करना । कार्यरत शक्ति तत्त्व के कारण वास्तु में विद्यमान कष्टदायक तरंगें समूल नष्ट हो जाती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार कलश को सुख- समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। कलश के मुख में विष्णुजी का निवास, कंठ में रुद्र तथा मूल में ब्रह्मा स्थित हैं और कलश के मध्य में दैवीय मातृशक्तियां निवास करती हैं।*

🌷 *सामग्री:*

👉🏻 *जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र*
👉🏻 *जौ बोने के लिए शुद्ध साफ़ की हुई मिटटी*
👉🏻 *पात्र में बोने के लिए जौ*
👉🏻 *घट स्थापना के लिए मिट्टी का कलश (“हैमो वा राजतस्ताम्रो मृण्मयो वापि ह्यव्रणः” अर्थात 'कलश' सोने, चांदी, तांबे या मिट्टी का छेद रहित और सुदृढ़ उत्तम माना गया है । वह मङ्गलकार्योंमें मङ्गलकारी होता है )*

👉🏻 *कलश में भरने के लिए शुद्ध जल, गंगाजल*
👉🏻 *मौली (Sacred Thread)*
👉🏻 *इत्र*
👉🏻 *साबुत सुपारी*
👉🏻 *दूर्वा*
👉🏻 *कलश में रखने के लिए कुछ सिक्के*
👉🏻 *पंचरत्न*
👉🏻 *अशोक या आम के 5 पत्ते*
👉🏻 *कलश ढकने के लिए ढक्कन*
👉🏻 *ढक्कन में रखने के लिए बिना टूटे चावल*
👉🏻 *पानी वाला नारियल*
👉🏻 *नारियल पर लपेटने के लिए लाल कपडा*
👉🏻 *फूल माला*

🌷 *विधि*

🙏🏻 *सबसे पहले जौ बोने के लिए मिट्टी का पात्र लें। इस पात्र में मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब एक परत जौ की बिछाएं। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब फिर एक परत जौ की बिछाएं। जौ के बीच चारों तरफ बिछाएं ताकि जौ कलश के नीचे न दबे। इसके ऊपर फिर मिट्टी की एक परत बिछाएं। अब कलश के कंठ पर मौली बाँध दें। कलश के ऊपर रोली से ॐ और स्वास्तिक लिखें। अब कलश में शुद्ध जल, गंगाजल कंठ तक भर दें। कलश में साबुत सुपारी, दूर्वा, फूल डालें। कलश में थोडा सा इत्र डाल दें। कलश में पंचरत्न डालें। कलश में कुछ सिक्के रख दें। कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते रख दें। अब कलश का मुख ढक्कन से बंद कर दें। ढक्कन में चावल भर दें। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार “पञ्चपल्लवसंयुक्तं वेदमन्त्रैः सुसंस्कृतम्। सुतीर्थजलसम्पूर्णं हेमरत्नैः समन्वितम्॥” अर्थात कलश पंचपल्लवयुक्त, वैदिक मन्त्रों से भली भाँति संस्कृत, उत्तम तीर्थ के जल से पूर्ण और सुवर्ण तथा पंचरत्न मई होना चाहिए।*

🙏🏻 *नारियल पर लाल कपडा लपेट कर मौली लपेट दें। अब नारियल को कलश पर रखें। शास्त्रों में उल्लेख मिलता है: “अधोमुखं शत्रु विवर्धनाय, ऊर्ध्वस्य वस्त्रं बहुरोग वृध्यै। प्राचीमुखं वित विनाशनाय, तस्तमात् शुभं संमुख्यं नारीकेलं”। अर्थात् नारियल का मुख नीचे की तरफ रखने से शत्रु में वृद्धि होती है।नारियल का मुख ऊपर की तरफ रखने से रोग बढ़ते हैं, जबकि पूर्व की तरफ नारियल का मुख रखने से धन का विनाश होता है। इसलिए नारियल की स्थापना सदैव इस प्रकार करनी चाहिए कि उसका मुख साधक की तरफ रहे। ध्यान रहे कि नारियल का मुख उस सिरे पर होता है, जिस तरफ से वह पेड़ की टहनी से जुड़ा होता है।*

