08/12/2017
जयपुर टू गोवा सफर ’’ए होप देट लीड्स टू हैप्पीनेस’’
जमीं से समंुद्र पहली बार पहुॅंच खिलखिलाएं कुष्ठआश्रमवासी
’’किसी की मुस्कुराहटों पर हो निसार, किसी का दर्द मिल सके तो ले उधार, जीना इसी का नाम है’’ मषहुर गीत क पंक्तियां अंधेरे से उजाले की ओर निकले इन 60 सार्थक मानव आश्रमवासियों एवं कुष्ठ रोगियों पर वाकई सटीक बैठती है। लगभग 45 साल से आश्रम में जीवन व्यतीत कर रहे इन लोगों ने कभी नहीं सोचा था कि ये इस शहर से बाहर निकल कर कभी समुंद्र की सैर करेंगे। जो कभी शहर से बाहर जाने में झिझकते रहे हो उन्हें यूं खुले आसमां के नीचे घूमने और समंुद्र की सैर करते देख बाॅम्बे टू गोवा की मूवी की तरह जयपुर टू गोवा का वास्तविक आंनद लेता देखना वाकई परम सुख की अनुभूति रहा।
इंडियन डवपलमेंट फाउंडेषन की ओर से आयोजित इस तीन दिवसीय यात्रा जिसका मिषन ’होप द लीड्स टू हैपीनेंस’ वास्तविक रूप से साकार हुआ। जयपरु के गलता घाट स्थित सार्थक मानव कुष्ठआश्रम संस्था के अध्यक्ष सुरेष कौल के नेतृत्व में निवासियों ने तीन दिवसीय अपनी इस अकल्पनीय सुखद यात्रा के दौरान मायानगरी मुंबई के साथ समंुद्र तटों के लिए बेहद खूबसूरत पर्यटक शहर गोवा घूमने का मौका मिला।
यात्रा की शुरूआत आश्रमवासियों ने जयपुर स्टेषन से होते हुए लोकमान्य तिलक रेल्वे स्टेषन मुंबई पहुॅंची। वहां से बड़ी सुरंगों और प्राकृतिक हरियाली पहाड़ियों के नजारे को देखते हुए के गोवा के पल्लोती होम पहॅंुचे।
हमने मेरियन फिष आॅडिटिरियम में विभिन्न प्रकार की मछलियां, चित्रकारी, नन्हे-मुन्ने के बच्चों की मूर्तियों के क्रियाकलाप,भूत बंगला आदि का दृष्य मन को मोहनेवाला था। फिर सभी कोलवा बीच पर पहुँच गये। वहाँ पर समुद्र की उठती लहरों का नजारा बहुत ही सुहावना व मनमोहक था। मानों कोई नन्हा-सा बालक क्रिड़ा कर रहा हो। दुर-दुर तक लहरे ही लहरे दिखाई दे रही थी। मानों वहाँ पर क्षितिज हो।
तत्पष्चात् मंगेषी धाम में हम सभी ने श्री मंगलेष्वर भगवान के जयकारे के साथ दर्षन किये। सभी शाॅपिंग करने के लिए धाम के आगे बाजार में गये। वहाँ पर किसी ने काजू, टोपी, चष्मा, टी-षर्ट (गोवा प्रिन्ट वाली ), खिलौन आदि खरीदें। सभी ने अपने-अपने कैमरे से शैल्फी ली। उसके बाद रास्ते में बड़े-बडे पुलों पर बस कभी उतर रही थी तो कभी ऊपर चढ़ रही थी मानों हम पर्वत की वादियों में सैर कर रहे हो। हमारी बस ओल्ड चर्च में जेसस की मूर्ति का अवलोकन किया। उस चर्च में यीषू की सूली पर लटके हुए वाली तस्वीर व उसकी ममी आदि देखे। फिर हम मीरामार बीच व दोना पावला बीच में हमने बाइक बोट की सवारी देखी उसकी अटखेलियां ने सागर में उछलकूद करती हुए ने सभी का मन जीत लिया। बाद में अग्वाद फोर्ट को देखने के लिए प्रस्थान किया वहाँ पर हमने अंग्रेजों की बनी हुए जेल को देखा। इस किले में पानी का अण्डरग्राउण्ड बना हुआ जिसमें पानी का जहाज को रोकने के लिए काम आता है। उसके बाद हम कलनगुट बीच पर गये वहाँ हम में से कुछ लोगों व बच्चों ने सागर मंे तैराकी की एवं शेल्फी भी ली। बीच पर सभी हर्षित हुए। गोवा राज्य की राजधानी पणजी सिटी बीच पर हमने लेक्सीकाॅन क्रूज की सागर में सवारी की। श्री सुरेष कौल,श्रीमती कौल, श्री योगेन्द्र सिंह, श्रीमती सिंह व गलता परिवार ने जहाज की यात्रा की। शीप में श्री सीताराम व सभी ने नाचने व गाने का लुत्फ उठाया। सागर में हम सभी ने लगभग 1 घंटे की सवारी का आनन्द लिया।
इसके बाद जापानी पार्क में आनन्द लिया वहाँ से हमने सागर की लहरों का आनन्द लिया। विषेषकर सबसे अधिक बच्चों का मन भाया। फिर हम नवल एविएषन संग्रहालय गये वहाँ हमने विभिन्न प्रकार हवाईजहाजों व उनके उपकरणांे आदि का अवलोकन किया। फातपी मन्दिर में माँ शान्ता दुर्गा के दर्षन किये। मन्दिर बहुत ही विषालकाय व उसकी कलाकृति अति शोभनीय थी। आईडीएफ टीम हमें विमला सेण्टर बस द्वारा ले गई। उस सेंटर का दृष्य बहुत ही रोचक व उसकी साज-सज्जा देखने लायक थी। फिर हम सभी ने हरे रामा हरे कृष्णा मन्दिर के दर्षन किये। हम सभी ने हाजी अली की दरगाह, गेट वे आॅफ इण्डिया, ताज होटल व हैंगिग गार्डन आदि का भरपूर आनन्द लिया।