DPMU Damoh

DPMU Damoh NHM Damoh

26/11/2025
26/11/2025

कहानी सच्ची है
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पालक की भूमिका में स्पेशल नवजात देखभाल इकाई ने संभाली दो नवजात जिंदगियां
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जिला चिकित्सालय दमोह के स्पेशल नवजात देखभाल इकाई में दो अज्ञात नवजात बच्चियों को नया जीवन मिला है। दोनों ही मामलों में पुलिस आरक्षक ने संवेदनशीलता दिखाते हुए नवजातो को गंभीर अवस्था में एसएनसीयू पहुंचाया। एसएनसीयू स्टॉफ की निरंतर सतत् चिकित्सा देखभाल से दोनों बच्चियों के हालत में उल्लेखनीय सुधार हुआ और वजन सामान्य होने पर उन्हें बाल कल्याण समिति को सुरक्षित रूप से सौंपा गया।

इस संबंध में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के अठ्या ने बताया पहला मामला 14 अगस्त 2025 का है जिसमें पुलिस आरक्षक द्वारा दो से तीन दिन की गंभीर अवस्था वाली नवजात बच्ची को भर्ती कराया गया। बच्ची को श्वांस संबंधी समस्या, संक्रमण, समय पूर्व जन्म, कम वजन जैसी गंभीर स्वास्थ्य संबंधी गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा था। परेशानियां थी, भर्ती के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बच्ची को शुरूवाती 5 दिन तक लगातार सी-पेप मशीन पर ऑक्सीजन दिया गया। ऑक्सीजन स्तर बेहतर होने पर लगातार आठ दिन तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया। संक्रमण नियंत्रण हेतु नियमित एन्टीबायोटिक डोज दी गई। जिससे उसकी स्थिति लगातार सुधरती गई। स्थिति बेहतर होने के बाद बच्ची को पहले नली के माध्यम से बाद में कटोरी चम्मच से दूध पिलाया गया। करीब 42 दिन तक एसएनसीयू में निरंतर चिकित्सा एवं पोषण देखभाल प्रदान की गई। इस अवधि में बच्ची का शुरूआती आवश्यक टीकाकरण भी किया गया। उपचार व प्रारंभिक देखभाल के परिणाम स्वरूप बच्ची का वजन बढ़कर 2.5 कि.ग्रा. हो गया व संक्रमण पूरी तरह खत्म हो गया। स्वस्थ होने पर 27 सितम्बर 2025 को बच्ची सुरक्षित रूप से डिस्चार्ज कर शिशु गृह मातृ छाया सेवा भारती जिला सागर को सौंप दिया गया।

इसी प्रकार दूसरे मामले में भी पुलिस आरक्षक द्वारा एक अज्ञात नवजात बच्ची को गंभीर अवस्था में 28 सितम्बर 2025 को एसएनसीयू दमोह में लाया गया, भर्ती के समय वह अत्यंत नाजुक अवस्था में थी। चिकित्सकों द्वारा तुरंत रीससिटेशन, विशेष नवजात प्रोटोकॉल के तहत उपचार प्रारंभ किया गया। शुरूआती 6 दिन तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया, निरंतर निगरानी दवाईयॉ और पोषण देखभाल के साथ बच्ची की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार होने लगा। सुरक्षित वजन 2.1 कि.ग्रा. और स्थिर अवस्था प्राप्त करने के बाद पश्चात् को शिशु गृह मातृ छाया सेवा भारती जिला सागर को सौंप दिया गया।

