22/11/2025
शरीर का पूरा चेकअप तो करवा लेते हैं, लेकिन आँखों को हमेशा आख़िरी प्राथमिकता दे देते हैं… और यही सबसे बड़ी गलती साबित होती है।
✔️ 0–18 वर्ष: हर साल आँखों की जाँच — बच्चों में नंबर बहुत तेज़ी से बदलता है।
✔️ 18–40 वर्ष: हर 2 साल में एक बार। अगर स्क्रीन टाइम ज़्यादा है या नाइट ड्राइविंग करते हैं, तो हर साल चेकअप ज़रूरी।
✔️ 40 वर्ष के बाद: ग्लूकोमा, मोतियाबिंद और रेटिना संबंधी समस्याओं का जोखिम बढ़ता है — इसलिए हर साल विस्तृत आँखों की जाँच अनिवार्य।
✔️ डायबिटीज/बीपी: हर साल रेटिना चेकअप बिल्कुल जरूरी। देरी = धीमी लेकिन गंभीर हानि।
अंखों का कोई रिप्लेसमेंट नहीं मिलता, पापा जी।
समय पर किया गया चेकअप ही आपकी नज़र बचाता है।
👩⚕️ Dr. Shweta Agarwal
MBBS, MS (नेत्र रोग विशेषज्ञ ) – 🥇Gold Medalist
📞 083035 46353
📍 Laxmi Eye Care | Ashirwad Garden, near Allahabad Bank Elite, Civil Lines, Jhansi