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दिवाली पर आंखों की सुरक्षा का रखें ध्यान — छोटी सी असावधानी बन सकती है बड़ी परेशानी : एम्स भोपालदिवाली का त्योहार रोशनी,...
13/10/2025

दिवाली पर आंखों की सुरक्षा का रखें ध्यान — छोटी सी असावधानी बन सकती है बड़ी परेशानी : एम्स भोपाल
दिवाली का त्योहार रोशनी, उल्लास और उमंग का प्रतीक है, लेकिन इस खुशी के अवसर पर हमें अपनी आंखों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। पटाखों और आतिशबाजी से जहां वातावरण में उत्साह भर जाता है, वहीं थोड़ी सी असावधानी आंखों के लिए गंभीर खतरा बन सकती है। ऐसे में एम्स भोपाल ने नागरिकों से अपील की है कि वे त्योहार को सुरक्षित तरीके से मनाएं और अपनी आंखों की रक्षा के लिए आवश्यक सावधानियां बरतें।
एम्स भोपाल के विशेषज्ञों ने बताया कि दिवाली के दौरान आंखों से संबंधित चोटें आम होती हैं, जिनमें धूल, कण या आतिशबाजी के कारण आंख में जलन या चोट लगना शामिल है। उन्होंने कहा कि थोड़ी सी सावधानी और समय पर उपचार से बड़ी चोटों से बचा जा सकता है।
यदि आंख में चोट लग जाए तो तुरंत करें ये उपाय:
1. शीघ्र ही आंख धोएं: यदि किसी धूल, कंकड़ या तेज कण के कारण आंख में चोट लगी है, तो साफ और स्वच्छ पानी से धीरे-धीरे आंख को धोएं। आंख को रगड़ें नहीं, इससे चोट और बढ़ सकती है।
2. आंख को सुरक्षित करें: यदि चोट गंभीर हो या दर्द हो रहा हो, तो आंख को हल्के से पट्टी से ढक दें और किसी भी कठोर वस्तु का उपयोग न करें।
3. तुरंत चिकित्सकीय सहायता लें: नजदीकी अस्पताल या नेत्र विशेषज्ञ से तुरंत संपर्क करें। आंख में खून आना, दृष्टि धुंधली होना या तेज दर्द होना, तात्कालिक उपचार की मांग करते हैं।
4. सुरक्षात्मक चश्मे का उपयोग करें: आतिशबाजी या पटाखों की तेज चमक और धुएं से बचाव के लिए हमेशा सुरक्षात्मक चश्मा पहनें।
5. घरेलू उपचार से बचें: किसी भी तरह की चोट को नजरअंदाज न करें और बिना विशेषज्ञ सलाह के कोई घरेलू उपाय न करें, क्योंकि इससे स्थिति गंभीर हो सकती है।
सुरक्षित दिवाली मनाने के लिए अपनाएं ये सावधानियां:
1. वयस्क की देखरेख में आतिशबाजी करें: छोटे बच्चों को कभी भी अकेले पटाखे न चलाने दें।
2. खुली और सुरक्षित जगह पर फोड़ें पटाखे: भीड़भाड़ से दूर, खुले स्थान पर ही आतिशबाजी करें।
3. आंखों की सुरक्षा का ध्यान रखें: पटाखे जलाते समय आंखों को बचाने के लिए सुरक्षात्मक चश्मा अवश्य पहनें।
4. धुआं और चमक से बचें: यदि आंखों में जलन या कण फंस जाएं तो तुरंत साफ पानी से धोकर चिकित्सक से संपर्क करें।
5. साफ-सफाई का ध्यान रखें: पटाखों को जलाने के बाद हाथ और चेहरा अच्छी तरह धोएं, और धुएं से दूरी बनाए रखें।
6. सुरक्षित दूरी बनाकर रखें: पटाखा जलाने के तुरंत बाद पीछे हटें और सतर्क रहें।
7. असफल पटाखों को न छुएं: जो पटाखे नहीं फूटे हों, उन्हें दोबारा जलाने का प्रयास न करें।
8. आपातकालीन तैयारी रखें: पास में पानी की बाल्टी या फायर एंटीड्रेंस उपकरण रखें।
9. जागरूकता फैलाएं: अपने परिवार और मित्रों को भी इन सुरक्षा उपायों की जानकारी दें ताकि सभी सुरक्षित रहें।
इस अवसर पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर ने कहा, “आंखें हमारे जीवन का सबसे अनमोल धन हैं। दिवाली खुशियों का त्योहार है, लेकिन स्वस्थ और सुरक्षित रहकर ही इसका वास्तविक आनंद लिया जा सकता है।”
एम्स भोपाल ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे आतिशबाजी का आनंद लें, लेकिन सावधानी और सुरक्षा के साथ। छोटी-सी लापरवाही जीवनभर की परेशानी का कारण बन सकती है, इसलिए अपने और अपने प्रियजनों की आंखों का विशेष ध्यान रखें और दिवाली को सुरक्षित रूप से मनाएं।