🙏🏻 *अब कलश को उठाकर जौ के पात्र में बीचो बीच रख दें। अब कलश में सभी देवी देवताओं का आवाहन करें। "हे सभी देवी देवता और माँ दुर्गा आप सभी नौ दिनों के लिए इसमें पधारें।" अब दीपक जलाकर कलश का पूजन करें। धूपबत्ती कलश को दिखाएं। कलश को माला अर्पित करें। कलश को फल मिठाई अर्पित करें। कलश को इत्र समर्पित करें।*
🌷 *कलश स्थापना के बाद माँ दुर्गा की चौकी स्थापित की जाती है।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रथम दिन एक लकड़ी की चौकी की स्थापना करनी चाहिए। इसको गंगाजल से पवित्र करके इसके ऊपर सुन्दर लाल वस्त्र बिछाना चाहिए। इसको कलश के दायीं ओर रखना चाहिए। उसके बाद माँ भगवती की धातु की मूर्ति अथवा नवदुर्गा का फ्रेम किया हुआ फोटो स्थापित करना चाहिए। मूर्ति के अभाव में नवार्णमन्त्र युक्त यन्त्र को स्थापित करें। माँ दुर्गा को लाल चुनरी उड़ानी चाहिए। माँ दुर्गा से प्रार्थना करें "हे माँ दुर्गा आप नौ दिन के लिए इस चौकी में विराजिये।" उसके बाद सबसे पहले माँ को दीपक दिखाइए। उसके बाद धूप, फूलमाला, इत्र समर्पित करें। फल, मिठाई अर्पित करें।*

🙏🏻 *नवरात्रि में नौ दिन मां भगवती का व्रत रखने का तथा प्रतिदिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने का विशेष महत्व है। हर एक मनोकामना पूरी हो जाती है। सभी कष्टों से छुटकारा दिलाता है।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रथम दिन ही अखंड ज्योत जलाई जाती है जो नौ दिन तक जलती रहती है। दीपक के नीचे "चावल" रखने से माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है तथा "सप्तधान्य" रखने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते है*

🙏🏻 *माता की पूजा "लाल रंग के कम्बल" के आसन पर बैठकर करना उत्तम माना गया है*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रतिदिन माता रानी को फूलों का हार चढ़ाना चाहिए। प्रतिदिन घी का दीपक (माता के पूजन हेतु सोने, चाँदी, कांसे के दीपक का उपयोग उत्तम होता है) जलाकर माँ भगवती को मिष्ठान का भोग लगाना चाहिए। मान भगवती को इत्र/अत्तर विशेष प्रिय है।*

🙏🏻 *नवरात्रि के प्रतिदिन कंडे की धुनी जलाकर उसमें घी, हवन सामग्री, बताशा, लौंग का जोड़ा, पान, सुपारी, कर्पूर, गूगल, इलायची, किसमिस, कमलगट्टा जरूर अर्पित करना चाहिए।*

🙏🏻 *लक्ष्मी प्राप्ति के लिएउ नवरात्रि में पान और गुलाब की ७ पंखुरियां रखें तथा मां भगवती को अर्पित कर दें*

🙏🏻 *मां दुर्गा को प्रतिदिन विशेष भोग लगाया जाता है। किस दिन किस चीज़ का भोग लगाना है ये हम विस्तार में आगे बताएँगे।*

