14/01/2017
हृदय रोग के लक्षण
इस नाम से भी जाना जाता है: हृदयवाहिका रोग
लक्षणों में सीने में दर्द से लेकर स्पंदन तक बहुत विविधता होती है. कभी-कभी कोई लक्षण नहीं होते.
सबसे सामान्य प्रकार
हृद्-धमनी रोग
कोरोनरी (चक्रीय) धमनी रोग में बिना लक्षण से लेकर सीने में दर्द से हृदयाघात तक कुछ भी हो सकता है.
उच्च रक्तचाप
अक्सर उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण नहीं होता. उपचार न होने पर समय के साथ इससे हृदय रोग व दौरा पड़ने जैसी स्थितियां बन सकती हैं.
पूर्णहृदरोध
प्रमुख लक्षण बेहोशी व प्रतिक्रयाविहीन होना हैं.
रक्ताधिक्य हृद्पात
लक्षणों में सांस फूलना, थकान, पैरों में सूजन व तेज़ हृदयगति शामिल हैं.
हृद् अतालता
हो सकता है कोई लक्षण न हों. या लक्षणों में सीने में फड़कन, सीने में दर्द, बेहोशी या चक्कर आना शामिल हो सकते हैं.
परिधीय वाहिका रोग (पीविदी)
लक्षणों में पैरों का दर्द शामिल हो सकता है, विशेषकर पैदल चलते समय.
पक्षाघात
दिल के दौरे के लक्षणों में चलने, बोलने और समझने में दिक्कत होने के साथ ही चेहरे, बांह या पैर में लकवा अथवा उनका सुन्न होना शामिल हैं.
जन्मजात हृदय विकार
लक्षणों में हृदय की असामान्य लय, नीले रंग की त्वचा, श्वास लेने में कठिनाई, सामान्य रूप से खाना न खा पाना या सामान्य रूप से विकसित होने में विफलता, और सूजा हुआ शरीरिक ऊतक या अंग शामिल हैं.
चिकित्सकीय सलाह के लिए मिलें ।