11/11/2024
#ॐसर्वेभवन्तुसुखिनः
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
#ॐशान्तिःशान्तिःशान्तिः॥
😵 मित्रों अनजान हूँ कि इस असार संसार में किसी को आशीर्वाद देने की क्षमता या अधिकार किसे है; हाँ अनेक करुणाशील लोग वैभिन्न् प्राणियों पर कृपा अवश्य करते हैं किन्तु निरन्तर यह कामना की है कि सभी सदा सुखी हों, सब का कल्याण हो और शान्त्ति के क्षणों में इसी चिन्तन में रत रहता हूँ। (यों, मन हर मानव में होता है। सब अपने अपने ढंग से सोचते हैं। अनेक लोगों का सोचना, समझना एक सा हो सकता है।)
शास्त्र सम्मत मंत्र #लोकःसमस्ताःसुखिनोभवन्तु का भी यही तात्पर्य है कि 'पूरी दुनिया में हर कोई खुश रहे।' यह मंत्र वैश्विक कल्याण के लिए प्रार्थना या श्लोक के रूप में कार्य करता है। इस मंत्र का अभिप्राय यह भी है कि 'सभी प्राणी सर्वत्र (हर जगह) स्वतंत्र और प्रसन्न रहें।'