🙏🏻 *प्रतिदिन कन्याओं का विशेष पूजन किया जाता है। श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार “एकैकां पूजयेत् कन्यामेकवृद्ध्या तथैव च। द्विगुणं त्रिगुणं वापि प्रत्येकं नवकन्तु वा॥” अर्थात नित्य ही एक कुमारी का पूजन करें अथवा प्रतिदिन एक-एक-कुमारी की संख्या के वृद्धिक्रम से पूजन करें अथवा प्रतिदिन दुगुने-तिगुने के वृद्धिक्रम से और या तो प्रत्येक दिन नौ कुमारी कन्याओं का पूजन करें। किस दिन क्या सामग्री गिफ्ट देनी चाहिए ये भी आगे बताएँगे।*

🙏🏻 *यदि कोई व्यक्ति नवरात्रि पर्यन्त प्रतिदिन पूजा करने में असमर्थ हैं तो उसे अष्टमी तिथि को विशेष रूप से अवश्य पूजा करनी चाहिए। प्राचीन काल में दक्ष के यज्ञ का विध्वंश करने वाली महाभयानक भगवती भद्रकाली करोङों योगिनियों सहित अष्टमी तिथि को ही प्रकट हुई थीं।*

📖 *वैदिक पंचांग संपादक ~ ऐस्ट्रो प्रवीन गौड*

📒 *वैदिक पंचांग प्रकाशित स्थल ~ बृज दर्पण गुरुवाणी केन्द्र अलीगढ शहर (उत्तर प्रदेश)*
https://www.facebook.com/Brajdarpanguruvani/
🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏

With ऐस्ट्रो प्रवीन गौड़ – I just got recognized as one of their top fans! 🎉
24/12/2024

With ऐस्ट्रो प्रवीन गौड़ – I just got recognized as one of their top fans! 🎉

*_🇮🇳🚩बृज दर्पण गुरुवाणी केन्द्र 🚩🇮🇳_**🗓आज का पञ्चाङ्ग एवम् राशिफल 🗓**🌻शुक्रवार, ०६ सितम्बर २०२४🌻**सूर्योदय: 🌅 ०६:१२**सूर...
05/09/2024

*_🇮🇳🚩बृज दर्पण गुरुवाणी केन्द्र 🚩🇮🇳_*
*🗓आज का पञ्चाङ्ग एवम् राशिफल 🗓*
*🌻शुक्रवार, ०६ सितम्बर २०२४🌻*

