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DiscoverYourself स्वयं का स्वयं से साक्षात्कार :-: By this art we d

 #ॐसर्वेभवन्तुसुखिनः सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥ #ॐशान्ति...
11/11/2024

#ॐसर्वेभवन्तुसुखिनः
सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत्॥
#ॐशान्तिःशान्तिःशान्तिः॥
😵 मित्रों अनजान हूँ कि इस असार संसार में किसी को आशीर्वाद देने की क्षमता या अधिकार किसे है; हाँ अनेक करुणाशील लोग वैभिन्न् प्राणियों पर कृपा अवश्य करते हैं किन्तु निरन्तर यह कामना की है कि सभी सदा सुखी हों, सब का कल्याण हो और शान्त्ति के क्षणों में इसी चिन्तन में रत रहता हूँ। (यों, मन हर मानव में होता है। सब अपने अपने ढंग से सोचते हैं। अनेक लोगों का सोचना, समझना एक सा हो सकता है।)
शास्त्र सम्मत मंत्र #लोकःसमस्ताःसुखिनोभवन्तु का भी यही तात्पर्य है कि 'पूरी दुनिया में हर कोई खुश रहे।' यह मंत्र वैश्विक कल्याण के लिए प्रार्थना या श्लोक के रूप में कार्य करता है। इस मंत्र का अभिप्राय यह भी है कि 'सभी प्राणी सर्वत्र (हर जगह) स्वतंत्र और प्रसन्न रहें।'

08/09/2024

।।राम🙏राम।।
इरादे में दम है तो भक्ति के पथ पर कदम रखें, वरना दिखावा बर्बाद कर देगा!

॥ *राम🙏राम* ॥   साधना का लक्ष्य ब्रह्मानन्द है। यह परमेश्वर को प्राप्त करने के पश्चात ही सम्भव है। इसके लिए मन की निर्मल...
28/08/2023

॥ *राम🙏राम* ॥
साधना का लक्ष्य ब्रह्मानन्द है। यह परमेश्वर को प्राप्त करने के पश्चात ही सम्भव है। इसके लिए मन की निर्मलता के साथ शरीर की स्वच्छता भी आवश्यक है। जहाँ तक सामर्थ्य हो, इसका ध्यान रखा ही जाना चाहिए। यद्यपि ज्ञानी जन कहते हैं कि बिस्तर पर मज़बूर पड़े मरीज़ के लिए यह ज़रूरी नहीं।अपना मानना है कि आस्था से निष्ठापूर्वक निर्मल मन सँग तन के स्वस्थ और सुदृढ़ रहते इसे स्वच्छ व शुद्ध रखा जाए तो बिस्तर पर पड़े रहने की स्थिति से बचा जा सकता है। सो समय रहते...
#भगवद्शरणम्_गच्छामि।

29/06/2023

।।*राम🙏राम*।।
वैदिक-सनातन हिन्दुत्व लोकतंत्र की प्राचीनतम रीति है। इसमें सभी को समाहित करने की सामर्थ्य है।
🕉️🚩🕉️
Vaidik-Sanatan Hindutva is the oldest form of DEMOCRACY. It has the power to amalgamate everyone into it.

।। *राम🙏राम* ।।ॐ नमोहनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रु संहारणाय।सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।🌹🌸🕉️🌸🌹
23/05/2023

।। *राम🙏राम* ।।
ॐ नमोहनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रु संहारणाय।
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।।
🌹🌸🕉️🌸🌹

 #श्रीगुरुचरणं_श्रीगुरुशरणम् ~~~🌞 अखण्ड मण्डलाकारं व्याप्तं येन् चराचरम्।तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नम:।।
10/04/2023

#श्रीगुरुचरणं_श्रीगुरुशरणम् ~~~
🌞 अखण्ड मण्डलाकारं व्याप्तं येन् चराचरम्।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नम:।।

 #निष्ठावानहोइए_प्रदर्शनसेबचिए (   )   हर काम में तदानुरूप निष्ठा आवश्यक है। कौशल एक अलग बात और युक्ति है। मोची को अलग त...
03/04/2023