समाचारपत्रों में आज (13-10-2025) एम्स भोपाल1. एम्स का अलर्ट , आतिशबाजी के दौरान आँखों का रखें ध्यान 2. एम्स का अलर्ट: त्...
13/10/2025

समाचारपत्रों में आज (13-10-2025) एम्स भोपाल
1. एम्स का अलर्ट , आतिशबाजी के दौरान आँखों का रखें ध्यान
2. एम्स का अलर्ट: त्योहार के दौरान अस्पताल मे 24 घंटे मिलेंगे डॉक्टर
3. AIIMS Bhopal issues Diwali advisory to prevent eye Injuries from fireworks
4. AIIMS Bhopal marks World Sight Day with eye care awareness programme

समाचारपत्रों में (12-10-2025) एम्स भोपाल1. परिवारों को बताया संतुलित आहार का महत्व2. एम्स ने बरखेड़ी में लगाया स्वास्थ्य...
13/10/2025

समाचारपत्रों में (12-10-2025) एम्स भोपाल
1. परिवारों को बताया संतुलित आहार का महत्व
2. एम्स ने बरखेड़ी में लगाया स्वास्थ्य जागरूकता शिविर
3. एम्स ने पोषण माह में पुरुषों की भागीदारी पर दिया ज़ोर
4. लोगों को स्वास्थ्य सेवा की दी जानकारी
5. एम्स में डायबिटीज़ और हाइपरटेंशन की स्टडी होगी
6. एम्स ने गांवों में बताया पोषण आहार का महत्व
7. AIIMS Marks Rashtriya Poshan Maah with nutrition awareness drive
8. AIIMS hosts health awareness camp to promote preventive care

राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान एम्स भोपाल ने बढ़ाई जनजागरूकता, परिवारों को सिखाया पौष्टिक आहार का महत्वमुख्य बिंदु:• एम्स भ...
11/10/2025

राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान एम्स भोपाल ने बढ़ाई जनजागरूकता, परिवारों को सिखाया पौष्टिक आहार का महत्व
मुख्य बिंदु:
• एम्स भोपाल ने देशभर में 12 सितंबर से 11 अक्टूबर 2025 मनाए जा रहे राष्ट्रीय पोषण माह में सक्रिय रूप से भाग लिया।
• एम्स भोपाल की स्मार्ट यूनिट (सीवियर एक्यूट मलन्यूट्रिशन एडवांस्ड ट्रीटमेंट एंड रिसर्च यूनिट) ने जागरूकता के लिए गतिविधियाँ आयोजित कीं और स्थानीय व्यंजनों से पौष्टिक आहार बनाने का प्रशिक्षण दिया।
• एनएचएम मध्य प्रदेश के सहयोग से राज्यभर के पोषण प्रशिक्षकों और नर्सिंग स्टाफ के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें डॉ. संगीता मालू और सुश्री नीतू पवार ने क्रमशः पोषण प्रशिक्षक और नर्सिंग स्टाफ वर्ग में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
• प्रो. (डॉ.) भावना ढींगरा ने बच्चों के समग्र विकास के लिए परिवार के पोषण में पुरुषों की सक्रिय भागीदारी को आवश्यक बताया।
एम्स भोपाल ने देशभर में 12 सितंबर से 11 अक्टूबर 2025 मनाए जा रहे राष्ट्रीय पोषण माह में सक्रिय रूप से भाग लिया। इस वर्ष राष्ट्रीय पोषण माह के लिए पाँच प्रमुख थीम निर्धारित की गई थीं– (1) मोटापा नियंत्रण: कम तेल, कम चीनी, कम वसा, (2) प्रारंभिक बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा, (3) एक पेड़ माँ के नाम, (4) शिशु एवं बाल आहार प्रथाएँ — विशेष रूप से स्तनपान, पूरक आहार, स्वच्छता और एनीमिया की रोकथाम, तथा (5) परिवार के पोषण में पुरुषों की भागीदारी।
एम्स भोपाल के बाल रोग विभाग की स्मार्ट यूनिट (सीवियर एक्यूट मलन्यूट्रिशन एडवांस्ड ट्रीटमेंट एंड रिसर्च यूनिट) ने इस अवसर पर जागरूकता फैलाने हेतु विविध गतिविधियाँ आयोजित कीं। महिलाओं, बच्चों और पुरुषों को पोषण के प्रति जागरूक किया गया तथा स्थानीय खाद्य पदार्थों का उपयोग करते हुए परिवार और बच्चों के लिए पौष्टिक व्यंजन बनाने का प्रशिक्षण भी दिया गया।
एनएचएम मध्य प्रदेश के सहयोग से राज्यभर के पोषण पुनर्वास केंद्रों में कार्यरत पोषण प्रशिक्षकों और नर्सिंग स्टाफ के लिए प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। पोषण प्रशिक्षक वर्ग में डॉ. संगीता मालू, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, इंदौर ने प्रथम स्थान प्राप्त किया; सुश्री प्रसन्ना श्रीवास्तव, एनआरसी शामगढ़, मंदसौर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया; तथा सुश्री मीनू शर्मा, एनआरसी कैलारस, मुरैना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। नर्सिंग स्टाफ वर्ग में प्रथम स्थान सुश्री नीतू पवार, एनआरसी–जिला अस्पताल, इंदौर को मिला; द्वितीय स्थान सुश्री हेमलता सोनी, एनआरसी मानसा, नीमच को प्राप्त हुआ; तथा तृतीय स्थान सुश्री उषा झा, एनआरसी नरवर, शिवपुरी को प्राप्त हुआ।
9 अक्टूबर 2025 को एक आउटरीच गतिविधि के तहत ग्रामीण शासकीय माध्यमिक विद्यालय, अमरावत खुर्द, भोपाल में स्मार्ट यूनिट के स्टाफ ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और ग्रामवासियों को संतुलित भोजन, स्वच्छता और बीमारियों से बचाव के उपायों की जानकारी दी।
स्मार्ट यूनिट की नोडल अधिकारी प्रो. (डॉ.) भावना ढींगरा ने कहा कि बच्चों के पोषण और देखभाल में पुरुषों की भागीदारी अत्यंत आवश्यक है। पिता और पुरुष सदस्यों की सक्रिय भूमिका न केवल बच्चों के शारीरिक विकास को बढ़ाती है, बल्कि उनके मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को भी मजबूत बनाती है। उन्होंने कहा कि जब पुरुष परिवार के पोषण, देखभाल और स्वास्थ्य संबंधी निर्णयों में भाग लेते हैं, तो परिवार में समग्र स्वास्थ्य और सामंजस्य में उल्लेखनीय सुधार देखा जाता है।
बाल रोग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) शिखा मलिक ने कहा कि जनभागीदारी के बिना स्वस्थ और सुपोषित भारत का लक्ष्य प्राप्त नहीं किया जा सकता, इसलिए ऐसी आउटरीच गतिविधियों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इस पोषण माह के आयोजनों में डॉ. इंद्रेश कुमार (कार्यक्रम समन्वयक), सुश्री प्रिया जिजू (एएनएस), डॉ. अजय वैध (जेआर), श्री सुनील कुमार टेलर (एसएनओ), सुश्री निधि (क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट/नैदानिक पोषण विशेषज्ञ) और सुश्री जयश्री (फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर/आहार प्रदर्शनकर्ता) ने सक्रिय भूमिका निभाई।