*सूर्योदय: 🌅 ०६:१२*
*सूर्यास्त: 🌄 १८:३८*
*चन्द्रोदय: 🌝 ०८:३९*
*चन्द्रास्त: 🌜 २०:२७*
*अयन 🌖 दक्षिणायन*
*ऋतु: ⛈️ शरद*
*शक सम्वत: 👉 १९४६ (क्रोधी)*
*विक्रम सम्वत: 👉 २०८१ (कालयुक्त)*
*संवत्सर 👉 क्रोधी*
*संवत्सर (उत्तर )👉 कालयुक्त*
*युगाब्द (कलि संवत) 👉 ५१२६*
*मास 👉 भाद्रपद*
*पक्ष 👉 शुक्ल*
*तिथि 👉 तृतीया (१५:०१ से चतुर्थी)*
*नक्षत्र 👉 हस्त (०९:२४ से चित्रा)*
*योग 👉 शुक्ल (२१:१३ से ब्रह्मा)*
*प्रथम करण 👉 गर (१५:०१ तक)*
*द्वितीय करण 👉 वणिज (२८:२० तक)*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*॥ गोचर ग्रहा: ॥*
*🌖🌗🌖🌗*
*सूर्य 🌟 सिंह*
*चंद्र 🌟 तुला (२२:२८ से)*
*मंगल 🌟 मिथुन (उदित, पूर्व, मार्गी)*
*बुध 🌟 सिंह (उदय, पूर्व, मार्गी)*
*गुरु 🌟 वृष (उदय, पश्चिम, मार्गी)*
*शुक्र 🌟 कन्या (उदय, पूर्व, मार्गी)*
*शनि 🌟 कुम्भ (उदित, पूर्व, वक्री)*
*राहु 🌟 मीन*
*केतु 🌟 कन्या*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*शुभाशुभ मुहूर्त विचार*
*⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*अभिजित मुहूर्त 👉 १२:०० से १२:५०*
*राहुकाल 👉 १०:५२ से १२:२५*
*यमगण्ड 👉 १५:३२ से १७:०५*
*दुर्मुहूर्त 👉 ०८:४१ से ०९:३१*
*अमृत काल 👉 २९:२० से ०७:०८*
*रवियोग 👉 ०९:२५ से २९:५७*
*विजय मुहूर्त 👉 १४:२१ से १५:११*
*गोधूलि मुहूर्त 👉 १८:३३ से १८:५६*
*सायाह्न सन्ध्या 👉 १८:३३ से १९:४२*
*निशिता मुहूर्त 👉 २३:५२ से २४:३८*
*राहुवास 👉 दक्षिण-पूर्व*
*होमाहुति 👉 सूर्य (०९:२५ से बुध)*
*दिशाशूल 👉 पश्चिम*
*अग्निवास 👉 पाताल (१५:०१ से पृथ्वी)*
*भद्रावास 👉 पाताल (२८:२० से)*
*चन्द्रवास 👉 दक्षिण (पश्चिम २३:०० से)*
*शिववास 👉 सभा में (१५:०१ से क्रीड़ा में)*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*☄चौघड़िया विचार☄*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*॥ दिन का चौघड़िया ॥*
*१ - चर २ - लाभ*
*३ - अमृत ४ - काल*
*५ - शुभ ६ - रोग*
*७ - उद्वेग ८ - चर*
*॥रात्रि का चौघड़िया॥*
*१ - रोग २ - काल*
*३ - लाभ ४ - उद्वेग*
*५ - शुभ ६ - अमृत*
*७ - चर ८ - रोग*
*नोट👉 दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है। प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*शुभ यात्रा दिशा*
*🚌🚈🚗⛵🛫*
*पश्चिम-दक्षिण (दहीलस्सी अथवा राई का सेवन कर यात्रा करें)*
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*तिथि विशेष*
*🗓📆🗓📆*
*〰️〰️〰️〰️*
*श्री वाराह अवतार जन्मोत्सव, हरितालिका (केवड़ा) तीज, गौरी तृतीया, गुरु रामदास जयन्ती (चन्द्र दर्शन निषेध), व्यवसाय आरम्भ मुहूर्त ०६:११ से १०:१५ तक आदि।*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*आज जन्मे शिशुओं का नामकरण*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*आज ०९:२५ तक जन्मे शिशुओ का नाम*
*हस्त नक्षत्र के चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (ठ) नामाक्षर से तथा इसके बाद जन्मे शिशुओ का नाम चित्रा नक्षत्र के प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण अनुसार क्रमशः (पे, पो, रा, री) नामाक्षर से रखना शास्त्र सम्मत है।*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*उदय-लग्न मुहूर्त*
*सिंह - २८:२८ से ०६:४७*
*कन्या - ०६:४७ से ०९:०५*
*तुला - ०९:०५ से ११:२६*
*वृश्चिक - ११:२६ से १३:४५*
*धनु - १३:४५ से १५:४९*
*मकर - १५:४९ से १७:३०*
*कुम्भ - १७:३० से १८:५६*
*मीन - १८:५६ से २०:१९*
*मेष - २०:१९ से २१:५३*
*वृषभ - २१:५३ से २३:४८*
*मिथुन - २३:४८ से २६:०३*
*कर्क - २६:०३+ से २८:२४*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*पञ्चक रहित मुहूर्त*
*शुभ मुहूर्त - ०५:५७ से ०६:४७*
*मृत्यु पञ्चक - ०६:४७ से ०९:०५*
*अग्नि पञ्चक - ०९:०५ से ०९:२५*
*शुभ मुहूर्त - ०९:२५ से ११:२६*
*रज पञ्चक - ११:२६ से १३:४५*
*शुभ मुहूर्त - १३:४५ से १५:०१*
*चोर पञ्चक - १५:०१ से १५:४९*
*शुभ मुहूर्त - १५:४९ से १७:३०*
*रोग पञ्चक - १७:३० से १८:५६*
*शुभ मुहूर्त - १८:५६ से २०:१९*
*शुभ मुहूर्त - २०:१९ से २१:५३*
*रोग पञ्चक - २१:५३ से २३:४८*
*शुभ मुहूर्त - २३:४८ से २६:०३*
*मृत्यु पञ्चक - २६:०३+ से २८:२४*
*अग्नि पञ्चक - २८:२४+ से २९:५७*
〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️
*आज का सुविचार*
⛳🔱😊🙏🏻⚜️🕉️
*अंहकारी मनुष्य कभी भी सत्य को स्वीकार नहीं करता और, सत्य को जानने वाला मनुष्य कभी भी अहंकार नहीं करता है।*😊✅
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*आज का राशिफल*
*🐐🐂💏💮🐅👩*
*〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️*
*मेष🐐 (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)*
*आज के दिन आप सम्भल कर ही कार्य करेंगे फिर भी सफलता में संशय बना रहेगा। व्यवहारिकता की कमी के कारण जितना लाभ मिलना चाहिए उतना नही मिल सकेगा। घर अथवा बाहर बेवजह कलह के प्रसंग बनेगे। व्यापार व्यवसाय में सहकर्मियो की।मनमानी के कारण असुविधा एवं अव्यवस्था बनेंगी लेकिन फिर भी स्वयं के पराक्रम से खर्च लायक धनार्जन कर ही लेंगे। आस-पड़ोसी एवं भाई बंधुओ से बात का बतंगड़ ना बने इसके लिए मौन रखने की जरूरत है फिर भी महिलाये स्वभावानुसार बनती बात बिगाड़ लेंगी। विपरीत लिंग के प्रति कामासक्त रहेंगे।*

