10/11/2025
सलाहुद्दीन अय्यूबी (लगभग 1137-1193) कुर्द मूल के एक मुस्लिम सुल्तान थे जिन्होंने अय्यूबिद राजवंश की स्थापना की और मिस्र और सीरिया के सुल्तान बने। वह तीसरे धर्मयुद्ध के दौरान यरूशलेम को ईसाई धर्मयोद्धाओं से वापस लेने के लिए प्रसिद्ध हैं, जो हट्टिन की लड़ाई में जीत के बाद 1187 में हुआ। उनकी महान विरासत, धर्म और नैतिकता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने उन्हें एक महान नायक और इस्लामी इतिहास की एक महत्वपूर्ण शख्सियत बना दिया।
प्रारंभिक जीवन और सत्ता में उदय:
उनका जन्म 1137 या 1138 में आधुनिक इराक के तिकरित में हुआ था।
उन्होंने नूरुद्दीन के संरक्षण में सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया, जो एक प्रमुख नेता थे।
1169 में, उन्हें मिस्र का वज़ीर नियुक्त किया गया और 1171 में उन्होंने फातिमी खिलाफत को समाप्त करके अपनी शक्ति मजबूत की।
अय्यूबिद राजवंश की स्थापना:
1174 तक, वह मिस्र और सीरिया के सुल्तान बन गए और अय्यूबिद राजवंश की स्थापना की, जो कई दशकों तक पश्चिम एशिया के अधिकांश हिस्सों पर शासन करता था।
धर्मयुद्धों के विरुद्ध अभियान:
सलाहुद्दीन ने दूसरे और तीसरे धर्मयुद्धों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व किया।
1187 में, उन्होंने यरूशलेम को फिर से जीता, जो 1187 से ईसाई नियंत्रण में था।
इस जीत से तीसरा धर्मयुद्ध शुरू हुआ, जो 1192 में रिचर्ड द लायनहार्टेड के साथ एक संधि के साथ समाप्त हुआ।
विरासत:
सलाहुद्दीन को अक्सर एक ऐसे नायक के रूप में याद किया जाता है जिन्होंने एक एकीकृत मुस्लिम शक्ति का निर्माण किया और क्रूसेडरों के खिलाफ सफलता हासिल की।
उन्हें उनके त्याग, निष्ठा और मुस्लिम धर्म के प्रति उनके समर्पण के लिए सम्मानित किया जाता है।
उनकी मृत्यु 1193 में दमिश्क में हुई और उन्हें वहां दफनाया गया।