Dr.Rishabh Kumar's Homeopathy

Dr.Rishabh  Kumar's  Homeopathy our aim is to provide homeopathic treatment all over India
chronic cases/ acute cases
hair fall /h

02/12/2025

✅ Iodum 30 – Uses, Symptoms, Dose

📌 Iodum 30 कब दी जाती है? (Indications)

Iodum शरीर में अत्यधिक मेटाबॉलिज़्म, तेजी से वजन घटना, ग्रंथि-सम्बंधित बीमारियाँ, और कमज़ोरी जैसी स्थितियों में दी जाती है।

👉 मुख्य उपयोग (Uses)

1. थायरॉयड हाइपरएक्टिविटी (Hyperthyroidism)

घबराहट, तेज़ धड़कन, कमजोरी

वजन लगातार कम होना

2. गठानों और सूजन (Glandular Swelling)

लिम्फ नोड्स की सूजन

स्तन या टेस्टिस की सूजन

3. जिगर और प्लीहा की सूजन (Liver & Spleen Enlargement)

4. भूख बहुत अधिक लगना लेकिन वजन कम होना

5. सांस की दिक्कत, चलने पर दम फूलना

6. गर्मी ज्यादा लगना, कपड़े उतारने का मन होना

7. पुरानी कमजोरी, चिड़चिड़ापन

8. बच्चों में कुपोषण (Emaciation)

9. Jaundice (यकृत की कमजोरी व सूजन के साथ पीलिया)

---

✅ Iodum 30 किन लोगों में ज्यादा असर करती है? (Key Personality)

जो बहुत दुबले-पतले, हमेशा भूखे, और फिर भी वजन नहीं बढ़ता।

जिन्हें बहुत गर्मी लगती है।

चलने या काम करने से थोड़ा राहत मिलती है।

---

✅ Symptoms (मुख्य लक्षण)

तेज़ ह्रदय गति

बेचैनी, चिड़चिड़ापन

मांसपेशियों में कमजोरी

त्वचा पर गर्माहट

शरीर सूखता हुआ महसूस होना

अत्यधिक प्यास

गर्म कमरे में असहज

---

✅ Dose (मात्रा)

Iodum 30

2 बूंद या 2 गोलियाँ, दिन में 1–2 बार

तीव्र समस्या में: दिन में 2 बार

लंबे समय के कोर्स में: सप्ताह में 2–3 बार पर्याप्त

📌 किसी भी होम्योपैथिक दवा का लंबे समय तक लगातार उपयोग डॉक्टर की सलाह से करें।

---

✅ सावधानियाँ

गर्भवती महिलाओं को बिना सलाह उपयोग न कराएँ।

हाइपरथायरॉयडिज़्म वाले मरीज डॉक्टर से परामर्श लें।

अगर तेज palpitation या anxiety बढ़े तो दवा रोकें।

02/12/2025

हींग से बनी होम्योपैथिक दवा असाफोएटिडा क्यू (Asafoetida Q) को हिंदी में हींग का मदर टिंक्चर भी कहते हैं, क्योंकि इसे हींग (Asafoetida) नामक गोंद-राल (gum-resin) से तैयार किया जाता है।
'Q' का मतलब मदर टिंक्चर (Mother Tincture) होता है, जो होम्योपैथी में दवा का शुरुआती और सबसे कम तनु (diluted) रूप होता है।

यह मुख्य रूप से पेट और पाचन संबंधी समस्याओं के लिए उपयोग की जाती है।

असाफोएटिडा Q के मुख्य उपयोग (Main Uses)-

• पेट की गैस (Flatulence/Gas)-
यह पेट और आंतों में अत्यधिक गैस बनने की समस्या में बहुत उपयोगी है।

• पेट दर्द और ऐंठन (Abdominal Pain and Spasms)-
विशेष रूप से पेट में गैस के कारण होने वाले दर्द और ऐंठन में राहत देती है।

