Desi Dawakhana cheeka

Desi Dawakhana cheeka आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए आप संपर्क करे सकते हैं। आयुर्वेदिक घरेलू नुक्से जनहित में जारी है।नुक्सा लेने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

🫁 #लंग_डिटॉक्स_अब_घर_बैठे_अपनायें_ये 12 घरेलू उपाय !🫁फेफड़े हमारे शरीर के "ऑक्सीजन प्लांट" हैं।👉 हर मिनट 12-18 बार साँस ...
21/11/2025

🫁 #लंग_डिटॉक्स_अब_घर_बैठे_अपनायें_ये 12 घरेलू उपाय !

🫁फेफड़े हमारे शरीर के "ऑक्सीजन प्लांट" हैं।
👉 हर मिनट 12-18 बार साँस लेते हुए ये लगभग 8,000 लीटर हवा को फ़िल्टर करते हैं।
🚬प्रदूषण, धूल, धुआँ, धूम्रपान, इनडोर टॉक्सिन्स, रसायन, ठंडे मौसम और कम पानी- ये सभी फेफड़ों में कफ, बलगम, सूजन और गंदगी जमा कर देते हैं। 👉वैज्ञानिक शोध मानते हैं कि लंग-टॉक्सिन्स बढ़ने से शरीर की 60% कोशिकाएँ ऑक्सिजन की कमी से थक जाती हैं, त्वचा बूढ़ी दिखने लगती है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।

#आयुर्वेद_कहता_है-
"प्राणवह स्रोतस में शुद्धता ही आरोग्य का आधार है।" यानी प्राण (ऑक्सीजन के मार्ग जितने स्वच्छ, स्वास्थ्य उतना मजबूत) इसलिए लंग डिटॉक्स केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि आज की जीवनशैली में ज़रूरी बन चुका है।

🫁फेफड़ों को साफ़ रखने के 12 सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपायः
✅ हल्दी+काली मिर्च+गुड़
एक छोटा टुकड़ा कच्ची हल्दी,डेढ़ कप दूध में उबले और छानकर,दो चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाकर थोड़ा सा गुड़ खाकर यह दूध पी ले, कहीं का भी इंफेक्शन हो तो ठीक हो जाता है।

✅ वासा + मुलहठी+काली मिर्च
एक कप पानी में तीनों औषधीय उबाल कर छान लें और सुबह शाम चाय की तरह एक-एक घूंट पीना है इससे कफ पतला होकर निकल जाएगा।

✅ त्रिकटु+मुलहठी
एक कप पानी में उबाल कर छान लें और चाय की तरह सुबह शाम पीना है स्वाद अनुसार शहद डाल सकते हैं। आयुर्वेदिक औषधियां लेने से पहले अपना विरेचन और वमन की प्रक्रिया जरूर कर लें इससे जल्दी फायदा हो जाता है।

✅हल्दी वाला गुनगुना दूध
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन श्वसन नलियों की सूजन को शांत करता है और बलगम ढीला करता है। सोते समय हल्की गर्मी वाला दूध फेफड़ों की मरम्मत तेज कर देता है। यह उपाय खासकर उन लोगों के लिए प्रभावी है जिनकी खाँसी लंबे समय तक नहीं जाती।

✅अदरक-शहद मिश्रण
अदरक श्वसन की सूजन को 30-40% तक कम करने में सक्षम माना गया है। 1 चम्मच अदरक रस में ½ चम्मच शहद मिलाकर लेने से बलगम पिघलकर बाहर आता है। यह स्मोकिंग या प्रदूषण से भरे वातावरण में रहने वालों के लिए बेहद असरदार है।

✅तुलसी-पानी भाप (Basil Steam)
तुलसी में एंटी-वायरल, एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं जो फेफड़ों को तुरंत राहत देते हैं। 3-4 तुलसी पत्ते उबालकर उसकी भाप लेने से Airways खुल जाते हैं। इससे ठंड, धूल और स्मोग के कारण भरी छाती मिनटों में हल्की हो जाती है।

✅गुड़ + सौंफ
गुड़ फेफड़ों की सफाई में मदद करता है, सौंफ बलगम को पतला बनाती है। भोजन के बाद आधा चम्मच सौंफ एक छोटा टुकड़ा गुड़ लेने से साँस लेना आसान होता है। यह उपाय लंबे समय तक बैठे रहने और कम पानी पीने वालों के लिए लाभकारी है।

✅गिलोय का काढ़ा
गिलोय शरीर से टॉक्सिन और संक्रमण दोनों को एक साथ कम करती है। 5-6 इंच गिलोय की डंडी उबालकर सुबह लेना फेफड़ों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह उपाय लंबे समय तक बीमार रहने और कमजोर फेफड़ों वाले लोगों को खास लाभ देता है।

✅अजवाइन भाप
अजवाइन को पानी में उबालकर उसकी भाप लेने से कफ के ढेर तुरंत ढीले हो जाते हैं। यह साइनस, चेस्ट टाइटनेस और स्मोग एलर्जी में बेहद तेज़ असर करता है। डेली 5-7 मिनट भाप लेने से सांस की गति सामान्य रहती है।

✅नींबू पानी
नींबू में मौजूद Vitamin C फेफड़ों की झिल्ली को मजबूत बनाता है। सुबह खाली पेट नींबू पानी लेने से फेफड़ों में जमा प्रदूषण और धूल के कण साफ़ होते हैं। यह स्मोकिंग छोड़ने वालों के लिए सबसे कारगर उपाय माना जाता है।

✅पुदीना-शहद पेय
पुदीना श्वसन नलियों को ठंडक देता है और शहद एलर्जन्स को शांत करता है। आधा गिलास पुदीना काढ़ा + 1 चम्मच शहद लेने से साँस लेने में हल्कापन महसूस होता है। यह खासकर गर्मियों और स्मोग सीजन में असरदार है।

✅मुलेठी चूर्ण
मुलेठी एंटी-अल्सर और एंटी-एलर्जिक गुणों से फेफड़ों की झिल्ली को ठीक करती है। आधा चम्मच मुलेठी गर्म पानी के साथ लेने से खाँसी, खराश और बार-बार सांस अटकना शांत होता है। यह लंबे समय तक फेफड़ों की मजबूती के लिए बेस्ट उपाय है।

👉क्यों है लंग डिटॉक्स ज़रूरी?

