Soham Yog

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24/09/2023
25/08/2023
सोहम योग परिवार से हर्षोल्लास से योग दिवस मनाया गया आप सभी को योग दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।
21/06/2023

सोहम योग परिवार से हर्षोल्लास से योग दिवस मनाया गया आप सभी को योग दिन की हार्दिक शुभकामनाएं।

15/08/2021

*🚩धर्म,समाज और हम:उत्कृष्ट प्रकृति प्रेमियों का समूह😊*
14 अगस्त 2021
मनुष्य के सर्वांगीण विकास के लिए उसका स्वतंत्र होना बेहद जरूरी है। स्वतंत्रता के बिना व्यक्ति अपनी बुद्धि, विवेक और चेतना से कार्य करने की क्षमता खो देता है। पराधीनता की बेड़ियां मानवीय जीवन को पशुतर कर देती है। मशहूर अमेरिकी अधिवक्ता और लेखक रॉबर्ट जी इंगर्सोल ने आज से 150 साल पूर्व कहा था, ‘आंखों के लिए जैसे प्रकाश है, फेफड़ों के लिए वायु और हृदय के लिए प्यार है, उसी प्रकार मनुष्य की आत्मा के लिए स्वाधीनता है।’ स्वाधीन का अर्थ है- स्वयं के अधीन। मनुष्य स्वयं के अधीन नहीं होगा, तो वह समाज के लिए हिंसक व अराजक हो सकता है। स्वतंत्र, यानी ऐसा ‘स्व’ निर्मित ‘तंत्र’, जो हमारे पूर्वजों के विचारों, अनुभूति जनित नियमों और परंपरा की बुनियाद पर टिका होता है।
स्वतंत्रता के संबंध में दो प्रकार के विचार देखने को मिलते हैं- निषेधात्मक और भावात्मक। निषेधात्मक का अर्थ है, हर तरह के बंधनों का अभाव। लेकिन इसका तात्पर्य उच्छृंखलता नहीं, बल्कि मर्यादाओं के भीतर व्यक्तिगत स्वतंत्रता है, और भावात्मक आजादी का अर्थ है- मनुष्य की उन्नति के लिए सुविधाओं और अवसरों की उपलब्धता। अमेरिकी राष्ट्रपति रूजवेल्ट कहते थे कि व्यक्ति को विचार, धर्म, अभाव और भय, इन चारों मामलों में मुक्ति मिलनी चाहिए। स्वतंत्रता की कल्पना बिना समाज के निराधार है। एक सभ्य समाज के नागरिक व सामाजिक प्राणी होने के नाते हमें कुछ सीमाओं का पालन करना आवश्यक है। स्वतंत्रता के नियमों और सीमाओं से समाज में समानता का भाव पैदा होता है। स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सबसे जरूरी शर्त है आंतरिक चाह। यदि यह न हो, तो स्वतंत्रता नहीं बची रह सकती। सुप्रभात:आपका दिन शुभ हो।🕉️🌹🌷🌸💐🌹🌹🙏🌹🌹🙏🌹🌹

24/07/2021

योग साधकों के लिए सूचनाएं।
1) प्रातः कालीन समय योग साधना के लिए बहुत ही अच्छा होता है, साधना स्थल साफ सुथरा खुली प्राकृत हवा और हल्का प्रकाश आने वाला हो।
2) मल मूत्र का विसर्जन करने के बाद, स्नान आदि क्रियाएं करें और योग साधना के लिए बैठे। या साधना के आधे घंटे के बाद स्नान करें।
3) साधना के लिए कपड़े हल्के फुल्के, हवादार हो बहुत टाइट कपड़े ना पहने। साधना के लिए मोटी कॉटन दरी पर उलन की शाल बिछाए। रबर प्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं है। शरीर को पसीना आए तो उसे धीरे-धीरे शरीर पर ही सूखने दें इससे त्वचा चमकदार और शक्तिशाली होगी। तेज पंखे या ए,सी में, यह बहुत ही नमी वाली रुखी सुखी गरम तेज हवाओं में साधना नहीं करें।
4) आसनों के 1 घंटे के बाद ही किसी चीज़का सेवन हो, अगर शवासन और ध्यान लंबे समय तक करते हैं तो उसके बाद आप 15 मिनट के बाद कुछ खा सकते हैं।
5) दूसरों के साथ साधना के साथ स्पर्धा ना करें अपना सामर्थ्य देखकर यथा शक्ति अभ्यास करें, साधना के समय दूसरों से बातचीत ना करें। सारा ध्यान शरीर क्रियाओं पर संवेदना पर रखें।
6) बुखार हो ,या किसी प्रकार से ब्लीडिंग हो रहा हो , स्त्रियों को मासिक धर्म में, या अत्याधिक पीड़ा में योगसाधना नहीं करें।🙏🌹

“Yoga is not a work-out it is a work-in, and this is the point of spiritual practice to make us teachable to open up our...
22/07/2021

“Yoga is not a work-out it is a work-in, and this is the point of spiritual practice to make us teachable to open up our hearts and focus our awareness so that we can know what we already know and be who we already are.”
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