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29/07/2023

नींद नहीं आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तनाव, अनियमित दिनचर्या, शारीरिक गतिविधियों की कमी, या मानसिक बीमारियाँ। यहां कुछ उपाय बताए गए हैं जो आपको नींद में सुधार करने में मदद कर सकते हैं:

समय-समय पर सोने और उठने की अनुसूची बनाएं।
शांतिपूर्वक विश्राम करें, जैसे कि ध्यान या योग करना।
सोने से पहले गरम दूध पीने से नींद आने में मदद होती है।
मोबाइल फोन, कंप्यूटर, और टीवी जैसे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग सोने से पहले कम करें।
नींद से पहले रिलैक्सिंग म्यूज़िक सुनें या गरम पानी के स्नान का लाभ उठाएं।
सोने के बिस्तर पर रात को देर से खाना खाना बंद करें।
रोज़ सुबह उठने का प्रयास करें, जिससे आपकी दिनचर्या नियमित होगी।

28/07/2023

डेंगू लक्षण और उपाय

डेंगू एक वायरस से होने वाली बीमारी है जो एडेस एजिप्टी मच्छर के काटने से होती है। यह एक संक्रामक बीमारी है जिसमें व्यक्ति के शरीर में बुखार, ठण्ड, सिरदर्द, जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द, खून की कमी आदि के लक्षण होते हैं। डेंगू के लक्षण और उपाय निम्नलिखित हैं:

डेंगू के लक्षण:

बुखार: डेंगू के मरीज को अचानक तेज बुखार होता है, जिसका तापमान 104 डिग्री फ़ेरनहाइट तक पहुंच सकता है।
ठण्डी: डेंगू के मरीज ठंडी महसूस करते हैं और शीतल चीजों को अधिक पसंद करते हैं।
सिरदर्द: मरीज को मांसपेशियों में और सिर में दर्द होता है, जिसका मुख्य केंद्रीय बिंदु आंखों के पीछे होता है।
जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द: मरीज को जोड़ों और मांसपेशियों में तेज दर्द होता है, जिससे चलने में भी परेशानी होती है।
सिरदर्दी: डेंगू के बाद एक प्रकार की सिरदर्दी होती है, जिसे "डेंगू बुखारी" कहते हैं।
खून की कमी: डेंगू बुखार में मरीज का खून पतला हो जाता है और उसमें प्लेटलेट्स और पोषक तत्वों की कमी होती है।
डेंगू के उपाय:

आराम: डेंगू के लक्षणों के दौरान आराम करें, और पर्याप्त विश्राम लें।
पर्याप्त पानी पीना: बुखार के समय शरीर को पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, ताकि उपजाऊ न होने पर भी शरीर ताजगी बनाए रख सके।
अधिक आहार: विशेष रूप से फल, सब्जी, अनाज और प्रोटीन युक्त आहार लें।
इलाज का सही समय पर शुरू करें: यदि आपको लगता है कि आपको डेंगू हो सकता है, तो तुरंत चिकित्सक से संपर्क करें और उपयुक्त इलाज करवाएं।

24/07/2023

आंख फ्लू उपाय (Eye Flu Upay)

आंख फ्लू (Eye Flu) को आँखों के संक्रमण की एक सामान्य बिमारी के रूप में जाना जाता है। यह आमतौर पर वायरस या बैक्टीरिया से होता है और आंखों के आस-पास की खांसी-जुकाम, गले में खराश या सामान्य संक्रमण से भी फैल सकता है। यह बिमारी संक्रामक धुले हुए हाथों के संपर्क से भी फैल सकती है।

आंख फ्लू के लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:

आंखों में लालिमा और सूजन
आंखों से पानी या पुरुलेंट निकलना (पुस)
आंखों में जलन या खिचाव
दूरबीनी नज़र से ब्लर दिखना
सूर्य प्रकाश या तेज रौशनी में कठिनाई
आंखों के आस-पास की सूजन और लाल दानों की सृष्टि
यदि आपको ऐसे लक्षण हो और आप आंख फ्लू का संदेह करते हैं, तो आपको निम्नलिखित उपायों का पालन करना चाहिए:

आराम और आंख की देखभाल: आराम करें और अपनी आंखों की देखभाल करें। अपनी आंखों को हाथ से न छूएं और धोने से पहले अच्छी तरह से हाथ धोएं।

