23/07/2025
सभी को प्रणाम 🙏🏻 जीवन में कभी कभी बड़े रोचक किस्से सामने आते है जिनको सुनकर हँसी के साथ गुस्सा भी आता है थोड़े दिन पहले की बात है एक साल के छोटे बच्चे को तेज बुखार आया मरीज ने मुझे कॉल किया की बच्चे को बुखार है आपको दिखाना है मैंने कहा मैं एमडीएम अस्पताल में ही हूँ आप लेकर आ जाओ 🙏🏻दो घंटे बीत गए मरीज और परिजन आए नहीं बच्चे के परिजन मेरे जान पहचान के थे तो नैतिकता के नाते मैंने उनको वापस कॉल किया हाँ पहले एक बात और बता दु की छोटे बच्चो को जब तेज बुखार आता है तो जब बुखार का इलाज सही समय पर नहीं करवाते हैं तो बुखार तेज होने से दिमाग पर असर पड़ता है और बच्चे को कभी कभी ताण (convulsion) आ जाती है जिसे कोई कोई आम भाषा मे टूटिया वापरना बोलते हैं जो की बच्चे के स्वास्थ्य और भविष्य के लिए बेहद चिंतनीय होती हैं ख़ैर मेरे कॉल करने पर बोले की डॉक्टर साहब बुखार तेज था हमने पहले झाड़ा लगाने भोपा के पास आ गए थोड़ा बुखार भोपाजी झाड़े से उतरेगे फिर आयेगे इसके थोड़ा बापजी का हो गया है हाथ मुंह टेढ़ा कर लिया डॉक्टर साहब आपका मामला नहीं थोड़ा झाड़ा झपटा कराया है 🧐🧐मैंने एकाएक मेरा माथा झेला 🫣🫣और मन ही मन सोचा की मैंने एमबीबीएस व्यर्थ ही की 🙏🏻😒 और सबसे रोचक बात ये है की भोपा कौन था आपको पता है जो दस दिन में एक बार स्नान करता है जर्दा गुटखा बीड़ी सिगरेट 🚬 उसके मुँह और जेब दोनों में भरी पड़ी है और दिन में झाड़े से जो कमाई होती है उसका रात को पौवा दारू पी लेता है और हम गुरु महाराज जंभेश्वर भगवान के अनुयायी है जो स्नान किए बिना सुबह थूक तक नही निगलते हैं और झाड़ा वहाँ उस भोपे के पास लगाने जाते है जो ना तो गुरु महाराज का अनुयायी और ना ही वो विश्नोई पंथ का अनुशरण करता है और बीमारी में कैसा झाड़ा 🧐🧐अरे हम कीस दिशा में बढ़ रहे बहुत चिंतनीय विषय है गुरु महाराज ने तो ऐसा उपदेश नहीं दिया ज़ब भी कोई बीमार हो गुरु महाराज जम्भेश्वर भगवान को याद कर समय पर इलाज करावे भोपा झाड़ा झपटा के चक्कर में जान ना गवाए भोपा और भोपा का परिवार जब बीमार पड़ता है सबसे पहले अस्पताल की तरफ़ नंगे पांव भागता है और हम लोग नीम हकीम भोपो और गाव में दसवी पास दुकान खोल के बैठे आदमी जिसको हम चिकित्सक मानते है उसके हवाले अपने जीवन को सुपुर्द कर देते है और एक और मज्जे की बात जब घर में सोने का आभूषण बनाना होता है तो हम सोनार के पास जाते हैं और सोनार के बारे में दस जनों से पता करते हैं फिर सोना उसके घड़ने देते हैं सोना तो लोहार से नहीं घड़ाते हैं फिर अपनी औलाद और अपना शरीर किसी भोपे या दस पास नीम हकीम के हवाले क्यो क्या सोना आपके शरीर और औलाद से ज़्यादा कीमती है बहुत चिंतनीय बिंदु 😒😒🙏🏻ये तो दूर की बात है बच्चा तान्न खा रहा है जीवन और मृत्यु सें लड़ रहा है और हम उस बच्चे को भोपे के हवाले लेके बैठे हैं समय पर चिकित्सकीय सलाह ले बुखार में तान बहुत खतरनाक होती है घर पर गीली ठंडी पट्टी कर चिकित्सक को दिखाए 🙏🏻 फिर वही मरीज दो घण्टे बाद बेहोशी की हालात में बच्चे को अस्पताल लाए कहा गया वो भोपा और उसका इलाज 😡😡🙏🏻एक बात और कभी कभी मरीज आके बोलता है डॉक्टर साहब इसको तो बुखार है इसमें आप दवा सुई कैसे दोगे थोड़ा बुखार कम होने दो फिर इलाज करना अरे भाई जब बुखार उतर जाएगा फिर इलाज किसका करोगे और उस बुखार ने शरीर में कितना नुकसान किया है तेज बुखार में convulsion ताण आ जाती है समय पर दवा 💊 इंजेक्शन 💉 से बुखार उतारना जरूरी है मैं बोलता हूँ आप साथ में हो आपको बुखार नहीं है आपके दवा इंजेक्शन देवे🤪🤪 परिजन बोलता मेरे क्यो बीमार तो ये बुखार वाला है मैं बोलता बुखार में इलाज आप करने देते नहीं और आपको बुखार उतरा हुआ है 😀😀ख़ैर ये तो भ्रांतिया है जिनका कोई आधार नही है की बुखार में सुई नहीं लगानी चाहिए 😀😀मेरा इतना ही कहना है गुरु महाराज को हाथ जोड़कर समय पर बीमार का उचित इलाज करवाना ही समझदारी है 🙏🏻मेरा मकसद किसीकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है बस जो ठीक लगा बता दिया 🙏🏻सलाह सही नही लगी तो क्षमा प्रार्थी 🙏🏻आपका डॉ रामकिशोर विश्नोई मथुरा दास माथुर अस्पताल 🙏🏻