एम्स भोपाल ने बरखेड़ी स्थित संजिवनी क्लिनिक में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित किया मुख्य बिंदु:• एम्स भोपाल ने मध्यप्र...
11/10/2025

एम्स भोपाल ने बरखेड़ी स्थित संजिवनी क्लिनिक में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित किया
मुख्य बिंदु:
• एम्स भोपाल ने मध्यप्रदेश के बरखेड़ी स्थित संजिवनी क्लिनिक में एक व्यापक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया।
• आयुष, कम्युनिटी और फैमिली मेडिसिन (CFM) और नेत्र रोग विभागों ने मिलकर शिविर का संचालन किया।
• इस शिविर में डॉ. ए. ऐश्वर्या (चिकित्सा अधिकारी-सिद्धा), डॉ. प्रीति (सीनियर रेजिडेंट, CFM) और डॉ. आकांक्षा (जूनियर रेजिडेंट, CFM) ने अपनी टीमों के साथ सक्रिय रूप से भाग लिया ।
• इस शिविर ने निवारक स्वास्थ्य देखभाल और आयुष की भूमिका को बढ़ावा दिया।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर के मार्गदर्शन में मध्यप्रदेश के बरखेड़ी स्थित संजिवनी क्लिनिक में एक व्यापक स्वास्थ्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य आम जनता को सुलभ और समग्र स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करना था, जिसमें निवारक स्वास्थ्य देखभाल पर विशेष ध्यान दिया गया। यह शिविर एम्स भोपाल के आयुष विभाग, कम्युनिटी और फैमिली मेडिसिन (CFM) विभाग और नेत्र रोग विभाग द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया।
इस शिविर में डॉ. ए. ऐश्वर्या (चिकित्सा अधिकारी-सिद्धा), डॉ. प्रीति (सीनियर रेजिडेंट, CFM) और डॉ. आकांक्षा (जूनियर रेजिडेंट, CFM) ने अपनी-अपनी टीमों के साथ सक्रिय रूप से भाग लिया।
इस अवसर पर निम्नलिखित स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान की गईं:
• ओपीडी परामर्श
• गैर-संक्रामक रोगों (NCD) की स्क्रीनिंग
• व्यक्तिगत स्वास्थ्य परामर्श
• स्वास्थ्य शिक्षा सत्र
शिविर की योजना और ऑन-साइट समन्वय का नेतृत्व CFM विभाग द्वारा किया गया। वहीं, आयुष टीम ने स्वस्थ जीवनशैली, संतुलित आहार और स्वस्थ वृद्धावस्था (हेल्दी एजिंग) जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूकता सत्र आयोजित किए। इस शिविर में स्थानीय जनता की उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी गई, जिसने निवारक स्वास्थ्य देखभाल में आयुष की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। यह आयोजन सभी के लिए सुलभ व समग्र स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की एम्स भोपाल की प्रतिबद्धता को दोहराता है।

Address by Dean (Academics) Prof. (Dr.) Rajnish Joshi on the occasion of World Mental Health Day.
11/10/2025

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Address by Deputy Director (Administration) Mr. Sandesh Kumar Jain on the occasion of World Mental Health Day.
11/10/2025

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AIIMS Bhopal Organised a Nukkad Natak to raise mental health awareness on World Mental Health Day.
11/10/2025

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AIIMS Bhopal marks World Mental Health Day 2025 with a rally to raise awareness among students.
11/10/2025

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समाचारपत्रों में आज (11-10-2025) एम्स भोपाल1. विश्व दिवस पर एम्स मे हुआ कार्यक्रम 2. मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना जीवन क...
11/10/2025

समाचारपत्रों में आज (11-10-2025) एम्स भोपाल
1. विश्व दिवस पर एम्स मे हुआ कार्यक्रम
2. मानसिक स्वास्थ्य पर बात करना जीवन को बेहतर बनाने की प्रक्रिया : डॉ . त्रिवेदी
3. धूल और प्रदूषण : एलर्जी के मरीजों की संख्या तीन गुण तक बढ़ी
4. दिल के इलाज के लिए एम्स मे नई मशीने
5. AIIMS Bhopal Marks World Mental health day with rally skits, CME session

