06/07/2025
आज दस मोहर्रम, यानि यौमे आशूरा है जो मोहर्रम इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है और दस मोहर्रम का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम और उनके साथियों ने करबला की जंग में सच्चाई, इंसाफ और धर्म की हिफाज़त करते हुए अपनी जान कुर्बान कर दी थी।
यह दिन हमें यह सबक देता है कि ज़ुल्म के सामने कभी झुकना नहीं चाहिए और हक व सच के लिए अपनी जान भी देनी पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए। इमाम हुसैन का पैगाम है कि इंसानियत, सब्र, हिम्मत और इंसाफ को हमेशा अपनी जिंदगी में ज़िंदा रखो।
आइए, हम इस मोहर्रम के मौके पर उनकी कुर्बानी को याद करें और अपने दिलों में इंसाफ, सच्चाई और सब्र की मिसाल को कायम रखें।