*वृष🐂 (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)*
*आज के दिन आप बुद्धि विवेक से कार्य करेंगे परन्तु परिस्थिति हर तरह से कार्यो में बाधा डालेगी। कार्य व्यवसाय से मन ऊबने लगेगा धैर्य से कार्य करते रहें संध्या तक संतोषजक लाभ अवश्य मिलेगा पारिवारिक एवं सामाजिक क्षेत्र पर आपके विचारो की प्रशंसा होगी लेकिन केवल व्यवहार मात्र के लिए ही। आर्थिक विषयो को लेकर किसी से विवाद ना करें धन डूबने की आशंका है। गृहस्थ में प्रेम स्नेह तो मिलेगा परन्तु स्वार्थ सिद्धि की भावना भी अधिक रहेगी। महिलाये अधिक बोलने की समस्या से ग्रस्त रहेंगी।*

*मिथुन👫 (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)*
*आज के दिन अनैतिक कार्यो से बच कर रहें मन भ्रमित रहने के कारण निषेधात्मक कार्यो में भटकेगा। लोग आपसे भावनात्मक संबंध बनाएंगे परन्तु आवश्यकता के समय कोई आगे नही आएगा। कार्य क्षेत्र पर भी सहकर्मियो का रूखा व्यवहार रहने से स्वयं के ऊपर ज्यादा निर्भर रहना पड़ेगा। लंबी यात्रा के प्रसंग बनेंगे संभव हो तो आज टालें। पेट अथवा स्वांस, छाती संबंधित व्याधि हो सकती है। अधिकांश समय मानसिक रूप से भी अशान्त रहेंगे। परिवार में अनावश्यक खर्च बढ़ेंगे किसी की गलती का विरोध करना भी बेवजह कलह का कारण बनेगा।*