✍️प्रदूषण से फेफड़ों की क्षमता 20-30% तक घट सकती है।

✍️कमजोर फेफड़ों से दिल पर 25% अधिक भार पड़ता है।

✍️लंग डिटॉक्स से नींद, ऊर्जा और त्वचा की चमक भी बढ़ती है।
||आपका अपना||
➕ देशी दवाखाना (आयुर्वेदिक)
छोटी मडीं, पेहवा रोड़, चीका
जिला कैथल, हरियाणा 136034
🩺 वैध विजेन्द्र शर्मा 🩺
☎️9416295632

 #एग्जिमा,  #सोरायसिस और त्वचा रोगों के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे🌿त्वचा रोग (Skin Diseases) #एग्जिमा (Eczema),  #सोराय...
17/11/2025

#एग्जिमा,
#सोरायसिस और त्वचा रोगों के लिए आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे

🌿त्वचा रोग (Skin Diseases)
#एग्जिमा (Eczema),
#सोरायसिस (Psoriasis) और अन्य चर्म रोग आजकल बहुत आम हो गए हैं।
🌿एलोपैथिक दवाइयों से इन रोगों का तात्कालिक असर तो दिखता है, लेकिन लंबे समय तक आराम पाना कठिन होता है।

#आयुर्वेद में इन रोगों के लिए कई घरेलू नुस्खे और प्राकृतिक उपचार बताए गए हैं, जो न केवल रोग को नियंत्रित करते हैं बल्कि रोग की जड़ पर भी असर डालते हैं।

✅सरसों और नीम पत्ती से बना तेल – एग्जिमा के लिए घरेलू उपाय

👉250 ग्राम सरसों का तेल लोहे की कढ़ाई में गरम करें।
🌿जब तेल अच्छी तरह उबलने लगे तो इसमें 50 ग्राम नीम की कोमल पत्तियाँ डालें।
🌿जैसे ही पत्तियाँ काली पड़ जाएँ, तुरंत कढ़ाई को नीचे उतार लें। ठंडा होने पर तेल को छानकर बोतल में भर लें। दिन में 3–4 बार प्रभावित हिस्से पर लगाएँ। नियमित प्रयोग से एग्जिमा की समस्या में लाभ मिलता है।

#आयुर्वेद में यह भी कहा गया है:

✍️"चना चून को नून बिन चौसठ दिन जो खाय,
दाद, खाज और सेंहुआ जरा मूर सो जाय।"
अर्थात् – चने का आटा बिना नमक के कुछ समय तक लेने से दाद, खाज और अन्य त्वचा रोगों में राहत मिलती है।

#चिरायता और #कुटकी का प्रयोग

4 ग्राम चिरायता
4 ग्राम कुटकी
125 ग्राम पानी में रातभर भिगो दें।
✅सुबह इस पानी को छानकर पी लें और 3–4 घंटे तक कुछ न खाएँ। यही प्रक्रिया लगातार करें, हर चार दिन बाद नई दवा डालें।

✅यह पानी (कड़वी चाय) लगातार 2–4 सप्ताह लेने से एग्जिमा, फोड़े-फुंसी, मुँहासे और रक्त दोष दूर होते हैं।
✅इस पानी को पीने के साथ-साथ एग्जिमा वाले स्थान पर धोने से और भी अच्छे परिणाम मिलते हैं।

✅यह उपाय रक्त दोष, हड्डी की टीबी, पेट के रोग, Psoriasis और कई गंभीर skin disease में भी सहायक है।

(सोरायसिस) में 1–2 महीने के प्रयोग से लाल चकत्ते, खुजली और पपड़ी जैसी समस्या कम होने लगती है।
#पुराने_बुखार (chronic fever) में भी यह प्रयोग लाभकारी है।
❎परहेज
त्वचा रोगों में आहार-विहार का विशेष ध्यान रखना जरूरी है।

❎खटाई (खासकर इमली और अमचूर) से परहेज करें।
❎तले हुए, मसालेदार और मिर्चीदार भोजन से बचें।
❎शराब और नशीले पदार्थों का सेवन न करें।
❎नमक का सेवन कम करें और साधारण नमक की जगह सैंधा नमक का प्रयोग करें।
❎गर्भवती एवं रजस्वला महिलाओं को यह प्रयोग नहीं करना चाहिए।
✅बच्चों को यह पानी केवल 2 चम्मच की मात्रा में दें।
#आयुर्वेदिक घरेलू नुस्खे जैसे नीम–सरसों का तेल और चिरायता–कुटकी का प्रयोग त्वचा रोगों (Skin Diseases) जैसे और में सहायक सिद्ध होते हैं। इनके नियमित उपयोग से शरीर का रक्त शुद्ध होता है और त्वचा की प्राकृतिक चमक लौटती है।
Vaid.Vijender Sharma
Reg.no.120542
📞9416295632( HR.)

 #लो_ब्लड_प्रेशर_अचानक_चक्कर_कमजोरी_या बेहोशी?11 असरदार उपाय घरेलू+आयुर्वेद🙏क्या कभी आपको अचानक चक्कर, कमजोरी, ठंडा पसीन...
16/11/2025

#लो_ब्लड_प्रेशर_अचानक_चक्कर_कमजोरी_या बेहोशी?

11 असरदार उपाय घरेलू+आयुर्वेद

🙏क्या कभी आपको अचानक चक्कर, कमजोरी, ठंडा पसीना या धुंधला दिखना महसूस हुआ है? ✅अगर हाँ,तो हो जाये सावधान ये संकेत हो सकते हैं लो ब्लड प्रेशर यानी हाइपोटेंशन के आम तौर पर लोग हाई बीपी को ही खतरनाक मानते हैं, लेकिन लो बीपी भी उतना ही गंभीर हो सकता है क्योंकि यह दिमाग और हृदय तक रक्त प्रवाह को बाधित करता है।
👉लो ब्लड प्रेशर के आम कारण👇

✅भोजन न करना या उपवास में रहना

✅डिहाइड्रेशन (पानी की कमी)

✅थकान, तनाव या अधिक गर्मी लगना

✅रक्त की कमी (एनीमिया)

✅थायरॉइड, हृदय या हार्मोनल असंतुलन

✅दवाओं का प्रभाव या अत्यधिक शारीरिक श्रम

💓 लो बीपी के लिए 11 घरेलू+आयुर्वेदिक उपाय

1. #किशमिश दूध
प्राकृतिक एनर्जी बूस्टर रातभर 10-12 किशमिश पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इनका सेवन करें और पानी भी पिएँ। यह रक्त की गुणवत्ता बढ़ाता है और लो बीपी में तुरंत राहत देता है।

2. #तुलसी पत्ते + शहद
5 तुलसी के पत्तों का रस और 1 चम्मच शहद मिलाकर रोज़ सुबह लें। यह हार्मोनल संतुलन और रक्तचाप सामान्य करता है।

3. #नमक पानी (Salt Water)
लो बीपी में तुरंत राहत के लिए 1 गिलास पानी में चुटकीभर सेंधा नमक डालकर पीएँ। सोडियम रक्तचाप बढ़ाकर दिमाग तक रक्त प्रवाह सुधारेगा।

