Ayurvedic Health Tips

Ayurvedic Health Tips This is small Ayurvedic health tips

गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर आपको एवं आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ।विघ्नहर्ता श्री गणेश आपके जीवन में सुख, शांति, स...
27/08/2025

गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर आपको एवं आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएँ।
विघ्नहर्ता श्री गणेश आपके जीवन में सुख, शांति, स्वास्थ्य, समृद्धि एवं सफलता.

 #ग्रंथियाँ   तंत्रमार्ग मे समय की भिन्नता के साथ अलग अलग सम्प्रदायों का प्रभुत्व रहा है कभी वाममार्गियों का कभी बौद्धधर...
09/08/2025

#ग्रंथियाँ
तंत्रमार्ग मे समय की भिन्नता के साथ अलग अलग सम्प्रदायों का प्रभुत्व रहा है कभी वाममार्गियों का कभी बौद्धधर्म का कभी जैनधर्म कभी वेदमार्ग का कभी पुराणप्रधानकर्म रहें कभी तंत्रमार्गियों का कभी नाथसम्प्रदायों का प्रभुत्व रहा।तात्कालीन सम्प्रदाय के प्रभुत्व के आधार पर तंत्र साधना प्रचलित रही है।

तंत्रग्रंथोमें वाममार्ग पद्धति का अधिक उल्लेख है।वाममार्गमे पंचमकार का मध,मांस,मीन,मुद्रा,मैथुन का प्रयोग अधिकतर बताया है।परन्तु महाकाल संहिता, विधार्णव तन्त्रम् एवं अन्य कई तंत्र ग्रथों मे अनुकल्पों से भी पूजन प्रयोग का विधान दिया गया है।

अर्थात पूजन कर्म लोप नही होना चाहिये। दुध, दही, शहद, शक्कर, घृत ये पंचमकारों के अनूकल्प है।गपडोदक,गुड का पानी, दूध व गुड का मिश्रण, आसव इत्यादि को मध के स्थान पर उपयोग किया जाता है।वशिष्ठऋषि ने भी देवी की आज्ञा से बौद्धक्रम के अनुसार चीनाचार पद्धति से वाममार्गी उपासना की थी।

हनुमानजी ब्रह्मचारी थे परन्तु गुह्यकाली उपासना उन्होने वाममार्ग से ही की थी अहिरावण के वध के समय उन्होने पंचमुखी स्वरूप पंचमकारो का भक्षण किया था। कल्पभेद से हनुमानजी की पत्नी का नाम सुवर्चला था जिनका मंदिर दक्षिणभारत मे स्थित है।

क्रमशः तम, रज,व सत् , की कारक है। जीव इन्हीं से बंधा हुआ है इनके भेदन से जीव मुक्त हो जाता है इनके भेदन से ही स्थल, सुक्ष्म व कारण को उच्च अवस्था मे पहुँचाया जा सकता है ।

साधक साधना से आगे बढता है तो उसे तीन कठोर, गीली, चमकदार हलचल करती गांवों महसूस होती है।इन गाठों को खोलने पर ही उन्नति होती है ।रूद्र ग्रंथि केविषय मे:-रूद्रग्रंथि यह गाँठ मूत्राशय के समीप व बेर के समान मुँह ऊपर सी ओर तथा नीचे कीओर नुकीला भारी लेंगे मे गढ्ढा लिये होता है । इस ग्रंथि के दक्षिण भाग को रूद्र व वाम भाग को काली कहते है ।

दक्षिण भाग के अंतरंग गह्वर मे प्रवेश करके देखें तो उर्ध्व भाग मे श्वेत रंग कि छोटी सी नाडी हलका श्वेत रंग का रस प्रवाहित करती है, परन्तु एक तन्तु तिरछा पीत वर्ण सी ज्योति सा चमकता है । मध्य भाग मे काले वर्ण कि नाडी सांप कि तरह मूलाधार से लिपटी हुई है ।

रूद्र, विष्णु, तथा ब्रह्म ग्रंथियों को खोलने के लिये ग्रंथि से मूल भाग मे निवास करने वाली " बीज शक्तियों" का संचार करना पडता है ।

