21/11/2025
🫁 #लंग_डिटॉक्स_अब_घर_बैठे_अपनायें_ये 12 घरेलू उपाय !
🫁फेफड़े हमारे शरीर के "ऑक्सीजन प्लांट" हैं।
👉 हर मिनट 12-18 बार साँस लेते हुए ये लगभग 8,000 लीटर हवा को फ़िल्टर करते हैं।
🚬प्रदूषण, धूल, धुआँ, धूम्रपान, इनडोर टॉक्सिन्स, रसायन, ठंडे मौसम और कम पानी- ये सभी फेफड़ों में कफ, बलगम, सूजन और गंदगी जमा कर देते हैं। 👉वैज्ञानिक शोध मानते हैं कि लंग-टॉक्सिन्स बढ़ने से शरीर की 60% कोशिकाएँ ऑक्सिजन की कमी से थक जाती हैं, त्वचा बूढ़ी दिखने लगती है और इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
#आयुर्वेद_कहता_है-
"प्राणवह स्रोतस में शुद्धता ही आरोग्य का आधार है।" यानी प्राण (ऑक्सीजन के मार्ग जितने स्वच्छ, स्वास्थ्य उतना मजबूत) इसलिए लंग डिटॉक्स केवल एक ट्रेंड नहीं, बल्कि आज की जीवनशैली में ज़रूरी बन चुका है।
🫁फेफड़ों को साफ़ रखने के 12 सर्वश्रेष्ठ घरेलू उपायः
✅ हल्दी+काली मिर्च+गुड़
एक छोटा टुकड़ा कच्ची हल्दी,डेढ़ कप दूध में उबले और छानकर,दो चुटकी काली मिर्च पाउडर मिलाकर थोड़ा सा गुड़ खाकर यह दूध पी ले, कहीं का भी इंफेक्शन हो तो ठीक हो जाता है।
✅ वासा + मुलहठी+काली मिर्च
एक कप पानी में तीनों औषधीय उबाल कर छान लें और सुबह शाम चाय की तरह एक-एक घूंट पीना है इससे कफ पतला होकर निकल जाएगा।
✅ त्रिकटु+मुलहठी
एक कप पानी में उबाल कर छान लें और चाय की तरह सुबह शाम पीना है स्वाद अनुसार शहद डाल सकते हैं। आयुर्वेदिक औषधियां लेने से पहले अपना विरेचन और वमन की प्रक्रिया जरूर कर लें इससे जल्दी फायदा हो जाता है।
✅हल्दी वाला गुनगुना दूध
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन श्वसन नलियों की सूजन को शांत करता है और बलगम ढीला करता है। सोते समय हल्की गर्मी वाला दूध फेफड़ों की मरम्मत तेज कर देता है। यह उपाय खासकर उन लोगों के लिए प्रभावी है जिनकी खाँसी लंबे समय तक नहीं जाती।
✅अदरक-शहद मिश्रण
अदरक श्वसन की सूजन को 30-40% तक कम करने में सक्षम माना गया है। 1 चम्मच अदरक रस में ½ चम्मच शहद मिलाकर लेने से बलगम पिघलकर बाहर आता है। यह स्मोकिंग या प्रदूषण से भरे वातावरण में रहने वालों के लिए बेहद असरदार है।
✅तुलसी-पानी भाप (Basil Steam)
तुलसी में एंटी-वायरल, एंटी-एलर्जिक गुण होते हैं जो फेफड़ों को तुरंत राहत देते हैं। 3-4 तुलसी पत्ते उबालकर उसकी भाप लेने से Airways खुल जाते हैं। इससे ठंड, धूल और स्मोग के कारण भरी छाती मिनटों में हल्की हो जाती है।
✅गुड़ + सौंफ
गुड़ फेफड़ों की सफाई में मदद करता है, सौंफ बलगम को पतला बनाती है। भोजन के बाद आधा चम्मच सौंफ एक छोटा टुकड़ा गुड़ लेने से साँस लेना आसान होता है। यह उपाय लंबे समय तक बैठे रहने और कम पानी पीने वालों के लिए लाभकारी है।
✅गिलोय का काढ़ा
गिलोय शरीर से टॉक्सिन और संक्रमण दोनों को एक साथ कम करती है। 5-6 इंच गिलोय की डंडी उबालकर सुबह लेना फेफड़ों की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है। यह उपाय लंबे समय तक बीमार रहने और कमजोर फेफड़ों वाले लोगों को खास लाभ देता है।
✅अजवाइन भाप
अजवाइन को पानी में उबालकर उसकी भाप लेने से कफ के ढेर तुरंत ढीले हो जाते हैं। यह साइनस, चेस्ट टाइटनेस और स्मोग एलर्जी में बेहद तेज़ असर करता है। डेली 5-7 मिनट भाप लेने से सांस की गति सामान्य रहती है।
✅नींबू पानी
नींबू में मौजूद Vitamin C फेफड़ों की झिल्ली को मजबूत बनाता है। सुबह खाली पेट नींबू पानी लेने से फेफड़ों में जमा प्रदूषण और धूल के कण साफ़ होते हैं। यह स्मोकिंग छोड़ने वालों के लिए सबसे कारगर उपाय माना जाता है।
✅पुदीना-शहद पेय
पुदीना श्वसन नलियों को ठंडक देता है और शहद एलर्जन्स को शांत करता है। आधा गिलास पुदीना काढ़ा + 1 चम्मच शहद लेने से साँस लेने में हल्कापन महसूस होता है। यह खासकर गर्मियों और स्मोग सीजन में असरदार है।
✅मुलेठी चूर्ण
मुलेठी एंटी-अल्सर और एंटी-एलर्जिक गुणों से फेफड़ों की झिल्ली को ठीक करती है। आधा चम्मच मुलेठी गर्म पानी के साथ लेने से खाँसी, खराश और बार-बार सांस अटकना शांत होता है। यह लंबे समय तक फेफड़ों की मजबूती के लिए बेस्ट उपाय है।
👉क्यों है लंग डिटॉक्स ज़रूरी?
✍️प्रदूषण से फेफड़ों की क्षमता 20-30% तक घट सकती है।
✍️कमजोर फेफड़ों से दिल पर 25% अधिक भार पड़ता है।
✍️लंग डिटॉक्स से नींद, ऊर्जा और त्वचा की चमक भी बढ़ती है।
||आपका अपना||
➕ देशी दवाखाना (आयुर्वेदिक)
छोटी मडीं, पेहवा रोड़, चीका
जिला कैथल, हरियाणा 136034
🩺 वैध विजेन्द्र शर्मा 🩺
☎️9416295632