4. #कॉफी या काली चाय
लो बीपी में कभी-कभी 1 कप काली चाय या कॉफी लेने से अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर बढ़ता है।

5. मिश्री और #सौंफ का पानी
1 चम्मच सौंफ और ½ चम्मच मिश्री एक गिलास गर्म पानी में डालकर पीएँ। यह रक्त प्रवाह बढ़ाता है और ऊर्जा स्तर में सुधार करता है साथ में भूख बढ़ाता है तेजाब को ठीक करता है।

6. #मुनक्का और #बादाम का टॉनिक रात को 5 मुनक्के और 2 बादाम पानी में भिगो दें। सुबह मुनक्का के बीज निकाल कर और बादाम का छिलका उतार कर पीसकर गुनगुने दूध में मिलाकर पीएँ। यह हृदय और नसों को पोषण देता है, बीपी स्थिर रखता है।

7. #लिकोरिस (मुलेठी) पाउडर
½ चम्मच मुलेठी पाउडर को गुनगुने पानी में मिलाकर दिन में एक बार लें। यह अधिवृक्क ग्रंथि (Adrenal Gland) को सक्रिय कर लो बीपी में राहत देता है।

8. #नींबू + शहद
एक गिलास पानी में आधा नींबू और 1 चम्मच शहद मिलाएँ शरीर में इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बहाल करता है और ताजगी देता है।

9. #दालचीनी और #अदरक का मिश्रण
थोड़ी सी दालचीनी और अदरक उबालकर इसका पानी पीएँ। यह रक्त प्रवाह तेज़ करता है और ठंडे शरीर में गर्मी लाता है।

10. #भुने चने+किशमिश (सवानुभूत)
50 ग्राम भुने हुए चने, 10 से 15 छोटी किशमिश रात को सोने से पहले खूब चबा-चबाकर खाना है इससे बीपी लो या हाई में मदद मिलेगी साथ में खून की कमी को पूरा करेगा और हाजमा ठीक रहेगा कब्ज को भी ठीक करने में सहायता मिलेगी।
11 #आयुर्वेदिक औषधियाँ लेने से पहले अपने निजी डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
#अरविंदासव -छोटे बच्चों में बहुत ही उपयोगी है।
हृदय बलवर्धक, रक्तसंचार सुधारक
#अश्वगंधारिष्ट
कमजोरी और तनाव में उपयोगी
#दशमूलारिष्ट
वात दोष शमन में सहायक
✅योगासन अवश्य करें शवासन, भ्रामरी, और प्राणायाम से रक्त संचार सामान्य रखें।
✅सावधानी अवश्य रखें
√रोज़ाना 7-8 घंटे की नींद लें।
√लंबे समय तक खाली पेट न रहें।
√हल्के गर्म पानी से नहाएँ यह शरीर में ऊर्जा प्रवाह बढ़ाता है।
√सुबह या शाम को ध्यान योग मुद्रा जरूर करें।
✅कब डॉक्टर से मिलें
अगर बार-बार बेहोशी या तेज़ चक्कर आते हों।
बीपी लगातार 90/60 से नीचे रहता हों।
हृदय की धड़कन बहुत धीमी या अनियमित हो।
||आपका अपना||
वैध विजेन्द्र शर्मा Reg.no.120542
➕Dasi Dawakhana➕
Choti Mandi, Pehwa road, cheeka
Dist.kaithal, Haryana 136034
☎️ 9416295632

🌿लीवर के रोग 🌿 #पीलिया, #काला पीलिया,  #कामला,  #पांडु रोग, फैटी लीवर 🌿 चंमडी के रोग 🌿 #दाद , #खाज, #खुजली,  #सोरायसीस, ...
16/11/2025

🌿लीवर के रोग 🌿
#पीलिया,
#काला पीलिया,
#कामला,
#पांडु रोग, फैटी लीवर
🌿 चंमडी के रोग 🌿
#दाद ,
#खाज,
#खुजली,
#सोरायसीस,
#फुलबहरी, #अर्टिकेरीया,
#छपाकी,
#फंगल_इन्फ़ेकसन,
🌿 नाक के रोग 🌿
#नजला,
#जुखाम,
#नाक की हड्डी बढ़ना
🌿 गुप्त रोग 🌿
#शीघ्रपतन,
#शुक्राणु की कमी,
#सेक्स की कमी होना,
#गुर्दा पथरी,
#स्वप्नदोष होना,
#धात गिरना,
#प्रोस्टेट, (गदूद की समस्या)
🌿स्त्री रोग 🌿
#श्वेत_प्रदर(सफेद पानी पढ़ना)
#रक्त प्रदर (मैसींज कम ज्यादा हो ना)
#योनि से बदबू आना
#औरत+मर्द में बांझपन होना,
#कंसीव न होना , PCOD,Pcos, cyst, यूट्रस में रसौली होना, मुहासें होना, चेहरे पर झाइयां होना,योनि का ढीलापन होना।
#गठिया,
#घुटने का दर्द,
#सरवाइकल दर्द, टखने का दर्द, साइटिका, कमर दर्द, कंधे का दर्द, एड़ी का दर्द, तंत्रिका दर्द,कूल्हे का दर्द, पीठ दर्द, कोहनी का दर्द,मांसपेशियों का दर्द गर्दन का दर्द , खूनी बवासीर, मस्से वाली बवासीर होना, ब्रेस्ट छोटी होना,हारमोंस इन बैलेंस होना, थायराइड की समस्या Tsh,T3,T4
#आयुर्वेदिक_चिकित्सा_के_लिए_आप हमसे संपर्क कर सकते हैं।
➕देशी दवाखाना➕
वैध विजेंद्र शर्मा,Reg.no.120542
छोटी मंडी,पेहवा रोड़, चीका,
जिला कैथल,हरियाणा 136034
☎️9416295632

 #क्या_आपको_खाना_पच_नहीं_रहा_? जानिए बदहज़मी के घरेलू इलाज!✅कभी पेट भारी-भारी लगे,✅डकारें आती रहें,✅ऐसा लगे कि खाना गले ...
12/11/2025

#क्या_आपको_खाना_पच_नहीं_रहा_? जानिए बदहज़मी के घरेलू इलाज!

