11/10/2025
गठिया (Arthritis)
गठिया एक ऐसी अवस्था है जिसमें जोड़ों (joints) में सूजन, दर्द, अकड़न और चलने-फिरने में कठिनाई होती है। यह रोग प्रायः उम्र बढ़ने के साथ अधिक दिखाई देता है, लेकिन आजकल खराब खानपान, मोटापा, और जीवनशैली के कारण यह कम उम्र में भी देखने को मिल रहा है।
गठिया के प्रमुख प्रकार:
1. ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis):
यह सबसे सामान्य प्रकार है, जिसमें हड्डियों के सिरों पर मौजूद मुलायम ऊतक (cartilage) घिस जाते हैं।
अधिक वजन, उम्र बढ़ना, चोट, और अत्यधिक परिश्रम इसका कारण बनते हैं।
लक्षण: घुटनों, कमर, गर्दन और हाथों में दर्द व सूजन।
2. रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis):
यह एक Autoimmune Disease है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही अपने जोड़ों पर आक्रमण कर देती है।
लक्षण: सुबह के समय जोड़ों में अकड़न, थकान, कमजोरी, और सूजन।
यह महिलाओं में अधिक पाया जाता है।
3. गाउट (Gout):
यह गठिया का एक विशेष प्रकार है जो यूरिक एसिड के अधिक बनने और उसके क्रिस्टल बनने से होता है।
लक्षण: अचानक तीव्र दर्द, विशेषकर पैर के अंगूठे में लालिमा व सूजन।
कारण: अधिक मांसाहार, शराब, चाय, कॉफी, दालें और असंतुलित आहार।
4. एंकाइलोज़िंग स्पॉन्डिलाइटिस (Ankylosing Spondylitis):
यह रीढ़ की हड्डी और उसके जोड़ो में सूजन से जुड़ा गठिया है।
लक्षण: कमर में जकड़न, चलने में दर्द, झुकाव में कठिनाई।
गठिया के कारण:
आनुवांशिक कारण
मोटापा
शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता
असंतुलित आहार (अधिक खटाई, तली-भुनी चीज़ें, मांस, शराब)
शारीरिक गतिविधियों की कमी
ठंडे वातावरण में रहना
चोट या संक्रमण
लक्षण:
जोड़ों में दर्द और सूजन
अकड़न, विशेषकर सुबह के समय
लालिमा और गर्माहट
चलने-फिरने या सीढ़ियाँ चढ़ने में कठिनाई
थकान और कमजोरी
आयुर्वेदिक और यूनानी दृष्टि से गठिया:
आयुर्वेद में इसे आमवात कहा गया है — “आम” (अपच का विष) और “वात” (वायु दोष) का मिलन इस रोग का कारण माना जाता है।
यूनानी मत के अनुसार, शरीर में बलगमी और सर्द मिजाज बढ़ने से जोड़ों में लज़ूज मादा जमा होकर सूजन व दर्द पैदा करती है।
1. हल्दी: सूजन कम करने और दर्द घटाने में अत्यंत प्रभावी (Curcumin compound)।
1 चम्मच हल्दी पाउडर गर्म दूध में मिलाकर रोज़ पीएँ।
2. मेथी:
सुबह खाली पेट मेथी दाना पानी में भिगोकर खाने से लाभ होता है।
3. अश्वगंधा, सोंठ और गिलोय:
ये शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और सूजन घटाते हैं।
4. तिल और सरसों का तेल:
गर्म करके दर्द वाले स्थान पर मालिश करें।
5. गुनगुने पानी से सेंक (Hot fomentation):
सूजन और अकड़न कम करता है।
6. डाइट में शामिल करें:
हरी सब्ज़ियाँ, फल, बादाम, अखरोट, लहसुन, अदरक, ओमेगा-3 युक्त खाद्य पदार्थ।
7. बचें:
तली चीज़ें, मांस, शराब, ठंडा पानी, खटाई, और देर रात भोजन।
Majoon Suranjan
Habb-e-Suranjan
Arq-e-Ajeeb
Majoon Jograj Guggul
(इनका सेवन चिकित्सक की सलाह अनुसार करें)
नियमित व्यायाम या योगासन (जैसे ताड़ासन, त्रिकोणासन, पवनमुक्तासन)
वजन नियंत्रित रखें
नींद पूरी लें और तनाव कम करें
सुबह-सुबह धूप लें (Vitamin D के लिए)
गठिया कोई साधारण बीमारी नहीं है — यह शरीर के संतुलन, पाचन और प्रतिरक्षा प्रणाली से जुड़ी हुई समस्या है। सही खानपान, दिनचर्या और प्राकृतिक चिकित्सा से इसे जड़ से नियंत्रित किया जा सकता है।