गरम पानी से धोना: अपनी आंखों को साफ़ गरम पानी से धोने से आंखों की सफाई होती है और संक्रमण के विकास की संभावना कम होती है।

आँखों को ठंडा करें: सूजन कम करने के लिए आंखों पर धीरे से ठंडा पानी के शौच लगाएं।

डॉक्टर से सलाह: यदि लक्षण बढ़ते हैं या आंख फ्लू की स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो तुरंत एक चिकित्सक से संपर्क करें और उनकी सलाह लें। डॉक्टर आपको उचित दवाइयां या आँख ड्रॉप्स प्रदान कर सकते हैं।

सावधानी अपनाएं: आंख फ्लू से बचने के लिए, हाथों को बार-बार धोना, अन्य व्यक्तियों से दूरी बनाए रखना, और संक्रमित वस्त्र और सामग्री का साझा उपयोग न करना महत्वपूर्ण है।

21/07/2023

Diet for Brain Tej

अच्छी मानसिक तेजी के लिए एक स्वस्थ और बैलेंस्ड आहार बहुत महत्वपूर्ण है। नीचे कुछ आहार टिप्स हैं जो मानसिक तेजी को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं:

फल और सब्जियां: फल और सब्जियां भरपूर विटामिन, मिनरल और एंटिऑक्सीडेंट्स से भरी होती हैं जो मस्तिष्क के स्वस्थ विकास और कार्य को सुनिश्चित करते हैं। समय-समय पर ताजे फल और सब्जियों का सेवन करें।

प्रोटीन: मस्तिष्क को शक्ति प्रदान करने के लिए प्रोटीन आवश्यक होता है। अच्छी स्रोतों से प्रोटीन जैसे कि दूध, दही, पनीर, मछली, मांस और सोया प्रोडक्ट्स का सेवन करें।

ओमेगा-3 फैटी एसिड: ओमेगा-3 फैटी एसिड भी मस्तिष्क के लिए फायदेमंद होता है। इसे मछली, बादाम, अखरोट और तिल से प्राप्त किया जा सकता है।

अंडे: अंडे मस्तिष्क के लिए आवश्यक पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होते हैं।

पानी: अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखना भी मस्तिष्क के लिए महत्वपूर्ण है। दिन भर में पानी की पर्याप्त मात्रा पिएं।

विटामिन बी और फोलेट: विटामिन बी के स्रोतों से भरपूर आहार जैसे कि धान, अखरोट, मूंगफली, बीयर वेजिटेबल्स, सब्जियां और फल का सेवन करें। फोलेट विटामिन भी मानसिक तेजी के लिए फायदेमंद होता है जो कि पालक, मूंगफली, और ब्रोकोली में पाया जा सकता है।

साथ ही, ध्यान रखें कि समय समय पर समय बिताना, योग और मेडिटेशन भी मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण हैं। मानसिक तेजी को बढ़ाने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना भी बहुत जरूरी है।

आपकी खुशियों और तनाव मुक्त जीवन के लिए ये आहार और जीवनशैली टिप्स आपकी मदद करेंगे। ध्यान दें कि आपने दैनिक जीवन में अधिकतम पौष्टिकता के साथ स्वस्थ आहार शामिल करने का प्रयास करें।

20/07/2023

Dast (दस्त) aur ulti (उल्टी) hone ka sabse common karan gale ka infection, khana peena saaf na hona, ya khane ki galat cheezein khane se hota hai. Agar aapke bachche ko dast aur ulti hai, toh uski umar ke hisab se oral rehydration solution (ORS) dena bahut zaruri hai taki uske sharir mein pani aur electrolytes ki kami na ho. Saath hi, kuch desi upchar bhi dast aur ulti ko rokne mein madad kar sakte hain:

Adrak (Ginger): Adrak dast aur ulti ko rokne mein madad karta hai. Aap thode se taze adrak ko pees kar uska ras nikal kar, shahad ke saath mila kar bachche ko de sakte hain.

Pudina (Mint): Pudina dast ko kam karne aur pet ko thandak pahunchane mein madad karta hai. Kuch pudine ke patte ko paani mein ubalkar, thanda karke bachche ko pilayein.

Dahi (Yogurt): Dahi mein maujood probiotics baccho ke pet ke bacteria ko sudharne mein madad karte hain. Thoda sa dahi bachche ko dein.

Saunf (Fennel Seeds): Saunf ki chai banakar ya saunf ka paani banakar pilane se dast kam hota hai.