✅कभी पेट भारी-भारी लगे,
✅डकारें आती रहें,
✅ऐसा लगे कि खाना गले तक अटका हुआ है? ✅अगर हां, तो समझ लीजिए
👉आपको बदहज़मी (Indigestion) ने पकड़ लिया है।
✍️यह मामूली लगने वाली समस्या असल में शरीर की पाचन प्रणाली के असंतुलन का संकेत है।
👉आइए समझते हैं कि बदहज़मी क्या है, इसके कारण क्या हैं और कैसे कुछ आसान घरेलू उपायों से इसे मिनटों में ठीक किया जा सकता है।
#आयुर्वेद में बदहज़मी को #अजीर्ण कहा गया है। जब पाचन अग्नि (Digestive Fire) कमजोर पड़ जाती है और खाया हुआ भोजन ठीक से नहीं पचता, तो यह बदहज़मी के रूप में दिखाई देता है।
✅इससे पेट में भारीपन, गैस, डकार, जी मिचलाना, या कभी-कभी सिरदर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

#आयुर्वेद के अनुसार, यह ोष (अधपचा हुआ भोजन जो विष में बदल जाता है) का लक्षण है, जो आगे चलकर अन्य बीमारियों की जड़ बनता है।

मुख्य कारण क्या हैं?

✅जल्दी-जल्दी या देर से खाना पाचन तंत्र को भ्रमित कर देता है।

✅तला-भुना, अत्यधिक मसालेदार भोजन पाचन अग्नि को कमजोर करता है।

✅रात में देर से खाना मिलता। पेट को आराम का समय नहीं

✅तनाव और चिंता सीधे पाचन पर असर डालते हैं।

✅कम पानी पीना या अधिक ठंडा पानी पीना अग्नि को मंद करता है।

#जल्दी_राहत_पाने_के_घरेलू_उपायः

जब पेट में गैस, भारीपन या जलन महसूस हो, तो इन आयुर्वेदिक उपायों से राहत मिल सकती है।

✅अजवाइन + काला नमक
1 चम्मच अजवाइन और चुटकीभर काला नमक मिलाकर गुनगुने पानी से खाएं। यह गैस, डकार और पेट के भारीपन को तुरंत कम करता है। अजवाइन में थाइमोल नामक तत्व होता है जो पेट के एंजाइम्स को सक्रिय करता है।

✅नींबू + अदरक
1 चम्मच अदरक का रस, आधा नींबू का रस और चुटकीभर सेंधा नमक मिलाकर भोजन से पहले लें। यह पाचन रसों को सक्रिय करता है और बदहज़मी से बचाता है। नींबू की अम्लीय प्रकृति भोजन को तोड़ने में मदद करती है जबकि अदरक अग्नि को तेज करता है।
✅हरड़ (Haritaki)
आयुर्वेद की पाचन मित्र रात को सोने से पहले 2 ग्राम हरड़ चूर्ण और गुड़,गुनगुने पानी से लें। यह पाचन को ठीक कर आम दोष को बाहर निकालती है।
#हरड़ को #आयुर्वेद में "अभय" कहा गया है क्योंकि यह पेट के हर रोग से बचाती है।

✅पुदीना + तुलसी
5-6 तुलसी के पत्ते और कुछ पुदीने के पत्ते पानी में उबालें गुनगुना रहने पर स्वाद के लिए थोड़ा शहद मिलाएं। यह पेट की जलन, भारीपन और मरोड़ को शांत करता है। तुलसी वात-कफ संतुलित करती है, जबकि पुदीना ठंडक और ताजगी देता है।

✅हींग + जल
चुटकीभर हींग को गुनगुने पानी में घोलकर पिएं। हींग एक प्राकृतिक एंटीस्पास्मोडिक है जो गैस और अपच को तुरंत खत्म करता है। दादी-नानी का यह उपाय आज भी पेट दर्द में सबसे असरदार माना जाता है।

✅छाछ + भुना जीरा
भोजन के बाद छाछ में भुना जीरा और काला नमक डालकर पिएं। यह बदहज़मी ही नहीं, बल्कि एसिडिटी को भी तुरंत कम करता है। छाछ में प्रोबायोटिक्स होते हैं जो पेट के अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं।

(अतिरिक्त उपायः)
✅भोजन के बाद 100 कदम चलना पाचन को सक्रिय रखता है।

✅भोजन के बीच में पानी न पीना, बल्कि भोजन के 30 मिनट बाद लें।

✅भोजन करते समय मन शांत रखें, मोबाइल या टीवी से दूर रहें।

✅रात का खाना हल्का और जल्दी खाएं।

✅दिन की शुरुआत गुनगुने पानी से करें, इससे पाचन अग्नि तेज होती है।

🌿आयुर्वेद क्या कहता है?🌿
आयुर्वेद के अनुसार, बदहज़मी शरीर के तीन दोषों- वात, पित्त और कफ - के असंतुलन से होती है। इसका स्थायी इलाज केवल लक्षणों को दबाने से नहीं, बल्कि अग्नि (Digestive Fire) को संतुलित करने से होता है। इसके लिए सुबह-सुबह हल्का गुनगुना पानी पीना, हफ्ते में एक दिन त्रिफला चूर्ण लेना और मौसम के अनुसार भोजन करना सबसे प्रभावी माना गया है।
||आपका अपना||
🩺 वैध विजेन्द्र शर्मा 🩺
Reg.no.120542
Mob.no.9416295632

12/11/2025

🚴आज की व्यस्त जीवनशैली में बच्चों का nutrition (पोषण) सबसे बड़ी चिंता बन गई है। स्कूल, ट्यूशन और खेल-कूद के बीच बच्चे कई बार ठीक से breakfast नहीं कर पाते।
🏋️ऐसे में यदि आप उन्हें सुबह दूध में कोई natural Ayurvedic ingredient मिलाकर दें, तो उनकी सेहत (health) और memory power दोनों में अद्भुत सुधार देखा जा सकता है।

🌿आयुर्वेद के अनुसार, कुछ प्राकृतिक चीज़ें बच्चों के शरीर और मस्तिष्क को ऊर्जा, ताकत और एकाग्रता प्रदान करती हैं। इन्हीं में से एक है — #मुनक्का (Munakka)।

#मुनक्का वाला दूध – बच्चों के लिए एक संपूर्ण टॉनिक

⛹️अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा पूरे दिन energetic और attentive रहे, तो रोज सुबह उसे Munakka Milk जरूर दें।
#मुनक्का और दूध का यह संयोजन सदियों से आयुर्वेद में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और mental health सुधारने के लिए बताया गया है।

#मुनक्का_दूध_बनाने_की_विधि

🌄रात में 5-6 मुनक्के पानी में भिगो दें।

🌅सुबह इन्हें दूध में डालकर 5-7 मिनट तक उबालें। हल्का ठंडा होने पर बच्चे को पिलाएं।

#मुनक्का_दूध_पीने_के_मुख्य_फायदे

1.याददाश्त और concentration में सुधार

मुनक्का में प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स और आयरन होता है जो मस्तिष्क को पोषण देते हैं। इससे बच्चों की memory, ध्यान और concentration power बढ़ती है।

2. #भूख और #पाचन शक्ति में सुधार

मुनक्का शरीर में पाचक रसों को सक्रिय करता है। इससे बच्चों की appetite (भूख) बढ़ती है और digestion सुधरता है।

3. #तनाव और #चिंता में राहत

आजकल छोटे बच्चे भी पढ़ाई और प्रतियोगिता के तनाव में रहते हैं। मुनक्का दूध मानसिक दबाव को कम करता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है।

4. #रक्त और #हड्डियों को मज़बूती

मुनक्का और दूध का संयोजन iron, calcium और vitamin C से भरपूर होता है। यह anemia (खून की कमी) को दूर करता है और बच्चों की हड्डियों को मजबूत बनाता है।

5. #दिल की सेहत और #ब्लड प्रेशर नियंत्रण

Munakka milk में मौजूद तत्व bad cholesterol को कम करते हैं और blood pressure को नियंत्रण में रखने में मदद करते हैं।

#क्यों_है_यह_उपाय_आयुर्वेदिक_दृष्टि_से_खास?

