02/09/2022
स्वर्ण प्राशन संस्कार स्वर्ण (गोल्ड) के साथ शहद,ब्राह्मी, अश्वगंधा, गिलोय, शंखपुष्पी,वचा आदि जड़ी बुटियों से निर्मित एक रसायन है।
स्वर्णप्राशन संस्कार से बच्चों की शारीरिक एवं मानसिक गति में अच्छा सुधार होता है। यह बहुत ही प्रभावशाली और इम्युनिटी बूस्टर होता है, जो बच्चों में रोगों से लड़ने की क्षमता पैदा करता है।
स्वर्णप्राशन के लाभ
1-स्वर्ण प्राशन संस्कार के पालन से बालक की बुद्धि, मन, बल एवं पाचन शाक्ति में तेजस्व की वृद्धि होती है।
2-प्रतिदिन स्वर्ण प्राशन का सेवन अगर किसी अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक की देखरेख में किया जाये तो बालक तेजस्वी बनता है।
6 माह तक नियमित सेवन से बच्चे में स्मरण शाक्ति बढ़ोत्तरी होती है। बच्चा जो बाते सुनता है उसे वह हमेशा याद रहती है।
3-रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है अर्थात सामान्य बच्चों के मुकाबले यह बालक जल्दी से बीमार नही होता है।
4-शारीरिक शाक्ति में वृद्धि होती है ।
5-मानसिक एवं शारीरिक विकास होने से बालक होशियार और बुद्धिमान बनता है।
5-पाचन तंत्र मजबूत होता है।
6-स्वर्णप्राशन से बैक्टीरियल और वायरस (कोरोना वायरस) संक्रमण से आसानी से बचा जा सकता है।
6-महामारी एवं मौसमी बीमारियों से बच्चों के स्वास्थ्य का ख्याल रखता है।
डा रविन्द्र चौहान
8869005770