• अपच और बदहजमी (Indigestion/Dyspepsia)-
पाचन तंत्र के रोगों में मदद करती है।

• कब्ज (Constipation)-
कुछ प्रकार के कब्ज में भी इसका उपयोग किया जाता है।

• गला और छाती की समस्याएँ (Throat and Chest Issues)-
कुछ मामलों में दमा (Asthma) और सांस लेने में कठिनाई के लक्षणों में भी सहायक हो सकती है।

• नसों में दर्द (Neuralgic Pain)-
कुछ प्रकार के तंत्रिका दर्द (nerves pain) में भी इसका इस्तेमाल होता है।

• हिस्टीरिया (Hysteria)-
भावनात्मक और मानसिक लक्षणों, जैसे अत्यधिक संवेदनशीलता, हिस्टीरिया, और घबराहट से जुड़ी पेट की समस्याओं में भी इसका उपयोग किया जाता है।

• होम्योपैथी में किसी भी दवा की खुराक और उपयोग मरीज के लक्षणों की समग्रता (Totality of Symptoms) और डॉक्टर की सलाह पर निर्भर करता है।
• 'Q' या मदर टिंक्चर का उपयोग अक्सर डाइल्यूशन (Dilution) से अलग तरीके से किया जाता है।
• कृपया स्व-चिकित्सा (Self-medication) न करें। किसी भी होम्योपैथिक दवा का उपयोग करने से पहले योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह अवश्य लें।

02/12/2025

🌻 LachnanthesTinctoria 30

अगर सुबह उठते ही गर्दन अकड़ जाती है, सिर घुमाने में दर्द होता है, या सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस की वजह से कंधे तक झनझनाहट महसूस होती है — तो होम्योपैथी में एक बेहद प्रभावी औषधि है Lachnanthes Tinctoria (लैचनन्थेस टिंक्टोरिया)।
यह दवा नसों के तनाव को शांत करती है, गर्दन की जकड़न खोलती है और शरीर की ऊर्जा प्रवाह को संतुलित करती है।

🌲Benefits :-

1. सर्वाइकल दर्द में राहत:
गर्दन के पीछे से सिर तक फैलने वाले दर्द को कम करती है।

2. अकड़ी हुई गर्दन को ढीला करती है:
सिर घुमाने या नीचे झुकाने में दर्द हो तो यह औषधि बहुत उपयोगी है।

3. सिर में चक्कर और सुन्नपन में मदद:
नसों में दबाव या सर्वाइकल से जुड़ी चक्कर की समस्या में राहत देती है।

4. नसों की सूजन कम करती है:
गर्दन की नसों की सूजन और मांसपेशियों के खिंचाव को शांत करती है।

🥄Dosage :-

Potency: Lachnanthes Tinctoria 30C या 200C

Dose: दिन में 2 बार 3-4 बूंदें (डॉक्टर की सलाह अनुसार)

लगातार 10–15 दिन लेने से असर दिखने लगता है।

(गंभीर सर्वाइकल केस में डॉक्टर की निगरानी आवश्यक है।)

🌲Indications :-

गर्दन का सख्त या मुड़ा हुआ महसूस होना

सिर का एक तरफ झुकना (Torticollis)

ठंड लगने पर दर्द या अकड़न

गर्दन, कंधे और सिर में झनझनाहट

संदेश:

> “Lachnanthes Tinctoria गर्दन की अकड़न को ढीला कर शरीर को फिर से सहज बनाती है —
दर्द से नहीं, राहत से उठो हर सुबह।”

02/12/2025

**Kali Mur (कैली म्यूर) – Homoeopathy Medicine
यह एक महत्वपूर्ण बायोकैमिक दवा (Biochemic Remedy – 12 Salts में से एक) है, जिसे मुख्य रूप से सूजन, बलगम (mucus) और सफ़ेद स्राव से जुड़े रोगों में उपयोग किया जाता है।