Aam ka Panna: Aam ka panna bachche ko thandak pahunchata hai aur dast ko rokta hai. Aam ka panna taiyar karke thanda karke dein.

Kela (Banana): Kela dast ke samay bachche ko khane se fayda pahunchata hai. Kyunki kela pani ka level sudharne mein madad karta hai.

Pyaaz (Onion) ka Ras: Pyaaz ke ras mein thoda sa shahad mila kar pilane se dast kam hota hai.

Khichdi: Dast ke samay bachche ko aasaani se digest ho sake, khichdi jaise halka pakwan dein.

Dast ya ulti ke lakshan jyada din tak rahe ya bacha behtar na ho, toh turant doctor se sampark karein. Desi upchar ke sath-sath medical advice bhi zaruri hai, khas kar bacchon ke liye.

18/07/2023

मासिक धर्म समस्या कई महिलाओं को देखा गया है। यहां हिंदी में कुछ मासिक धर्म समस्याओं के कारण और उपाय दिए गए हैं।

कारण:

हॉर्मोनल असंतुलन: हॉर्मोनल परिवर्तन मासिक धर्म के समय में असंतुलन का कारण बन सकते हैं।

शारीरिक और मानसिक तनाव: ज्यादा तनाव, शारीरिक या मानसिक, मासिक धर्म पर असर डाल सकता है।

पोषण की कमी: अनुपयुक्त आहार और पोषण की कमी भी मासिक धर्म समस्याओं का कारण बन सकती है।

स्त्रीरोग: ऐसे कई रोग होते हैं जो मासिक धर्म पर प्रभाव डाल सकते हैं, जैसे कि पॉलिप्स, गर्भाशय के अंदर फिब्रॉएड्स, या इन्फेक्शन।

उपाय:

सही आहार: स्वस्थ और पौष्टिक आहार लेना व मिठास्वरूपी चीजों की मात्रा कम करना जरूरी है। फल, सब्जियां, दलिया, ओट्स, नट्स, खजूर, पुदीने के पत्ते, अनार, गुलाबी पानी इत्यादि मासिक धर्म समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।

व्यायाम: योग, ध्यान और व्यायाम मासिक धर्म समस्याओं को सुधारने में मदद कर सकते हैं।

स्त्रीरोग जांच: यदि आपको बार-बार मासिक धर्म की समस्या हो रही है तो स्त्रीरोग विशेषज्ञ का संपर्क करें और जांच करवाएं।

अवसर पर डिनर्व कम करें: ज्यादा तनाव या डिनर्व भी मासिक धर्म समस्याओं को बढ़ा सकता है, इसलिए इससे बचें।

योगासन: पवनमुक्तासन, उत्तानपादासन, भ्रमरी प्राणायाम और अनुलोम-विलोम प्राणायाम मासिक धर्म समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं।

नारियल पानी: रोजाना एक गिलास नारियल पानी पिने से शरीर का तापमान संतुलित रहता है और मासिक धर्म समस्याएं भी कम हो सकती हैं।

कृपया ध्यान दें कि यदि मासिक धर्म समस्याएं लंबे समय तक बनी रहती हैं या गंभीरता के साथ बढ़ रही हैं, तो आपको चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। वे आपको सही निदान और उपचार प्रदान कर सकते हैं।

17/07/2023

Pith dard" ya kamar dard ek common samasya hai jo ki kayi karano se ho sakta hai, jaise galat posture, muscle strain, poori tarah se baddha hua jivan shaili, aur anya sharirik samasyaen. Yahan kuch upay hai pith dard ko kam karne ke liye:

Vyayam kare: Kamar dard se bachne ke liye, niyamit vyayam karna mahatvapurn hai. Pith ke liye vyayam jaise ki stretching exercises aur core strengthening exercises kamar dard ko kam karne mein madad karte hain.

Sahi posture: Seedha khade rahna aur baithe rahna, apne spine ka samarthan karte hue, pith dard ko kam karne mein madad karta hai. Computer ya mobile ka istemal karte samay, apne spine ki position ka dhyaan rakhe.

Garam pani se sekai: Garam pani ki bottle ko kamar ke dard wale sthan par rakhe ya garam paani se sekai kare. Isse aapke kamar ke aas-paas ke muscles relax hote hain.

