12/09/2025
#सर्वफलप्रद_पितृश्लोक मंत्र॥
पितरों का एक ऐसा श्लोक जिसके केवल तीन बार स्मरण मात्र से पितृ प्रसन्न होकर खुश रहते है और परिवार में सबको अपना आशीर्वाद प्रदान करते है । सर्वस्व देनेवाला है यह पितृ श्लोक।
पितृ दोष दूर करता है । सभी ग्रहदोष दूर करता है। घर में कलह शांत हो करता है । वंशवृद्धि के दोष दूर करता है । दरिद्रता का नाश करता है । स्थिर लक्ष्मी देता है । आरोग्य प्रदान करता है ।
जब भी घर में श्राद्ध हो उस दिन श्राद्ध कर्म से पूर्व तीन बार इसका स्मरण करके श्राद्ध करने से श्राद्ध कर्म सफल होता है ।
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव भवन्तुते ॥१॥
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव भवन्तुते ॥२॥
ॐ देवताभ्यः पितृभ्यश्च महायोगिभ्य एव च।
नमः स्वधायै स्वाहायै नित्यमेव भवन्तुते ॥३॥
रक्षोभूतपिशाचेभ्यस्तथैवासुरदोषतः ।
सर्वतः पितरो रक्षां कुर्वन्तु मम नित्यशः ॥
राक्षसों, भूत-प्रेतों और राक्षसों के दोषों से।
पितर सदैव सब ओर से मेरी रक्षा करें।।
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