Key Symptoms (मुख्य लक्षण)-
-जीभ पर सफेद परत
-गाढ़ा, सफेद बलगम
-कान में भारीपन / ब्लॉकेज
-गले में सफेद जमा परत
-नाक बंद, चिपचिपा म्यूकस
-हल्की सूजन (Second stage inflammation)
-बिना पस वाले छोटे दाने / स्किन रैश

🌿 मुख्य उपयोग (Key Uses of Kali Mur)

1️⃣ बलगम वाली समस्याएँ

गाढ़ा, सफेद या दूध जैसा बलगम
सर्दी, खाँसी, नाक बंद
कान, गला, नाक में म्यूकस जम जाना

2️⃣ कान की समस्याएँ

Otitis Media (मध्य कान की सूजन)
कान में भारीपन, ब्लॉक महसूस होना
कान में घंटी बजना (tinnitus) – जब मोटा बलगम कारण हो

3️⃣ गले की समस्याएँ

टॉन्सिल में सफ़ेद परत
गले में चिपचिपा म्यूकस
निगलने में हल्का दर्द

4️⃣ त्वचा संबंधी समस्याएँ

हल्की एलर्जी, रैशेज

छोटे-छोटे दाने
सफेद पस रहित दाने

5️⃣ पाचन समस्याएँ

हल्का अपच
चर्बीदार खाना खाने से असहजता
जीभ पर सफ़ेद कोटिंग (white coating on tongue)

---🌟 कब विशेष रूप से Kali Mur सोची जाती है?

--जब सफेद रंग की परत / बलगम / स्राव हो
--जब बीमारी शुरुआत के बाद की स्थिति में हो (second stage of inflammation)
--जब दर्द कम और भारीपन, सूजन, चिपचिपा बलगम ज्यादा हो

Potency-
6X / 12X (बायोकैम)

