05/12/2025
Gastroenterologist in Faridabad, Dr Vishal Khurana, explains How Delhi NCR Air Pollution Causing Digestive Issues and How to take care of Digestive and Liver Health in smog and high AQI?
दिल्ली की सर्दी और स्मॉग में बच्चे, बुज़ुर्ग और कामकाजी लोग फेफड़ों के साथ‑साथ पेट, आंत और लिवर की सूजन, गैस, एसिडिटी, IBS, इम्युनिटी कमज़ोर होने जैसे जोखिमों का सामना करते हैं।
Q1. दिल्ली की सर्दी और प्रदूषण का पेट और लिवर पर क्या असर पड़ता है?
A: रिसर्च से पता चला है कि हवा में मौजूद बारीक पार्टिकुल (PM2.5, PM10) शरीर में सूजन, ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस और इम्युनिटी गड़बड़ करके आंतों की परत और गट माइक्रोबायोम को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे गैस, एसिडिटी, IBS और IBD जैसी समस्याओं का जोखिम बढ़ जाता है। लगातार एक्सपोज़र से मेटाबॉलिक गड़बड़ियां और फैटी लिवर, लिवर इंफ्लेमेशन व डायबिटीज़ का रिस्क भी बढ़ सकता है, खासकर बच्चों, बुज़ुर्गों और पहले से बीमार लोगों में।
Q2. कौन‑कौन से लोग सबसे ज़्यादा रिस्क में हैं?
A: बच्चे, बुज़ुर्ग, प्रेग्नेंट महिलाएं, दिल‑फेफड़े की बीमारी, दमे, डायबिटीज़, मोटापे या पहले से लिवर/आंत की बीमारी वाले लोग स्मॉग के दौरान जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। जिनका ज़्यादातर समय बाहर सफर, कंस्ट्रक्शन या ट्रैफिक के बीच बीतता है, या जो बिना मास्क के सुबह‑शाम वॉक/जॉगिंग करते हैं, उनका एक्सपोज़र और भी ज़्यादा होता है।
Q3. रोज़मर्रा की कौन‑सी आदतें पेट और लिवर को इस मौसम में मज़बूत रख सकती हैं?
A: दिन भर में 8–10 गिलास गुनगुना पानी, सूप, हर्बल टी (अदरक, तुलसी, हल्दी) लें ताकि डिटॉक्सिफिकेशन, म्यूकस लाइनिंग और गट बैरियर की सुरक्षा हो सके।
प्लेट में रोज़ रंग‑बिरंगी सब्ज़ियां, फल, सलाद, आटे/दालों से फाइबर और नट्स–सीड्स से ओमेगा‑3 व अच्छे फैट शामिल करें ताकि एंटीऑक्सीडेंट और प्रीबायोटिक सपोर्ट मिल सके।
Q4. प्रदूषण के दिनों में क्या खाने‑पीने से बचना चाहिए?
A: बहुत ज़्यादा तला‑भुना, रिफाइंड आटा, जंक फूड, शक्कर और मीठे पेय शरीर में इंफ्लेमेशन और फैटी लिवर की प्रवृत्ति बढ़ाते हैं, इसलिए इन्हें सीमित रखें। ज़्यादा कैफीन, एनर्जी ड्रिंक और बेवजह हार्ड ड्रिंक्स लिवर पर अतिरिक्त बोझ डालते हैं, खासकर जब पहले से हवा और स्मॉग से टॉक्सिन लोड बढ़ा हो।
Q5. दिल्ली के स्मॉग से बचाव के लिए घर और ऑफिस में क्या सावधानियां रखें?
A: जब AQI बहुत खराब हो, तो खिड़कियां‑दरवाज़े बंद रखें, N95/N99 मास्क का उपयोग करें, HEPA फ़िल्टर या एयर‑प्यूरिफ़ायर और गीले पोंछे से धूल नियमित साफ करें ताकि इनडोर एक्सपोज़र घटे। घर या ऑफिस में पीस लिली, स्नेक प्लांट, अरेका पाम जैसे इनडोर पौधे और स्मोक‑फ्री माहौल, वेंटिलेशन व किचन एग्जॉस्ट भी हवा को कुछ हद तक बेहतर कर सकते हैं।
Q6. बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए खास गट‑फ्रेंडली विंटर टिप्स क्या हैं?
