19/11/2019
नगमा ए लाजवाब पैदा कर,
जज्बा ए बेमिसाल पैदा कर,,
ऐब गैरों में देखने वाले,,,
पहले अपने में कमाल पैदा कर,,, आज मिरी man mai कुछ विचार आये जो आप सब के साथ साझा करना चाहता हु आज जरूरत है हम सबको मिलजुल कर चलने की जात मजहब बिरादरी से ऊपर उठकर पूरी इंसानियत के लिए काम किया जाए आज अगर हम चाहे छोटे-छोटे कामों से लोगों के दिलों को जीत सकते हैं मोहब्बत के खिदमत के इंसानियत के शिक्षा के भाईचारे के पैगाम को आम कर सकते हैं कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन हमें सक्रिय रहना पड़ेगा हमें हर वक्त जागरूक बेदार रहना पड़ेगा अगर हम किसी को पक्की पेंसिल नहीं दिला सकते शिक्षा के लिए तो कम से कम उसे कच्ची पेंसिल दिलाएं और मालदार होने का इंतजार ना करें जो आज है उसी से काम करें अगर हम किसी को पेट भर कर खाना नहीं खिला सकते तो कम अज कम उसको आधी रोटी तो खिलाएं मालदार होने का इंतजार ना करें अगर हम किसी को पूरे पूरे कपड़े नहीं दिला सकते नहीं पहना सकते तो कम से कम उसको हम एक जोड़ी मोजे एक रुमाल तो दिला सकते हैं तो उसको दिलाएं लेकिन इन कामों में हिस्सा जरूर लें कोई गरीब कमजोर कहीं जाना चाहता है उस पर किराए के लिए पैसे नहीं है अगर हम उसको 20 किलोमीटर का किराया नहीं दे सकते तो कम से कम उसको हम 2 किलोमीटर का किराया देकर इंसानियत खिदमत के पैगाम को आम कर सकते हैं कोई बड़ी बात नहीं है लेकिन हमें इन बातों को दिल पर लेना पड़ेगा तब यह सब काम आसान हो जाएंगे किसी गरीब कमजोर को दवाई की जरूरत है तो आप कहीं ना कहीं ऐसा कोई कांटेक्ट जरूर होगा क्या आप उसको सस्ती और अच्छी दवा दिला सकते हैं कोई बड़ी बात नहीं है अगर चाहे अगर किसी को हमारे भाई को राशन नहीं मिलता और आज राशन से बहुत फायदा होता है कि महीनों का भी कभी-कभी काम चल जाता है जिस घर में कम लोग हो बेचारे इस राशन से अपने घर का गुजारा कर लेते हैं अगर वक्त पर मिल जाए और उसका हक है हम सब चाहे मिलजुल कर और मोहब्बत से डीलर साहब से बात करें उनका जो कागज मुकम्मल ना हो आप जानकार हैं आप शिक्षित हैं उनके काम को आसानी से कराकर उनकी मुश्किलों को आसान कर सकते हैं इसी तरह से अगर हम सब मिलजुलकर चाहे तो हमें किसी चीज की जरूरत नहीं है हम और आप मिल जुल कर पूरे गांव को रोशन कर सकते हैं लोगों को फायदा पहुंचा सकते हैं बस कोशिश करने की जरूरत है कि हमारे बेडरूम के अंदर हमारे घर के अंदर एक नई दस दस बल्ब लगे हुए हैं वीआईपी लेकिन हम यह नहीं कर पा रहे हैं एक बल्ब हम दरवाजे पर बाहर की तरफ लगाएं जिससे बूढ़े कमजोर हर तरह के लोग फायदा उठाएं और रोशनी में आए और जाएं गांव के अंदर अच्छा खुशनुमा माहौल होगा इससे आप और हम अंदाजा लगा सकते हैं बस हमें थोड़ी सी कोशिश करनी है देखिए तो सही इसी तरह से हम अपने बड़े से बड़े घर में सफाई करते हैं अपनी दुकान में सफाई करते हैं इसी तरह हम यह जिम्मेदारी समझें कि हमारे सामने जो सड़क है उसकी सफाई हम खुद अपने हाथ से कर दें तो सोचो पूरे गांव के अंदर कितना स्वच्छ का माहौल हो जाएगा अगर हम अपना अपना सहयोग दें गांव के क्षेत्र के विकास में तो अपने क्षेत्र को बहुत आगे ले जा सकते हैं लेकिन इसके लिए सब के सहयोग की की जरूरत है इसी तरह गर्मी का मौसम हो तो हमें चौराहों पर शरबत का इंतजाम करना चाहिए जो कोई बड़ी बात नहीं है अगर चार पांच नौजवान मिलकर इस काम को करें तो यहीं से तो मोहब्बत आम होगी यही से तो खिदमत का पैगाम आम होगा और आने जाने वालों की प्यास बुझेगी दुआएं मिलेंगी इसी तरह सर्दी का मौसम आ रहा है अगर हम सब मिलजुल कर चाहे कभी-कभी महीने में दो बार आने जाने वाले रास्तों पर चाय का इंतजाम कर दें जिससे आने-जाने वाले फायदा उठाएं और