01/12/2025

Nux Vomica 200 होम्योपैथिक दवा : उपयोग, लाभ, और सेवन विधि
नक्स वोमिका 200 एक होम्योपैथिक औषधि है, जिसका उपयोग कई प्रकार की शारीरिक और मानसिक समस्याओं के लिए किया जाता है। इसका मुख्य स्रोत नक्स वोमिका पेड़ के बीज होते हैं, जिनमें स्ट्राइकिन जैसे रसायन होते हैं। होम्योपैथी में इसका उपयोग छोटी खुराकों में किया जाता है ताकि इसके संभावित लाभकारी गुणों का लाभ उठाया जा सके। नक्स वोमिका 200 मुख्य रूप से पाचन तंत्र, तंत्रिका तंत्र, और मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए फायदेमंद मानी जाती है।
नक्स वोमिका 200 के प्रमुख उपयोग
1. पाचन संबंधी समस्याओं में लाभकारी
एसिडिटी और गैस: पेट में अत्यधिक गैस बनना, अपच, और एसिडिटी में नक्स वोमिका 200 का उपयोग लाभकारी माना जाता है। यह पेट की ऐंठन को कम करने में सहायक है।
अति भोजन का प्रभाव: अधिक भोजन करने से पेट में भारीपन और बेचैनी का अनुभव होता है। नक्स वोमिका 200 इससे राहत दिलाने में मदद करती है।
2. तनाव और चिड़चिड़ापन में सहायक
तनाव में राहत: मानसिक तनाव, बेचैनी, और चिड़चिड़ापन की स्थिति में इसका उपयोग तनाव को कम करने में सहायक है।
क्रोध पर नियंत्रण: जो लोग छोटी-छोटी बातों पर क्रोधित हो जाते हैं या मानसिक संतुलन बनाए रखने में असमर्थ हैं, उनके लिए नक्स वोमिका 200 का उपयोग फायदेमंद हो सकता है।
3. अनिद्रा (नींद न आना) का समाधान
रात में जागना: कई लोग मानसिक तनाव या शारीरिक असहजता के कारण रात में सो नहीं पाते। नक्स वोमिका 200 अनिद्रा की समस्या को कम कर आरामदायक नींद देने में सहायक है।
अत्यधिक सोचने की प्रवृत्ति: जो लोग रात में बिस्तर पर लेटकर बहुत सोचते हैं और इस कारण सो नहीं पाते, उनके लिए यह दवा सहायक हो सकती है।
4. सिरदर्द और माइग्रेन में राहत
तनावजनित सिरदर्द: काम के दबाव या मानसिक तनाव के कारण सिरदर्द की समस्या में यह दवा उपयोगी है।
माइग्रेन: माइग्रेन के लक्षणों को कम करने के लिए नक्स वोमिका 200 का उपयोग किया जा सकता है, विशेषकर जब माइग्रेन का कारण मानसिक थकान हो।
5. लिवर संबंधी समस्याओं में सहायक
लिवर की गड़बड़: जो लोग लिवर की कमजोरी, अधिक शराब के सेवन या खराब जीवनशैली के कारण लिवर की समस्याओं से पीड़ित हैं, उनके लिए यह औषधि सहायक मानी जाती है।
अल्कोहल के नकारात्मक प्रभाव: अत्यधिक शराब पीने से होने वाले नकारात्मक प्रभावों, जैसे उल्टी, सिरदर्द, और पेट में जलन को कम करने में नक्स वोमिका 200 मदद कर सकती है।
6. बदहजमी और पेट दर्द में राहत
पेट का भारीपन: जब भोजन के बाद पेट भारी और फूला हुआ महसूस होता है, तब यह दवा राहत प्रदान कर सकती है।
अचानक दर्द: पेट में अचानक दर्द या मरोड़ की समस्या को कम करने में नक्स वोमिका 200 सहायक हो सकती है।
7. सर्दी-जुकाम में लाभकारी
बहती नाक और छींकें: सर्दी में लगातार छींक आना या नाक बहना जैसी समस्या को कम करने के लिए इसका उपयोग किया जा सकता है।
थकान और कमजोरी: लंबे समय तक सर्दी-जुकाम से थकावट और कमजोरी महसूस होने पर नक्स वोमिका 200 मदद कर सकती है।
8. पाचन तंत्र की साफ-सफाई में सहायक
कब्ज की समस्या: जो लोग अक्सर कब्ज से परेशान रहते हैं, उनके लिए नक्स वोमिका 200 का उपयोग सहायक हो सकता है।
आंतों की सफाई: यह आंतों को स्वस्थ बनाए रखने में मदद करती है और भोजन के बेहतर पाचन को बढ़ावा देती है।

01/12/2025

✅फॉस्फोरस✅

फॉस्फोरस 200 एक प्रसिद्ध होम्योपैथिक दवा है, जिसका उपयोग विभिन्न मानसिक और शारीरिक समस्याओं के उपचार में किया जाता है। यह दवा मुख्य रूप से रक्त, तंत्रिका तंत्र और हड्डियों से संबंधित समस्याओं में फायदेमंद होती है। नीचे इसके उपयोग और फायदे विस्तार से दिए गए हैं:
1. पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं
फॉस्फोरस 200 का उपयोग अपच, एसिडिटी और गैस्ट्रिक समस्याओं में किया जाता है। यह उन रोगियों के लिए उपयोगी है जिन्हें खाना खाने के तुरंत बाद उल्टी या पेट में दर्द होता है।

2. रक्तस्राव की समस्या फॉस्फोरस 200 को नाक, मसूड़ों या किसी अन्य अंग से अत्यधिक रक्तस्राव की समस्या के लिए उपयोग किया जाता है। यह रक्त को नियंत्रित करने और शरीर को सामान्य स्थिति में लाने में मदद करती है।

3. सांस की समस्याएं
यह दवा उन मरीजों के लिए उपयोगी है जो पुरानी खांसी, अस्थमा, और तपेदिक जैसी समस्याओं से पीड़ित हैं। यह छाती में जमाव और सांस लेने में कठिनाई को कम करती है।

4. मानसिक स्वास्थ्य यह दवा अवसाद, चिंता, और नींद न आने की समस्या में राहत प्रदान करती है। यह दिमाग को शांत करती है और नींद की गुणवत्ता को सुधारने में मदद करती है।

