18/09/2025
जब हम बचे हैं, तो दूसरों को बचाना है - सेवा से पाएं प्रभु का आशीर्वाद!
बाढ़ की विभीषिका में, अपनों को खोया है,
पर हिम्मत न हारो, यह वक्त भी गुज़र जाएगा।
जो बचे हैं हम, ईश्वर की कृपा है,
पीड़ितों की सेवा में, यही हमारा धर्म है।
यदि हम अपने घरों में सुरक्षित हैं, तो यह भगवान की कृपा है। हमें उनका शुक्रगुज़ार होना चाहिए कि उन्होंने हमें बचाया ताकि हम दूसरों की मदद कर सकें। आज, उन लोगों की मदद करना ज़रूरी है जिनके पास घर, कपड़े या खाना नहीं है, जो सड़कों पर आ गए हैं। हमें मिलकर उनकी ज़िंदगी को पटरी पर लाने की कोशिश करनी चाहिए।
कहते हैं कि तिनका-तिनका जोड़कर महल बनता है। इसलिए, आइए आज हम सब मिलकर प्रयास करें। जो भी अच्छे एनजीओ काम कर रहे हैं, या प्रधानमंत्री राहत कोष और मुख्यमंत्री राहत कोष हैं, उनमें दान देकर हम उनकी मदद करें। या फिर हम खुद जाकर उनकी मदद करें।
बाढ़ या आपदा कहीं भी आए, इंसानियत को जाग जाना चाहिए। जो पीड़ित हैं, उन्हें बचाने के लिए और जो बचे हैं, उन्हें हाथ बढ़ाना चाहिए।
याद रखें, छोटी-छोटी चीज़ों को इकट्ठा करने से हम बहुत दूर तक पहुँच सकते हैं। सीढ़ी के पहले डंडे पर पैर रखने से हम धीरे-धीरे अपनी मंजिल तक पहुँच जाते हैं। इसी तरह, कोशिश करने से हमें सफलता ज़रूर मिलती है और हम इस आपदा से भी आसानी से निपट सकते हैं।
लेखक: डॉक्टर खैरा
डॉक्टर खैरा हेल्थकेयर सेंटर, लेन नंबर 4, ऑपोज़िट इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप, कैनाल रोड, देहरादून, इंडिया।