*कर्क🦀 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)*
*आज का दिन आर्थिक दृष्टिकोण से उन्नति वाला रहेगा। धन संबंधित समस्याएं काफी हद तक सुलझने पर दिन भर प्रसन्नता रहेगी। कार्य व्यवसाय से प्रारंभिक परिश्रम के बाद दोपहर के समय से धन की आमद शुरू हो जाएगी जो संध्या तक रुक रुक कर चलती रहेगी। मितव्ययी रहने के कारण खर्च भी हिसाब से करेंगे धन कोष में वृद्धि होगी। महिलाये किसी मनोकामना पूर्ति से उत्साहित होंगी। आज महिला वर्ग से कोई भी काम निकालना आसान रहेगा मना नही कर सकेंगी। दाम्पत्य सुख में भी वृद्धि होगी। पर्यटन की योजना बनेगी।*

*सिंह🦁 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)*
*आज के दिन आप किसी भी कार्य को लेकर ज्यादा भाग-दौड़ करने के पक्ष में नही रहेंगे। आसानी से जितना मिल जाये उसी में संतोष कर लेंगे। परन्तु महिलाये इसके विपरीत रहेंगी अल्प साधनो से कार्य करने पर भाग्य को दोष देंगी। व्यवसाय की गति पल पल में बदलेगी जिससे सुकून से बैठने का समय नही मिलेगा। किसी पुरानी घटना को याद करके दुखी रहेंगे। पारिवारिक खर्चो में अकस्मात वृद्धि होने से बजट गड़बड़ा सकता है। महिलाओं के मन मे आज उथल पुथल अधिक रहने के कारण बड़ी जिम्मेदारी का कार्य सौपना उचित नही रहेगा।*

*कन्या👩 (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)*
*आज के दिन मानसिक चंचलता के कारण बनते कार्यो को दुविधा के कारण आप स्वयं बिगाड़ लेंगे। सरकारी कार्य आज सावधानी से करें अन्यथा लंबित रखें हानि निश्चित रहेगी। संबंधो के प्रति भी आज ईमानदार नही रहेंगे। पारिवारिक वातावरण आपके गलत आचरण से कलुषित होगा। सामाजिक क्षेत्र पर लोग पीठ पीछे बुराई करेंगे। सेहत में मानसिक दबाव के चलते उतार चढ़ाव लगा रहेगा। घर के बुजुर्ग आपसे नाराज रहेंगे। धन लाभ अचानक होने से स्थिति संभाल नही सकेंगे रुपया आते ही हाथ से निकल भी जायेगा।*

*तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)*
*आपको आज के दिन प्रत्येक कार्यो में सावधान रहने की आवश्यकता है। धन के पीछे भागने की प्रवृति पर आज लगाम लगाकर रखे अन्यथा धन के साथ-साथ मान हानि भी होगी। दोपहर से पहले के भाग में पुराने कार्य पूर्ण होने से थोड़ा बहुत धन मिलने से दैनिक खर्च निकल जाएंगे। इसके बाद का समय प्रतिकूल बनता जाएगा। कार्य व्यवसाय में प्रतिस्पर्धी हर प्रकार से आपके कार्यो में व्यवधान डालने का प्रयास करेंगे। परिजनों से भी मामूली बात पर झगड़ा होगा। वाणी एवं व्यवहार से संयम बरतें।*

*वृश्चिक🦂 (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)*
*आज के दिन लाभ के अवसर आपकी तलाश में रहेंगे। दिन में जिस किसी के भी संपर्क में रहेंगे उससे कुछ ना कुछ लाभ अवश्य होगा। कार्य क्षेत्र पर भी एक से अधिक साधनो से आय होगी। व्यावसायिक क्षेत्र से जुड़ी महिलाओ को पदोन्नति के साथ प्रोत्साहन के रूप में आर्थिक सहायता भी मिल सकती है। सामाजिक कार्यो में रुचि ना होने पर भी सम्मिलित होना पड़ेगा मान-सम्मान बढेगा। परिजनों का मार्गदर्शन आज प्रत्येक क्षेत्र पर काम आएगा। महिलाओं का सुख सहयोग मिलेगा। प्रेम प्रसंगों में निकटता रहेगी।*

