Ashtbhuji Durgam Tantra -अष्टभुजी दुर्गम तंत्र

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Ashtbhuji Durgam Tantra -अष्टभुजी दुर्गम तंत्र वेद माँ शक्ति माँ दुर्गा देवी
Owner - Anant Nirmal

माँ दुर्गा देवी ज्योतिष सेवा संस्थान
ॐ ह्रीम दूं दुर्गाय नमः
समय को बदलना हमने सीखा | सिर्फ जपते कर्म करते मंजिल को पार करना हमने सीखा || कोन कहता की राह मुसकिल होती हैं | मैं कहता हु की उसने अभी चलना कहा सीखा ||

Today krishna birthday remedies change the life
19/08/2022

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वासुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दानम्। देवकी परमानंदं कृष्णम् वंदे जगत गुरुम्।।आपको एवं आपके पूरे परिवार को श्री कृष्ण जन...
19/08/2022

वासुदेव सुतं देवं कंस चाणूर मर्दानम्। देवकी परमानंदं कृष्णम् वंदे जगत गुरुम्।।

आपको एवं आपके पूरे परिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं।

गायत्री स्त्रोत के नित्य पाठ करने से दुर्भाग्य भी शौभाग्य बन जाता है, ओर जीवन मे कभी कोई दुख पीछा नही करता है।ज्योतिष व ...
12/07/2022

गायत्री स्त्रोत के नित्य पाठ करने से दुर्भाग्य भी शौभाग्य बन जाता है, ओर जीवन मे कभी कोई दुख पीछा नही करता है।
ज्योतिष व तंत्र संबंधित प्रश्न हेतु संपर्क ज्योतिषाचार्य अपराजित निर्मल शर्मा -9587555379

श्री गायत्री स्तोत्रम् |
नमस्ते देवि गायत्रि सावित्रि त्रिपदेऽक्षरे।
अजरे अमरे मातस्त्राहि मां भवसागरात्॥१॥
नमस्ते सूर्यसंकाशे सूर्यसावित्रि कोमले।
ब्रह्मविद्ये महाविद्ये वेदमातर्नमोस्तु ते ॥२॥
अनन्तकोटिब्रह्माण्डव्यापिनि ब्रह्मचारिणि।
नित्यानन्दे महामाये परेशानि नमोस्तु ते ॥३॥
त्वं ब्रह्मा त्वं हरिः साक्षाद्रुद्रस्त्वमिन्द्रदेवता।
मित्रस्त्वं वरुणस्त्वं च त्वमग्निरश्विनौ भगः॥४॥
पूषार्यमा मरुत्वांश्च ऋषयोऽपि मुनीश्वराः ।
पितरो नागयक्षाश्च गंधर्वाप्सरसां गणाः॥५॥
रक्षोभूतपिशाचाश्च त्वमेव परमेश्वरि।
ऋग्यजुस्सामवेदाश्च अथर्वाङ्गिरसानि च ॥६॥
त्वमेव पञ्चभूतानि तत्त्वानि जगदीश्वरि।
ब्राह्मी सरस्वती सन्ध्या तुरीया त्वं महेश्वरि॥७॥
त्वमेव सर्वशास्त्राणि त्वमेव सर्वसंहिताः।
पुराणानि च मन्त्राणि महागम मतानि च ॥८॥
तत्सद्ब्रह्मस्वरूपा त्वं कंचित्सदसदात्मिका।
परात्परेशि गायत्रि नमस्ते मातरंबिके ॥९॥
चन्द्रे कलात्मिके नित्ये कालरात्रि स्वधे स्वरे।
स्वाहाकारेऽग्निवक्त्रे त्वां नमामि जगदीश्वरि॥१०॥
नमो नमस्ते गायत्रि सावित्रि त्वां नमाम्यहम्।
सरस्वति नमस्तुभ्यं तुरीये ब्रह्मरूपिणि॥११॥
अपराधसहस्राणि त्वसत्कर्मशतानि च।
मत्तो जातानि देवेशि त्वं क्षमस्व दिने दिने॥१२॥

॥ इति वसिष्ठसंहितायां गायत्रीस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

प्रथम परमेष्ठी गुरुजी को वन्दना,द्वितीय गौरी पुत्र आदि गणेश ।तृतीय सुमरूं गायत्री शारदा,जो मेरे कारज करत हमेश ।1।चोथे सब...
25/06/2022

