Sattva wellness Clinic Naturopathy Ayurveda and Yoga

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Detox and destress yourself with special yogic techniques health is only wealth, money will not give health.change your life by yoga Naturopathy and Ayurvedic panchkarma Acupressure, reflexology sujok,cupping therapy

27/04/2022
19/04/2022

We are Hiring
One male and one female naturopathy Therapist with minimum 3-5 year experience.
Sallary 15k-18k with accommodation.
Nirmala Arogyagram ( VRR wellness )
Bangalore
Contact- 8762040381/ 99806 95943
Mail id- nirmalahospital22@gmail.com

01/11/2021
 #कदंब :- सबको लुभाने वाले इस फल के फायदे जान हैरान रह जाएंगे आप! #आवाज_एक_पहल----------------+++++++---------------कदंब...
30/08/2021

#कदंब :- सबको लुभाने वाले इस फल के फायदे जान हैरान रह जाएंगे आप!
#आवाज_एक_पहल
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कदंब को देव वृक्ष माना जाता है । भगवान श्री कृष्ण को सबसे प्रिय कदंब उनकी मनमोहक लीलाओं का अवलोलक रहा है। सुभद्रा कुमारी चौहान जी की कविता 'यह कदम का पेड़ अगर मां होता यमुना तीरे ,मैं भी उस पर बैठ कन्हैया बनता धीरे-धीरे 'हर हिंदीभाषी के जुबान पर होता है।आयुर्वेद मैं भी कदंब का बहुत बखान किया गया है और इसमें कई रोगो की निवारण करने की क्षमता है।

इसका पेड़ बहुत तेजी से बढ़ता है और इसकी ऊंचाई 20-40 फ़ीट की मध्यम कोटि तक होती है। पत्ते महुवा से मिलते हैं, पर थोड़े छोटे और चमकीले होते हैं। वर्षा ऋतु पर इस पर फूल आते हैं। इसके डंठल पर चक्राकार पीले गुच्छे के रूप में बहुत छोटे सुगंधमय फूल होते हैं। कहा जाता है कि बादलों की गर्जना से इसके फूल अचानक खिल उठते हैं। पीला पराग झरने के बाद, पकने पर लाल हो जाते हैं। इसे 'हरिद्र' और 'नीप' भी कहा जाता था। फूलों में से इत्र निकाला जाता है। औरतें इनसे अपना शृंगार करती हैं।

ईसकी पत्ती,छाल,फल समान मात्रा में लेकर काढा पीने से टाईप २ डायाबिटीज ठीक होता है।

कदंब के फल का आकार गोल है। कदंब के फल के ऊपर फूल बनते हैं। इसको जहर प्रतिरोधी दवा के रूप में भी माना जाता है। बहुत सारे लोग सांप के जहर को काटने के लिए इसके पत्तों का इस्तेमाल करते हैं।
कदम्ब के फायदे-

बुखार आने पर-

बुखार की समस्या होने पर आप पांच तुलसी के पत्तों के साथ पांच ग्राम कदम्बिका की छाल को मिलाकर काढ़ा तैयार कर लें। इस काढ़े का सेवन थोड़े दिनों तक लगातर करते रहें इससे बुखार जल्दी ठीक हो जाएगा।

घाव ठीक करने के लिए-

घाव यदि ठीक ना हो रहे हों तो कदम्ब की पत्तियों और छाल को पानी में उबालें। फिर उसे गुनगुना होने पर उससे घावों को साफ करें। आपके घाव जल्दी ठीक हो जाएगें।

बच्चों में पाचन की समस्या-

बच्चों की पाचन शक्ति कमजोर होती है। इसलिए आप बच्चे को नियमित रूप से धूलिकदम्ब के फल या रस का सेवन कराएं।

पैरों की चोट व सूजन में-

सूजन और चोट लगने पर आप कदम्ब की छाल और पत्तों को लें और उसे पानी में उबाल लें और उसमें थोड़ा नमक मिला लें और उससे पैरों की सिकांई करें। इस उपाय से पैरों की चोट व सूजन ठीक हो जाती है।

शरीर की दुर्बलता-

यदि शरीर में कमजोरी हो तो आप राजकदम्ब के फलों से बने चूर्ण का सेवन नित्य पानी के साथ करें।
©लवकुश
आवाज एक पहल

"The doctor of the future will give no medicine, but will interest his patients in the care of the human frame, in diet,...
31/07/2021

"The doctor of the future will give no medicine, but will interest his patients in the care of
the human frame, in diet, and in the cause and prevention of disease." —Thomas Edison

27/07/2021

*Think it over*

*Never make the mistake of assuming that the man of peace is unskilled in war.*

*Good morning*...🌹🙏🏻

17/07/2021

एक वयस्क व्यक्ति हर साल माइक्रोप्लास्टिक के 52 हजार कण खाने के साथ अपने शरीर में ले रहा है। जबकि, सांस के जरिए हर साल एक लाख 21 हजार माइक्रोप्लास्टिक कण हमारे शरीर में पहुंच रहे हैं। यानी हर दिन 320 माइक्रोप्लास्टिक कण। माइक्रोप्लास्टिक यानी प्लास्टिक के ऐसे छोटे कण जिनका डायामीटर 130 माइक्रोमीटर तक है।

कनाडा के वैज्ञानिकों के हालिया शोध ने प्लास्टिक को लेकर बेहद चिंताजनक जानकारी सामने रखी है। पानी की बोतलें बिलकुल भी सुरक्षित नहीं हैं। केवल बोतल से पानी पीने वाले व्यक्ति के शरीर में साल में 90 हजार माइक्रोप्लास्टिक कण पहुंच जाते हैं। जाहिर है आप किस जगह पर रहते हैं और क्या खाते-पीते हैं, इसी बात पर यह निर्भर करता है कि आपके शरीर में कितना प्लास्टिक पहुंच रहा है। लेकिन, एक सामान्य औसत के तौर पर भी यह बेहद बुरा है।

वर्ष 1950 में दुनियाभर में प्लास्टिक का प्राथमिक उत्पादन दो मिलियन टन हुआ करता था। जो कि वर्ष 2018 में बढ़कर 381 मिलियन टन हो गया। जबकि, वर्ष 2018 तक प्लास्टिक कचरा भी बढ़कर 385 मिलियन टन हो गया। हर साल आठ मिलिटन टन प्लास्टिक कचरा समुद्र में पहुंच जाता है। इसके चलते समुद्र में रहने वाली 344 से ज्यादा प्रजातियों का जीवन संकट में है।

एक अनुमान है कि वर्ष 2050 तक समुद्र में पाई जाने वाली मछलियों का कुल वजन उसमें पाए जाने वाले प्लास्टिक से कम हो जाएगा।
सोचिए, कैसी दुनिया बनाई जा रही है।

कौन-कौन बच पाएगा इस प्लास्टिक के कहर से...??


16/07/2021

8 limbs ofAshtanga Yoga
Yamas
Niyamas
Asana (Posture)
Pranayama (Breathing technique)
Pratyahara (Senses controlling)
Dharana (Contemplation)
Dhyana (Meditation)
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