रूद्रग्रंथि के अधोभाग बेर के डण्ठल की तरह सूक्ष्म प्राण अभिप्रेत है जिसे " क्लीं" बीज कहते है ।मूल बंध बांधते हुये एक ओर से अपान और दुसरी ओर से कूर्म प्राण को चिमटे की तरह बनाकर रूद्रग्रंथी को पकडकर रेचक प्राणायाम करतें है। इसकी गर्मी से "क्लीं" बीज जाग्रत हो जाता है ।

यह नोक दार डण्ठल आकृति का बीज अपनी ध्वनि और रक्तवर्ण प्रकाश ज्योति के साथ स्पष्ट रूप से परिलक्षित होने लगता है ।

इस जाग्रत "क्लीं" बीज की अग्रिम नोक से निरंतर कम चुकी क्रिया से वहाँ कालिका शक्ति नें तड़ित प्रवाह उठने लगता है । जिसकी गति सर्प की तरह होती है।ज्वालामुखी के धूम की तरह रूद्रग्रंथि ये ऊपरी भाग मे पहले "क्लीं" बीज सी अग्नि जिह्वा प्रकट होती है ।

इसे काली की बाहर निकली जीभ माना जाता है ।मूल बंध, अपना और कूर्म प्राण के आघात से जाग्रत हुई "क्लीं" बीज की कंचुकी क्रिया से रूद्र ग्रंथि शिथिल होकर शनैः शनैः पुष्प को समान खिल जाती है यही रूद्र व काली अथवा रक्तवर्ण सर्प के समान लहलाती क्लीं बीज की अग्नि शिखा का साक्षात्कार होता है ।

इस रक्षाबंधन, आयुर्वेद के संग स्वस्थ और सुखमय जीवन का संकल्प लें। भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को आयुर्वेदिक उपचारों के सा...
09/08/2025

इस रक्षाबंधन, आयुर्वेद के संग स्वस्थ और सुखमय जीवन का संकल्प लें। भाई-बहन के रिश्ते की मिठास को आयुर्वेदिक उपचारों के साथ और भी मजबूत बनाएं।"

Happy Raksha Bandhan

👉  #मोरिंगा पाउडर एक पौष्टिक और औषधीय उत्पाद है, ➡️ मोरिंगा पाउडर के फायदे*1. *पोषक तत्वों का स्रोत*: मोरिंगा पाउडर विटा...
23/06/2025

👉 #मोरिंगा पाउडर एक पौष्टिक और औषधीय उत्पाद है,

➡️ मोरिंगा पाउडर के फायदे*

1. *पोषक तत्वों का स्रोत*: मोरिंगा पाउडर विटामिन, मिनरल और #एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होता है, जो शरीर को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है।

2. *प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करना*: मोरिंगा पाउडर में एंटीऑक्सीडेंट और इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण होते हैं, जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।

3. *पाचन तंत्र की समस्याएं*: मोरिंगा पाउडर पाचन तंत्र की समस्याओं जैसे कि अपच, गैस और एसिडिटी के इलाज में मदद करता है।

4. * #मधुमेह *: मोरिंगा पाउडर मधुमेह के रोगियों के लिए उपयोगी हो सकता है, क्योंकि यह रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

5. * #हृदय स्वास्थ्य*: मोरिंगा पाउडर हृदय स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकता है, क्योंकि यह रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है।

6. *त्वचा और बालों की समस्याएं*: मोरिंगा पाउडर त्वचा और बालों की समस्याओं जैसे कि मुहांसे, एक्जिमा और बालों का झड़ना के इलाज में मदद करता है।

➡️ मोरिंगा पाउडर का उपयोग कैसे करें

मोरिंगा पाउडर का उपयोग आप विभिन्न तरीकों से कर सकते हैं:

1. *पेय में मिलाना*: मोरिंगा पाउडर को पानी, जूस या स्मूदी में मिलाकर पी सकते हैं।

2. *भोजन में मिलाना*: मोरिंगा पाउडर को सलाद, सूप या अन्य भोजन में मिलाकर सेवन कर सकते हैं।

