15/11/2025
किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) का इलाज अक्सर सामान्य होता है, लेकिन यदि मरीज़ पहले से ही हृदय और फेफड़ों की गंभीर बीमारियों से जूझ रहा हो, तो सर्जरी बेहद जोखिम भरी हो जाती है। एक ऐसे ही जटिल केस में, आरोग्यम सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर, दुर्ग ने सफलता हासिल की है।
🩺 गंभीर थीं मरीज़ की चुनौतियाँ
मरीज़ को 16 MM की बड़ी किडनी स्टोन की शिकायत थी, जिसके कारण उन्हें असहनीय दर्द हो रहा था। लेकिन मरीज़ की मुख्य चुनौती यह थी कि वे पहले से ही गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित थे:
हृदय की समस्या: उनके दिल (Heart) की दीवार में लीकेज (Wall Leakage) था।
फेफड़ों की समस्या: उनके फेफड़ों में भी जटिल समस्या थी।
इन गंभीर स्थितियों के कारण, किसी भी सर्जरी में कॉम्प्लिकेशन (Complication) आने का खतरा बहुत अधिक था।
🛑 रायपुर में हुई थी निराशा
शुरुआत में, मरीज़ इलाज के लिए रायपुर के एक बड़े अस्पताल गए थे, लेकिन उनकी जटिल स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए, वहाँ उन्हें इलाज के लिए लंबा इंतजार करने को कहा गया, जिससे मरीज़ और उनके परिजन निराश हो गए।
✨ आरोग्यम में डॉ. दारुका का सफल ऑपरेशन
इसके बाद मरीज़ आरोग्यम हॉस्पिटल पहुँचे, जहाँ उन्होंने डॉ. दारुका से परामर्श किया। डॉ. दारुका ने मरीज़ की हृदय और फेफड़ों की स्थितियों को समझा और उनकी जटिलता को ध्यान में रखते हुए, सावधानीपूर्वक सर्जरी की योजना बनाई।
चुनौतीपूर्ण मेडिकल कंडीशन्स (Comorbidities) के बावजूद, डॉ. दारुका और उनकी विशेषज्ञ टीम ने 16 MM की किडनी स्टोन को सफलतापूर्वक निकालने के लिए ऑपरेशन किया। यह ऑपरेशन पूरी तरह से सफल रहा।
हृदय और फेफड़ों की समस्याओं के बावजूद ऑपरेशन का सफल होना, आरोग्यम हॉस्पिटल की उच्च-जोखिम वाले यूरोलॉजिकल मामलों को संभालने की विशेषज्ञता और डॉ. दारुका की सर्जिकल कुशलता को दर्शाता है। मरीज़ अब पूरी तरह स्वस्थ है और उसे दर्द से राहत मिल चुकी है।