10/07/2025
गठिया और "बात" क्या है?
गठिया (Arthritis) और बात (Vata vikaar) शरीर के जोड़ों से जुड़ी बीमारियाँ हैं।
गठिया में जोड़ों में सूजन, दर्द, अकड़न, चलने-फिरने में तकलीफ होती है।
ये कई रूपों में हो सकता है जैसे – Osteoarthritis, Rheumatoid Arthritis, Gout (Uric Acid वाली गठिया) आदि।
"बात" आयुर्वेद में वात दोष के असंतुलन को कहा गया है जो हड्डियों, नसों और जोड़ों की कार्यक्षमता को प्रभावित करता है।
क्या एलोपैथी में सिर्फ दर्द दबाया जाता है?
✅ एलोपैथिक इलाज में मुख्य रूप से दर्द निवारक दवाएं (Painkillers), सूजन कम करने वाली दवाएं (NSAIDs), स्टेरॉयड्स और कुछ मामलों में सर्जरी (जैसे joint replacement) तक दी जाती है।
❌ लेकिन ये दवाएं सिर्फ लक्षणों को दबाती हैं, बीमारी की जड़ नहीं मिटातीं।
👉 एलोपैथिक इलाज का लक्ष्य होता है temporary comfort, लेकिन लम्बे समय तक painkillers लेने से लिवर, किडनी और हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है।
सही इलाज – आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से
आयुर्वेद कहता है – “निदान परिवर्तनं विना चिकित्सा व्यर्थ है”।
यानी जब तक कारणों को नहीं हटाया जाता, इलाज अधूरा है।
आयुर्वेदिक इलाज तीन चरणों में होता है:
🌿 चरण 1: शरीर का शुद्धिकरण (Detoxification)
शरीर में जमा आम (toxins) और अतिरिक्त यूरिक एसिड को बाहर निकालना जरूरी है।
इसके लिए:
✅ Triphala, Haritaki, Guggul-based compounds, Panchakarma therapy
✅ Detox capsule, CDT syrup जैसे आयुर्वेदिक संयोजन
🌿 चरण 2: वात दोष का शमन (Balancing Vata Dosha)
वात ही है जो जोड़ों में सूखापन, कड़कपन, दर्द और घिसाव लाता है।
इसके लिए: ✅ Rasna, Sounth, Erandmool, Ashwagandha, Dashmool
✅ External oil massage: Mahanarayan Tail, Dhanwantaram Tail
🌿 चरण 3: हड्डियों और जोड़ों का पुनर्निर्माण (Regeneration)
अब असली इलाज – जो जोड़ घिस गए हैं, cartilage टूट गया है, उसे फिर से बनाना।
✅ इसके लिए आयुर्वेदिक संजीवनी संयोजन:
औषधि कार्य
Hadjod (Cissus quadrangularis) टूटी हड्डी और cartilage को जोड़ने वाली प्रमुख औषधि
Rasna वातहर, सूजन और दर्द निवारक
Guggul (Commiphora mukul) anti-inflammatory और joint detoxifying
Sallaki (Boswellia serrata) Cartilage repair और दर्द में राहत
Ashwagandha + Shilajit शरीर की कमजोरी दूर कर joint nutrition देता है
➡ इन सबका उचित अनुपात में सत्व या काढ़ा रूप में उपयोग किया जाए, तो 6–7 महीनों में गठिया जैसी गंभीर बीमारी भी जड़ से ठीक हो सकती है।
इलाज सस्ता और प्रभावी भी
✔ एलोपैथी की महंगी joint replacement surgery के मुकाबले
✔ आयुर्वेद में इलाज सस्ता, सुरक्षित और दीर्घकालिक लाभ देने वाला है।
> गठिया और बात का सच्चा इलाज तभी है जब आप –
✅ शरीर को detox करें
✅ वात दोष संतुलित करें
✅ और जोड़ों की repair करें प्राकृतिक औषधियों से
👉 यह इलाज समय लेता है – 6 से 7 महीने, लेकिन
📉 बीमारी जड़ से मिटती है
💸 खर्च कम होता है
📈 और जीवन फिर से सामान्य हो जाता है।
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✍️ Ankit Netsurf Gujarat |
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