3. *कैप्सूल या टैबलेट*: मोरिंगा पाउडर के कैप्सूल या टैबलेट बाजार में उपलब्ध होते हैं, जिन्हें आप सेवन कर सकते हैं।

👉 यह ध्यान रखें कि मोरिंगा पाउडर का उपयोग करने से पहले आपको अपने चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए।

कहानी: "अंजीर का रहस्य"गाँव के एक छायादार बगीचे में अनुज और उसका मित्र आरव खेल रहे थे। खेलते-खेलते अनुज की नजर एक अंजीर ...
21/06/2025

कहानी: "अंजीर का रहस्य"

गाँव के एक छायादार बगीचे में अनुज और उसका मित्र आरव खेल रहे थे। खेलते-खेलते अनुज की नजर एक अंजीर के पेड़ पर पड़ी, जिस पर ढेर सारे मीठे-रसीले अंजीर लगे थे। अनुज ने खुशी-खुशी एक अंजीर तोड़ा और आरव से बोला, "चलो, इसे खाते हैं!"

आरव ने मुस्कराकर सिर हिलाया, "नहीं अनुज, मैं अंजीर नहीं खाता।"

अनुज हैरान हुआ, "क्यों? ये तो बहुत स्वादिष्ट होता है!"

आरव ने अनुज का हाथ पकड़कर उसे पेड़ के नीचे बैठाया और बोला, "मैं तुम्हें एक अद्भुत रहस्य बताता हूँ।"

"जैन धर्म में हम अहिंसा को सबसे बड़ा धर्म मानते हैं। इसका अर्थ है—किसी भी जीव, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, उसे हानि न पहुँचाना। अब सुनो, अंजीर का फल बाहर से तो आम फल जैसा लगता है, लेकिन उसके अंदर एक अनोखी दुनिया छुपी होती है। जब अंजीर का फूल फल बनने लगता है, तो एक छोटी सी ततैया उसमें एक छोटे से छेद से घुसती है। वह वहाँ अपने अंडे देती है। लेकिन अंजीर के अंदर घुसने के बाद उसके पंख और पैर टूट जाते हैं, जिससे वह बाहर नहीं निकल पाती। वह ततैया वहीं मर जाती है।"

"अंजीर के अंदर एक खास एंजाइम होता है, जो उस ततैया के शरीर को धीरे-धीरे पचा देता है। जब हम अंजीर खाते हैं, तो अनजाने में उस ततैया के शरीर के अंश भी खाते हैं। यही नहीं, अंजीर के अंदर और भी सूक्ष्म जीव होते हैं, जो हमें दिखते नहीं, पर वे वहाँ रहते हैं।"

"जैन धर्म के ग्रंथों में पाँच ऐसे फल बताए गए हैं—अंजीर, गूलर, पीपल, बड़ और पाकर—जिन्हें 'उडुंबर फल' कहते हैं। इन सबमें इसी तरह जीवों की उत्पत्ति और हिंसा होती है, इसलिए हम इन्हें नहीं खाते। यह सिर्फ एक नियम नहीं, बल्कि हर जीव के प्रति करुणा और दया का भाव है।"

अनुज ने ध्यान से सुना और पहली बार समझा कि जैन धर्म के अनुयायी सिर्फ बड़े जीवों की ही नहीं, बल्कि सबसे छोटे और अदृश्य जीवों की भी रक्षा करते हैं। उसने आरव की बातों से गहरी सीख ली—सच्ची अहिंसा का अर्थ है, हर जीवन का सम्मान करना, चाहे वह हमें दिखे या न दिखे।

उस दिन के बाद अनुज जब भी किसी फल को देखता, तो उसके मन में करुणा और जिज्ञासा दोनों जाग जातीं—कहीं उसके भीतर भी कोई अनदेखा जीवन तो नहीं छुपा?