मिलकर करें तो कोई बड़ा खर्च का असर किसी एक पर नहीं पड़ेगा और मिलजुलकर ही यह काम आगे बढ़ते हैं किसी दूसरे को दोष ना दें कि उसने यह काम नहीं किया उसने फुला काम नहीं किया हमारी भी जिम्मेदारी है हमें भी काम करने चाहिए लोगों के काम आना चाहिए दूसरों का इंतजार नहीं करना चाहिए कोई आएगा वह यह काम करेगा बल्कि हम सब को आगे बढ़कर यह तमाम सामाजिक काम करने चाहिए वरना अगर कोई आगे बढ़ कर हमसे पूछ ले कि तुमने क्या किया तो कोई जवाब है तो खाली सवाल नहीं किए जाएं किसी पर खुद काम किए जाएं हर गांव गांव में लोगों को जोड़ा जाए और बताया जाए जो तुम्हें बाटे वह तुम्हारा अपना नहीं हो सकता सब अपने अपने बच्चों को शिक्षा दिलाओ आगे बढ़ाओ जिम्मेदार बनाओ उनका वजूद बनाओ उनकी पहचान बनाओ उनकी हौसला अफजाई करो और यह भी याद रखो अगर तुम दूसरों के बच्चों से मोहब्बत करोगे उनके हौसला अफजाई करोगे उनकी मदद करोगे तो तभी तुम्हारी और तुम्हारे बच्चों की कोई मदद करेगा इसलिए पहले हमें आगे बढ़कर यह काम करना है जब कोई यह माहौल बनेगा और अपने दिलों से जलन हसद घमंड बिल्कुल दूर करो अपने अपने पड़ोसियों का खास ख्याल रखो उन्हें किसी तरह की दिक्कत मत होने दो सबके काम आओ ना उसका मजहब देखो ना उसकी बिरादरी देखो न ये देखो यह बड़ा है यह छोटा है बस यह देखो यह इंसान है यह हमारा हिंदुस्तानी भाई है और हम सब आपस में भाई-भाई हैं यहीं से इंसानियत का पैगाम आम होगा और हम मिलजुल कर अपने अपने छोटे बच्चों को छोटे-छोटे प्रोग्रामों के जरिए उनकी शिक्षा को लेकर उनकी हौसला अफजाई करें जिससे उनके अंदर हिम्मत पैदा हो देश कॉम की सेवा करने की इसी तरह से हमें सब को जागरूक करना है कि सब लोग नशे से बचें नशा इंसान का नाश कर देता है तमाम बुराइयों की जड़ है नशा इससे खुद भी बचें और अपने आसपास इसको लेकर लोगों को जागरूक करें यह हमारी सबकी जिम्मेदारी है अपने आस-पड़ोस देखें कि किसका बच्चा शिक्षा हासिल नहीं कर पा रहा है उससे पूछें उसे क्या जरूरत है क्यों नहीं जा पा रहा स्कूल मदरसा पहुंचाने की कोशिश करें इसी तरह से हरियाली के लिए ताजा हवाओं के लिए हम सब अपनी अपनी जिम्मेदारी जरूरत समझते हुए ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं और दूसरे लोगों को भी इसके लिए जागरूक करें कि सब खुशियों आदि के मौके पर ज्यादा से ज्यादा पौधे लगाएं पॉलिथीन को बिल्कुल खत्म करें यह हम सबकी जिम्मेदारी है इसी तरह जरूरत आज नौजवानों को सियासत के अंदर आने की एक अच्छी सच्ची नुमाइंदगी के लिए कोशिश करें क्योंकि सब आजाद हैं कोई भी इलेक्शन लड़ सकता है किसी को भी लड़ा सकता है और ऐसे लोगों को चुने जो लोगों को बांटे नहीं जो बिल्कुल भेदभाव नहीं करें जो यह न कह के फुला ने मुझे वोट नहीं दिया मैं उसका काम नहीं करूंगा बलके लोगों के काम आने को को जरूरी समझे क्योंकि यह जो इज्जत यह सम्मान एक कुर्सी जो मिली है आपको तमाम लोगों की दुआओं कोशिशों सपोर्ट और वोट से मिलती है और जीत के बाद आप सामने वाले को कमजोर समझो उसको सम्मान नहीं दो तो यह यह कुर्सी आने जाने वाली है आज है कल चली जाएगी पर इस कदर की जाए और जो लोग तुम्हारे पास काम के लिए आए उसके लिए आप ईश्वर का अल्लाह का शुक्र अदा करें उनको बहुत बहुत इज्जत सम्मान दे कि लोग आपके पास काम के लिए आ रहे हैं वरना तुम्हारी तरह इंसान तो और भी बहुत हैं लेकिन लोगों ने आप को चुना अल्लाह ईश्वर ने आपको इज्जत दी इसकी कदर करें और कदर करने वाले लोगों को आगे बढ़ाया जाए और बहुत सारी बातें आइए हम सब मिलकर कोशिश करें अपने देश को आगे बढ़ाएं जहां भी रहे अपने आसपास तमाम लोगों के काम आए अमन इंसाफ इंसानियत शिक्षा खिदमत भाईचारा के पैगाम को आम करें लेखक :-आमिर चौधरी