5. हड्डियों और जोड़ की समस्याएं
फॉस्फोरस 200 कमजोर हड्डियों, दर्द और जोड़ों में सूजन के लिए उपयोगी है। यह विशेष रूप से उन रोगियों के लिए फायदेमंद है जिनकी हड्डियां आसानी से टूट जाती हैं या जो ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित हैं।

6. त्वचा से संबंधित समस्याएं
यह दवा त्वचा पर लाल चकत्ते, खुजली और अन्य एलर्जी से राहत दिलाती है। यह त्वचा की मरम्मत में मदद करती है और सूजन को कम करती है।

7. बालों की समस्या
फॉस्फोरस 200 का उपयोग बालों के झड़ने और समय से पहले सफेद होने की समस्या के लिए किया जाता है। यह बालों को मजबूती प्रदान करती है और उनकी प्राकृतिक चमक को बनाए रखती है।

डोज और सावधानियां
डोज़: आमतौर पर फॉस्फोरस 200 की खुराक डॉक्टर की सलाह पर ली जानी चाहिए। यह एक बार या सप्ताह में कुछ बार ली जा सकती है।
सावधानियां:
दवा लेने से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।
अधिक खुराक से बचें, क्योंकि इससे शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को इसे लेने से पहले डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए।
निष्कर्ष
फॉस्फोरस 200 एक प्रभावी होम्योपैथिक दवा है जो कई प्रकार की समस्याओं के लिए उपयोगी है। हालांकि, इसे सही तरीके और मात्रा में उपयोग करना आवश्यक है। यदि कोई समस्या हो, तो तुरंत होम्योपैथिक चिकित्सक से संपर्क करें।

01/12/2025

🌿 Berberis Vulgaris Q – किडनी स्टोन व कमर-दर्द की बेस्ट होम्योपैथिक दवा 🌿

🔹 कहाँ काम आती है?
✔ किडनी स्टोन का तेज चुभने वाला दर्द
✔ कमर के नीचे (kidney area) चुभन व खिंचाव जैसा दर्द
✔ पेशाब में जलन, बार-बार पेशाब आना
✔ यूरिन रुक-रुक कर आना
✔ पीठ का दर्द जो जांघों तक खिंच जाए
✔ Kidney stone की tendency वाले लोग

🔹 किसके लिए सबसे फायदेमंद?
👉 Kidney Stone
👉 Urinary Tract Problems
👉 लोअर बैक पेन
👉 किडनी में स्टोन बनने की प्रवृत्ति

🔹 डोज़ (Dose):
🌼 10–15 drops, आधा कप पानी में, दिन में 2–3 बार
(डॉक्टर की सलाह के बाद ही लें)

01/12/2025

Lycopodium 30 पेट के निचले हिस्से में गैस बनने की समस्या में एक बहुत उपयोगी होम्योपैथिक दवा है, खासकर जब इसके लक्षण इसके “key indications” से मिलते हों।

⭐ Lycopodium 30 कब असरदार होती है?

अगर निम्न लक्षण हों, तो Lycopodium 30 बहुत कारगर रहती है:

✔ 1. पेट के निचले भाग में गैस जमना

गैस बनकर नीचे की तरफ दबाव देना

पेट फूला-फूला लगना

गैस आसानी से नहीं निकलना

✔ 2. थोड़ी-सी चीज़ खाने से भी पेट फूलना

खाना शुरू करते ही पेट भारी होना

1–2 निवाले में ही भारीपन

✔ 3. दाएँ ओर की समस्याएँ ज़्यादा होना

जैसे दाएँ तरफ पेट में दर्द

दाईं तरफ गैस अधिक बनना

✔ 4. शाम को गैस, रात को बेचैनी

दोपहर 4–8 बजे लक्षण बढ़ना Lycopodium का खास निशान है।

⭐ कैसे लें? (Dose)