प्रथम परमेष्ठी गुरुजी को वन्दना,
द्वितीय गौरी पुत्र आदि गणेश ।
तृतीय सुमरूं गायत्री शारदा,
जो मेरे कारज करत हमेश ।1।
चोथे सबरे देवता,
जो इन्द्र से बलवान ।
चौबीस नर अवतारयां,
तो भैरव और हनुमान ।2।
पञ्चम भूत प्रेत डाकिनी को,
षष्ठम बावन भैरो वीर ।
सब सिद्धों को प्रणाम है,
जो मेरे आन बंधावें धीर ।3।
सप्तम मछिन्दर गोरखनाथ को,
तो चरण शरण नवांउ शीष ।
दुध पुत और लक्ष्मी,
नवनाथ विश्वे जगदीश ।4।
अष्टभुजी दुर्गा भजुं,
साथ शाकुंभर नाम ।
चण्डी ज्वाला वैष्णवी,
तो महाकाली को प्रणाम ।5।
ध्याये देवी देवता,
ध्याये कृष्ण मुरार ।
ध्याये जो रति कामदेव,
फिर ध्यायो संसार ।6।
ऊंचा गढ़ तेरा नीलांचल,
तो निचे ब्रह्मपुत्र नीर ।
संत भक्त स्नान कर,
तो निर्मल करें शरीर ।7।
माँ के भवन के बीच में,
तो सन्त करें जयकार ।
सन्तों की विपदा हरो,
माँ रूप पवन का धार ।8।
हाथ जोड़ विनती करूँ,
मेरे पांच ठगों को मार ।
सुरत विरत स्थिर करो,
कामाख्या तेरी जै जै कार ।9।
सब शक्तियों को प्रणाम,
सब उपदेवों का नाम ।
सब तंत्र मंत्र यंत्र का सार,
सब वर्ण अक्षर ही तार ।10।
नमन नित्य शार्भनिरुनाथ करे,
जो इन शब्दों को नित्य पूरे ।
सकल कामना सिद्ध होवे,
सती राखे, काल न जोवे।11।

योगिनी तंत्र ज्योतिष अनुसंधान की जुलाई से अक्टूबर तक के लिए भविष्यवाणी
10/07/2021

योगिनी तंत्र ज्योतिष अनुसंधान की जुलाई से अक्टूबर तक के लिए भविष्यवाणी

जल्दी से जुड़े ओर लोगो तक इस पोस्ट को share करे Like करे Follow करे, कही छूट न जाये आप उठाये ज्योतिष और तंत्र का लाभ ....
02/07/2021

जल्दी से जुड़े ओर लोगो तक इस पोस्ट को share करे Like करे Follow करे, कही छूट न जाये आप उठाये ज्योतिष और तंत्र का लाभ ....

गुप्त नवरात्रि तक यह सुविधा सभी आमजन के लिए दी जा रही है, रहस्य तंत्रा व योगिनी तंत्र ज्योतिष अनुसंधान के किसी भी ज्योतिष के प्रमुख जानकार द्वारा आपको निशुल्क दी जायेगी अतः आप एक प्रश्न करे comment में आपको जवाब दिया जायेगा, प्रतिदिन 11 लोगों की समस्याओं को ही उत्तर प्रेषित होगा तो जल्दी से आप अपनी परेशानियों से छुटकारा पाये । Happy to Help
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गुरु शिव गोरक्षनाथ प्राकट्योत्सव की शुभकामनाएं
26/05/2021

गुरु शिव गोरक्षनाथ प्राकट्योत्सव की शुभकामनाएं

ओम नमो नारायण ॐ नमो भगवते नरसिम्हाय
25/05/2021

ओम नमो नारायण
ॐ नमो भगवते नरसिम्हाय

नरसिंह कवच

सभी प्रकार के शारीरिक रोग और शत्रुओका नाश करने वाला नरसिंह भगवान् का यह कवच पाठ, आपके शरीर की रक्षा करता है और ऊपरी बाधाओंका शमन करता है

विधि –

नृसिंह कवच का मंगलवार, गुरुवार, शनिवार से पाठ शुरु करें, जो भी कार्य हो उसका संकल्प कर नित्य एक – २ पाठ करें जब आपका मनवांछित कार्य पूर्ण हो जावे तब नरसिंह भैरव के लिए सवासेर का रोट करें !!

ॐ नमोनृसिंहाय सर्व दुष्ट विनाशनाय सर्वंजन मोहनाय सर्वराज्यवश्यं कुरु कुरु स्वाहा !

ॐ नमो नृसिंहाय नृसिंहराजाय नरकेशाय नमो नमस्ते ! ॐ नमः कालाय काल द्रष्टाय कराल वदनाय च !!

ॐ उग्राय उग्र वीराय उग्र विकटाय उग्र वज्राय वज्र देहिने रुद्राय रुद्र घोराय भद्राय भद्रकारिणे ॐ ज्रीं ह्रीं नृसिंहाय नमः स्वाहा !!

ॐ नमो नृसिंहाय कपिलाय कपिल जटाय अमोघवाचाय सत्यं सत्यं व्रतं महोग्र प्रचण्ड रुपाय ! ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं ॐ ह्रुं ह्रु ह्रु ॐ क्ष्रां क्ष्रीं क्ष्रौं फट् स्वाहा !

ॐ नमो नृसिंहाय कपिल जटाय ममः सर्व रोगान् बन्ध बन्ध, सर्व ग्रहान बन्ध बन्ध, सर्व दोषादीनां बन्ध बन्ध, सर्व वृश्चिकादिनां विषं बन्ध बन्ध, सर्व भूत प्रेत, पिशाच, डाकिनी शाकिनी, यंत्र मंत्रादीन् बन्ध बन्ध, कीलय कीलय चूर्णय चूर्णय, मर्दय मर्दय, ऐं ऐं एहि एहि, मम येये विरोधिन्स्तान् सर्वान् सर्वतो हन हन, दह दह, मथ मथ, पच पच, चक्रेण, गदा, वज्रेण भष्मी कुरु कुरु स्वाहा ! ॐ क्लीं श्रीं ह्रीं ह्रीं क्ष्रीं क्ष्रीं क्ष्रौं नृसिंहाय नमः स्वाहा !!