🌿आयुर्वेद में मुनक्का को एक “सत्ववर्धक औषधि” माना गया है —
👉यानी यह शरीर में ऊर्जा, मानसिक स्थिरता और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है। यह न केवल बच्चों बल्कि बड़ों के लिए भी फायदेमंद है।

👉यदि आप अपने बच्चे की रोज़मर्रा की सेहत सुधारना चाहते हैं, तो chemical-based supplements की जगह ऐसे प्राकृतिक और Ayurvedic home remedies अपनाएं जो बिना साइड इफेक्ट के असरदार हों।

👉मुनक्का दूध एक सरल, स्वादिष्ट और पूरी तरह natural Ayurvedic method है जो बच्चों की सेहत और दिमाग़ दोनों के लिए लाभकारी है। इसे अपनी रोज़ की दिनचर्या में शामिल करें और देखें आपके बच्चे में आने वाला फर्क।
||आपका अपना||
🩺 वैध विजेन्द्र शर्मा Reg.no.120542
देशी दवाखाना (आयुर्वेदिक)
छोटी मडीं पेहवा रोड़ चीका
जिला कैथल हरियाणा 136034
mob.no.9416295632

09/11/2025

#हेल्दी_लाइफ़स्टाइल_पाने_के_लिए_इन्हें_जरूर अपनाएं।
फुल बॉडी डिटॉक्स 60 दिन में पाए। सिर्फ सात्विक खाना ही खाना है। 👇
👉क्या आप में खून की कमी है।

👉ग्लोइंग स्किन पिंपल से छुटकारा पाना चाहते हैं।

👉वजन कम करने में मददगार।

👉ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक ।

👉बेहतर पाचन और मेटाबॉलिज्म बूस्ट करने के लिए।

#चुकंदर_और_गाजर_का_जूस_पीने_के 5 बेहतरीन फायदे

स्वस्थ जीवन (Healthy Life) की तलाश में लोग अक्सर नेचुरल और हर्बल उपाय अपनाना पसंद करते हैं।
#चुकंदर (Beetroot) और #गाजर (Carrot) का जूस न केवल स्वादिष्ट होता है बल्कि यह हमारी हेल्थ और #स्किन दोनों के लिए बेहद फायदेमंद है।

#आयुर्वेद में भी इसे #खून बढ़ाने, #पाचन सुधारने और शरीर को एनर्जी देने वाला पेय माना गया है।

🙏आइए जानते हैं इस जूस के 5 जबरदस्त फायदे

1. खून की कमी ( ) दूर करने में सहायक

#चुकंदर और #गाजर में भरपूर आयरन पाया जाता है। इसके नियमित सेवन से शरीर में खून की कमी पूरी होती है। जो लोग एनीमिया ( disease) या बार-बार थकान की समस्या से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह जूस बहुत लाभकारी हो सकता है।

2. #ग्लोइंग स्किन और #पिंपल्स से छुटकारा

अगर आप नेचुरल glowing skin चाहते हैं तो इस जूस को अपनी डाइट में शामिल करें। यह खून को शुद्ध करता है और डार्क स्पॉट, डार्क सर्कल और एक्ने की समस्या को कम करता है। नियमित सेवन से चेहरे पर नैचुरल ग्लो आता है और स्किन हेल्दी बनती है।

3. #वज़न कम करने में मददगार

वज़न घटाने ( Loss) के लिए यह जूस बेहद असरदार है। इसमें natural sugar और fiber की पर्याप्त मात्रा होती है, जिससे भूख देर तक नियंत्रित रहती है। अगर आप डाइटिंग कर रहे हैं तो सुबह या शाम इस जूस का सेवन जरूर करें।

4. #ब्लड प्रेशर कंट्रोल करने में सहायक

आजकल बहुत से लोग high blood pressure ( ) की समस्या से जूझ रहे हैं। चुकंदर और गाजर का जूस पोटैशियम और फाइबर से भरपूर होता है, जो ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है। नियमित सेवन से दिल की बीमारियों ( Diseases) का खतरा भी कम हो सकता है।

5. #बेहतर पाचन और #मेटाबॉलिज्म बूस्ट

पाचन (Digestion) ठीक रखना सेहत के लिए जरूरी है। यह जूस मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करता है और डाइजेशन को बेहतर बनाता है। इसे सुबह खाली पेट या नाश्ते के बाद पिया जा सकता है। इससे खाना आसानी से पचता है और पेट की दिक्कतें कम होती हैं।

#चुकंदर और #गाजर का जूस एक नेचुरल टॉनिक की तरह है, जो खून बढ़ाने से लेकर #स्किन, #वज़न, #ब्लड प्रेशर और #डाइजेशन—हर चीज में मदद करता है। अगर आप हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाना चाहते हैं, तो इसे अपनी डेली डाइट का हिस्सा बनाइए।
👉चुकंदर और गाजर का जूस सुबह खाली पेट 15 दिन लगातार पीना चाहिए।
👉 खीरे और पालक का जूस भी 15 दिन सुबह खाली पेट पीना चाहिए।
👉 सफेद पेठे का जूस भी 15 दिन खाली पेट पीना चाहिए।
👉 नारियल पानी सुबह खाली पेट 15 दिन पीना चाहिए।
🙏 हर 5 दिन में एक बार अपना पेट साफ अवश्य कर लें इससे आपकी फुल बॉडी डिटॉक्स हो जाएगी। पेट साफ करने के लिए गंधर्व हरितकी चूर्ण और गुड़ मिलाकर सुबह-शाम गर्म पानी से लें।
अधिक जानकारी के लिए आप मेरे व्हाट्सएप नंबर पर कमेंट कर सकते हैं।
||आपका अपना||
🩺 वैध विजेन्द्र शर्मा 🩺 Reg.no.120542
Desi Dawakhana(Ayurvedic)
Chhoti Mandi Pehwa road cheeka
Dist.kaithal , Haryana 136034
WhatsApp no ☎️ 9416295632