*धनु🏹 (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)*
*आज का दिन कार्य सफलता वाला रहेगा। प्रातः काल जल्दी कार्यो में जुटने का फल शीघ्र ही धन लाभ के रूप में मिलेगा। अधिकांश कार्य थोड़े से परिश्रम से पूर्ण हो जाएंगे। अधिकारी वर्ग मुश्किल कार्यो में सहयोग करेंगे। आज आप जोड़ तोड़ वाली नीति अपना कर कठिन परिस्थितियों में भी अपना काम निकाल लेंगे। सरकारी कार्य मे भी सफलता की उम्मद जागेगी प्रयास करते रहे। दाम्पत्य जीवन मे छोटी-मोटी बातों को दिल पर ना लें स्थिति सामान्य ही रहेगी। मित्रो से कोई दुखद समाचार मिलेगा।*

*मकर🐊 (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)*
*आज का दिन काफी उठा पटक वाला रहेगा। व्यावसायिक योजनाओं में अचानक बदलाव करना पड़ेगा। दिन के आरंभ में कार्यो की गति धीमी रहेगी समय पर वादा पूरा ना करने से व्यावसायिक संबंध खराब हो सकते है। कार्यो के प्रति नीरसत अधिक रहेगी। किसी भी कार्य को लेकर ठोस निर्णय नही ले पाएंगे परन्तु जिस भी कार्य में निवेश करेंगे उसमे विलंभ से ही सही सफल अवश्य होंगे धन लाभ भी आवश्यकता अनुसार हों जायेगा लेकिन संध्या पश्चात धन संबंधित कोई भी कार्य-व्यवहार ना करें। परिजन आपके टालमटोल वाले व्यवहार से दुखी रहेंगे।*

*कुंभ🍯 (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)*
*आज का दिन आशाओं के विपरीत रहने वाला है। सोची हुई योजनाए आरम्भ में सफल होती नजर आएंगी परन्तु मध्यान तक इनसे निराशा ही मिलेगी। आज आप जिससे भी सहायता मांगेंगे वो भ्रम की स्थिति में रखेगा। आज आप आत्मनिर्भर होकर अपने कार्यो को करें। भागीदारों से धन को लेकर अनबन हो सकती है। मीठा व्यवहार रखने पर भी लोग आपको केवल कार्य निकालने के लिए इस्तेमाल करेंगे। कार्य क्षेत्र की भड़ास घर पर निकालने से घर का माहौल भी बेवजह खराब होगा। पुराने कार्यो को पूर्ण करने की चिंता रहेगी। प्रेम प्रसंगों से निराश होंगे।*

*मीन🐳 (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)*
*आज का दिन भी आशानुकूल रहेगा। सेहत उत्तम रहने से कार्यो को मन लगाकर करेंगे लेकिन किसी के हस्तक्षेप करने से मन विक्षिप्त हो सकता है। किसी के ऊपर ध्यान ना दें एकाग्र होकर अपने कार्य मे लगे रहे धन एवं सम्मान दोनों मिलने के योग है। लेकिन उधार के व्यवहार बढ़ने से असुविधा भी होगी। व्यावसाय में वृद्धि के लिए निवेश करना शुभ रहेगा। भाई-बंधुओ का सहयोग आज अपेक्षाकृत कम ही रहेगा। महिलाओं को छोड़ घर के अन्य सदस्य आपसे ईर्ष्यालु व्यवहार रखेंगे। स्त्री से सुखदायक समाचार मिलेंगे।*
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_तस्य सञ्जनयन् हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः ।_
_सिंहनादं विनद्योच्चैः शङ्ख दध्मौ प्रतापवान् ॥_

*⛳⚜माता लक्ष्मी जी की जय⚜⛳*

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