एम्स भोपाल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस-2025 के अवसर पर सीएमई और जागरूकता रैली का आयोजन किया मुख्य बिंदु:• विश्व मानसि...
10/10/2025

एम्स भोपाल ने विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस-2025 के अवसर पर सीएमई और जागरूकता रैली का आयोजन किया
मुख्य बिंदु:
• विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के अवसर पर एम्स भोपाल के मनोरोग विभाग और नर्सिंग कॉलेज ने एनजीओ “आवाज” और “यंगशाला” के सहयोग से शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025, को एक सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) एवं जागरूकता रैली का आयोजन किया।
• युवाओं और आम जनता में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के लिए रैली और नुक्कड़ नाटक आयोजित किया गया।
• छात्रों ने सोशल मीडिया के सीखने पर प्रभाव पर बहस और मानसिक स्वास्थ्य से निपटने पर रील मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया।
• एम्स के फैकल्टी और छात्रों द्वारा विशेष नाटक में मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियाँ, समय पर पहचान और उपचार लेने के महत्व को उजागर किया गया।
• पैनल चर्चा में “मानवतावादी संकट में मानसिक स्वास्थ्य” पर जोर दिया गया और युवाओं तथा छात्रों में तनाव सहनशीलता विकसित करने पर चर्चा हुई।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस-2025 के अवसर पर एम्स भोपाल के मनोरोग विभाग और नर्सिंग कॉलेज ने एनजीओ “आवाज़” और “यंगशाला” के सहयोग से शुक्रवार, 10 अक्टूबर 2025, को एक सीएमई (सतत चिकित्सा शिक्षा) और जागरूकता रैली का आयोजन किया। इस कार्यक्रम का नेतृत्व एम्स भोपाल के मनोरोग विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. विजेंद्र सिंह ने किया। कार्यक्रम में युवाओं और छात्रों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता बढ़ाने के लिए रैली आयोजित की गई और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के समय पर पहचान और उपचार की आवश्यकता को समझाने हेतु एक लघु नाटिका (स्किट) का प्रदर्शन किया गया।
रैली का शुभारंभ डीन (अकादमिक) प्रो. डॉ. रजनीश जोशी और उप निदेशक प्रशासन श्री संदेश कुमार जैन ने किया। इस अवसर पर नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. ममता वर्मा, एम्स भोपाल के फैकल्टी सदस्य, छात्र और रेज़िडेंट डॉक्टर भी उपस्थित थे। रैली में एनजीओ “आवाज़” और “यंगशाला” के पदाधिकारी और स्वयंसेवक भी शामिल हुए। एनजीओ के स्वयंसेवकों ने छात्रों और युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए मदद मांगने में आने वाली बाधाओं और संचार से संबंधित जानकारी को बढ़ाने के लिए नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया।
एम्स भोपाल के डीन (अकादमिक) प्रो. डॉ. रजनीश जोशी ने मनोरोग विभाग, नर्सिंग कॉलेज और सहयोगी एनजीओ द्वारा की गई इस पहल की सराहना की। प्रो. डॉ. विजेंद्र सिंह ने बताया कि सीएमई सत्र के दौरान विभिन्न वैज्ञानिक चर्चाएँ आयोजित की गईं। एम्स भोपाल के छात्रों के बीच “एकेडेमिया में इन्फ्लूएंसर: क्या सोशल मीडिया चिकित्सा छात्रों की शिक्षा को आकार देता है” विषय पर वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसमें छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और विजेताओं को प्रोत्साहन स्वरूप पुरस्कार और प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
इसके अतिरिक्त छात्रों और युवाओं ने “द सिम्फनी ऑफ हीलिंग: फ्रॉम शैडोज़ टू सनशाइन” विषय पर रील मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें उन्होंने दैनिक जीवन में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से निपटने के तरीकों पर अपने विचार प्रस्तुत किए। विभिन्न स्ट्रीम जैसे मेडिकल और नर्सिंग के छात्रों ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया, जिससे युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद मिली।
एम्स भोपाल के फैकल्टी डॉ. आशीष पाखरे और छात्रों ने इस अवसर पर एक विशेष लघु नाटिका प्रस्तुत की, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी सामाजिक भ्रांतियों, अज्ञानता और उपचार में आने वाली बाधाओं के प्रति जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के शीघ्र पहचान और उपचार की आवश्यकता पर जोर दिया गया।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2025 के विषय “मानवीय संकट में मानसिक स्वास्थ्य: प्रणाली को मज़बूत करना” पर पैनल चर्चा भी आयोजित की गई। इसमें एनजीओ-संगत भोपाल के डॉ. अनंत भान, गांधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के प्रोफेसर एवं मनोरोग विभागाध्यक्ष डॉ. जेपी अग्रवाल, नर्सिंग कॉलेज एम्स भोपाल की प्रिंसिपल (कार्यवाहक) डॉ. ममता वर्मा, साथ ही सामुदायिक चिकित्सा और मनोरोग विभाग, एम्स भोपाल के फैकल्टी सदस्य उपस्थित थे। पैनल चर्चा में विशेष रूप से युवाओं और छात्रों में तनाव और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से प्रभावी ढंग से निपटने हेतु लचीलापन (रेज़ीलियन्स) विकसित करने पर जोर दिया गया।

