02/11/2025
(Tonsils) से राहत ! गले की ये छोटी ग्रंथियां क्यों हो जाती हैं बड़ी परेशानी?
#गले के दोनों ओर स्थित दो छोटी-छोटी लिम्फ नोड्स जिन्हें 'Tonsils' (टॉन्सिल्स) कहते हैं, हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली का एक हिस्सा हैं। ये हमारे शरीर में मुंह और नाक के रास्ते आने वाले कीटाणुओं को रोकती हैं। पर जब ये स्वयं ही संक्रमण की चपेट में आ जाती हैं, तो इसे ही टॉन्सिलाइटिस या आयुर्वेद में तुण्डिकेरी कहा जाता है।
#आयुर्वेद के अनुसार, टॉन्सिल्स की सूजन मुख्यतः कफ और पित्त दोष की विकृति के कारण होती है। जब शरीर में "आम" (टॉक्सिन) बढ़ जाता है और पाचन अग्नि मंद पड़ जाती है, तो गले की ग्रंथियों में सूजन, दर्द और संक्रमण हो सकता है। इसे आयुर्वेद में "मुख रोगों" की श्रेणी में रखा गया है।
#टॉन्सिलाइटिस के लक्षणः
✓गले में खराश या तेज दर्द
✓निगलने में कठिनाई
✓बुखार और सिरदर्द
✓गले में सूजन और लालिमा
✓बदबूदार सांस
✓बच्चों में चिड़चिड़ापन और खाना न खाना
#टॉन्सिल्स होने के कारणः
✓ठंडे, तले हुए और भारी भोजन का सेवन
✓ठंडी हवा या बर्फ़ के सीधे संपर्क में आना
✓दिन में सोना और कफ को बढ़ाने वाली आदतें
✓पाचन शक्ति की कमजोरी
✓दूषित जल या भोजन
#टॉन्सिल्स से बचाव के लिए उपायः
1. गुनगुने पानी का नियमित सेवन करें
2. ठंडी चीजें (आइसक्रीम, कोल्ड ड्रिंक्स) से परहेज करें
3. गर्म पानी से गरारे करें
4. सुबह-शाम तुलसी, मुलेठी, पिप्पली, अदरक की चाय पिएं
5. भोजन पचने योग्य, हल्का और गर्म खाएं
6. गर्म सूप, खिचड़ी, सब्जी का उबला पानी
7. बच्चों को बार-बार पानी बदल कर पीने से रोकें
#योग और प्राणायाम का महत्त्वः
✓सिंहासन (Lion Pose): गले की मांसपेशियों को मजबूत करता है
✓उज्जयी प्राणायामः गले की सफाई और ऊर्जा संचार में सहायक
✓जल नेतिः नाक और गले की सफाई के लिए उत्तम क्रिया
#घरेलू_और_आयुर्वेदिक_उपचारः
1. हल्दी और नमक से गरारेः गुनगुने पानी में आधा चम्मच हल्दी और एक चुटकी सेंधा नमक मिलाकर दिन में 2-3 बार गरारे करें।
फायदाः सूजन कम होती है और संक्रमण मरता है।
2. तुलसी और अदरक की चायः 7-8 तुलसी की पत्तियाँ और अदरक का छोटा टुकड़ा पानी में उबालकर उसमें शहद मिलाएं।
फायदाः रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है, गले को राहत मिलती है।
3. मुलेठी पाउडरः मुलेठी का चूर्ण शहद के साथ मिलाकर चाटें।
फायदा: गले की खराश, जलन और दर्द में राहत।
4. अजवायन का काढ़ाः अजवायन, काली मिर्च और हल्दी को पानी
में उबालें और छानकर पिएं।
फायदा: गले के संक्रमण को दूर करता है और कफ कम करता है।
5 . त्रिफला का सेवनः रात को त्रिफला चूर्ण गर्म पानी के साथ लें।
फायदाः शरीर से विषाक्तता को निकालता है, पाचन सुधारता है।
#आयुर्वेदिक_औषधियाँः
कंचनार गुग्गुलु - गले की ग्रंथियों की सूजन के लिए
सप्तांग घृत - संक्रमण और सूजन के लिए
तुण्डिकेरी रस - विशेष रूप से टॉन्सिल्स की चिकित्सा में उपयोगी
सप्तविंशति गुग्गुलु - कफ-पित्त नाशक
सितोपलादी चूर्ण, त्रिकटु चूर्ण आदि।
टॉन्सिल्स की समस्या सामान्य है लेकिन यदि समय रहते सही देखभाल न की जाए, तो यह पुरानी हो सकती है। आयुर्वेद में इसके लिए अनेक सरल और प्रभावी उपचार उपलब्ध हैं। नियमित दिनचर्या, संतुलित आहार, योग, और घरेलू नुस्खों से टॉन्सिल्स को रोका और ठीक किया जा सकता है।
यदि लक्षण गंभीर हों या बार-बार टॉन्सिल्स हो रहे हों, तो किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श अवश्य लें।
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स्वस्थ रहे, स्वस्थ रखे
आयुर्वेद अपनाए निरोग जीवन जिए।🙋♂
डॉक्टर शैयद शहाबुद्दीन अहमद
BAMS, MD (आर्युवेदिक मेडिसीन)
आयुर्वेद एक्सपर्ट एवं सागर आर्युवेदिक हॉस्पिटल के संस्थापक
भागलपुर,बिहार
मोबाइल नंबर 8294779982
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