Lycopodium 30 – दिन में 1 या 2 बार

3–4 दिन तक

गैस कम होते ही दवा रोक दें।
(लगातार कई हफ्तों तक 30 पॉटेंसी नहीं लेना चाहिए)

⭐ साथ में घरेलू उपाय

गुनगुना पानी

भारी, तला-भुना कम

खाने को अच्छी तरह चबाकर खाएँ

रात को हल्का भोजन

01/12/2025

"पुनर्नवा से बनी होम्योपैथी दवा"- Boerhaavia Diffusa Q

यह होम्योपैथिक दवा पुनर्नवा नामक पौधे से तैयार की जाती है, जिसे आमतौर पर स्थानीय भाषा में साँठ या गदहपूरना भी कहा जाता है।

मुख्य उपयोग (Primary Uses)-

(1)यह मुख्य रूप से गुर्दे (Kidneys) और मूत्र पथ (Urinary Tract) से संबंधित समस्याओं के लिए इस्तेमाल की जाती है।

(2)इसे एक बेहतरीन मूत्रवर्धक (Diuretic) माना जाता है, यानी यह पेशाब की मात्रा को बढ़ाने में मदद करती है।

संकेत (Indications)-

शोथ/सूजन (Edema/Swelling)-शरीर में अत्यधिक पानी जमा होने के कारण होने वाली सूजन को कम करने में सहायक। यह अक्सर किडनी या हृदय की समस्याओं से जुड़ी सूजन में दी जाती है।

पीलिया (Jaundice)-यकृत (Liver) और पित्ताशय (Gallbladder) की समस्याओं में भी इसका उपयोग किया जाता है।

गुर्दे की पथरी (Kidney Stones)-कुछ मामलों में, यह गुर्दे की छोटी पथरी को बाहर निकालने में मदद कर सकती है।

खाँसी/अस्थमा- यह बलगम को ढीला करने में भी मदद करती है और श्वसन संबंधी कुछ समस्याओं में इसका प्रयोग हो सकता है।

Dosage-

मात्रा: 10 से 20 बूंदें (Drops)
लेने का तरीका: इन बूंदों को एक चौथाई (1/4) कप पानी में मिलाकर लिया जाता है।
(Frequency): दिन में 2 से 3 बार।

सेल्फ-मेडिकेशन (Self-Medication) न करें-
बिना डॉक्टर की सलाह के इस दवा की खुराक या सेवन विधि शुरू या बंद न करें।
रोग और उम्र-खुराक रोग के प्रकार (जैसे: सूजन, पीलिया, या गुर्दे की समस्या) और रोगी की आयु (बच्चे, वयस्क) के अनुसार बदल सकती है।

30/11/2025

🇮🇳 “Picric Acid – दिमाग़ की थकान, नसों की कमजोरी और मानसिक तनाव की ताक़तवर होम्योपैथिक दवा” 🌟

Picric Acid एक ऐसी होम्योपैथिक ब्रेन-टॉनिक मानी जाती है जो ज़्यादा काम, पढ़ाई, मानसिक तनाव और नसों की थकान से होने वाली समस्याओं में बेहद लाभकारी होती है।

🔶 Picric Acid के मुख्य लाभ (Benefits)

1️⃣ दिमाग़ की थकान दूर करे

जब ज़्यादा पढ़ाई, ऑफिस वर्क या मानसिक तनाव की वजह से सिर भारी लगे, ध्यान न लगे और सोचने की क्षमता कम हो जाए — तब यह अत्यंत प्रभावी है।

2️⃣ नसों की कमजोरी में लाभकारी

नसों की कमज़ोरी से होने वाली थकावट, कमजोरी और सुस्ती में खास उपयोगी।

3️⃣ याददाश्त कमजोर होने पर

बार-बार भूलना, पढ़ा हुआ याद न रहना, दिमाग़ का “ब्लैंक” हो जाना — इनमें मददगार।

4️⃣ आंखों की थकान

लंबे समय तक मोबाइल/कंप्यूटर देखने से आंखों में जलन या भारीपन — इसमें राहत देती है।