विश्व दृष्टि दिवस पर एम्स भोपाल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन मुख्य बिंदु:• एम्स भोपाल ने गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 को व...
10/10/2025

विश्व दृष्टि दिवस पर एम्स भोपाल में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
मुख्य बिंदु:
• एम्स भोपाल ने गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 को विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया।
• इस कार्यक्रम का नेतृत्व कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर ने किया।
• नेत्र रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. भावना शर्मा ने मरीजों और परिजनों को आंखों की देखभाल और दृष्टि हानि के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए एक स्वास्थ्य वार्ता आयोजित की।
• डॉ. प्रियंका और डॉ. विध्या वर्मा द्वारा छात्रों को आंखों की देखभाल और दृष्टि हानि के बारे में जानकारी प्रदान की गई।
• कार्यक्रम ने नियमित नेत्र जांच कराने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व पर जोर दिया।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानन्द कर के नेतृत्व में नेत्र रोग विभाग द्वारा गुरुवार, 9 अक्टूबर 2025 को विश्व दृष्टि दिवस के अवसर पर एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य आंखों की सुरक्षा और दृष्टि हानि की रोकथाम के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। नेत्र रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. भावना शर्मा ने मरीजों और उनके परिजनों को आंखों की देखभाल और दृष्टि सुरक्षा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए एक स्वास्थ्य वार्ता आयोजित की। उन्होंने कहा कि नियमित जांच और स्वस्थ आदतें अपनाकर आंखों की बीमारियों से बचा जा सकता है। उन्होंने 20-20-20 नियम को विस्तार से समझाया, जो लंबे समय तक मोबाइल या कंप्यूटर स्क्रीन देखने वाले लोगों के लिए अत्यंत उपयोगी है। इस नियम के अनुसार, हर 20 मिनट पर कम से कम 20 सेकंड के लिए लगभग 20 फीट दूर किसी वस्तु को देखना चाहिए। इससे आंखों की मांसपेशियों को आराम मिलता है और सूखापन, जलन या धुंधला दिखने जैसी समस्याओं से बचाव होता है। उन्होंने आंखों को साफ रखने, धूप के चश्मे पहनने और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के महत्व पर भी जोर दिया।
इसके अलावा, बीएससी ऑप्टोमेट्री के छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं आयोजित की गईं, जिसमें डॉ. प्रियंका ने छात्रों को आंखों की देखभाल और दृष्टि हानि के विषय में जानकारी दी। साथ ही एमबीबीएस छात्रों के लिए भी कक्षाएं आयोजित की गईं, जिसमें डॉ. विध्या वर्मा ने उन्हें आंखों की सुरक्षा और दृष्टि हानि की रोकथाम के बारे में जागरूक किया।
एम्स भोपाल का यह कार्यक्रम आंखों की सुरक्षा और दृष्टि हानि के प्रति जनजागरूकता बढ़ाने का एक सराहनीय प्रयास है। ऐसे कार्यक्रम लोगों को नियमित नेत्र जांच कराने और स्वस्थ आदतें अपनाने के लिए प्रेरित करेंगे।

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