24/09/2025
दिव्य एवं भव्य राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस का आयोजन : आयुष ग्राम (ट्रस्ट) में
राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार, आयुष ग्राम ट्रस्ट, चित्रकूट में १०वें आयुर्वेद दिवस पर मंत्रालय द्वारा घोषित विषयक ‘आयुर्वेद जनजन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए’ विषयक भाषा संगोष्ठी परिषद का आयोजन किया गया। संगोष्ठी परिषद् के प्रथम सत्र का शुभारंभ प्रो. (डॉ.) एस०एन० सिंह, पूर्व निदेशक, आयुर्वेद सेवायें, उ०प्र० द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। इस सत्र में आयुष ग्राम ट्रस्ट के संस्थापक आचार्य डॉ. मदनगोपाल वाजपेयी जी, प्रो. (डॉ.) जे०पी० अवस्थी, पूर्व विभागाध्यक्ष द्रव्यगुण विभाग, राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, अतर्रा बांदा, डॉ. आदर्श कुमार त्रिपाठी, पूर्व प्राचार्य डायट, शिवरामपुर, डॉ. सीताराम गुप्ता, वरिष्ठ चिकित्सक, कर्वी तथा श्री अनन्तराम त्रिपाठी,एडवोकेट, सचिव आयुष ग्राम ट्रस्ट, एवं श्री राजेन्द्र त्रिवेदी, जिलाध्यक्ष विहित उपस्थित रहे।
इस सत्र में आरएवी शिष्य डॉ. कपिल कुमार, डॉ. शोभना शर्मा, डॉ. अनुराधा, डॉ. रितिका सैनी, सहित अनेक अतिथि गणों ने अपने विचार व्यक्त करते हुए, आयुर्वेद के प्रचार प्रसार के माध्यम से आम जन को आयुर्वेदीय जीवन शैली अपनाने और स्वस्थ रहने का मंत्र बताने और आयुर्वेद चिकित्सा के प्रभाव और गुणों से अवगत कराने पर ज़ोर दिया।
प्रथम सत्र के समापन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए प्रो० एस०एन० सिंह जी ने कहा कि हमें किसी भी चिकित्सा पद्धति की बुराई नहीं करना चाहिए। बल्कि हमें अपनी पद्धति को सर्वश्रेष्ठ सिद्ध करने के लिए पूर्ण निष्ठा एवं शास्त्र के अनुसार चिकित्सा एवं नये-नये शोध करना चाहिए।
संगोष्ठी परिषद के दूसरे सत्र का शुभारंभ पद्मश्री डॉ. वीके जैन, निदेशक सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय एवं अध्यक्ष रायपुर (छ०ग०) चित्रकूट सतना एवं डॉ. एके सिंह, पुलिस अधीक्षक, चित्रकूट धाम ने किया। इस सत्र में आचार्य डॉ. मदन गोपाल वाजपेयी, प्रो. (डॉ.) आशीष अग्रवाल, प्राचार्य राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, अतर्रा बांदा, डॉ० सत्येन्द्र पटेल, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी बाँदा, श्री राजनारायन द्विवेदी, प्रतिनिधि चेयरमैन, नगर पंचायत, ओरन, बांदा तथा डॉ. राकेश श्रीवास्तव, संकायाध्यक्ष ग्रामोदय विश्वविद्यालय मंचासीन रहे।
अपने उद्बोधन में आचार्य डॉ. मदनगोपाल वाजपेयी जी ने २३ सितंबर को आयुर्वेद दिवस मनाने के पीछे उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए बताया कि २३ सितंबर को रात और दिन बराबर होते हैं इसलिए यह दिन हमे संदेश देता है कि हमें अपने त्रिदोषों को संतुलित रखना चाहिए और यदि हम २ और ३ को जोड़ दें तो ५ होता है जो यह संदेश देता है कि सृष्टि में जो कुछ भी उपलब्ध है वह पाँच महाभूतों पर ही आधारित है। चूंकि आयुर्वेद व्यक्ति परक चिकित्सा है, इसलिए यह इन्ही पाँच महाभूतों पर आधारित है। आयुर्वेद का स्पष्ट मानना है कि जब आयुर्वेदाचार्य प्रत्येक मानव प्रकृति, गुण, स्वभाव अलग अलग होते हैं तो उनकी चिकित्सा भी अलग अलग होनी चाहिए। साथ ही दूसरी चिकित्सा पद्धति का सम्मान करते हुए हमें अपनी चिकित्सा पद्धति में नये-नये शोधों एवं शास्त्रोक्त क्रियाकलापों से उच्च श्रेणी पर स्थापित करने का प्रयास करना चाहिए तभी ऐसे दिवस मनाने की सार्थकता सिद्ध होगी।
इस अवसर पर अन्य डॉ. अरुण कुमार सिंह पुलिस अधीक्षक, चित्रकूट ने अपने उद्बोधन में अत्यंत महत्वपूर्ण संदेश देते हुए कहा कि आयुर्वेद चिकित्सक अपनी चिकित्सा में आचार्य डॉ. वाजपेयी के समान सफल होना चाहते हैं तो उंसके सानिध्य में रहकर शास्त्रों का गहन अध्ययन करें और निरंतर अध्ययन करने की आदत विकसित करें। अपने उद्बोधन में पद्मश्री डॉ. वीके जैन ने आयुर्वेद चिकित्सकों को प्रेरित करते हुए कहा कि आयुर्वेद अभी भी ईविडेंस बेस्ड चिकित्सा के क्षेत्र आधुनिक चिकित्सा से बहुत पीछे है। इसलिए आप लोग आचार्य डॉ. वाजपेयी जी के संरक्षण में आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों का अध्ययन करें और औषधियों के मूल में जाकर शोध करें।
इसके साथ अन्य गणमान्य अथितियों ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन श्री केशव शिवहरे जी ने किए। कार्यक्रम से समापन पर श्री अनंत राम त्रिपाठी, एडवोकेट, सचिव आयुष ग्राम ट्रस्ट ने आए हुए अतिथियों का आभार व्यक्त किया।