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मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति मेनोपॉज़ “मेनो”का अर्थ है महीना और “पॉज” का अर्थ है रुकना यह एक ग्रीक शब्द है इसका अर्थ महिलाओ मे...
27/10/2025

मेनोपॉज या रजोनिवृत्ति

मेनोपॉज़ “मेनो”का अर्थ है महीना और “पॉज” का अर्थ है रुकना यह एक ग्रीक शब्द है इसका अर्थ महिलाओ में महीने यानि रजोधर्म का रुकना होता है।
मेनोपॉज एक प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जो एक महिला के मासिक धर्म चक्र के अंत को दर्शाती है। मेनोपॉज़ (रजोनिवृत्ति) एक महिला के जीवन का वह चरण है जब उसका मासिक धर्म हमेशा के लिए बंद हो जाता है और वह गर्भवती नहीं हो पाती।

मेनोपॉज की औसत उम्र क्या है?
मेनोपॉज की औसत उम्र 51 वर्ष है।
वर्तमान समय में मेनोपॉज 40 या उससे कम उम्र में देखने को मिलता है जिसे समयपूर्व रजोनिवृत्ति माना जाता है और जब 45 - 55 के बीच होने वाले मेनोपॉज को प्राकृतिक रजोनिवृत्ति माना जाता है।

मेनोपॉज की स्टेज क्या हैं?

1. प्री-मेनोपॉज स्टेज
प्री-मेनोपॉज स्टेज के दौरान, महिला अपने रिप्रोडक्टिव साइकिल(प्रजनन वर्षों) में होती है और उसे नियमित पीरियड्स आते हैं। इस स्टेज के दौरान, किसी भी तरह के रजोनिवृत्ति लक्षणों का अनुभव नहीं होता है।

2. पेरीमेनोपॉज़ स्टेज
रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज) और प्रीमेनोपॉज़ स्टेज के बीच की अवधि को पेरीमेनोपॉज़ स्टेज कहा जाता है। लगभग 40 की उम्र में महिला इस स्टेज में प्रवेश करती है और यह कई वर्षों तक बनी रहती है। इस अवधि के दौरान हार्मोनल परिवर्तनों आते हैं और अंडाशय धीरे-धीरे काम करना बंद कर देते हैं। साथ ही, एस्ट्रोजेन के बनने का स्तर भी कम हो जाता है और वे कम अंडे का उत्पादन करते हैं। पेरिमेनोपॉज़ स्टेज के दौरान भी महिला गर्भवती हो सकती है, भले ही उसके गर्भवती होने की संभावना कम हो जाए।

3. रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज) स्टेज
35 से 55 वर्ष की महिलाएं, रजोनिवृत्ति(मेनोपॉज) से प्रभावित हो सकती हैं। हलाँकि ज्यादातर महिलाएं स्वाभाविक रूप से 45 और 55 वर्ष की आयु के बीच रजोनिवृत्ति से गुजरती हैं। मेनोपॉज की स्टेज तब मानी जाती है जब किसी महिला का मासिक धर्म चक्र लगातार 12 महीनों तक रुक जाता है। अंडाशय ने पूरी तरह से काम करना बंद कर दिया होता है और वो अब अंडे जारी नहीं कर रहे हैं।

4. पोस्ट-मेनोपॉज स्टेज
जब पीरियड्स लगातार 12 महीनों की अवधि के लिए रुक जाते हैं तो इस स्टेज को एक महिला की पोस्टमेनोपॉजल स्टेज माना जाता है। महिला का शेष जीवन इसी अवस्था में बीतता है।

मेनोपॉज के लक्षण क्या हैं?
रजोनिवृत्ति के लक्षण व्यापक रूप से भिन्न होते हैं, लेकिन आम तौर पर

शारीरिक लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:-
* नींद न आना
* हॉट फ्लैशेस
* ब्रेस्ट्स में दर्द होना
* योनि में सूखापन
* सेक्स करने की इच्छा में कमी
* त्वचा में खुजली या शुष्क त्वचा
* थकावट और सुस्ती
* सिरदर्द या माइग्रेन
* सूजन
* मूत्र संबंधी समस्याएं
* वजन बढ़ना

भावनात्मक लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:-
* बेचैनी महसूस होना
* चिड़चिड़ापन होना
* निराश महसूस करना
* ध्यान केंद्रित करने में मुश्किल
* भूलने की समस्या
* मूड ख़राब होना
* मूड स्विंग्स होना

मेनोपॉज क्यों होता है?

