09/10/2025
हमारे शरीर में बीमारियों का आना-जाना उस समय से ही लग जाता है जबसे हम इस दुनिया में आए हैं। हम इन बीमारियों से छुटकारा पाना चाहते हैं। पुराने जमाने से ही दुनिया के कई देशों में कई तरह की चिकित्सा पद्धतियाँ चली आ रही हैं - जैसे एलोपैथी, आयुर्वेद, यूनानी वगैरह वगैरह। हर चिकित्सा पद्धति की अपनी-अपनी विषेशताएँ हैं और अपने-अपने सिद्धान्त हैं।
सभी चिकित्सा-पद्धतियों में बीमारी का इलाज होता है। लेकिन होम्योपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसमें बीमार यानी कि रोगी का इलाज किया जाता है।
होम्योपैथी का सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण सिद्धान्त है - 'समान का समान से इलाज'। लैटिन भाषा में इसे Similia Similibus Curantur कहते हैं।
कवि कालिदास के शब्दों में इसे 'विषस्य विषमौषधम्' कहा जाएगा, जिसका अर्थ है - जहर ही जहर की दवा है। भारत के प्राचीन आयुर्वेदिक ग्रंथों में 'समः समं शमयति' और 'विषस्य विषमौषधम्' सिद्धान्त का वर्णन है और इन ग्रंथों में इस सिद्धान्त का विस्तार से स्पष्टीकरण भी किया गया है।