31/10/2025

#क्या_आपकी_पाचन_क्रिया_कमजोर_है।
#क्या आपको #थायराइड ठीक नहीं हो रहा है।
#क्या आपको बार-बार #सर्दी_खांसी_जुकाम होता है।
#क्या आपको #जोड़ों में दर्द या #सूजन रहती है।
#क्या आपको बार-बार #उल्टी_मतली होती है।
#क्या आपको बि.पी., #हृदय संबंधी तकलीफ रहती है।
#क्या आपका #वजन नहीं घट रहा है।
#क्या आपको बार-बार #गले में खराश रहती है।
#क्या आपको ज्यादा सुस्ती आलशय रहता है।
हमारी रसोई ही दवाखाना है। लेकिन आयुर्वेद का ज्ञान होना बहुत जरूरी है। हमारे आसपास काफी जड़ी बूटियां मिलती है।
#अदरक (सोंठ) अपनाएं, रोग दूर भगाएं!

✍️स्वाद से सेहत तकः #अदरक का आयुर्वेदिक सफ़र -

#अदरक, जिसे आयुर्वेद में #शुण्ठी कहा गया है, केवल एक मसाला नहीं, बल्कि आयुर्वेद की दृष्टि से यह 'विश्वौषधि' के समान माना जाता है। यह सिर्फ स्वाद नहीं बढ़ाता बल्कि पेट, जोड़ों, सर्दी, खांसी और यहां तक कि वजन कम करने तक में रामबाण औषधि है।
✍️रस (स्वाद): कटु (तीखा)

🍀गुणः गुरु (भारी), स्निग्ध (चिकना)

🪴वीर्यः उष्ण (गर्म)

🌿विपाकः मधुर (पाचन के बाद मीठा प्रभाव)

🌲दोष प्रभावः वात-कफ नाशक, पित्त थोड़ा बढ़ा सकता है

#अदरक के प्रमुख लाभः
#सभी_रोगों_की_एक_दवा
🍀 नीम गिलोय - 1/4 चम्मच
🍀 सोंठ - 1/4 चम्मच
🍀 किसमीस - 10 , (पीस लेना)
🍀मग पीपली - 1 पीस सभी को कुट पीसकर एक गिलास पानी में इतना उबालें की आधा गिलास पानी बाकी रह जाए सुबह खाने से पहले,दोपहर खाने से पहले,रात सोने से पहले पीना है छानकर, कहीं पर भी सूजन, आतों में इन्फेक्शन, पेट में इन्फेक्शन, ब्रेन में इंफेक्शन, फेफड़ों में इंफेक्शन, प्रोस्टेट में इन्फेक्शन आयुर्वेद की यह रामबाण औषधि है।

🩺पाचन शक्ति बढ़ाए: अदरक भोजन के रसों का निर्माण करता है, जिससे अपच, गैस और भूख न लगने की समस्या दूर होती है।
🩺सर्दी-खांसी में राहतः अदरक में मौजूद 'जिंजरोल' शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है।
🩺जोड़ों के दर्द और सूजन में लाभकारीः वातजन्य रोगों जैसे जोड़ों के दर्द, गठिया आदि में अदरक विशेष रूप से उपयोगी है।
🩺मतली और उल्टी में रामबाणः गर्भावस्था, सफर या अपच से होने वाली मतली में अदरक अत्यंत लाभकारी है।
🩺हृदय के लिए उत्तमः यह रक्त संचार को सुधारता है, कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करता है और हृदय की रक्षा करता है।
🩺वजन घटाने में सहायकः शरीर के मेटाबोलिज़्म को तेज करता है, जिससे फैट बर्निंग प्रक्रिया बेहतर होती है।

🩺पाचन के लिए:🩺
भोजन से पहले ताज़ा अदरक पर नींबू और सेंधा नमक डालकर चबाएं। सूखे अदरक (सौंठ) का चूर्ण 1/2 चम्मच गर्म पानी के साथ दिन में दो बार लें।
🩺सर्दी-खांसी में:🩺
अदरक और शहद को मिलाकर सेवन करें। (1 चम्मच अदरक रस + 1 चम्मच शहद)! अदरक की चाय में तुलसी, दालचीनी, और लौंग मिलाकर पीने से जादुई असर होता है।
🩺जोड़ों के दर्द के लिए:🩺
सूखे अदरक का पाउडर हल्दी सरसों तेल मिलाकर हल्के गर्म करके जोड़ों पर मालिश करें या गिलोय+पिपली+सोंठ जल में उबालकर पीना है खाने से पहले सुबह दोपहर रात
🩺वजन घटाने के लिए:🩺
गुनगुने पानी में नींबू और अदरक का रस डालकर सुबह खाली पेट पिएं।
🩺कफ जन्य सिरदर्द में:🩺
सूखे अदरक का लेप माथे पर करें। जुकाम की वजह से सिर दर्द है तो धनिया+गुड+सोंठ पानी में पका कर पीना है।
🩺गले की खराश में:🩺
अदरक के रस में शहद मिलाकर धीरे-2 चाटें या गले में सूजन या इन्फेक्शन है तो गिलोय+पिपली+सोंठ पानी में उबाल कर पीना है।
🩺 ज्यादा सुस्ती रहती है 🩺
धनिया और अदरक उबालकर सुबह खाली पेट पीना है।
🩺 थायराइड नहीं घटता है। 🩺
सोंठ+पिपली+कालीमिर्च+धनिया मिलकर एक छोटा चम्मच सुबह खाली पेट ले।

अदरक गर्म तासीर का होता है, इसलिए गर्मी के मौसम या पित्त प्रधान लोगों को सीमित मात्रा में लेना चाहीए।
पेट में अल्सर, उच्च पित्त या गर्भावस्था में अधिक सेवन से बचें। अत्यधिक सेवन करने पर जलन या डकार जैसी समस्या हो सकती है।

अदरक आयुर्वेद की दृष्टि से केवल मसाले की नहीं, बल्कि औषध की भूमिका निभाता है। "रसोई का राजा और औषधियों का महाराज" -अदरक हर घर में मौजूद एक चमत्कारी औषधि है। नियमित और उचित मात्रा में सेवन करके हम अनेक रोगों से खुद को बचा सकते हैं।
||आपका अपना||
वैध विजेन्द्र शर्मा Reg.no.120542
➕ देशी दवाखाना ➕
छोटी मडीं, पेहवा रोड़, चीका
जिला कैथल, हरियाणा,136034
mob.no.9416295632

30/10/2025

#विटामिन_B12_की_कमी: कारण, लक्षण और आयुर्वेदिक समाधान

👉आज के समय में Vitamin B12 की कमी आम होती जा रही है। शरीर में यह एक ऐसा पोषक तत्व है जो रक्त निर्माण, नसों के स्वास्थ्य और दिमागी कार्यों के लिए जरूरी है।
👉आयुर्वेद में इसे "मज्जा वर्धक तत्त्व" कहा गया है जो शरीर की ऊर्जा और ओज को बनाए रखता है।

#विटामिन_B12_क्या_है ?