मेनोपॉज़, महिलाओं के जीवन में एक प्राकृतिक परिवर्तन है जिससे उनके मासिक धर्म समाप्त हो जाते हैं। यह एक स्वाभाविक और सामान्य होने वाली प्रक्रिया है जो आमतौर से महिलाओं की आयु के बाद होती है, सामान्यत: 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच।
मेनोपॉज़ का होना बाहरी कारणों और शारीरिक परिवर्तनों के कारण होता है।
महिलाओं के शरीर में दो प्रमुख हॉर्मोन होते हैं: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन। मेनोपॉज़ के समय, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन के स्तर में कमी होती है, जिसके कारण गर्भाशय से औरतों के जीवन में एक नया चरण शुरू होता है और मासिक धर्म समाप्त हो जाता है।
मेनोपॉज़ स्थिति का समय और अनुभव एक महिला से दूसरी महिला में भिन्न हो सकता है, लेकिन यह एक स्वाभाविक और प्राकृतिक प्रक्रिया है जो हर महिला के जीवन में एक स्थायी चरण को चिह्नित करता है।

मेनोपॉज के दौरान कौन से हार्मोनल परिवर्तन होते हैं?
प्री-मेनोपॉज और मेनोपॉज के दौरान, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में उतार-चढ़ाव होता है, जिससे विभिन्न लक्षण होते हैं। मेनोपॉज के आसपास, ये हार्मोन स्तर तेजी से घटते हैं जिससे मासिक चक्र का बंद होना होता है।

अक्सर जो प्रश्न मेनोपॉज के दौरान सबसे ज्यादा परेशान करते हैं

क्या मेनोपॉज वजन बढ़ाने का कारण बनता है?
हाँ, कई महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान वजन बढता हैं। यह हार्मोनल परिवर्तन, उम्र से संबंधित मांसपेशी हानि, और जीवनशैली की आदतों के कारण हो सकता है।

क्या मेनोपॉज के दौरान चेहरे के बालों में वृद्धि हो सकती है?
हां, कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान एस्ट्रोजन में कमी और टेस्टोस्टेरोन में वृद्धि के कारण चेहरे पर बाल बढ़ने का अनुभव हो सकता है।

क्या मेनोपॉज के दौरान डिप्रेशन या मूड स्विंग ज्यादा फील होता है?
मेनोपॉज के दौरान कई महिलाओं को मूड स्विंग और डिप्रेशन का अनुभव होता है, जो संभवतः हार्मोनल उतार-चढ़ाव के कारण होता है।


#रजोनिवृत्ति

20/10/2025
17/10/2025

"दिन के चौबीस घंटों में से एक घंटा केवल अपने आप को दीजिए कुछ ही दिनों में आप अपने आप में बदलाव महसूस करेंगे"
इतनी भागदौड़ वाली जिंदगी में हम अपने आप को ही सबसे ज्यादा नजरंदाज करते हैं इसमें सबसे ज्यादा प्रभावित होता है हमारा स्वास्थ इसलिए हमारी कोशिश यही होनी चाहिए कि सुबह ध्यान, व्यायाम, योग या walk जो भी आपको पसंद हो वो आप जरूर करें। #सुविचार

15/10/2025

"मन/विचार ही मनुष्य की कुंजी है"

#सुविचार

13/10/2025

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Dr Sandeep khare
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10/10/2025

Happy karwa chauth to all

02/10/2025

राम राम जी
आप सभी को विजय दशमी की हार्दिक शुभकामनाएं

30/09/2025

नवरात्रों में कन्या पूजन की परंपरा वर्षों से चली आ रही है नवरात्रों का व्रत बिना कन्या पूजन के पूरा नहीं माना जाता, कन्या पूजन के दिन हलवा, पूड़ी, सब्जी, खीर, रायता ईत्यादि का भोग माता रानी को लगाकर तत्पश्चात कन्या भोजन कराकर कन्याओं को अपनी श्रद्धा अनुसार दक्षिणा देकर विदा किया जाता है कई लोग कन्याओं को केवल मीठा ही खिलाते हैं और कई लोग मीठा के साथ नमक जैसे सब्जी या रायता भी खिलाते हैं ये अपनी अपनी मान्यताओं के ऊपर निर्भर करता है कि आप मीठे के साथ नमक भी खिलाना चाहते हैं ताकि कन्याएं मन भर के भोजन करें और खुश होकर आशीर्वाद देकर विदा हो लेकिन अभी कुछ समय से एक नया ही ट्रेंड कन्या भोज में देखने को मिल रहा है और वो है पिज्जा🍕 और बर्गर🍔 ये कब से और क्यों शुरू हुआ ये मेरी समझ के परे है, और तो और दक्षिणा में चिप्स, कुरकुरे, dairy milk🍫, kitkat जैसी चीजें वो भी एक एक नहीं पांच - पांच छै - छै बड़े बड़े पैकेट बच्चियों को दक्षिणा के रूप में दिए जा रहे हैं।
क्या इस तरह का भोजन और दक्षिणा हमारी मान्यताओं, परंपराओं और हमारी बच्चियों की सेहत से खिलवाड़ नहीं है ??