5️⃣ कमजोरी और थकान

पूरे शरीर में थकावट, walking करते ही थक जाना, कोई भी काम करने का मन न होना — ऐसे मामलों में फ़ायदा।

6️⃣ नर्वस Exhaustion (मानसिक थकावट)

निराशा, तनाव, उत्साह में कमी — इन सभी में सहायक।

🔷 Picric Acid किन रोगों में दी जाती है? (Uses)

मानसिक थकान (Mental fatigue)

दिमाग़ पर ज़्यादा काम का दबाव

नर्वस वीकनेस

याददाश्त कमज़ोर

आंखों की थकान

शरीर में भारीपन और कमजोरी

सिरदर्द जो आराम करने से ठीक हो

🔶 किस तरह काम करती है? (How it works)

Picric Acid मस्तिष्क और नसों को ऊर्जा देकर Excessive mental work से हुए strain को कम करती है। यह nervous system को calm कर थकान और मानसिक तनाव को घटाती है।

🔷 खुराक (Dosage)

> ⭐ सामान्यतः Picric Acid 6X, 30C या 200C potency में दी जाती है।
⭐ * मात्रा रोग की तीव्रता और रोगी की स्थिति पर निर्भर करती है।
👉 सही खुराक के लिए किसी योग्य होम्योपैथिक चिकित्सक की सलाह ज़रूरी है। 🙏

30/11/2025

🌻 Calotropis Gigantea Q (मदार Q) —

Calotropis Gigantea Q एक होम्योपैथिक मदर टिंचर है, जो विशेष रूप से त्वचा (Skin) से जुड़ी बीमारियों में अत्यंत फायदेमंद है

प्रमुख लाभ :-

1. खुजली और चकत्ते (Itching & Eruptions):

पुरानी खुजली जो बार-बार होती है।

खुजली नहाने या पसीना आने से बढ़ जाती है।

2. फोड़े-फुंसी (Boils & Pimples):

बार-बार फोड़े निकलना।

फोड़े पकने में देर लगना या मवाद न निकलना।

3. त्वचा का रूखापन (Dryness of Skin):

त्वचा पर पपड़ी, खुरदरापन और जलन की भावना।

4. सोरायसिस (Psoriasis):

जहाँ त्वचा पर सफेद परतें और खुजली हो।

पुरानी त्वचा बीमारियों में यह औषधि बहुत उपयोगी मानी जाती है।

5. एक्ज़िमा (Eczema):

जहाँ जलन, खुजली और सूजन साथ में हो।

---

🥄 खुराक (Dosage):

Calotropis Gigantea Q – 10 से 15 बूँदें, आधे कप पानी में मिलाकर
दिन में 2 बार (सुबह-शाम) लें।

2 सप्ताह नियमित सेवन से स्पष्ट सुधार दिखता है।

⚠️ सावधानियाँ (Precautions):

मदर टिंचर को सीधे न पिएँ, हमेशा पानी में मिलाकर लें।

त्वचा पर साबुन या रासायनिक क्रीम का अधिक उपयोग न करें।

यदि खुजली बहुत ज़्यादा है तो Sulphur 30 सुबह खाली पेट 1 डोज़ लें

30/11/2025

Ashwagandha Q (Withania Somnifera Q) एक होम्योपैथिक मदर टिंचर है जो अश्वगंधा जड़ी-बूटी से तैयार की जाती है। अश्वगंधा को सदियों से “भारतीय जिनसेंग” कहा जाता है क्योंकि इसे शरीर की थकान, तनाव और यौन कमजोरी को दूर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह दवा उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो लगातार मानसिक या शारीरिक तनाव में रहते हैं और अपनी यौन शक्ति में गिरावट महसूस करते हैं l