Dard nivarak dawaiyaan: Over-the-counter dard nivarak dawaiyaan jaise ki ibuprofen ya paracetamol pith dard mein raahat pradaan kar sakti hain. Lekin inka istemal lambe samay tak na kare, aur doctor ki salah jarur le.

Yoga aur pranayam: Yoga aur pranayam karne se pith dard kam ho sakta hai. Bhujangasana, Shalabhasana, aur Ardha Matsyendrasana jaise yoga aasana pith dard ko kam karne mein madad karte hain.

Vyasanon se parhez kare: Cigarette ya tambakoo ka sevan pith dard ko badhava deta hai, isliye in vyasanon se parhez kare.

Kamar ka samarthan kare: Lamba samay tak khade rehne se bachein, aur jarurat padne par kisi sahara ka sahara lein.

Agar pith dard lambe samay tak persist karta hai ya bahut tej hota hai, toh kripya kisi chikitsak ya physiotherapist se milen aur sahi diagnosis aur treatment ke liye unki salah lein.

15/07/2023

सर्वाइकल पेन उपचार (Cervical Pain Treatment)

यदि आपको सर्वाइकल पेन (cervical pain) की समस्या है तो निम्नलिखित हिंदी में उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:

अच्छी पोस्चर बनाएं: ठीक सीटिंग पोज़ीशन बनाएं और लंबे समय तक एक ही स्थिति में न बैठें। काम करते समय एक सही कार्यस्थल और कुर्सी चुनें जो आपकी सहायता करेगी।

गर्म पट्टी का इस्तेमाल करें: सूखी गर्म पट्टी को अपने गर्दन के चारों ओर रखें या गर्दन के पीछे एक छोटा टॉवल रखें। इससे आपको गर्दन के दर्द में राहत मिलेगी।

नियमित व्यायाम करें: अपने गर्दन को और शरीर के दूसरे हिस्सों को मजबूत रखने के लिए नियमित व्यायाम करें। इसमें गर्दन के प्रदीप्तया व्यायाम, भुजांकुरानी और योग आसन शामिल हो सकते हैं।

आराम और विश्राम करें: यदि आपको सर्वाइकल पेन है, तो अपने गर्दन को आराम दें और नियमित अवधि में आराम करें। रात को अच्छी नींद लें और अतिरिक्त स्ट्रेस से बचें।

शीथिल समय योग करें: योगाभ्यास में ध्यान और शवासन जैसे आसनों को करने से गर्दन के दर्द में आराम मिल सकता है।

गर्म और सुखी ताप दें: जब आपको गर्दन दर्द होता है, तो आप गर्म और सुखी ताप देने के लिए हॉट पैक या हॉट शॉवर का उपयोग कर सकते हैं।

यदि आपके गर्दन का दर्द लंबे समय तक बना रहता है या बढ़ रहा है, तो आपको एक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए।

13/07/2023

आँख की जलन और धुंधलापन ka upay

ठंडा पानी का इस्तेमाल: अपनी आँखों को ठंडे पानी से धोने से जलन और धुंधलापन में आराम मिलता है। ठंडा पानी आँखों की सूजन को कम करने में मददगार होता है।

आँखों को आराम देना: अगर आपकी आँखों में जलन और धुंधलापन है, तो उन्हें नियमित आराम दें। बिना सोने के पहले और काम करने के दौरान थोड़ी देर के लिए आँखों को बंद करें और उन्हें विश्राम दें।

ठंडे पदार्थों का सेवन: ठंडे पदार्थों का सेवन करने से आँखों की जलन कम हो सकती है। आप ठंडे दूध, ठंडी चाय, ठंडे पानी आदि का सेवन कर सकते हैं।

गुलाबजल का इस्तेमाल: गुलाबजल में भीगे हुए कपास के घूंट लें और इसे अपनी आँखों पर रखें। यह आपकी आँखों को शीतलता प्रदान करेगा और जलन को कम करेगा।

आँखों का स्वच्छ रखें: आँखों को स्वच्छ रखने के लिए नियमित रूप से उन्हें धोएं। साफ पानी का इस्तेमाल करें और आंखों को गंदगी और धूल से बचाएं।

आँखों के लिए पर्याप्त आराम: आँखों को पर्याप्त आराम देना महत्वपूर्ण है। अगर आप लंबे समय तक कंप्यूटर या मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, तो नियमित अंतराल पर आँखों को आराम देने के लिए ठंडे पानी, चश्मे का उपयोग करें।