कीड़ों के काटने की होम्योपैथी मेडिसिन कीड़ों के डंक से होने वाली एलर्जी बहुत दर्दनाक हो सकती है और सबसे बुरी स्थिति में ...
25/09/2025

कीड़ों के काटने की होम्योपैथी मेडिसिन

कीड़ों के डंक से होने वाली एलर्जी बहुत दर्दनाक हो सकती है और सबसे बुरी स्थिति में जानलेवा भी हो सकती है आमतौर पर, कीड़ों के डंक से होने वाली एलर्जी मधुमक्खियों, ततैयों, भौंरों या चींटियों के ज़हर के कारण होती है। जिससे स्थानीय सूजन दर्द और जलन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

कीट डंक एलर्जी की होम्योपैथी मेडिसिन
होम्योपैथी मेडिसिन से कीड़ों के काटने से होने वाले दर्द सूजन जलन और संवेदनशीलता को दूर किया जा सकता है।

Apis Mellafica
कभी-कभी, कीट काटने या डंक के परिणामस्वरूप तुरंत सूजन और जलन हो जाती है. डांक के असहनीय दर्द के बाद खुजली होता है. इसके बाद एक जलती हुई सनसनी होती है और प्र,भावित क्षेत्र लाल और गर्म दिखाई देता है उस स्थिति में apis तुरंत राहत प्रदान करती है।

Formica rufa
इसका उपयोग तब किया जाता है जब डंक लगने से लालिमा ज्यादा होती है लेकिन सूजन बहुत ज्यादा नहीं होती है लाल चींटियों के डंक से भयानक दर्द का अनुभव होता है. त्वचा पर फफोला और प्रभावित क्षेत्र लाल दिखता है. डंक लगने पर उत्तेजति करने वाला दर्द होता है, इसके साइट पर अनियंत्रित खुजली होती है।

Staphysagria
मच्छर के काटने पर होने वाली खुजली और जलन के लिए एक उत्कृष्ट दवा है।

Ledum pal
जहरीले कीट या पशु के काटने पर सबसे ज्यादा उपयोग में आने वाली मेडिसिन है, जब सांप के काटने की बात आती है, तो लीडम से कुछ भी ज्यादा सहायक नहीं हो सकता है. काटने से प्रभावित क्षेत्र थोड़ा नीला हो जाता है. क्षेत्र ठंडा महसूस होता है और एक दर्दनाक दर्द और सूजन भी महसूस होती है।

Lachesis
यह मेडिसिन भी सांप के काटने पर उपयोगी है. चोट लगने वाली साइट बैंगनी दिखाई दे तब इस दवा की सिफारिश की जाती है। काटने वाली जगह से ब्लीडिंग होने पर भी उपयोगी है।

Note - ये पोस्ट केवल सामान्य जानकारी के लिए है होम्योपैथी मेडिसिन लेने से पहले होम्योपैथी चिकित्सक से संपर्क जरूर करें।

एलोपेसिया एरिटा एलोपेसिया एरीटा एक ऑटोइम्यून डिसीस है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली रोमकूपो पर हमला कर देती है परिणा...
24/09/2025

एलोपेसिया एरिटा
एलोपेसिया एरीटा एक ऑटोइम्यून डिसीस है जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली रोमकूपो पर हमला कर देती है परिणामस्वरूप बाल झड़ने लगते हैं। यह आमतौर पर सिर के बालों को प्रभावित करता है।

एलोपेसिया एरिटा के लक्षण
इस रोग में बाल झड़ने लगते हैं सिर के, भौंहों, पलकों या शरीर के किसी भी हिस्से के बाल ये बाल पैच में गिरते हैं।

एलोपेसिया एरिटा के कारण
एलोपेसिया एरीटा एक स्व प्रतिरक्षा रोग है लेकिन आनुवंशिक, पर्यावरणीय या या सामाजिक कारण की बड़ी भूमिका है।
एलोपेसिया एरीटा संक्रामक रोग नहीं है ये छुआछूत से नहीं फैलता है।

