17/08/2025
17 अगस्त 2025
शहीद भगत सिंह संगठन समिति के प्रधान सरदार कृष्ण सिंह इलावादी और आयोजकों का धन्यवाद करता हूं, मुझे आज मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करने के लिय।
जो देश के लिए कुर्बान हुए
अपने खूंन से जिस ज़मींन को सींचा
उन बहादुरों को मेरा सलाम है…
मदन लाल ढींगरा स्वतंत्रता सैनानी और क्रांतिकारी थे जिन्होंने आजादी की लड़ाई में अपना बलिदान दिया।
पिता ने लाहौर पड़ने भेजा तो वहाँ ब्रिटेन से मंगाए गए कपड़ों के खिलाफ बगावत कर दी। कॉलेज से निकलना मंजूर किया पर माफी नहीं मांगी।
खुद्दारी ऐसी की घर नहीं लोटे, पहले कालका-शिमला और फिर मुंबई में की नौकरी।
पिता ने किसी प्रकार मनाकर लंदन भेजा इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने। पर जब देश प्रेम का जुनून सवार हो, तो पढ़ाई कहाँ होनी थी। विनायक दामोदर सावरकर जी के संपर्क में आए और अभिनव भारत का सपना रोज देखने लगे।
ढींगरा जी पहले स्वतंत्रता सैनानी बने जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ अंग्रेजों की धरती पर अंग्रेजी अफसरान को मौत के घाट उतारा था।
ढींगरा जी का बलिदान हमें कईं महत्वपूर्ण सबक देता है। उन्होंने हमें सिखाया कि स्वतंत्रता अनमोल है और इसके लिए किसी भी तरह का बलिदान देने को तैयार रहना चाहिए। उन्होंने हमें अन्याय के खिलाफ लड़ने और अपने अधिकारों के लिए खड़े होने का साहस दिया।
आजादी तो हमें मिल गई पर समस्याएं अभी बाकी हैं। आज़ादी एक सफर है, एक मंजिल नहीं। हमें एक ऐसे भारत का निर्माण करना है, जहाँ हर कोई सुरक्षित, सम्मानित और सशक्त हो। अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों को भी याद रखना होगा। तभी सच्ची आजादी का सपना पूरा होगा।
जय हिन्द!