08/02/2021
🌹🙏जय श्री लक्ष्मीनारायणजी🙏🌹
जय लक्ष्मीरमणा,
श्री लक्ष्मी रमणा।
सत्यनारायण स्वामी,
सत्यनारायण स्वामी,
जन पातक हरणा॥
ॐ जय लक्ष्मी रमणा॥
रत्ना जटित सिंहासन,
अद्भुत छबि राजे,
स्वामी अद्भुत छबि राजे।
नाद करत निरंजन,
नाद करत निरंजन,
घंटा ध्वनि बजे॥
॥ॐ जय लक्ष्मी रमणा॥
प्रगट भाई कलि कारन,
द्विज को दरस दियो,
स्वामी द्विज को दरस दियो।
बुढा ब्राह्मण बनके,
बुढा ब्राह्मण बनके,
कंचन महल कियो॥
॥ॐ जय लक्ष्मी रमणा॥
दुर्बल भील कठारो,
जिनपर कृपा करी,
स्वामी जिनपर कृपा करी।
चन्द्रचूड एक राजा,
चन्द्र चूड एक राजा,
जिनकी विप्पति हारी॥
॥ॐ जय लक्ष्मी रमणा॥
वैश्य मनोरथ पायो,
श्रद्धा तज दीन्ही,
स्वामी श्रद्धा तज दीन्ही।
सो फल भोग्यो प्रभुजी,
सो फल भोग्यो प्रभुजी,
फिर अस्तुति किन्ही॥
॥ॐ जय लक्ष्मी रमणा॥
भाव भक्ति के कारन,
छीन छीन रूप धर्यो,
स्वामी छीन छीन रूप धर्यो।
श्रद्धा धारण किनी,
श्रद्धा धारण किनी,
तिनके काज सरयो॥
॥ॐ जय लक्ष्मी रमणा॥
ग्वाल बाल संग राजा,
वन में भक्ति करी,
स्वामी वन में भक्ति करी।
मनवांछित फल दीन्हो,
मनवांछित फल दीन्हो,
दीनदयालु हरी॥
।। ॐ जय लक्ष्मी रमणा ।।
🙏🙏🙏🌷जय श्री लक्ष्मीनारायण जी 🌷🙏🙏🙏