एलोपेसिया एरिटा का होम्योपैथी उपचार

होम्योपैथी ट्रीटमेंट एलोपेसिया एरिटा के केस में बहुत कारगर है क्योंकि ये एलोपेसिया एरीटा के साथ- साथ ऑटोइम्यून मूल की बीमारियों का भी इलाज करता है। शुरुआत में होम्योपैथिक दवाएँ, किसी भी गंजे धब्बों के आकार को बढ़ने से रोकने में मदद करती हैं और इसके साथ ही नए गंजे धब्बों को बनने से रोकती हैं। इसके इलावा होम्योपैथी बालों के पुनः विकास को बढ़ावा देने में काफी मदद करती हैं। एलोपेसिया एरीटा समस्या का जब एक बार होम्योपैथी से इलाज हो जाता है, तो व्यक्ति को दोबारा एलोपेसिया एरीटा जैसी समस्या होने कि संभावना बहुत ज्यादा कम हो जाती है।

विंका माइनर
आमतौर पर यह एलोपेसिया एरीटा के उन मामलों में अच्छी तरह से काम करता है, जहां बालों के झड़ने की प्रवृत्ति होती है, और जो बाद में सफेद बालों से बदल जाते हैं। इसके साथ ही व्यक्ति की खोपड़ी पर खुजली और खरोंच भी हो सकती है।

फ्लोरिक एसिड
जिन लोगों को इसकी जरूरत होती है उसके सिर में खुजली हो सकती है और सिर की त्वचा छूने के प्रति संवेदनशील भी हो सकती है। यह सिर के किसी भी हिस्से में बाल झड़ने की समस्या को दूर करते हैं।

हिपर सल्फ
जिस व्यक्ति की खोपड़ी से खट्टी गंध आती है खोपड़ी को छूने के प्रति संवेदनशील होती है साथ ही खोपड़ी में खुजली और जलन भी होती है उस केस में ये दवा लाभकारी होती है।

लाइकोपोडियम
यह खोपड़ी के शीर्ष पर होने वाले गंजे धब्बों से उबरने में बहुत अच्छा काम करता है। इस दौरान व्यक्ति को अपनी खोपड़ी पर जलन का अहसास होता है। इसके साथ ही लाइकोपोडियम समय से पहले बालों के सफेद होने के इलाज के लिए एक बहुत ही प्रमुख दवा है।

कैल्केरिया कार्ब
कैल्केरिया कार्ब दवा का उपयोग उन मामलों में किया जाता है जहां पर व्यक्ति के सिर पर पसीना बहुत ज्यादा होता है यहां तक कि उसकी तकिया पसीने से भीग जाती है साथ ही पैची बाल झड़ते हैं आमतौर पर व्यक्ति को अपने सिर पर ठंडक का अहसास भी हो सकता है और उसके सिर पर पर खुजली भी हो सकती है।

फॉस्फोरस
फास्फोरस का इस्तेमाल मुख्य रूप से तब किया जाता है जब व्यक्ति के सिर के सामने से या फिर बगल से बाल झड़ने लग जाते हैं।

होम्योपैथी प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले पदार्थों से बनाई गई दवाओं का इस्तेमाल करती है। आमतौर पर इसमें कोई भी हानिकारक रसायन नहीं होता है। इसकी वजह से ही इसका उपयोग करना बहुत सुरक्षित होता है, और तो और इनका कोई भी दुष्प्रभाव नहीं होता है। होम्योपैथी का उपयोग सभी आयु वर्ग के लोग बिना किसी चिंता के आराम से कर सकते हैं।
होम्योपैथिक उपचार इम्यून सिस्टम में अंदरूनी गड़बड़ियों को दबाने की बजाय उन्हें ठीक करने के लिए अंदरूनी रूप से काम करती है। आमतौर पर होम्योपैथिक दवा का एक बड़ा लाभ यह है कि यह दुष्प्रभावों से मुक्त होते हैं।

Note - एक तरह की बीमारी में दो अलग अलग व्यक्तियों के लिए होम्योपैथी मेडिसिन भी अलग अलग हो सकती है इसलिए होम्योपैथी मेडिसिन हमेशा होम्योपैथिक चिकित्सक के परामर्श से लें।
यह पोस्ट केवल सामान्य जानकारी के लिए है।

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एलोपेसिया एरीटा का होम्योपैथी ट्रीटमेंट एलोपेसिया एरीटा का होम्योपैथी में सफल इलाज संभव है होम्योपैथी व्यक्तिगत लक्षणों ...
20/09/2025