#निष्ठावानहोइए_प्रदर्शनसेबचिए
( )
हर काम में तदानुरूप निष्ठा आवश्यक है। कौशल एक अलग बात और युक्ति है। मोची को अलग तरह के कौशल की ज़रूरत होती है और चिकित्स्क को दूसरे तरह की। इसी प्रकार विद्यार्थी, राजनीतिज्ञ, खिलाड़ी, किसान या वाहन अथवा, ट्रेन, वायुयान चालक और अन्य सभी कामगार तथा उद्यमी होते हैं। सभी के काम में महत्त्वपूर्ण निष्ठा होती है जो काम के अनुरूप कौशल को विकसित कर लेती, तलाश अथवा जुटा लेती है। व्यापारी या, कोई साधक अपने काम को निष्ठा से करके ही क़ामयाब होता है। उसकी भक्ति भी निष्ठापूर्वक होती है किन्तु वह प्रदर्शन से सायास बचता और ऐसा करते हुए सफल होता है। #आत्मस्वामी

अविरल आनन्द के लिए संयम साधना व व्रतनिष्ठ जीवन आवश्यक है। यही समदर्शिता देता है। इस प्रकार से साक्षी-भाव पाकर कोई राग-द्...
03/04/2023

अविरल आनन्द के लिए संयम साधना व व्रतनिष्ठ जीवन आवश्यक है। यही समदर्शिता देता है। इस प्रकार से साक्षी-भाव पाकर कोई राग-द्वेष मुक्त हो जाता है। जो कुछ भी हो रहा है- उसे उसी रूप में देखना ही साक्षीभाव (Equanimity) है। इसे यों समझ सकते हैं कि, दूसरों के साथ और अपनी गतिविधियों को भी निर्लिप्त भाव से देखते हुए केवल दर्शक बने रहना साक्षीभाव है। यह विशिष्ट गुण सत्य पथ पर समर्पित रहने से आता है। स्वयं को खोजिए ( ) तथा पहचानिए। यह सभी दुःखों तथा उपाधियों से मनुष्य को अलग कर देता है।
#आत्मस्वामी

।। *राम🙏राम* ।।'राम-राम', 'प्रणाम' और 'नमस्ते' अभिवादन के ऐसे शब्द हैं जो किसी भी समय बोलिए, परिणाम और 'भाव-अर्थ' हमेशा ...
15/03/2023

।। *राम🙏राम* ।।
'राम-राम', 'प्रणाम' और 'नमस्ते' अभिवादन के ऐसे शब्द हैं जो किसी भी समय बोलिए, परिणाम और 'भाव-अर्थ' हमेशा समान रहते हैं!
🌻🌹🕉️🌹🌻

।।🛕 *सब को राम-राम* 🛕।। सब शक्तिशाली हों।।नयन नीरु हटि मंगल जानी। परिछनि करहिं मुदित मन रानी॥बेद बिहित अरु कुल आचारू। की...
26/09/2022

।।🛕 *सब को राम-राम* 🛕।। सब शक्तिशाली हों।।
नयन नीरु हटि मंगल जानी। परिछनि करहिं मुदित मन रानी॥
बेद बिहित अरु कुल आचारू। कीन्ह भली बिधि सब ब्यवहारू॥
⬇️ (मण्डप में श्री रामजी के विराजने के उपरान्त) मङ्गल अवसर जानकर नेत्रों के जल को रोके हुए रानी (सुनयनाजी) प्रसन्न मन से परछन करने लगीं। वेदों में कहे हुए तथा कुलाचार के अनुसार सभी व्यवहार रानी ने भलीभाँति किये।
🙏🍃🌷🍃🕉️🍃🌷🍃🙏

18/09/2022
16/09/2022

#सम्बन्धशास्त्रकासिद्धान्त
जहाँ सम्बन्ध की सम्भावना हो वहाँ संयमित साधना आवश्यक होती है। इस साधना के लिए निरन्तर संवाद करते रहना सहज प्रक्रिया है। यही विश्वास बढ़ाता है जो बनने वाले सम्बन्ध के आधार होते हैं।

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"BRAHMA-GIRI" 1/194 Viraj Khand-1, (Near Hotel GRAND JBR)
Gomti Nagar
226010

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