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21/06/2025
पत्थरचट्टा के औषधीय गुणों के कारण इसे चमत्कारी पौधा कहा जाता हैं। यह पौधा सदियों से आयुर्वेद में अपनी जगह बनाए हुए हैं। ...
19/06/2025

पत्थरचट्टा के औषधीय गुणों के कारण इसे चमत्कारी पौधा कहा जाता हैं। यह पौधा सदियों से आयुर्वेद में अपनी जगह बनाए हुए हैं। इसका सेवन करने से पथरी, मधुमेह, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, जोड़ों के दर्द, गैस-अपच से राहत मिलती हैं।

पांच बेलपत्र के पत्ते उसको अच्छी तरह धोकर पत्थर से कूट लें , एक गिलास पानी में अच्छे से उबाल ले , जब पानी आधा हो जाए तो ...
18/06/2025

पांच बेलपत्र के पत्ते उसको अच्छी तरह धोकर पत्थर से कूट लें , एक गिलास पानी में अच्छे से उबाल ले , जब पानी आधा हो जाए तो ठंडा करके पी ले l 20 साल पुरानी हाई बीपी के पेशेंट भी दो ढाई महीने में ठीक हो जाते हैं
बेल पत्र कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। यह पाचन में सुधार करने, इम्युनिटी बढ़ाने और ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद करता है। बेल पत्र का सेवन करने से गैस, एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है।
#बेलपत्र

एक बार एक व्यक्ति रेगिस्तान में कहीं भटक गया । उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी बहुत चीजें थीं, वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं औ...
15/05/2025

एक बार एक व्यक्ति रेगिस्तान में कहीं भटक गया । उसके पास खाने-पीने की जो थोड़ी बहुत चीजें थीं, वो जल्द ही ख़त्म हो गयीं और पिछले दो दिनों से वह पानी की एक-एक बूंद के लिए तरस रहा था।

वह मन ही मन जान चुका था कि अगले कुछ घण्टों में अगर उसे कहीं से पानी नहीं मिला तो उसकी मौत निश्चित है। पर कहीं न कहीं उसमें उम्मीद जिंदा था और वह पूरे मन से पानी की खोज कर रहा था। उसने हार नहीं मानी।

उसे उम्मीद थी कि कहीं न कहीं पानी मिल जाएगा। तभी उसे एक झोँपड़ी दिखाई दी । पहली बार में उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ ।

पहले भी वह मृगतृष्णा और भ्रम के कारण धोखा खा चुका था । पर बेचारे के पास यकीन करने के अलावा कोई चारा भी तो न था । आखिर यह उसकी आखिरी उम्मीद जो थी ।

वह अपनी बची खुची ताकत से झोँपडी की तरफ चलने लगा । जैसे-जैसे करीब पहुँचता, उसकी उम्मीद बढती जाती और इस बार भाग्य भी उसके साथ था । सचमुच वहाँ एक झोँपड़ी थी ।

पर यह क्या ? झोँपडी तो वीरान पड़ी थी । मानो सालों से कोई वहाँ भटका न हो । फिर भी पानी की उम्मीद में वह व्यक्ति झोँपड़ी के अन्दर घुसा ।

अन्दर का नजारा देख उसे अपनी आँखों पर यकीन नहीं हुआ । वहाँ एक हैण्ड पम्प लगा था । वह व्यक्ति एक नयी उर्जा से भर गया । पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसता वह तेजी से हैण्ड पम्प को चलाने लगा ।

लेकिन हैण्ड पम्प तो कब का सूख चुका था । वह व्यक्ति निराश हो गया, उसे लगा कि अब उसे मरने से कोई नहीं बचा सकता । वह निढाल होकर गिर पड़ा ।

तभी उसे झोँपड़ी की छत से बंधी पानी से भरी एक बोतल दिखाई दी । वह किसी तरह उसकी तरफ लपका और उसे खोलकर पीने ही वाला था कि तभी उसे बोतल से चिपका एक कागज़ दिखा उस पर लिखा था —

"इस पानी का प्रयोग हैण्ड पम्प चलाने के लिए करो और वापिस बोतल भरकर रखना ना भूलना ?"

यह एक अजीब सी स्थिति थी । उस व्यक्ति को समझ नहीं आ रहा था कि वह पानी पीये या उसे हैण्ड पम्प में डालकर चालू करे ।

उसके मन में तमाम सवाल उठने लगे, अगर पानी डालने पर भी पम्प नहीं चला । अगर यहाँ लिखी बात झूठी हुई और क्या पता जमीन के नीचे का पानी भी सूख चुका हो । लेकिन क्या पता पम्प चल ही पड़े, क्या पता यहाँ लिखी बात सच हो, वह समझ नहीं पा रहा था कि क्या करे ?