एलोपेसिया एरीटा का होम्योपैथी ट्रीटमेंट

एलोपेसिया एरीटा का होम्योपैथी में सफल इलाज संभव है होम्योपैथी व्यक्तिगत लक्षणों के आधार पर दी जाती है इसलिए होम्योपैथी मेडिसिन न केवल नए बाल उगाने में सहायता करती हैं बल्कि होम्योपैथी मेडिसिन समस्या के मूल कारण पर भी काम करती है जिससे इस तरह होने वाली समस्या को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है लेकिन इसके लिए आवश्यकता है योग्य और अनुभवी होम्योपैथी चिकित्सक की जो लक्षणों के आधार पर सही दवा उसकी मात्रा और पोटेंसी का चयन करने में सक्षम हो। अपने आप से कहीं से भी पढ़ कर या देखकर होम्योपैथी मेडिसिन लेना हानिकारक हो सकता है।

होम्योपैथी मेडिसिन
फ्लोरिक एसिड
नेट्रम म्यूर
विंका माइनर
फॉस्फोरस
लाइकोपोडियम
डिटेल अगली पोस्ट में

Note एक तरह की बीमारी में दो अलग अलग व्यक्तियों के लिए होम्योपैथी मेडिसिन भी अलग अलग हो सकती है इसलिए होम्योपैथी मेडिसिन हमेशा होम्योपैथिक चिकित्सक के परामर्श से लें।
यह पोस्ट केवल सामान्य जानकारी के लिए है।
डिटेल अगली पोस्ट में

मोलस्कम कॉन्टेजिओसममोलस्कम कॉन्टेजिओसम(मोलस्कम) एक सामान्य त्वचा का वायरल संक्रमण है।यह एक पॉक्स वायरस है जिसे मोलस्कम व...
16/09/2025

मोलस्कम कॉन्टेजिओसम

मोलस्कम कॉन्टेजिओसम(मोलस्कम) एक सामान्य त्वचा का वायरल संक्रमण है।
यह एक पॉक्स वायरस है जिसे मोलस्कम वायरस कहते हैं।
यह त्वचा में छोटे, उभरे, गुलाबी रंग के दाने होते हैं यह बच्चो में आम है यह त्वचा से त्वचा के संपर्क से फैलता है यह संक्रमण आमतौर पर हानिकारक नहीं होता है कुछ महीनों में अपने आप ठीक भी हो जाता है।

लक्षण क्या हैं?
* छोटे गुलाबी उभरे हुए मांस के रंग के दाने।
* ये दाने शरीर के किसी भी अंग में हो सकते हैं या फैल सकते हैं।

फैलने के कारण
* किसी भी संक्रमित वस्तुओं को साझा करने पर जैसे टॉवल, कपड़े, साबुन आदि
* संक्रमित व्यक्ति की त्वचा से सीधा संपर्क होने पर।

संक्रमण होने पर क्या सावधानी रखें
* बच्चों का सामान जैसे टॉवल साबुन कपड़े अलग रखे।
* बच्चों के कपड़े धूप में सुखाएं।
* ध्यान रखें कि बच्चे बार बार संक्रमित जगह को न खुजलाएं।

उपचार
ज्यादातर मामलों में मोलस्कम कुछ महीनों में अपने आप ही ठीक हो जाता है लेकिन यदि संक्रमण तेजी से बढ़ता है या खुजली बहुत ज्यादा होती है तो ट्रीटमेंट लेना चाहिए।

होम्योपैथी ट्रीटमेंट
हालांकि मोलस्कम कुछ समय में स्वयं ही ठीक हो जाता है लेकिन उपचार प्रक्रिया को तेज करने के लिए होमियोपैथी का सहारा लिया जाता है जिससे लक्षणों में तेजी से राहत मिलती है।

थूजा आक्सिडेण्टैलिस
यह किसी भी त्वचा रोग में use की जाने वाली बहुत ही इफेक्टिव मेडिसिन है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाती हैं और त्वचा के घावों को जल्दी भरने में मदद करती है।

ऐंटिम क्रूडम
त्वचा की खुजली और घाव ठीक करने में मदद करती है यह भी लगभग सभी त्वचा रोगों में उपयोग की जाती है।

एसिड नाइट्रिकम
जब दाने बहुत उभरे हुए हो जिनमें दर्द बहुत तेज होता है और घाव से खून बहने या अल्सर होने की प्रवृत्ति होती है।

कैल्केरिया कार्बोनिका
मोटे थुलथुले बच्चे जिनको सिर में पसीना बहुत आता है और जिनको त्वचा में खुजली की समस्या आम होती है।

Note यह पोस्ट केवल सामान्य जानकारी के लिए है। कोई भी होम्योपैथी मेडिसिन लेने से पहले होम्योपैथी डॉक्टर से कंसल्ट जरूर करें।
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