16/11/2025
07/10/2025

कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस
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स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के साथ कमियों को दूर करने का करें प्रयास: मुख्यमंत्री डॉ. यादव
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स्वास्थ्य एवं पोषण पर कलेक्टर्स के साथ हुआ व्यापक संवाद
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कलेक्टर्स ने साझा किये अपने जिलों के नवाचार
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि स्वास्थ्य क्षेत्र में अनेक नई सुविधाए प्रारंभ की गई हैं। कमियों को दूर करने का पूरा प्रयास किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जिला कलेक्टर्स से आयुष्मान कार्ड धारकों को पूरा लाभ दिलाने और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता एवं पहुंच को आसान बनाने की बात कही। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जिलों में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ किये जा रहे हैं। पीपीपी मॉडल पर भी अनेक कॉलेज प्रारंभ हुए हैं। वर्तमान में तीस से अधिक मेडिकल कॉलेज हैं। शीघ्र इनकी संख्या 50 हो जाएगी। प्रदेश के लगभग प्रत्येक जिले के नागरिकों को मेडिकल कॉलेज की सुविधाओं का प्राप्त लाभ प्राप्त हो रहा है। जिन जिलों में मेडिकल कॉलेज के लिए भूमि आवंटन की कार्यवाही प्रचलन में है, उसे अंतिम रूप देकर भूमि आवंटन का कार्य पूर्ण किया जा रहा है। मध्यप्रदेश में नागरिकों के हित में सर्वाधिक अनुकूल वातावरण निर्माण का प्रयास है।मुख्यमंत्री डॉ. यादव कलेक्टर-कमिश्नर कॉन्फ्रेंस के प्रथम दिन द्वितीय सत्र 'स्वास्थ्य एवं पोषण' को संबोधित कर रहे थे।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री संदीप यादव ने राज्य में स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति को सुदृढ़ करने कलेक्टर्स के साथ विस्तृत चर्चा की। सत्र में मातृ-शिशु स्वास्थ्य, गैर-संचारी रोग (एनसीडी), क्षय उन्मूलन और सिकल सेल उन्मूलन के लिए ठोस रणनीति पर विमर्श किया गया। प्रमुख सचिव स्वास्थ्य श्री यादव ने कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य की दिशा में एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत शिशुओं, किशोरियों, गर्भवती और धात्री महिलाओं की नियमित हीमोग्लोबिन जांच सुनिश्चित की जाए। जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस (VHSND) में गुणवत्तापूर्ण जांच, टीकाकरण और ANMOL 2.0 पर सटीक डेटा एंट्री की व्यवस्था की जाए। उन्होंने प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) के तहत उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं की समय पर पहचान, उपचार और बर्थ वेटिंग होम्स में सुरक्षित प्रसव की अनिवार्यता पर जोर दिया।
प्रमुख सचिव श्री यादव ने कहा कि पोषण ट्रैकर के प्रभावी उपयोग, छह माह तक केवल स्तनपान, मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्द्धन कार्यक्रम (MMBASK) के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के प्रबंधन तथा आशा, एएनएम और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा गृह आधारित सेवाओं को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना और प्रसूति सहायता योजनाओं के भुगतान में समयबद्धता बनाए रखना सुनिश्चित करें। गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) की रोकथाम के लिए प्रमुख सचिव श्री यादव ने उच्च रक्तचाप, मधुमेह, फैटी लीवर और तीन प्रमुख कैंसर की स्क्रीनिंग को अनिवार्य बताया। उन्होंने एनसीडी पोर्टल पर सभी प्रविष्टियों की अद्यतन स्थिति बनाए रखने, आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता, ईट राइट अभियान, तेल की खपत में 10 प्रतिशत कमीं, फिट इंडिया और योग जैसी गतिविधियों के माध्यम से जनजागरूकता बढ़ाने पर बल दिया।
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य ने कहा कि क्षय उन्मूलन के लिए एक्स-रे और अन्य मशीनों से जांच की जाए, निक्षय पोर्टल पर सभी प्रकरणों की सूचना दर्ज हो, उपचार और फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाए तथा निक्षय मित्रों के माध्यम से पोषण सहायता और डीबीटी समय पर प्रदान की जाए। इसी प्रकार, सिकल सेल उन्मूलन अभियान के अंतर्गत स्क्रीनिंग, कार्ड वितरण, हाइड्रोक्सीयूरिया दवा की उपलब्धता, न्यूमोकोकल वैक्सीनेशन और सिकल मित्र पहल के माध्यम से जनभागीदारी और काउंसलिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर स्वास्थ्य और महिला बाल विकास विभागों के बीच संयुक्त कार्ययोजना बनाकर समन्वय को सशक्त करें। VHSND के गुणवत्तापूर्ण आयोजन, उपकरणों के सार्थक उपयोग, e-KYC और DBT सक्षमता, PMSMA संचालन, नवजातों के गृह आधारित फॉलो-अप, मातृ एवं शिशु मृत्यु की शत-प्रतिशत रिपोर्टिंग, ईट राइट, फिट इंडिया, योग और खेलकूद के माध्यम से जन-जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि सुपोषित ग्राम पंचायतों के लिए स्थानीय खाद्य विविधता को प्रोत्साहित करने, आंगनवाड़ी केंद्रों के नियमित संचालन, डेटा सत्यापन, और सिकल मित्र तथा निक्षय मित्र के माध्यम से फूड बास्केट वितरण जैसी गतिविधियों को परिणाममुखी बनाया जाये।
उत्कृष्ट कार्य करने वाले जिलों ने दीं अपनी प्रस्तुतियाँ
बालाघाट ने शिशु एवं मातृ मृत्यु दर नियंत्रण पर, झाबुआ ने स्वास्थ्य एवं पोषण सुधार प्रयासों और मंदसौर ने सम्पूर्ण स्वास्थ्य मॉडल पर प्रेजेन्टेशन देते हुए अपने अनुभव साझा किए।

03/10/2025

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Dist. Hospital
Damoh
470661

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