यदि आँख में जलन और धुंधलापन लंबे समय तक बना रहता है और गंभीर हो जाता है, तो आपको अपने नजदीकी चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।

12/07/2023

पाचन समस्या और उपाय



डाइजेस्टिव समस्याएं कई लोगों को परेशान करती हैं। इन समस्याओं के कारण हो सकते हैं खाद्य पदार्थों की गलत पाचन प्रक्रिया, खाने की गलत आदतें, तनाव, अपरियोज्य जीवाणुओं, विषाक्त पदार्थों के सेवन आदि। यहां कुछ आसान घरेलू उपाय बताए गए हैं जो आपकी डाइजेस्टिव समस्याओं को कम करने में मदद कर सकते हैं:

पानी की पर्याप्त मात्रा पीना: रोजाना कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने से पाचन तंत्र सुचारू रूप से कार्य करता है।

फाइबर युक्त आहार: फल, सब्जी, अनाज, दालें आदि में प्रचुर मात्रा में फाइबर पाया जाता है, जो पाचन को सुचारू रूप से सहायता प्रदान करता है।

योगासन और व्यायाम: योगासन और व्यायाम पाचन क्रिया को सुचारू रूप से करने में मदद कर सकते हैं। पादप्रसारणासन, पवनमुक्तासन, अर्धमत्स्येन्द्रासन, भुजंगासन, वज्रासन, धनुरासन, कपालभाति आदि योगासन पाचन को सुचारू रूप से सहायता प्रदान करते हैं।

स्ट्रेस प्रबंधन: स्ट्रेस पाचन क्रिया को प्रभावित कर सकता है। समय-समय पर ध्यान धारणा, मेधावी आहार, समय-समय पर विश्राम लेना आदि स्ट्रेस प्रबंधन के तरीकों का पालन करें।

समय-समय पर छोटे भोजन करें: बड़े मात्रा में खाने से डाइजेस्टिव समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए समय-समय पर छोटे भोजन करें।

हरड़ की चूर्ण: हरड़ की चूर्ण को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर रात में सोने से पहले पिएं। इससे पाचन तंत्र मजबूत होता है और कब्ज की समस्या से राहत मिलती है।

यदि आपकी समस्या गंभीर है या ये उपाय आपको फायदे नहीं पहुंचा रहे हैं, तो कृपया एक पेशेवर चिकित्सक से परामर्श करें।

11/07/2023

निमोनिया के लक्षण और उपाय



निमोनिया एक फेफड़ों की संक्रामक बीमारी है जिसमें फेफड़ों में सूजन और इंफेक्शन हो जाता है। यह बीमारी आपको थकान, बुखार, सांस लेने में तकलीफ, सीने में दर्द और सूखी खांसी जैसे लक्षणों के साथ प्रभावित कर सकती है। यदि आपको इन लक्षणों में से कुछ भी हो तो आपको तुरंत चिकित्सा सलाह लेनी चाहिए।

यहां निमोनिया के लक्षण और उपाय हैं:

लक्षण:

उच्च तापमान (बुखार)
थकान और कमजोरी
सांस लेने में तकलीफ
सीने में दर्द, जो गहरा हो सकता है
सूखी और उबकाई वाली खांसी
छाती में दर्द या दुबकन जैसा आवाज आना
सांस लेने पर आवाज में बदलाव
उपाय:

सबसे महत्वपूर्ण उपाय है डॉक्टर की सलाह और उनके द्वारा निर्धारित दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना।
विश्राम करें और पर्याप्त समय दें। शरीर को पूरी तरह से आराम करने की आवश्यकता होती है ताकि वह संक्रमण के खिलाफ लड़ने के लिए शक्तिशाली हो सके।
उचित आहार लें और पौष्टिक भोजन खाएं। पर्याप्त पानी पिएं और हेल्दी आहार जैसे फल, सब्जियां, दूध आदि का सेवन करें।
सूखी खांसी और गले की सूजन के लिए गर्म पानी में नमक और हल्दी मिलाकर गरारे करें। इससे आपको राहत मिलेगी।
दूध और मूली के रस को मिलाकर पीने से खांसी में आराम मिल सकता है।
संक्रमण से बचने के लिए हाथों को नियमित रूप से साबुन से धोएं और अपने चेहरे को छूने से पहले हाथ धो लें।
नियमित रूप से व्यायाम करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं। योग और प्राणायाम भी फेफड़ों को मजबूत और स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं।

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