फिर कुछ सोचने के बाद उसने बोतल खोली और कांपते हाथों से पानी पम्प में डालने लगा।

पानी डालकर उसने एक उम्मीद से पम्प चलाने लगा ।

एक, दो, तीन और हैण्ड पम्प से ठण्डा-ठण्डा पानी निकलने लगा । वह पानी बहुत मीठा और निर्मल था ।

उस व्यक्ति ने जी भरकर पानी पिया, उसकी जान में जान आ गयी । दिमाग काम करने लगा । उसने बोतल में फिर से पानी भर दिया और उसे छत से बांध दिया ।

जब वो ऐसा कर रहा था, तभी उसे अपने सामने एक और शीशे की बोतल दिखी । खोला तो उसमें एक पेंसिल और एक नक्शा पड़ा हुआ था, जिसमें रेगिस्तान से निकलने का रास्ता था ।

उस व्यक्ति ने रास्ता याद कर लिया और नक़्शे वाली बोतल को वापस वहीँ रख दिया । इसके बाद उसने अपनी बोतलों में (जो पहले से ही उसके पास थीं) पानी भरकर वहाँ से जाने लगा ।

कुछ आगे बढ़कर उसने एक बार पीछे मुड़कर देखा, फिर कुछ सोचकर वापिस उस झोँपडी में गया और पानी से भरी बोतल पर चिपके कागज़ को उतारकर उस पर कुछ लिखने लगा ।

उसने लिखा —

"मेरा यकीन करिए यह हैण्ड पम्प काम करता है।"

यह कहानी सम्पूर्ण जीवन के बारे में है । यह हमें सिखाती है कि बुरी से बुरी स्थिति में भी अपनी उम्मीद नहीं छोडनी चाहिए।

इस कहानी से यह भी शिक्षा मिलती है कि कुछ बहुत बड़ा पाने से पहले हमें अपनी ओर से भी कुछ देना होता है । जैसे उस व्यक्ति ने नल चलाने के लिए मौजूद पूरा पानी उसमें डाल दिया ।

देखा जाए तो इस कहानी में पानी जीवन में मौजूद महत्वपूर्ण चीजों को दर्शाता है, कुछ ऐसी चीजें जिनकी हमारी नजरों में विशेष कीमत है ।

किसी के लिए मेरा यह सन्देश ज्ञान हो सकता है तो किसी के लिए प्रेम तो किसी और के लिए पैसा ।

यह जो कुछ भी है, उसे पाने के लिए पहले हमें अपनी तरफ से उसे कर्म रुपी हैण्ड पम्प में डालना होता है और फिर बदले में आप अपने योगदान से कहीं अधिक मात्रा में उसे वापिस पाते हैं।

एक व्यक्ति के अच्छा कार्य करने से कैसे यह अच्छाई दूसरे तक पहुंचती है, तथा दूसरे से तीसरे तक और क्रमशः, यह भी समझने में मदद करती है।

कहानी अच्छी लगी तो share करना न भूले

 #पोटैशियम: क्या आप जल्दी थकते हैं? अगर हां तो लें ये ज़रूरी मिनरलक्या आप अक्सर थकान, दिमागी धुंध (ब्रेन फॉग), या खराब र...
14/05/2025

#पोटैशियम: क्या आप जल्दी थकते हैं? अगर हां तो लें ये ज़रूरी मिनरल

क्या आप अक्सर थकान, दिमागी धुंध (ब्रेन फॉग), या खराब रिकवरी का अनुभव करते हैैं और ऐसा तब भी है आप ठीक से सोते हैं? पूरी नींद लेते हैं और खाना भी समय पर खाते हैं। अगर ऐसा है तो संभव है कि इसका कारण सिर्फ नींद या काम का बोझ न हो, बल्कि पोटैशियम की कमी हो।

🔬 एक शोध बताता है कि 98% अमेरिकियों में पोटैशियम की कमी पाई जाती है तो भारत का अंदाजा आप खुद ही लगा सकते हैं, क्योंकि हमारे यहां खाने में पोषक तत्वों पर बात ही कम होती है। पोटैशियम की यह कमी आपके एड्रिनल ग्लैंड्स (adrenal glands) को ओवरड्राइव में डाल देती है, जिससे एक थकान चक्र शुरू होता है जिसे कैफीन भी नहीं तोड़ सकता।

⚖️ पोटैशियम-सोडियम अनुपात: क्या कहती है आपकी अनुवांशिक संरचना?