ॐ आं ह्रीं क्षौ क्रौं ह्रुं फट्, ॐ नमो भगवते सुदर्शन नृसिंहाय मम विजय रुपे कार्ये ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल असाध्यमेनकार्य शीघ्रं साधय साधय एनं सर्व प्रतिबन्धकेभ्यः सर्वतो रक्ष रक्ष हुं फट् स्वाहा !!

ॐ क्षौं नमो भगवते नृसिंहाय एतद्दोषं प्रचण्ड चक्रेण जहि जहि स्वाहा !! ॐ नमो भगवते महानृसिंहाय कराल वदन दंष्ट्राय मम विघ्नान् पच पच स्वाहा !!

ॐ नमो नृसिंहाय हिरण्यकश्यप वक्षस्थल विदारणाय त्रिभुवन व्यापकाय भूत-प्रेत पिशाच डाकिनी-शाकिनी कालनोन्मूलनाय मम शरीरं स्थन्भोद्भव समस्त दोषान् हन हन, शर शर, चल चल, कम्पय कम्पय, मथ मथ, हुं फट् ठः ठः !!

ॐ नमो भगवते भो भो सुदर्शन नृसिंह ॐ आं ह्रीं क्रौं क्ष्रौं हुं फट् ॐ सहस्त्रार मम अंग वर्तमान अमुक रोगं दारय दारय दुरितं हन हन पापं मथ मथ आरोग्यं कुरु कुरु ह्रां ह्रीं ह्रुं ह्रैं ह्रौं ह्रुं ह्रुं फट् मम शत्रु हन हन द्विष द्विष तद पचयं कुरु कुरु मम सर्वार्थं साधय साधय !!

ॐ नमो भगवते नृसिंहाय ॐ क्ष्रौं क्रौं आं ह्रीं क्लीं श्रीं रां स्फ्रें ब्लुं यं रं लं वं षं स्त्रां हुं फट् स्वाहा !!

ॐ नमः भगवते नृसिंहाय नमस्तेजस्तेजसे अविराभिर्भव वज्रनख वज्रदंष्ट्र कर्माशयान् !! रंधय रंधय तमो ग्रस ग्रस ॐ स्वाहा अभयमभयात्मनि भूयिष्ठाः ॐ क्षौम् !!

ॐ नमो भगवते तुभ्य पुरुषाय महात्मने हरिंऽद्भुत सिंहाय ब्रह्मणे परमात्मने !! ॐ उग्रं उग्रं महाविष्णुं सकलाधारं सर्वतोमुखम् !! नृसिंह भीषणं भद्रं मृत्युं मृत्युं नमाम्यहम्

!! इति नृसिंह कवच !! ब्रह्म सावित्री संवादे नृसिंह पुराण अर्न्तगत कवच सम्पूर्णम !!

*नवरात्री के नौ दिन माँ के अलग-अलग भोग।*🙏🏻🙏🏻🕉🕉🙏🏻🙏🏻1🌹 प्रथम नवरात्रि पर मां को गाय का शुद्ध घी या फिर सफेद मिठाई अर्पित क...
13/04/2021

*नवरात्री के नौ दिन माँ के अलग-अलग भोग।*
🙏🏻🙏🏻🕉🕉🙏🏻🙏🏻
1🌹 प्रथम नवरात्रि पर मां को गाय का शुद्ध घी या फिर सफेद मिठाई अर्पित की जाती है।

2🌹 दूसरे नवरात्रि के दिन मां को शक्कर का भोग लगाएं और भोग लगाने के बाद इसे घर में सभी सदस्यों को दें। इससे उम्र में वृद्धि होती है।

3🌹 तृतीय नवरात्रि के दिन दूध या दूध से बनी मिठाई, खीर का भोग मां को लगाएं एवं इसे ब्राह्मण को दान करें। इससे दुखों से मुक्ति होकर परम आनंद की प्राप्ति होती है।

4🌹 चतुर्थ नवरात्र पर मां भगवती को मालपुए का भोग लगाएं और ब्राह्मण को दान दें। इससे बुद्धि का विकास होने के साथ निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।

5🌹नवरात्रि के पांचवें दिन मां को केले का नैवेद्य अर्पित करने से शरीर स्वस्थ रहता है।

6🌹नवरात्रि के छठे दिन मां को शहद का भोग लगाएं, इससे आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है।

7🌹सप्तमी पर मां को गुड़ का नैवेद्य अर्पित करने और इसे ब्राह्मण को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है एवं अचानक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है।

8 🌹अष्टमी व नवमी पर मां को नारियल का भोग लगाएं और नारियल का दान करें। इससे संतान संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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