👉यह एक पानी में घुलनशील विटामिन है। वैज्ञानिक रूप से इसे Cobalamin कहा जाता है। यह शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं के निर्माण में मदद करता है और नसों को सक्रिय रखता है।

1. शाकाहारी भोजन में इसकी मात्रा बहुत कम होती है।
2. पाचन तंत्र की कमजोरी से इसका अवशोषण नहीं हो पाता।
3. अत्यधिक चाय, कॉफी, या अल्कोहल पीना।
4. Antacid या मेटफॉर्मिन जैसी दवाओं का लम्बे समय तक उपयोग।
5. आंतों में बैक्टीरिया असंतुलन (gut dysbiosis)।
6. तनाव और नींद की कमी से पाचन अग्नि कमजोर होना।

✍️कमी के लक्षण (Symptoms)

✓बार-बार थकान, कमजोरी महसूस होना
✓चेहरे की चमक कम होना
✓याददाश्त कमज़ोर पड़ना
✓हाथ-पैरों में झुनझुनी
✓जीभ पर जलन या स्वाद बदलना
मूड स्विंग, चिंता, अवसाद
✓सांस फूलना या दिल की धड़कन तेज होना
✓नींद न आना रोग-प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना

#आयुर्वेदिक दृष्टिकोण🍀

✍️आयुर्वेद में मज्जा धातु की कमी को इससे जोड़ा गया है।
✍️यह धातु शरीर की तंत्रिका शक्ति और मानसिक स्थिरता का आधार है। श्लोक (चरक संहिता अनुसार): अर्थ- मज्जा (नसों का पोषण) शरीर को स्थिरता, बल और तेज देती है।

🌿आहार से पूर्ति कैसे करें। 🌿

✓दूध और डेयरी उत्पाद
✓पनीर और दही
✓फोर्टिफाइड अनाज
✓अंडे और मछली (non-veg eaters के लिए)
✓चुकंदर, पालक और मेथी (B-complex सपोर्ट के लिए)
"थकान, भूलना या कमजोरी? शायद ये सिर्फ नींद नहीं, Vitamin B12 की कमी है! आयुर्वेदिक तरीके से शरीर में ऊर्जा वापस लाएं"

#आयुर्वेदिक_उपाय
1. आंवला रोज सुबह खाली पेट एक आंवला या आंवला रस लें या आंवला कैंडी जरूर ले।

2. गिलोय और अश्वगंधा चूर्ण नसों को मज़बूत बनाता है।
3. दूध, घी और मूंग दाल शरीर को संतुलित पोषण देता है।
4. शतावरी पाचन और अवशोषण क्षमता बढ़ाती है।

5. बीज (फ्लैक्ससीड, तिल, सूरजमुखी) ओमेगा-3 और नर्व सपोर्ट के लिए
✓रोज सुबह धूप में 10-15 मिनट बैठना है।✓चाय-कॉफी सीमित करें नियमित योग और प्राणायाम (विशेषकर अनुलोम-विलोम) नींद पूरी लें (6-8 घंटे)
✓तनाव से बचें, ध्यान (Meditation) करें।

डॉक्टर सलाह से Methylcobalamin supplements B12 injections गंभीर कमी में दिए जाते हैं Multivitamin + आयुर्वेदिक हर्ब्स के संयोजन से बेहतर परिणाम मिलते हैं। केवल B12 लेना काफी नहीं है, पाचन अग्नि मजबूत होना जरूरी है ताकि शरीर उसे अवशोषित कर सके। इसलिए साथ में #त्रिफला चूर्ण या #हिंगवाष्टक चूर्ण लेना लाभदायक है।
👉खुद से B12 इंजेक्शन न लें

किसी भी supplement से पहले डॉक्टर से जांच करवाएं अत्यधिक मांसाहार या जंक फूड B12 अवशोषण को रोकता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

रिसर्च बताती है कि 40% से अधिक भारतीयों में B12 की कमी पाई जाती है, विशेषकर शाकाहारी और बुजुर्गों में कम B12 से न्यूरोपैथी, एनीमिया और थायरॉयड असंतुलन जैसी समस्याएं बढ़ती हैं।

✍️याद रखे यह बात✍️
विटामिन B12 शरीर की ऊर्जा, दिमाग और खून का मूल स्रोत है। इसकी कमी को नजरअंदाज न करें। प्राकृतिक आहार, संतुलित जीवनशैली और आयुर्वेदिक herbs से इसे स्वाभाविक रूप से संतुलित किया जा सकता है
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 #दिमाग_से_दिल_तक_आरोग्य_का_अद्भुत फार्मूला !👉चार मगज़ कोई साधारण बीजों का मिश्रण नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक टॉन...
29/10/2025

#दिमाग_से_दिल_तक_आरोग्य_का_अद्भुत फार्मूला !

👉चार मगज़ कोई साधारण बीजों का मिश्रण नहीं, बल्कि एक सम्पूर्ण आयुर्वेदिक टॉनिक है जो बुद्धि, बल, सौंदर्य और प्रजनन सभी क्षेत्रों में चमत्कारी लाभ देता है।
👉यदि आप मानसिक थकावट, कमजोरी या त्वचा-बाल की समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो चार मगज़ को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

👉'चार मगज़' एक आयुर्वेदिक संज्ञा है जिसका अर्थ है -चार प्रकार के बीजों का मिश्रण। ये बीज हैं:

#तरबूज़ के बीज (Watermelon Seeds)

#कद्दू के बीज (Pumpkin Seeds)

#ककड़ी के बीज (Cucumber Seeds)

#खरबूजे के बीज (Musk Melon Seeds)

👉इन सभी बीजों का गूदा (Magaz) निकालकर सुखाया जाता है और फिर इन्हें पीसकर या साबुत इस्तेमाल किया जाता है।

#आयुर्वेद क्या कहता है:

"मगजं चतुर्विधं बल्यं, स्मृतिवर्धनमुत्तमम् । शीतलं हृद्यशमकं, वातपित्तविनाशनम्॥"

अर्थः चार मगज़ बलवर्धक, स्मरणशक्ति बढ़ाने वाला, शीतल, हृदय को ताजगी देने वाला और वात-पित्त नाशक है।

गुणधर्म (Properties):