हालांकि, इसके असर को लेकर वैज्ञानिक शोध और क्लिनिकल स्टडीज़ अभी बहुत सीमित हैं , इसलिए इसे किसी जादुई दवा की तरह नहीं बल्कि एक सहायक उपचार के रूप में देखा जाना चाहिए। आगे आप जानेंगे कि Ashwagandha Q कैसे काम करती है, इसके मुख्य फायदे, सेवन का तरीका, संभावित साइड इफेक्ट्स और डॉक्टर क्या कहते हैं इसके बारे में।

1. शीघ्रपतन और वीर्य कमजोरी में राहत
Ashwagandha Q नसों को रिलैक्स करती है और शरीर की सहनशक्ति बढ़ाती है [4]। इसको रेगुलर लेने से शीघ्रपतन (Premature Ej*******on) की समस्या में सुधार देखा गया है। यह वीर्य की गुणवत्ता और मात्रा बढ़ाने में भी मदद करती है, जिससे प्रजनन स्वास्थ्य (बच्चे पैदा करने की क्षमता) सही होता है [5]। तनाव या कमजोरी के कारण जल्दी स्खलन की समस्या हो तो अश्वगंधा Q शरीर को स्थिर और मजबूत बनाने में मदद करती है।

2. टेस्टोस्टेरोन और स्टैमिना बढ़ाने में सहायक

Ashwagandha Q शरीर में टेस्टोस्टेरोन का स्तर संतुलित करती है। यह शारीरिक ऊर्जा, यौन इच्छा (libido) और स्टैमिना बढ़ाने में मदद करती है [6]। थके हुए, कमजोर या तनावग्रस्त पुरुषों में यह दवा फिर से उत्साह और आत्मविश्वास लौटाने का काम करती है।

3. इरेक्शन सुधारने में मददगार
Ashwagandha Q शरीर में खून के बहाव को बेहतर बनाती है, जिससे इरेक्शन (Er****on) मजबूत और लंबे समय तक रहता है। यह दवा इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ED) में उपयोगी मानी जाती है, खासकर जब कारण मानसिक तनाव या कमजोरी हो।

4. महिलाओं के लिए भी लाभदायक
Ashwagandha Q सिर्फ पुरुषों के लिए नहीं, बल्कि महिलाओं के लिए भी फायदेमंद है। यह हार्मोनल असंतुलन, मूड स्विंग्स और थकान जैसी समस्याओं में राहत देती है। इसको रेगुलर लेने से नींद बेहतर होती है और यौन इच्छा स्वाभाविक रूप से बढ़ती है [7]।

Ashwagandha Q की सही खुराक कैसे लें?
अगर आप Ashwagandha Q लेना शुरू कर रहे हैं, तो इसे हमेशा डॉक्टर की सलाह से ही लें। सामान्य रूप से वयस्कों के लिए इसकी खुराक इस तरह होती है:

10 से 20 बूंदें आधे कप पानी में मिलाकर दिन में 2 बार लें, एक बार सुबह और एक बार रात को सोने से पहले। लगातार 2 से 3 महीने तक नियमित रूप से सेवन करने से शरीर में फर्क महसूस होने लगता है [8]।
अगर आप इसे किसी और दवा के साथ ले रहे हैं, तो दोनों दवाओं के बीच कम से कम 30 मिनट का अंतर रखें।

Address

529-b, Goyal Regency
Indore
452001

Opening Hours

Monday 10am - 8pm
Tuesday 10am - 8pm
Wednesday 10am - 8pm
Thursday 10am - 8pm
Friday 10am - 8pm
Saturday 10am - 8pm
Sunday 11am - 2pm

Telephone

919584354644

Website

Alerts

Be the first to know and let us send you an email when Dr.Rishabh Kumar's Homeopathy posts news and promotions. Your email address will not be used for any other purpose, and you can unsubscribe at any time.

Contact The Practice

Send a message to Dr.Rishabh Kumar's Homeopathy:

Share

Share on Facebook Share on Twitter Share on LinkedIn
Share on Pinterest Share on Reddit Share via Email
Share on WhatsApp Share on Instagram Share on Telegram

Category