A: बच्चों को सुबह‑शाम खाली पेट बाहर खेलने/ट्यूशन भेजने से बचें, दोपहर का समय चुनें, मास्क लगवाएं और वापस आकर गुनगुना पानी, सूप या हर्बल ड्रिंक ज़रूर दें।
बुज़ुर्गों के लिए हल्की घर की बनी खिचड़ी, दाल‑चावल, सब्ज़ी, दही/छाछ (अगर टोलरेट हो) और थोड़ी वॉक इंडोर/कॉरिडोर में बेहतर है बनिस्पत घने स्मॉग में लंबी वॉक के।
Q7. सर्दी में इम्युनिटी और लिवर सपोर्ट के लिए कौन‑सी देसी चीज़ें मदद कर सकती हैं?
A: सीमित मात्रा में हल्दी‑दूध, अदरक‑तुलसी की चाय, गुड़‑तिल या सूंठ‑गुड़‑घी वाले छोटे लड्डू जैसी पारंपरिक चीजें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी‑इंफ्लेमेटरी और डाइजेशन‑फ्रेंडली मानी जाती हैं। मौसम के हिसाब से गन्ने का रस या शुगरकेन (दिन में, साफ जगह का) लिवर डिटॉक्स और एनर्जी के लिए उपयोगी बताया गया है, पर डायबिटीज़ या फैटी लिवर वाले लोग डॉक्टर से पूछकर ही लें।
Q8. सर्दियों में एक्सरसाइज़ कैसे करें ताकि दिल, फेफड़े, गट और लिवर सभी सेफ रहें?
A: AQI बहुत खराब होने पर सुबह‑शाम की आउटडोर रनिंग या हाई‑इंटेंसिटी वर्कआउट से बचें और योग, प्राणायाम (साफ कमरे या प्यूरिफ़ायर वाले एरिया में), इंडोर वॉक, स्ट्रेन्थ ट्रेनिंग जैसी इंडोर एक्टिविटी चुनें। जिसे अस्थमा, COPD, दिल की या गंभीर लिवर बीमारी है, उसे सर्दी‑प्रदूषण के मौसम में वर्कआउट प्लान अपने डॉक्टर से मिलकर कस्टमाइज़ करवाना चाहिए।
Q9. कब समझें कि अब स्व‑केयर से ज़्यादा, डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है?
A: अगर कई दिनों से लगातार खांसी, सीने में जकड़न, सांस फूलना, तेज़ सिरदर्द, आंख/गले में जलन के साथ पेट में लगातार दर्द, ब्लोटिंग, खट्टी डकार, बार‑बार लूज़ motions, खून वाली स्टूल या वजन तेजी से घट रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जिनको पहले से फैटी लिवर, हेपेटाइटिस, सिरोसिस या IBD, IBS, GERD जैसी बीमारियां हैं, उन्हें प्रदूषण के सीज़न में अपनी दवाएं रेगुलर लेना, फॉलो‑अप और टेस्ट समय पर कराना और किसी भी नए लक्षण को नज़रअंदाज़ न करना चाहिए।
Q10. कामकाजी लोगों के लिए “डेली विंटर रूटीन” कैसा हो सकता है?
A:
सुबह: AQI चेक करें, ज़रूरत हो तो मास्क पहनें, गुनगुना पानी + हल्का नाश्ता (फाइबर और प्रोटीन), दवाएं समय पर।
दिन में: बाहर कम से कम चक्कर, कार में खिड़की बंद, ऑफिस में वेंटिलेशन और संभव हो तो प्यूरिफ़ायर, बीच‑बीच में पानी व हर्बल टी, जंक/डीप‑फ्राइड से बचें।
शाम‑रात: लेट‑नाइट भारी खाना न लें, डिनर और सोने के बीच कम से कम 2–3 घंटे का गैप रखें, स्क्रीन टाइम कम करें और 7–8 घंटे की नींद से गट‑माइक्रोबायोम और लिवर की रिकवरी को समय दें।
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DrVishal Khurana
MBBS, MD, DM (Gastroenterology), MNAMS, FACG (USA), TEDx speaker, IBR Achiever
Gastroenterologist and Liver Expert in Faridabad, Delhi NCR
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