रसः मधुर

गुणः स्निग्ध, गुरु

वीर्यः शीतल

विपाकः मधुर

दोष प्रभावः वात-पित्त शामक

चार मगज़ के जबरदस्त फायदेः

#दिमाग_और_याददाश्त_के_लिए_अमृत

👉उपयोगः 1 चम्मच चार मगज़ पाउडर शहद या दूध सुबह लें। लाभः याददाश्त तेज होती है, चिंता और तनाव घटते हैं। चार मगज़ मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। शारीरिक दुर्बलता में बलवर्धक टॉनिक है।

👉उपयोगः चार मगज़, बादाम, खजूर और मिश्री को मिलाकर पाउडर बनाएं और रोज़ लें। यह शरीर में ऊर्जा व मांसपेशियों की मजबूती देता है। हृदय स्वास्थ्य में सहायक है।

👉पाचन सुधारक और भूख बढ़ाने वाला

उपयोगः भोजन से पहले थोड़ा चार मगज़ चूर्ण + सौंफ लें। लाभः पाचन ठीक होता है, गैस व अपच से राहत मिलती है।

👉प्रजनन क्षमता और वीर्य वर्धन पुरुषों के लिए यह एक उत्कृष्ट टॉनिक है। उपयोगः चार मगज़, कौंच बीज व अश्वगंधा दूध में उबालकर लें।
👉त्वचा और बालों के लिए पोषक चार मगज़ में मौजूद जिंक, विटामिन E और प्रोटीन त्वचा को नमी और बालों को मजबूती देते हैं।
उपयोगः फेस पैक में मिलाकर या तेल में डालकर इस्तेमाल करें।
👉नींद ना आने की समस्या में फायदेमंद उपयोगः चार मगज़ पाउडर गर्म दूध सोने से पहले लें। लाभः तंत्रिका तंत्र को शांत करता है, नींद में सुधार होता है।

#घरेलू_नुस्खेः

1. बच्चों की बुद्धि बढ़ाने के लिए: चार मगज़ बादाम + मिश्री मिलाकर हर सुबह 1 चम्मच दें।
2. गर्मी में शीतलता और ताजगी के लिएः चार मगज़ का शरबत बनाकर दोपहर में पिएं शरीर ठंडा और ऊर्जावान रहेगा।
3. पुरुषों की कमजोरी में: चार मगज़ शुद्ध शिलाजीत + दूध के साथ लें- वीर्य की मात्रा व गुणवत्ता सुधरती है।
4. त्वचा की नमी के लिए: चार मगज़ का पेस्ट दूध हल्दी मिलाकर फेस पैक की तरह लगाएं।
5. स्मरणशक्ति के लिए: 1 चम्मच पाउडर ब्राह्मी अर्क के साथ लें।

कब और कैसे लें?

सुबह खाली पेट - 1 चम्मच दूध/शहद के साथ रात को सोने से पहले - 1 चम्मच गुनगुने दूध के साथ गर्मी में दोपहर - 1 गिलास चार मगज़ का शरबत

सावधानियाँ (Precautions):
अधिक मात्रा में सेवन से अपच या भारीपन हो सकता है। डायबिटिक मरीज़ शहद या मिश्री के बिना लें। हमेशा शुद्ध, बिना नमक वाले बीजों का उपयोग करें। बीजों को अच्छी तरह सुखाकर है स्टोर करें।
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28/10/2025

#सबोरिक_डर्मेटाइटिस (Seborrheic Dermatitis)
🍀एक सामान्य त्वचा रोग है जो मुख्यतः सिर की त्वचा (scalp), चेहरा, नाक के किनारे, भौंहों, कानों के पीछे, छाती या पीठ जैसे स्थानों पर होता है — जहाँ तेल ग्रंथियाँ (sebaceous glands) ज़्यादा सक्रिय होती हैं।
👉मुख्य लक्षण (Symptoms):

🌿सिर में डैंड्रफ या परतदार रूसी

🌿त्वचा पर लालिमा, खुजली और चिकनी परतें

🌿बालों की जड़ों में तेलियापन और पपड़ी बनना

🌿नाक, कान, भौंहों या छाती पर सफेद या पीली परतें दिखाई देती है।

👉कारण (Causes):

🍀Malassezia नामक फंगस का अधिक बढ़ना

✓तैलीय त्वचा

✓तनाव (Stress)

✓हार्मोनल असंतुलन

✓ठंड या नमी वाला मौसम

✓इम्यूनिटी का कमजोर होना

🌿 आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से कारण:🌿

✍️आयुर्वेद में इसे "कफज-पित्तज विकार" माना जाता है। अत्यधिक तैलयुक्त, अम्लीय, नम या गरम आहार तथा तनाव, नींद की कमी आदि से यह बढ़ता है। Ayurvedic chikitsa karne se pahle Apne doctor ki Salah jarur le.
🌿 आयुर्वेदिक उपचार🌿
#गंधक_रसायन – 2 गोली सुबह-शाम भोजन के बाद लें।
#मंजीष्ठादि_काढ़ा – 4 चम्मच काढ़ा + 4 चम्मच गुनगुने पानी से दिन में 2 बार ले।
#आरोग्यवर्धिनी वटी – 2-2 गोली सुबह-शाम लें।
#कायकल्प वटी – 2 -2 गोली सुबह-शाम लें।

🌿नारियल तेल + 🌿नीम तेल मिलाकर सिर में लगाएँ।

#त्रिफला चूर्ण का पेस्ट #नीम की पत्तियों का लेप प्रभावित स्थान पर लगाएं।
#एलोवेरा जेल या नीम- #हल्दी मिश्रण लगाएँ।

✍️आहार व जीवनशैली (Diet & Lifestyle):

तेल, मसाले, चीनी, जंक फूड, डेयरी, शराब , मीट एंड बिल्कुल भी ना ले।
लौकी, तोरी, हरी सब्ज़ियाँ,नारियल पानी, ताज़े फल, छाछ,मेसी रोटी ज्यादा से ज्यादा ले।
🧘‍♂️ योग: प्राणायाम, ध्यान, कपालभाति, अनुलोम-विलोम जरूर करें।

🌿 घरेलू उपाय:,🌿

1. नीम पानी से सिर धोएं – संक्रमण कम करता है।

2. एलोवेरा जेल – खुजली और लालिमा शांत करता है।
3. मेथी दाना पेस्ट – बालों की जड़ों को पोषण देता है।
4. नारियल तेल में कपूर मिलाकर लगाएँ – फंगल ग्रोथ घटाता है।
अगर आप चाहें तो मैं आपको इसका पूरा 10 दिवसीय आयुर्वेदिक होम ट्रीटमेंट प्लान (सुबह-शाम की दिनचर्या + औषधियाँ + आहार सूची) बना सकता हूँ।कमेंट करके व्हाट्सएप पर बता सकते हैं।
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