09/12/2019
गलत खानपान, जीवनशैली और अंग्रेजी दवाओं के कारण कम उम्र में ही घुटनों में कईं प्रकार की तकलीफ का सामना हमारे नौजवान कर रहे है जिस कारण प्रतिदिन के सामान्य क्रियाकलाप प्रभावित होते है। घुटनों में दर्द, आवाज, सूजन, उठने-बैठने में दर्द आदि का हमारे शरीर में प्राथमिक कारण वात का बढ़ना है। ऐसा कोई भी भोजन दोपहर बाद ना खाए जिससे वात बढ़ता हो जैसे आलू, मटर आदि। लस्सी का सेवन भी दोपहर बाद ना करें। तीनो समय का खाना समय से खाए- ब्रेकफास्ट 8 बजे तक, लंच 12.30 से 2.00 बजे तक, डिनर 8 बजे से पहले कर लेना चाहिए। घुटनों की तकलीफ का एक कारण कब्ज भी है। यदि किसी को कब्ज़ रहती है तो घुटनों की तकलीफ आएगी ही। इसलिए पेट साफ होना बहुत जरूरी है। कब्ज़ का लगातार रहना शरीर में खतरनाक बीमारियों को न्यौता देना है।
आदियोगी योगपीठ पर फ्री कैम्प के दौरान घुटना दर्द के मरीजों का उपचार किया गया। यह उपचार Auricular Therapy द्वारा दिया गया। इस थैरेपी मैं उपचार कान के कुछ विशेष बिंदुओं पर दबाव देकर किया जाता है जोकि बहुत ज्यादा असरकारक है। इस पद्ति का कोई साइड इफ़ेक्ट भी नही है। Auricular Therapy के द्वारा शरीर की किसी भी बीमारी का इलाज किया जा सकता है जैसे शुगर, थायरॉइड, माइग्रेन, मोटापा, अनिद्रा, सिर दर्द, कब्ज, अल्सर, कमर दर्द, नसों की बीमारी, डिप्रेशन, कद न बढ़ना, किडनी, लीवर, हार्ट की बीमारी आदि आदि
हमारा संस्थान समय समय पर निःशुल्क शिविरों का आयोजन करता रहता है जैसे एक्यूप्रेशर कैम्प, ओरिकुलर कैम्प, योगा कैम्प, फिजियोथेरेपी कैम्प। यह कैम्प हमारे संस्थान व अन्य स्थानों पर आयोजित किया जाता है।
यदि कोई व्यक्ति, संस्था, संगठन, ट्रस्ट समाज सेवा के लिए हमारा सहयोग चाहता है तो हम निःशुल्क सेवा के लिए तत्पर है।
अमित लाठर 9253103365
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