हमारे पूर्वजों का आहार एक 10:1 पोटैशियम-से-सोडियम अनुपात पर आधारित था। लेकिन आज के इलेक्ट्रोलाइट सप्लीमेंट्स इसका उल्टा कर रहे हैं, आजकल हो ये रहा है कि....

LMNT: 1000mg सोडियम, 200mg पोटैशियम (5:1)

Liquid IV: 500mg सोडियम, 370mg पोटैशियम (1.35:1)

यह असंतुलन शरीर में हॉर्मोनल तनाव को जन्म दे रहा है।

🧠 ज्यादा सोडियम = ज्यादा स्ट्रेस
अधिक सोडियम का सेवन आपके HPA ऐक्सिस (Hypothalamus-Pituitary-Adrenal) को सक्रिय कर देता है, जिससे कॉर्टिसोल (तनाव हॉर्मोन) का स्तर 20–30% तक बढ़ सकता है।

और जैसे-जैसे कॉर्टिसोल बढ़ता है, आपकी किडनी और भी अधिक सोडियम को रोकती है।

➡️ यह एक खतरनाक साइकल बन जाती है:
ज़्यादा सोडियम → ज़्यादा कॉर्टिसोल → और ज़्यादा सोडियम प्रतिधारण → और भी ज़्यादा कॉर्टिसोल

🔋 कोशिकीय स्तर पर थकान का कारण
सोडियम-पोटैशियम पंप आपकी कोशिकाओं की ऊर्जा (ATP) का 20-40% उपयोग सिर्फ आयन संतुलन बनाए रखने में करता है।

यदि पोटैशियम कम हो, तो ये पंप ओवरटाइम काम करते हैं — जिससे आपको दिनभर थकान महसूस होती है।

✅ समाधान: पोटैशियम संतुलन पुनः स्थापित करें

1️⃣ हर भोजन में पोटैशियम युक्त चीज़ें शामिल करें
एवोकाडो (~975mg)

पालक (~800mg/कप पकाई हुई)

आलू (~910mg/मीडियम साइज)

नारियल पानी (~600mg/कप)

केला (~450mg)

2️⃣ अपना खुद का इलेक्ट्रोलाइट ड्रिंक बनाएं:
1.5 कप नारियल पानी

½ कप संतरे का रस

2 टेबलस्पून नींबू या नींबू का रस

¼ टीस्पून सेंधा नमक

➡️ इससे मिलता है: ~1000mg पोटैशियम / 300mg सोडियम

3️⃣ "लाइट सॉल्ट" का इस्तेमाल करें
(यह 50% पोटैशियम क्लोराइड होता है)
खासकर यदि आप लो-कार्ब डाइट पर हैं या ज़्यादा वर्कआउट करते हैं।

4️⃣ आवश्यक सप्लीमेंट्स लें
किसी विशेषज्ञ से पूछकर अच्छे सप्लीमेंट्स भी लें।

💚 पोटैशियम और आपका नर्वस सिस्टम
पोटैशियम आपकी पैरासिंपथेटिक नर्वस सिस्टम (PNS) को सक्रिय करता है:

हृदय गति में गिरावट

HRV (Heart Rate Variability) में सुधार

तनाव में कमी

गहरी नींद और बेहतर रिकवरी

📩 निष्कर्ष:
पोटैशियम की कमी को सुधारना आपकी क जिंदगी बदलने वाला निर्णय साबित होगा। अगर आपने ये किया है तो कमेंट में जरूर बताएं और नहीं तो करके फिर जरूर अपने अनुभव शेयर करें।

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